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मेरा नाम राहुल है और मेरी उम्र 20 वर्ष है। मेरे पिताजी एक सरकारी कर्मचारी हैं और उनका इसी वर्ष ट्रांसफर रोहतक में हुआ है। मैं बहुत ही सीधा और सिंपल हूं। मैं आज की जनरेशन के हिसाब से बिल्कुल भी नहीं हूं। ना तो मुझे किसी भी प्रकार का कोई शौक है, ना मैं अच्छे कपड़े पहनने का शौक रखता हूं और ना ही मुझे किसी भी प्रकार का कोई फैशन पसंद है। मैं आज भी वही पुरानी पैंट पहनता हूं और मैं अपने कपड़े टेलर से ही सिलवाया करता हूं। मुझे सब लोग चंपू कहकर बुलाते हैं और जब मैं कॉलेज में गया तो मुझसे कोई भी बात नहीं किया करता था। सब लोग मुझ से दूर भागते थे और कहते थे कि तुम बहुत ही गंदे दिखते हो और तुम्हारे साथ रहने से हमारी भी बेज्जती हो जाएगी। इस वजह से मेरा कॉलेज में कोई भी दोस्त नहीं था और ना ही मुझसे कोई बात करना पसंद करता था। फिर भी मैं सोचता था कि मेरा कोई कॉलेज में दोस्त होता तो मैं उससे बात करता लेकिन मेरा दोस्त कोई भी बनने को तैयार नहीं था और क्लास में भी सब लोग मुझसे दूर ही भागा करते थे। टीचर भी जब पढ़ाते थे तो वह मुझसे कुछ भी नहीं पूछा करते थे और उन्हें लगता था कि मैं एक बेकार लड़का हूं और ना ही कोई भी टीचर मुझसे बात करता था।
मैं अपने घर से अपने कॉलेज जाता था और उसके बाद अपने घर वापस लौट जाता था। बस मेरी यही दिनचर्या थी। मुझे अब अपने आप में अकेला रहना अच्छा लगने लगा था और मैं अपने आपसे कई बार बातें कर लिया करता था। मेरे पिताजी कई बार मुझे इस बात के लिए डांट भी दिया करते थे कि तुम आजकल के लड़कों के जैसे क्यों नहीं हो। मैं उन्हें कहता था कि मुझे बिल्कुल भी पसंद नहीं है। मैं जैसा भी हूं वैसा ही मैं रहना चाहता हूं। मेरी मां हमेशा मेरा साथ दिया करती थी और वह कहती थी तुम जैसे भी हो बहुत अच्छे हो। तुमने आज तक कभी भी किसी का दिल नहीं दुखाया और ना ही तुमने कभी किसी को तकलीफ दी है। वह मेरी हमेशा ही तारीफ किया करती थी और कहती थी कि तुम आजकल के लड़कों के जैसे नहीं हो जो कहीं पर भी हुड़दंग मचाते हैं और फालतू में शोर शराबा करते हैं। तुम एक बहुत ही शांत स्वभाव के लड़के हो और हमें बहुत पसंद हो। सिर्फ मेरी मां ही मुझे समझती थी और हमारे घर में कोई भी मुझे समझने वाला नहीं था। मेरी बड़ी बहन भी हमेशा मुझे चिढ़ाती रहती थी और मुझे चंपू कह कर बुलाती थी। एक दिन मेरी मुलाकात एक लड़की से हुई उसका नाम रागिनी था। उसका पर्स कैंटीन में ही छूट गया था और मैंने उसे उसका पर्स लौटा दिया।
उसके पर्स में उसका फोन भी था और कई कीमती सामान भी था तो उसने मुझे उस चीज के लिए शुक्रिया कहा और मुझसे मेरा नाम पूछा। मैंने उसे अपना नाम बताया और उसने भी मुझे अपना नाम बताया। मुझे वह बहुत ही अच्छी लगी और मुझे लगता था कि शायद वह मुझसे दोस्ती कर लेगी। अब वह मेरे साथ कैंटीन में बहुत देर तक बैठी रही। वह मुझसे बात करने पर लगी हुई थी। जब मैंने उसे अपने बारे में बताया कि मुझे कॉलेज में कोई भी पसंद नहीं करता है, तो उसे मुझे देख कर बहुत ही दया आ गई और वो कहने लगी कि आज से मैं तुम्हारी दोस्त हूं और मैं तुम्हें बिल्कुल बदल कर रख दूंगी। मैंने उसे कहा कि मैं जैसा हूं मुझे ऐसा ही रहना अच्छा लगता है। रागिनी हमारे कॉलेज की सबसे सुंदर लड़की थी और वह बहुत ही मॉडर्न दिखती थी। अब रागिनी से मेरी बहुत अच्छी दोस्ती हो गई। अब मुझे पहली बार जिंदगी में कोई ऐसा मिला था जो मुझे समझता था। उसने मेरा पूरा हूलिया बदल दिया और मैं एक स्टाइलिश बॉय बन गया और मुझे बहुत ही अच्छा लग रहा था जब मैं अपने आप को शीशे में देख रहा था। मेरे बालो में पहले तेल लगा रहता था और वह नीचे की तरफ को होते थे लेकिन अब रागिनी ने मेरा हेयर स्टाइल ही बदल दिया और उन्हें एकदम ऊपर की तरफ खड़ा कर दिया। मुझे रागीनी बहुत ही पसंद आने लगी और मैंने एक दिन उसे अपने दिल की बात कह दी लेकिन उसने मुझसे कहा कि मुझे थोड़ा वक्त चाहिए। मैं तुम्हें सोच कर बताऊंगी लेकिन वह अब भी मेरी दोस्त थी और मुझसे बहुत ही अच्छे से बात करती थी। हम दोनों बहुत बात किया करते थे।
अब हमारी नजदीकियां बढ़ने लगी और हम लोग घूमने भी जाते थे। मैंने अपने पिताजी से कह कर एक महंगी बाइक भी ले ली थी और मैं रागिनी को उस में बैठाकर लॉन्ग ड्राइव पर भी ले जाता था। कुछ दिनों बाद रागिनी ने मुझे कहा कि मुझे भी तुम अब पसंद आने लगे हो और मैं तुम्हें बहुत ही पसंद करने लगी हूं। जिस दिन उसने यह बात मुझे कही मैं उस दिन बहुत ही खुश था। मैंने रागनी को अपने गले लगा लिया। वह भी मुझसे रिलेशन रख कर बहुत खुश थी और कह रही थी तुम एक अच्छे लड़के हो और तुम्हारा दिल बहुत ही साफ है। मैंने भी उसे अपने घरवालों से मिला दिया और मेरे घरवाले भी रागिनी से मिलकर बहुत खुश थे और मैं भी अब रागिनी के घर जाने लगा। मैंने जब अपनी बहन से रागिनी को मिलाया तो वह रागिनी से बहुत ही ज्यादा जलती थी और कहती थी कि वह कितनी ज्यादा सुंदर है और वह हमेशा ही रागिनी के पास बैठ कर उससे कुछ ना कुछ टिप्स लिया करती थी की तुम इतनी सुंदर कैसे हो। अब रागिनी का हमारे घर पर भी आना जाना लगा रहता था और मैं भी रागिनी के साथ उसके घर पर जाता था।
मेरे घर वाले भी रागिनी से बहुत ही खुश थे और मैं भी उससे बहुत ज्यादा खुश रहता था। एक दिन मैं उसके घर पर चला गया और हम दोनों बैठे हुए थे। वह मेरे बगल में बैठी हुई थी वह मुझसे इतना सट कर बैठ गई। उसकी चूत मुझसे टकराने लगी और मेरा मन खराब होने लगा। मैंने जैसे ही उसकी जांघों पर हाथ लगाया तो वह भी उत्तेजित हो गई और मैंने तुरंत ही उसके होठों को किस कर लिया। जैसे ही मैंने उसके नरम होठों को किस किया तो उसकी उत्तेजना भी बढ़ गई और वह भी बहुत खुश हो गई। मैंने तुरंत ही उसके स्तनों को दबाना शुरु कर दिया मैं जैसे ही उसके स्तनों को दबाता तो वह बहुत ज्यादा उत्तेजित हो जाती और बहुत खुश हो जाती। अब मैंने उसके सारे कपड़े उतार दिए। जब मैंने उसके कपड़े उतारे तो उसका बदन देखकर तो मेरी आंखें पूरी फटी की फटी रह गई उसका शरीर बहुत ज्यादा गोरा था और वह बहुत ही ज्यादा मुलायम थी। मैंने जब उसके शरीर पर अपना हाथ लगाया तो उसका शरीर बहुत गर्म हो चुका था और मैंने तुरंत ही अपने लंड को बाहर निकालते हुए उसके मुंह के अंदर डाल दिया जैसे ही उसने अपने मुंह में लिया तो मेरा लंड बहुत ज्यादा मोटा हो गया और उसे पानी टपकने लगा। वह मेरे पानी को अपने अंदर ही ले लेती और उसे अच्छे से सकिंग करने लगी।
थोड़ी देर में मेरी उत्तेजना और चरम सीमा पर पहुंच गई अब मुझसे रहा नहीं गया मैंने उसकी चूत को चाटना शुरू किया। जैसे ही मैंने उसकी चूत मे अपनी जीभ लगाई तो उसका पानी निकलने लगा। अब उसका पानी कुछ ज्यादा ही निकलने लगा था तो मैंने अपने मोटे लंड को उसकी योनि में घुसेड़ दिया। जैसे ही मैंने अपने लंड को उसकी योनि में डाला तो उसकी योनि से खून निकलने लगा और मैं उसे बड़ी तीव्रता से चोदना लगा। मैं उसे बड़ी तेज तेज धक्के दिए जा रहा था जिससे कि उसकी उत्तेजना भी बढ़ रही थी और वह बहुत ही ज्यादा उत्तेजित हो रही थी। मुझे बहुत ही मजा आ रहा था और मैं उसे बड़ी तेज तेज धक्के दिया जा रहा था। वह भी मेरा पूरा साथ दे रही थी और अपने मुंह से मादक आवाज निकाल रही थी। अब उसका शरीर पूरा गरम हो गया और उसे रहा नहीं गया तो उसने अपने दोनों पैरों को जकड़ लिया और उसने अपने पैरों को जकड़ा तो मेरा वीर्य उसके योनि के अंदर ही गिर गया। जैसे ही मेरा वीर्य उसकी योनि में गिरा तो वह बहुत ही ज्यादा खुश हो गई। मैंने अपने लंड को उसकी योनि से बाहर निकाल लिया और अब वह हमेशा ही मुझसे अपनी चूत मरवाती रहती है।