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मेरा नाम अमन है और मैं राजस्थान का रहने वाला हूं, मैं राजस्थान के अजमेर का रहने वाला हूं। मेरी उम्र 27 वर्ष है और मैं अपना एक छोटा सा कारोबार संभालता हूं। मैं अक्सर उसी के सिलसिले में व्यस्त रहता हूं इसलिए मैं अपने घर में ज्यादा समय नहीं बिता पाता हूं क्योंकि मुझे मेरे काम से समय नहीं मिल पाता है इस वजह से मैं अपने घर पर समय नहीं दे पाता लेकिन जब भी मुझे समय मिलता है तो मैं अपने माता-पिता को अपने साथ घुमाने के लिए ले जाता हूं क्योंकि वह लोग मेरे साथ रहते हैं। मेरे बड़े भैया और मेरी भाभी अलग रहते हैं, इस वजह से हम तीनों ही घर पर रहते हैं और जिस दिन मैं उन्हें घुमाने ले जाता हूं उस दिन दोनों बहुत ही खुश होते हैं और मुझसे बैठकर बहुत बातें किया करते हैं। वह कहते हैं कि तुम्हारे पास बिल्कुल भी समय नहीं होता है। मैं उन्हें कहता हूं कि आपको तो पता ही है मुझे काम में बिल्कुल भी समय नहीं मिल पाता इस वजह से मैं आपको टाइम नहीं दे पा रहा हूं।
वह कहते हैं कि तुम्हारा काम अच्छे से चलते रहना चाहिए बाकी तो हमें किसी भी प्रकार की कोई समस्या नहीं है। हमारे पास सब कुछ है, हम लोग अच्छा खाना खाते हैं और अच्छे कपड़े पहनते हैं और हमारे पास अपना खुद का भी घर है इससे ज्यादा हमे कुछ भी नहीं चाहिए। तुम भी अपना काम अच्छे से संभाल रहे हो, हमें बहुत ही खुशी होती है तुम अपना काम अच्छे से देख रहे हो। हमारे आस-पड़ोस में जितने भी लोग थे वह सब लोग बहुत ही शांत स्वभाव के थे और उनका हमारे घर पर अक्सर आना-जाना रहता था क्योंकि मेरे पिता का व्यवहार बहुत ही अच्छा था। उनका व्यवहार सब के साथ एक समान रहता था और वह कभी भी किसी के साथ ऊंची आवाज में बात नहीं करते थे जिसकी वजह से हमारे मोहल्ले के सब लोग हमारे घर पर आते थे। मुझे भी बहुत अच्छा लगता था जब वह इस प्रकार से हमारे घर पर आकर जाते थे। अब यदि मैं कभी किसी के घर चला जाता तो वह लोग भी मेरा भी बहुत ही ध्यान रखा करते थे।
एक बार हमारे पड़ोस में एक महिला रहने के लिए आई, उनका नाम शालू था, उनके पति सरकारी अधिकारी हैं और उनका ट्रांसफर हमारे शहर में हो गया था इसी वजह से वह हमारे पड़ोस में ही रहने लगे। जब वह हमारे पड़ोस में रहते थे तो हमें बहुत ही अच्छा लगता था क्योंकि उनका स्वभाव बहुत ही अच्छा था। हमे ऐसा लगता था कि वह बहुत ही अच्छी महिला हैं और उनके पति भी बहुत शांत स्वभाव के हैं। उनके बच्चे भी कॉलेज जाते हैं, वह लोग भी अपनी पढ़ाई में व्यस्त रहते हैं और मैंने उन्हें कभी भी बाहर घूमते हुए नहीं देखा जिस वजह से मैं उन्हें बहुत ही अच्छा समझता था लेकिन मैं अपनी जगह गलत था क्योंकि एक बार जब शालू आंटी का झगड़ा हो गया तो उन्होंने हमारे पड़ोस में ही एक आंटी रहती थी, उन्हें बहुत ही अनाप-शनाप कहा। मुझे ऐसा लगा कि यह तो बहुत ही गंदी महिला है और जिस तरीके से वह झगड़ा कर रहे हैं, मुझे बिल्कुल भी अच्छा नहीं लग रहा था। हमारे मोहल्ले में कभी भी आज तक ऐसा झगड़ा नहीं हुआ था और ना ही किसी ने ऊंची आवाज में बात की थी मुझे बहुत ही बुरा लगा। जब मैंने इस मामले में उनसे पूछने गया तो शालू आंटी कहने लगी कि उन्होंने हमारे घर का नल तोड़ दिया है जिस वजह से हमारे घर पर पानी नहीं आ रहा था।
मैं इनसे पूछने गई तो यह कहने लगी कि यह काम हमने नहीं किया है लेकिन मैंने उन्हें कहा कि आप लोग ऐसे ही झगड़ते रहेंगे तो कुछ फायदा नहीं होने वाला। आप पहले अपने घर का काम कर लीजिए उसके बाद आप अपना नल ठीक करवाइये ऐसे झगड़ा करने से किसी का भी कोई हल नहीं निकलने वाला। शालू आंटी कह रही थी कि वह लोग हमसे बहुत ही जलते हैं, इसी वजह से इन लोगों ने हमारे घर का नल तोड़ दिया है और जिससे कि हमें बहुत परेशानी हो रही है। मैंने उन्हें समझाते हुए कहा कि आप अभी झगड़ा मत कीजिए, आप अपना काम कीजिए। सुबह के वक्त झगड़ा करना अच्छा नहीं होता है। शालू आंटी कहने लगे कि तुम कितने अच्छे हो और तुमने जिस प्रकार से मुझसे बात की, मुझे बहुत अच्छा लगा। यह मुझसे झगड़ा कर रही है और मैंने सिर्फ इन से इतना ही पूछा कि यदि आपने हमारे घर का नल तोड़ दिया है तो आप मुझे बता दीजिए लेकिन इन्होंने बिल्कुल भी मुझसे अच्छे से बात नहीं की और उसके बाद यह हमें बुरा भला कहने लगी और मैंने भी गाली-गलौज दे दी। मैंने उन्हें कहा कि आप इस तरीके से गालियां देंगे तो अच्छा नहीं है क्योंकि इस प्रकार से गाली देना मोहल्ले में अच्छी बात नहीं है। सब लोग अपने घर से सुन रहे थे और आप इस प्रकार से गाली दे रहे हैं।
उन्होंने मुझसे उस बात के लिए माफी मांगी और उसके बाद वह उन आंटी के पास भी गई जिनके साथ वह झगड़ा कर रही थी और उन्हें कहा कि यदि आपको बुरा लगा हो तो आप मुझे माफ कर दीजिए क्योंकि मेरा गुस्सा बहुत ज्यादा बढ़ गया था इस वजह से मैंने आपको गालियां दे दी। अब उन्हें अपनी गलती का एहसास था इसलिए वह आंटी के पास जाकर माफी मांगने लगी। आंटी ने भी उन्हें माफ कर दिया और कहने लगी कोई बात नहीं, ऐसा झगड़ा तो होता ही रहता है। हम लोगों को एक साथ मोहल्ले में ही रहना है इसलिए आगे से आप इस बात का ध्यान दीजिए कि यदि कुछ भी ऐसी बात हो जाती है तो आप सीधा ही किसी पर आरोप मत लगाइए। आप पहले देख लीजिए कि वो काम किसने किया है उसके बाद ही आप उसे कुछ बोल सकते हैं। उसके बाद शालू आंटी मुझे कहने लगे कि तुमने बहुत ही अच्छे से मुझे समझाया मुझे बहुत अच्छा लगा। वह मुझे एक बहुत ही अच्छा लड़का मानती है और मुझसे हमेशा ही बात कर लिया करती थी।
एक बार शालू आंटी ने मुझसे कहा कि तुम मेरे घर पर आ जाओ। मैं जब उनके घर पर गया तो उस दिन उनके घर पर कोई भी नहीं था। उन्होंने मेरे सामने अपनी गांड को कर दिया और जब मैंने उनकी गांड को देखा तो वह बहुत ही मुलायम और बड़ी-बड़ी थी। मै उनकी गांड देखकर डर गया और मैंने उन्हें कहा कि यह आप क्या कर रही हैं। वह कहने लगी कि मेरी गांड के अंदर खुजली हो रही है तुम उसे मिटा दो तो मुझे बहुत अच्छा लगेगा। वैसे भी तुम एक बहुत अच्छे लड़के हो मैं तुम्हारी बहुत ही इज्जत करती हूं मुझे पता है कि तुम किसी को भी नहीं बताओगे। जब उसने यह बात कही तो मैंने तुरंत अपने लंड को हिलाते हुए उसकी गांड के अंदर डाल दिया। जब मैंने उसकी गांड में अपने लंड को डाला तो वह चिल्लाने लगी और कहने लगी कि तुम्हारा लंड तो बहुत ही मोटा है। मैं जब तुम्हारे लंड को गांड में ले रही हूं तो मुझे बहुत अच्छा लग रहा है। जब मैं उसे झटके दे रहा था तो उसकी चूतडे पूरी लाल हो रही थी और वह भी अपनी चूतड़ों को मुझसे मिलाया जा रही थी।
मुझे ऐसा लग रहा था कि वह भी पूरे मजे में आ चुकी है और मुझे भी बहुत अच्छा लगने लगा क्योंकि मैंने पहली बार किसी की गांड मारी थी। उसकी गांड से खून आने लगा और मुझे बड़ा ही अच्छा लगने लगा मैं ऐसे ही शालू आंटी को झटके दिए जा रहा था। थोड़ी देर में मुझसे बर्दाश्त नहीं हुआ मेरा माल उनकी गांड में गिर गया जब मेरा माल गिरा तो मुझे बहुत अच्छा लगा। मैने अपने लंड को दोबारा से हिलाते हुए खड़ा कर दिया और मैंने अपने लंड को आंटी के मुंह के अंदर डाल दिया। जिससे कि मेरा लंड मोटा हो गया और दोबारा से खड़ा हो गया। मैंने तुरंत ही अपने लंड को उनकी गांड में दोबारा से घुसा दिया। जब मैंने उनकी गांड में अपने लंड को डाला तो उनकी गांड से अब भी मेरा माल टपक रहा था। मैंने उनकी गांड के अंदर तक अपने लंड को सटा दिया। मुझे इतना अच्छा लगा मेरा शरीर गर्म होने लगा शालू आंटी भी मजे मे आ गई और उन्होंने मेरे लंड को बाहर निकालते हुए अपने मुंह के अंदर ले लिया। वह उसे बहुत अच्छे से चूसने लगी। वह इतने अच्छे से मेरे लंड को अपने मुंह में ले रही थी कि मुझे मजा आ रहा था और मैं भी उनके मुंह में धक्के मार रहा था। मैंने भी बडी तेज धक्के मारे। वह मेरे लंड को अपने गले तक उतार लेती मुझसे बिल्कुल भी रहा नहीं गया और मेरा वीर्य उनके मुंह के अंदर ही गिर गया। जब मेरा वीर्य उनके मुंह में गया तो वह कहने लगी आज के बाद तुम मेरी गांड की खुजली मिटा दिया करो।