antarvasna, hindi sex stories मैं अपनी पढ़ाई विदेश से पूरी कर के अपने घर मुंबई लौट आया, मेरे पिताजी का अपना ही कारोबार है हमारी ज्वेलरी की शॉप है। मेरे पिताजी हमेशा से यह चाहते थे कि मैं एक अच्छे कॉलेज में पढूं इसलिए उन्होंने मुझे विदेश पढ़ने के लिए भेज दिया मेरे पिता ज्यादा पढ़े-लिखे नहीं है लेकिन उसके बावजूद भी वह हमेशा ही पढ़ाई पर बहुत जोर देते हैं और हमेशा इस बात को कहते हैं कि जब तक कोई व्यक्ति अच्छा पढ़ नहीं लेता तब तक वह एक अच्छा इंसान भी नहीं बन सकता इसीलिए उन्होंने मुझे पढ़ने के लिए विदेश भेज दिया। मेरी पढ़ाई जैसे ही पूरी हुई तो मैं अपने घर मुंबई लौट आया मैं अपने घर पर खाली ही बैठा रहता इसलिए मैं अपनी ज्वेलरी शॉप में चला जाया करता, मैं जब अपनी ज्वेलरी शॉप में जाता तो वहां पर मैं भी कस्टमर को अटेंड करने लगा जिससे कि मैं भी थोड़ा बहुत काम सीखने लगा, मेरे पापा कहने लगे कि बेटा अब तुम आगे क्या करने वाले हो? मैंने पापा से कहा कि मैं कुछ समय तो नौकरी करूंगा उसके बाद मुझे अपना ही कुछ काम शुरू करना है।
पापा कहने लगे बेटा यदि तुम्हें अपने भैया और मेरे साथ ही ज्वेलरी शॉप में काम करना है तो मैं तुम्हारे लिए एक स्टोर खोल देता हूं, मैंने पापा से कहा कि नहीं अभी नहीं मुझे आप थोड़ा समय दीजिए पहले मैं अपने आप को थोड़ा साबित करना चाहता हूं उसके बाद ही मैं इस बारे में सोच पाऊंगा। मैंने भी अब इंटरव्यू देने के लिए ट्राई करना शुरू कर दिया कुछ ही समय बाद मेरी एक मल्टीनेशनल कंपनी में जॉब लग गई वहां पर मेरे काफी अच्छे दोस्त बने जिनमें से मेरी दोस्ती रूपेश के साथ हुई रूपेश और मैं ज्यादातर वक्त साथ में ही बिताते उसे जब मेरे बैकग्राउंड के बारे में पता चला तो वह कहने लगा पारस तुम जॉब क्यों कर रहे हो तुम्हें तो जॉब करने की कोई जरूरत ही नहीं है तुम घर से बहुत ही संपन्न हो, मैंने रुपेश से कहा देखो रूपेश यह जरूरी नहीं कि मैं घर से संपन्न हूं तो मैं काम ना करूं मुझे अपने बलबूते कुछ करना है इसलिए मैंने नौकरी करने की सोची, रूपेश कहने लगा देखो यह तुम्हारा सोचने का तरीका है लेकिन आजकल शायद बहुत कम लोग ही ऐसा सोचते होंगे, रूपेश मुझे कहने लगा तुम बहुत ही समझदार हो। मेरे साथ रूपेश मेरे घर पर आया तो मैंने उसे घर पर अपने भैया और पापा मम्मी से मिलवाया, मैं एक दिन अपने ऑफिस से घर लौटा तो पापा मम्मी आपस में बात कर रहे थे और वह कहने लगे कि तुम्हारे भैया के लिए हमने एक लड़की देखी है उन्होंने मुझे फोटो दिखाई तो मुझे अच्छी लगी, वह लोग पापा के पुराने परिचित हैं।
कुछ दिनों बाद हम लोग जब लड़की को देखने गए तो भैया ने भी लड़की पसंद कर ली और दोनों का रिश्ता तय हो गया, मेरे लिए अच्छी बात यह रही कि मेरी मुलाकात अंकिता भाभी की छोटी बहन निकिता से हुई और निकिता मुझे बहुत अच्छी लगी लेकिन मैं उस वक्त निकिता से ज्यादा बात नहीं कर पाया, मेरे भैया की शादी का समय नजदीक आ गया हम लोगों ने सारी तैयारियां की हुई थी पापा ने शादी में कोई भी कसर नहीं छोड़ी मैंने भी अपने ऑफिस के सारे स्टाफ को अपने घर पर शादी में इनवाइट किया था शादी बड़ी ही धूमधाम से हुई जब मैं कुछ दिनों बाद अपने ऑफिस गया तो सब लोग कहने लगे कि तुम्हारे भैया की शादी में तो मजा ही आ गया मेरी और अंकिता भाभी की बहुत ज्यादा बनती है जब भी उन्हें मेरी जरूरत होती तो वह मुझे कहते हैं कि पारस मुझे तुमसे कुछ काम था, अंकिता भाभी और मेरे बीच में दोस्त जैसा रिलेशन बन गया था और जब भी हम लोग किसी फैमिली टूर पर जाते तो मैं उनके साथ बहुत इंजॉय करता मेरे भैया भी बड़े ही खुले विचारों के हैं मैंने एक दिन भाभी से निकिता के बारे में बात कह दी मैंने अंकिता भाभी से कहा कि निकिता मुझे बहुत पसंद है और उसके साथ मुझे समय बिताना अच्छा लगता है, भाभी कहने लगी लगता है हम दोनों बहनों के नसीब में तुम्हारे परिवार में ही शादी होना लिखा था। भाभी ने भी मेरी निकिता से बात करवा दी, निकिता से जब मेरी बात हुई तो मैं उस वक्त थोड़ा शर्मा रहा था निकिता मुझे कहने लगी कि तुम तो बहुत ही ज्यादा शर्माते हो इतनी शर्म तो मुझे भी नहीं आती, मैंने निकिता से कहा मुझे लड़कियों से बात करने में शर्म आती है, वह कहने लगी तुमने इतने साल विदेश में पढ़ाई की लेकिन तुम अभी भी अपने संस्कारों को नहीं भूले हो।
निकिता और मेरी मुलाकात अब अक्सर होने लगी थी मैं उससे मिलने के लिए उसके घर के पास ही एक रेस्टोरेंट में हमेशा जाता, निकिता और मैं एक दूसरे के बारे में पूरी तरीके से जान चुके थे क्योंकि निकिता को यह बात अच्छे से पता है कि मैं उसे दिल ही दिल चाहता हूं, उसे भी मुझसे कोई प्रॉब्लम नहीं थी और मैंने उसे सब कुछ अपने बारे में बता दिया था। एक दिन निकिता मुझसे कहने लगी कि तुमने अपने फ्यूचर के बारे में क्या सोचा है, मैंने उसे कहा कि मुझे अपना ही कोई काम शुरू करना है यदि मैं अपना कुछ काम नहीं कर पाया तो मैं पापा के बिजनेस को आगे बढ़ा लूंगा, निकिता कहने लगी कि तुम्हारे पापा का बिजनेस पहले से ही सेट है तुम उसे ही आगे बढ़ाओ, मैंने निकिता से कहा हां लेकिन मैं कुछ हट कर करना चाहता हूं इसीलिए मैंने उइसे कुछ समय मांगा है, निकिता मुझसे कहने लगी कि तुम जॉब कब तक करोगे, मैंने निकिता से कहा कि मैं कुछ समय और जॉब करूंगा उसके बाद मैं जॉब से रिजाइन दे दूंगा और वैसे भी मैंने अपने काम के लिए प्रोजेक्ट बना ही लिया है कुछ समय बाद शायद मैं अपना काम शुरू कर दूं। निकिता मुझे कहने लगी कि तुम बड़े ही स्वाभिमानी किस्म के लड़के हो आजकल लड़कों में यह बिल्कुल भी नहीं होता। निकिता कहने लगी कि तुम अपने पैरों पर खुद ही खड़ा होना चाहते हो यह बात मुझे बहुत अच्छी लगी निकिता मुझसे बहुत ज्यादा एंप्रेस थी और वह मेरा बहुत साथ देती थी निकिता मुझे हर बात में कहती कि तुम जरुर सफल हो जाओगे उसकी बात सुनकर मुझे हमेशा लगता कि मैंने जो फैसला लिया है वह बिल्कुल सही है।
अंकिता भाभी मुझे हमेशा चिढ़ाती रहती की तुम निकिता से शादी कब कर रहे हो, अब यह बात मेरे परिवार में सब लोगों को पता चल ही चुकी थी और अंकिता भाभी ने अपने घर में निकिता और मेरे रिलेशन के बारे में सब कुछ बता ही दिया था। एक दिन निकिता के पापा हमारे घर पर आये और कहने लगे कि समधी जी अब पारस और निकिता की शादी भी आप करवा ही दीजिए, मैं उस वक्त घर पर ही था मैंने उनसे कहा नहीं अंकल अभी तो मुझे थोड़ा समय चाहिए, वह कहने लगे कि जब तुम दोनों एक दूसरे को पसंद करते हो तो शादी क्यों नहीं कर लेते, मैंने उन्हें कहा मुझे आप एक वर्ष का समय दे दीजिए एक वर्ष बाद मैं निकिता से शादी कर लूंगा। पापा कहने लगे कि चलो जब पारस कह रहा है कि उसे एक वर्ष का समय चाहिए तो उसे हम लोग एक वर्ष दे ही देते हैं तब तक निकिता भी कुछ कर लेगी। हम दोनों को एक वर्ष का मौका मिल चुका था मैं निकिता के साथ ज्यादा से ज्यादा समय बिताने लगा था। एक दिन मैंने घूमने का प्लान बनाया उस दिन हम दोनों सुबह ही घर से निकल गए थे निकिता और मेरे रिलेशन बडे ही साफ-सुथरा थे मैंने निकिता के साथ कभी भी किस तक नहीं किया था लेकिन उस दिन वह इतनी हॉट लग रही थी मैंने उसे उस दिन कहा क्या तुम मेरे साथ किस कर सकती हो। यह बात सुनकर वह थोड़ा चौक गई मैंने उसके होठों को चूम लिया उसके गुलाबी होठों से मैंने उसकी लिपस्टिक को पूरा चूस लिया। उसके नर्म और मुलायम होठ चूसकर मुझे बड़ा अच्छा लगा मैंने अपने हाथ को उसकी टी-शर्ट के अंदर घुसा दिया और उसके निप्पल को अपने हाथों से दबाने लगा।
वह मुझे कहने लगी पारस तुम यह सब क्या कर रहे हो मैंने उसे कहा देखो निकिता यह सब तो शादी के बाद भी वैसे ही होना है तो क्या हम दोनों एक दूसरे के साथ यह सब नहीं कर सकते। वह मुझे कहने लगी पारस यह सही समय नही है। मैंने निकिता से कहा मेरा आज मूड तुम्हारे साथ अकेले में समय बिताने का है। वह मुझे कहने लगी लेकिन मुझे यह सब नहीं करना मैंने उसे कहा देखो यह सब तो तुम्हारी मर्जी है लेकिन मेरा आज बहुत मन है अब तुम ही सोचो तुम्हें क्या करना है। हम दोनों एक साथ रहने के लिए राजी हो गए मैंने जल्दी से एक होटल में रूम ले लिया हम लोग उस होटल में चले गए। मैंने निकिता के होंठो को चुसना शुरू किया और उसके स्तनों को मैं दबाने लगा उसके स्तन को दबाकर मुझे बहुत अच्छा लगता। मैंने उनके सारे कपडे उतार दिए माहौल भी पूरा रोमांटिक हो चुका था मैंने टीवी में हल्की आवाज में गाने चलाएं हुए थे जिससे कि हम दोनों पूरे मूड मे हो गए थे। मैंने उसके निप्पल को चूसना शुरू किया तो उसके शरीर के अंदर गर्मी बढने लगी। वह मुझे कहने लगी मुझे बहुत अच्छा लग रहा है तुम ऐसे ही मेरे शरीर को चूसते रहो।
मैंने जब उसकी चूत को चाटना शुरू किया तो उसकी चूत से पानी बाहर निकलने लगा मैंने जब अपने लंड को उसकी चूत पर लगाया तो उसके मुंह से आह की आवाज निकल आई। मैंने उसके दोनों पैर चौडे कर लिए और अपने कंधों पर रख लिए मैं उसे तेजी से धक्के देता। मैं जब उसकी चूत के अंदर बाहर अपने लंड को प्रवेश करवाता तो वह मुझे कहती मुझे बहुत ज्यादा दर्द हो रहा है लेकिन उसने मेरा पूरा साथ दिया। मैंने भी उसके साथ सेक्स के भरपूर मजे लिए जब मेरा वीर्य उसकी योनि में गिर गया तो वह कहने लगी मै अभी तुम्हारे साथ सेक्स करना नहीं चाहती थी लेकिन आज तुम्हारा बड़ा मूड था इसलिए मैं तुम्हें मना नहीं कर पाई। मैंने निकिता से कहा देखो निकिता हम दोनों को तो शादी करनी है ऐसा तो नहीं है कि मैं किसी और से शादी करूंगा। वह कहने लगी मुझे यह सब पता है लेकिन मैंने भी कुछ सपने देखे थे मैंने सोचा था कि हम दोनों अपनी सुहागरात शादी के बाद मनाएंगे लेकिन तुमने तो पहले ही सुहागरात मना ली। मैंने निकिता से कहा क्या हम लोग अभी घर चलें, वह कहने लगी चलो हम लोग घर चलते हैं।