हैल्लो दोस्तों, मेरा नाम विक्की है और में पिछले कई दिनों से इस साईट की स्टोरी पढ़ रहा हूँ, लेकिन ये पहली बार है कि में अपनी कोई सच्ची कहानी आप लोगों के साथ शेयर कर रहा हूँ और जो 100% सच्ची कहानी है. लंडो से और चूतो से मेरा विनम्र निवेदन है कि कहानी पढ़कर मुठ ज़रूर मारे. अब में कहानी शुरू करता हूँ.
ये बात कम से कम 4 साल पुरानी है जब में 19 साल का था. में अक्सर अपनी फेमिली के साथ अपने ननिहाल जाया करता था. मेरे 4 मौसी है, सबसे छोटी मौसी जो कि कुंवारी थी, उनका फिगर 36-30-40 है और उनकी गांड बिल्कुल जबरदस्त थी, वो मुझसे कुछ ज्यादा ही प्यार करती थी और में भी उनका बहुत आदर करता था, वो हमेशा मुझे अपने पास ही सुलाती थी, लेकिन जब मेरे मन में उन्हें लेकर कोई गंदा विचार नहीं था, मतलब मुझे सेक्स के बारे में इतना कुछ मालूम ही नहीं था.
एक बार हमारे घर में कोई प्रोग्राम था और सर्दियों की रात थी. में अपनी मौसी के साथ लेटा था और वो बाकी लोगों से बात कर रही थी कि अचानक उन्होंने अपना हाथ सीधा मेरे लंड पर रख दिया और मेरा 5 इंच का छोटा सा लंड करवटे लेने लगा. मुझे ना ज़ाने कैसा अंजाना सा आनंद अपने आप होने लगा. में हैरान था कि मौसी ये क्या कर रही है लेकिन में डर की वजह से चुप था.
फिर वो मेरा हाथ अपनी चूत पर रखकर मुझसे अपनी चूत सलवार के ऊपर से रगड़वा रही थी और रात के अंधेरे में ऐसे बाकी लोगों से बात कर रही थी कि कुछ हो ही नहीं रहा हो. अब वो मेरे लंड को मेरी अंडरवियर के ऊपर से और में उनकी चूत को उनकी सलवार के ऊपर से रगड़ कर रहा था. फिर अचानक उन्होंने मेरा हाथ अपनी चूत से हटा दिया और अपनी दो उंगलियां डालकर उन्होंने अपनी सलवार को चूत के पास से अन्दर डाल दिया, ताकि उन्हें सलवार भी ना उतारनी पड़े और मेरी उंगलियां उनकी नंगी चूत तक आराम से पहुँच सके. मेरे कुछ समझ में नहीं आ रहा था.
फिर उन्होंने मेरा हाथ अपने हाथ में लिया और अपनी गीली चूत पर रख दिया. में उनकी चूत में कभी उंगली घुसाता, तो कभी उनकी झाटों से खेलता और बीच बीच में उनकी गांड में भी उंगली कर रहा था और रज़ाई के बाहर तो वो नॉर्मल हरकत कर रही थी, लेकिन अन्दर वो मज़े ले रही थी. मेरे हाथ मुझे बिल्कुल गीले महसूस हो रहे थे और मौसी की चूत गर्म भट्टी की तरह हो रही थी, वो बिल्कुल गर्म हो गई थी, लेकिन इससे ज्यादा वो कुछ नहीं कर सकती थी.
उन्होंने मुझे रोका और मेरे कान में धीरे से कहा कि बाकी का सब काम रात में और मेरे लंड को थपथपा कर वहाँ से चली गई. में बिल्कुल अजीब सी हालत में आ गया था मुझे कुछ समझ नहीं आया. बस दो चीज़ों के, एक तो ये सब कुछ गंदी बात है और दूसरी ये कि बहुत मजेदार भी है.
फिर में अपने खेल में लग गया और सबने खाना खाया. फिर मौसी ने मुझसे कहा कि चल बाबू तू मेरे साथ सो जाना. बड़ा सा रूम था और सब के अलग-अलग पलंग लगे हुए थे. मौसी ने मुझे लेटाया और कहा कि विक्की तू लेट में ज़रा पेशाब करके आई, उनके बिस्तर पर लेटकर में सोच रहा था कि अब क्या होगा? क्योंकि मुझे सेक्स के बारे में कुछ भी पता नहीं था. मुझे चूत लंड का भी नहीं पता था, लेकिन एक अंजानी सी गुदगुदी मेरे पूरे जिस्म में दोड़ रही थी और मेरा 5 इंच का लंड अंगड़ाई ले रहा था.
मुझे उम्मीद थी कि होना तो कुछ जबर्रदस्त वाला है और ये सोचते सोचते मेरी आँख लग गई. फिर कुछ देर बात जब मेरी आँख खुली तो मुझे अहसास हुआ कि मौसी ने मुझे अपने ऊपर पर लेटा रखा है और मुझे सहला रही है. अंधेरा इतना था कि हाथ को हाथ दिखाई नहीं दे रहा था. मैंने धीरे से उनके बोबे दबाये तो वो सिसक उठी.
फिर उन्होंने कहा कि रुक जा मेरे राजा में तेरा काम आसान कर दूं. उन्होंने एक-एक करके अपनी सलवार और कमीज़ ऊतार दी और ब्रा भी ऊतार दी, वो पेंटी नहीं पहने थी और मेरा भी कच्छा और टी-शर्ट उन्होंने धीरे से उतार दिया और कहा कि सब कुछ करना, बस आवाज़ मत करना. मैंने कहा कि ठीक है मौसी और बिल्कुल बच्चों की तरह उनके निप्पल चूसने लगा.
उन्होंने भी रज़ाई के अन्दर मुझे पूरा चाट डाला, मेरी गर्दन, छाती, मुँह सब उनके थूक में गीले हो गये थे और उन्होंने मेरी अंडरवेयर उतारी और मेरे मुँह को खुद के पैरो की तरफ कर दिया और मेरा लंड मुँह में ले लिया और मेरे चूतड़ पकड़कर ज़ोर ज़ोर से अपने मुँह में मेरा लंड डाल कर चूसने लगी.
कमरे में सब गहरी नींद में थे और पूरे कमरे में खर्राटो की आवाज़ गूँज रही थी, जिसकी वजह से मेरी मौसी बिना डरे अपने काम को अंजाम देने में लगी हुई थी. फिर वो अपने हाथ से मेरा सिर अपनी चूत की तरफ धकेलते हुए बोली कि मेरी चूत को चाटो. में बुरी तरह घबरा गया, मुझे बदबू आ रही थी, लेकिन में इन चीजों में ना समझ होने के कारण में कुछ नहीं कर पा रहा था,
वो मेरे होठों को अपनी गीली चूत पर रगड़ रही थी. फिर धीरे-धीरे मुझ पर उनकी चूत के पानी का नशा चड़ने लगा और में कुत्ते की तरह उनकी चूत चाटने लगा, मानो किसी शहद को चाट रहा हूँ, वो मेरे लंड और दोनों अंडो को एक साथ पूरा मुँह में ले गई.
मौसी के नाख़ून मेरे चूतड़ो पर चुभ रहे थे. में ज़िंदगी में पहली बार अपना लंड किसी औरत के मुँह में डाल रहा था. मौसी किसी प्रोफेशनल रांड की तरह मेरा लंड और अंडे चूस रही थी, यहाँ तक कि उन्होंने मुझे घोड़ा बनाया और मेरी सारी गांड चाट डाली, मुझे शर्म भी आ रही थी कि में मौसी के आगे गांड करके लेटा हूँ और साथ साथ मुझे आनन्द की अनुभूति भी हो रही थी.
मैंने भी उनकी गांड अपने थूक से भर दी फिर उनसे कंट्रोल नहीं हुआ और उन्होंने मुझे वापस अपने मुँह की तरफ पलटाया और मेरे होठों को चूसने लगी और मेरे गाल पर हल्का सा काटकर बोली कि मेरे प्यारे सगे भांजे क्या अपनी मौसी की चूत में डूबेगा.
मैंने बड़ी मासूमियत से उनसे कहा की हाँ मौसी, वो धीरे से बोली कि आज की रात तू ज़िंदगी में कभी नहीं भूलेगा, ये कहते हुये उन्होंने मेरा लंड अपनी चूत पर रगड़ना शुरू किया. मेरी तो गांड ही फट गई.. मुझे ऐसा एहसास तो मैंने मेरे ख्वाबो में भी नहीं सोचा था. मेरे मुँह से उम्म्म्ममममममम की आवाज़ निकल गई, उन्होंने मुझे डांटा, हम मिशनरी पोज़िशन में थे.
मेरी हाईट जब कम थी, तो मेरा मुँह उनके बूब्स तक ही जा रहा था. में पागलो की तरह उन्हें चूस रहा था, कभी काटता, कभी चाटता और कभी आम की तरह चूसता, वो मेरे चूतड़ो को धीरे धीरे अपनी चूत में धकेल रही थी. सच में उनमे बड़ी आग है. मैंने धक्को की गति तेज़ की तो मौसी ने मुझे रोका और धीरे से कान में कहा कि बेटा धीरे धीरे धक्के मार, पलंग आवाज़ कर रहा है. मैंने धीरे से उनकी गांड के नीचे अपने दोनों हाथों से उनके चूतड़ जकड़ लिए और गहराई में धक्के मारने लगा और कुछ देर बाद हम दोनों झड़ गये.
फिर मुझे कब नींद आ गई, मुझे याद ही नहीं रहा. फिर सुबह जब आँख खुली, तो वो उठ चुकी थी और मेरे कपड़े उन्होंने मुझे सोते हुए ही पहना दिए थे. में शर्म के मारे पानी पानी हो रहा था और मुझे कुछ समझ में नहीं आ रहा था. तभी मौसी चाय का कप ले कर आई, तो में इधर-ऊधर देखने लगा, तो मौसी बोली कि चाय पी ले. मैंने उन्हें देखा, तो लगा जैसे कुछ हुआ ही नहीं है. उन्होंने धीरे से कहा किसी को बताना मत, में तुझे जवान कर दूँगी, वो कह कर चली गई. दोस्तों में आज भी अपनी मौसी को चोदता हूँ, आज उनकी उम्र 48 साल है.