नई नवेली दुल्हन को चोदा

Nayi naveli dulhan ko choda:

Desi suhagraat ki chudai ki kahaniyan

हेलो दोस्तों मेरा नाम रोहित है और मेरी उम्र २४ साल है| मैं दिखने में काफी खुबसूरत हूँ और मुझ पर काफी लड़कियां मरती है| मेरा लंड का साइज़ ८ इंच लम्बा और ३ इंच मोटा है| लंड को देख कर तो इस पर हर कोई फ़िदा रहता है| वैसे मैंने आपको अपने बारे में थोड़ा बहुत बता दिया है| और अब मैं आपको अपने मेंन टोपिक पर ले चलता हूँ| दरअसल आज मैं आप सब के लिए एक कहानी लेकर आया हूँ| जो की आज से ३ साल पुरानी है और बहुत ही मस्त कहानी है| आप सब ये भी अच्छे से जानते हो की मेरी कहानिया बहुत ही मस्त होती है और इसी तरह मैं आज भी आपके लिए बहुत ही मस्त कहानी ले कर आया हूँ जो की बहुत अच्छी है और एक दम सच्ची कहानी है|

चलो अब मैं बिना कोई समय गवाये आपको अपनी कहानी पर लेकर चलता हूँ| ये तो मैंने आपको बता दिया है की मेरी कहानी आज से ३ साल पुरानी है| चलो अब मैं आपको इसके आगे की कहानी पर ले कर चलता हूँ| मेरे पड़ोस में एक अंकल आंटी रहते है जिनका नाम राज और मीना है| उसके घर में उनके २ छोटे छोटे बच्चे है| छोटे छोटे मतलब इतने भी छोटे नहीं है वो दोनों ५ या ७ साल के है| उनकी एक लड़की है जो की बहुत ही सुन्दर है और उसका नाम रोजी है और उनका एक लड़का है जिसका नाम ललित है| और सच कहू तो उनके दोनों बच्चे ही बहुत सुन्दर है| उनका मकान और मेरा मकान एक ही साथ बना था तो हमें दुसरे मंजिल पर जाने के लिए एक ही रास्ता पकड़ना पड़ता है और सच में वो एक ही रास्ता है|

मैं उनके बच्चो को पढ़ा भी देता हूँ और मैं ये सिर्फ उनकी भलाई के लिए करता हूँ न की अपने फायदे के लिए| मेरे साथ रह कर वो भी बहुत खुश रहते है और मैं उनका कई तरीके से टाइम पास भी करता हूँ और उन्हें खूब एन्जॉय भी करता हूँ| एक दिन आंटी अंकल ने मुझे बताया की उनके चाचे के बेटे की शादी है तो उन्हें गावं में जाना है| तब वो ये कह कर चले गए और फिर ५ दिन बाद वो वापिस आये| पर तब वो अकेले नहीं बल्कि नए नवेले जोड़े को ले कर आये थे| अंकल के भाई का नाम मोहित था और वो अपनी नै दुल्हन के साथ आया था जो की बहुत सुन्दर थी| मुझे फिर अगले दिन आंटी से पता पता चला की उनका नाम प्रीत है| जिस तरह उनका नाम में एक मिठास थी ठीक उसी तरह वो खुद बहुत ही ज्यादा मीठी थी या तो ये कहो की वो काफी प्यारी थी| मैंने जब उन्हें पहली बार देखा तो मेरा दिल तो जैसे उन्ही पर लट्टू हो गया था और बस उन्ही को देखने का बार बार मन करता था| इसलिए अब मैं उनके घर भी काफी आना जाना शुरू कर दिया| जिससे नै बहु के साथ भी मेरी थोड़ी बहुत हेल्लो होने लग गई| फिर धीरे धीरे वो मुझसे अच्छे से बोलने लग गई|

पर अब जब भाभी आ गई थी तो वो ही अब बच्चो को पढ़ाने लग गई थी और वैसे भी उन्होंने तो बी.कॉम कर राखी थी इसलिए वो पढ़ा लिया करती थी| पर एक दिन आंटी ने मुझे बुलाया और कहा की प्रीत को यहाँ मुंबई की पढाई मुश्किल लग रही है इसलिए तुम भी उनके साथ बैठ कर बच्चो की हेल्प कर दो| आंटी की ये बात सुन कर मैं बहुत खुश हो गया और फटाफट उनके पास जा कर उनकी हेल्प करने लग गया| अब मुझे बहुत ख़ुशी मिल रही थी की मुझे अब रास्ता मिल गया है| पर मुझे प्रीत हमेशा उदास सी नज़र आती थी तो मैंने ये बात अंकल से बात करी तो मुझे पता चला की उनका भाई शराब की लत को ले कर बैठ गई है जिसकी वजह से प्रीत काफी उदास रहती है| मुझे ये सुन कर थोड़ा दुःख भी हुआ पर इस बात की ख़ुशी भी मिली की जो मैं चाहता हूँ वो अब मुझे मिल सकता था| खैर ये सब पता करने के बाद मैं बच्चों के साथ बैठ गया और उन्हें पढ़ाने लग गया और साथ ही साथ प्रीत को भी समझाने लग गया|

इस चक्कर में मैं अक्सर उनके कही न कही हाथ लगा दिया करता था और वो कुछ कहती भी नहीं थी| मैं अब उनसे बाते भी काफी अच्छी करलिया करता था पर कुछ दिन बाद वो मेरे साथ कम बोलने लग गई थी| जो मैं कहता था बस उसी का जवाब देती थी तो मैंने उससे पुच लिया की मुझसे नाराज़ हो तो वो बोली नहीं ऐसा कोई बात नहीं है| तब मैं समझ गया की वो भी मेरे इस करने से काफी खुश है| अब एक दिन आंटी ने मुझे बताया की बच्चो का गाने का कम्पटीशन है तो उन्हें ऊपर वाले कमरे में ले जाओ और अच्छे से प्रैक्टिस करवा दो| हमारे साथ प्रीत भी ऊपर आ गई तो मैंने बच्चो को प्रैक्टिस करनी शुरू कर दी| और फिर एक बार जब गुडिया स्टोर में बुक लेन गई तो मैंने उसके पीछे पीछे उसके भाई को भी वह पर भेज दिया| उनके जाते ही मैंने प्रीत को अपनी बाहों में भर लिया और उसके लिप्स पर किस करने लग गया| वो अब मेरी बाहों में थी और वो मुझसे छूटने की कोशिश तो कर रही थी पर हाँ वो मन नहीं कर रही थी जो की मैं चाहता था| अब मैं उसके चूची भी बड़े मजे से दबा रहा था और लिप किस करे जा रहा था| वो भी इसका मजा ले रही थी की तभी मैंने अपनी पेंट की जिप खोल कर अपना लंड बाहर निकल कर उसके हाथों में दे दिया| वो मेरे लंड को देखते ही बस देखती रह गई और बोली की इतना बड़ा और मोटा लंड मैं उसकी बात सुन कर बोला की ये तो ऐसे ही होते है|

तभी मुझे दोनों ऊपर आते हुए दिखे तो मैंने उसे अपने से अलग किया और साइड में हो कर अपना लंड अन्दर डाल लिया| बस तब से उसकी मजरे मेरे लंड पर टिक गई थी| फिर अगले दिन प्रीत का पति रात को काफी नशा करके आया था जिसकी वजह से उससे चला भी नहीं जा रहा था तो मैंने उसको सहारा दिया और उसके कमरे में ले गया| मैं जब उसे ला रहा था तो मैंने देखा की अंकल आंटी के रूम की लाइट भी बंद थी तो मुझे ये मोका अच्छा मिला और मैंने प्रीत के पति को बिस्टर पर लेटाते ही प्रीत को अपनी बाहों में भर लिया| प्रीत को भी मोका सही लगा तो उसने बिना कोई देर किये अपने सारे कपड़े उतर दिए और मेरे आगे बिलकुल नंगी हो गई| वो जैसे ही मेरे आगे ऐसे आई मेरा दिमाग तो जैसे हिल सा गया और फिर मैं उसके इस चिकने शरीर को बाहों में भर कर चाटने लग गया| अब मैंने उसके चूची को मुह में लिए और उसका दूध पिने लग गया| वो भी बड़े मजे से ये सब करवा रही थी जैसे मेरा लंड पागल हुए जा रहा था| तो अब मैंने बिना कोई देर किये उसे बिस्तर पर लेता दिया और अब उसके ऊपर आ गया|

मैंने अब अपना लंड उसे चाटने को कहा तो उसने मुझे मन कर दिया तो मैंने भी ज्यादा कोई जोर नहीं किया और फिर मैं खुद उसकी चूत को अपनी उँगलियों से मसलने लग गया| अब जब वो गर्म हो गई तो मैंने अपने लंड पर तेल लगाया और थोड़ा उसकी चूत पर तेल लगा कर एक धक्का दिया तो थोड़ा सा लंड अन्दर चला गया और अन्दर जाते ही वो चींख पड़ी| मुझे उसकी चींख सुन कर बहुत अच्छा लग रहा था इसलिए मैंने कोई परवाह न करते हुए उसे बस चोदता ही रहा और बस चोदता ही रहा| पहले तो उसे दर्द हो रहा था पर बाद में वो भी मेरा साथ देने लग गई थी और मजे से आह आह करी जा रही थी| और मुझे उसे चोद कर इतना मजा आ रहा था की मैंने अपना पानी उसकी चूत में ही निकल दिया था| फिर उसे जम कर चोद कर सुबह अपने कमरे में चला गया और उसके बाद तो मुझे जब भी मोका मिलता है तो मैं उसे चोद डालता हूँ|

 

 

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