हेल्लो फ्रेंड्स कैसे हो आप लोग | दोस्तों मेरा नाम आखिल गुप्ता है और मैं कानपूर का रहने वाला हूँ | दोस्तों मैं आज आप लोगो को अपने जीवन पर बीती एकदम सच्ची कहानी आप लोगो को बताऊंगा जिससे पढके आप लोगो को मजा आएगा | दोस्तों मैं एक लड़की को खेत मैं कैसे चोदा आज मैं आप लोगो को यह कहानी बताने जा रहा हूँ |
तो चलिए दोस्तों मैं अपनी ज्यादा बकवास को न करते हुए सीधा आप लोगो को सीधा कहानी की और ले चलता हूँ |
तो दोस्तों ये बात उस समय की है जब मैं अपनी पढाई 12 वीं तक की पढाई अपने ही शहर कानपूर में की और आगे की पढाई करने के लिए मैं नॉएडा चला आया | यहाँ मैंने अजय कुमार गर्ग एन्गिंरिंग कॉलेज में एडमिशन ले लिया और वही नॉएडा में एक कमरा लेके रहने लगा | मुझे अपने शहर और अपने पुराने कॉलेज की बहुत याद आती थी | दोस्तों मैं अपने कॉलेज में दोस्तों के साथ खूब मस्ती किया करता था | मैं अपने कॉलेज का सबसे सरारती लडको में से एक था | टीचर भी मुझपे अपनी नज़रे बनाये रहते थे पर मैं अपनी मस्तियों से बाज नही आता था | मेरे कॉलेज में तीन दोस्त थे | एक का नाम शशांक था और एक का नाम निखिल और एक का नाम उदय | तीनो मेरे बहुत अच्छे दोस्त थे | तीनो में से जो उदय था वो मेरी चाचा का लड़का था | पर हम लोग सब अच्छे दोस्त थे | तीनो लोग अपने कॉलेज के राजा थे हम तीनो से हमारे कॉलेज में कोई पंगा नही लेता था | और जो भी यह हिम्मत करता था उसे हम चारो मिलकर कुत्ते की तरह पीटते थे और यहाँ तक की हम लोगो से एक बार हमारे प्रिन्सिपल सर का लड़का भी एक बार अपनी बकचोदी हम लोगो को दिखा रहा था तो हम लोगो ने उसको भी कुत्ते की तरह धोया था | तब हम लोगो को प्रिन्सिपल ने 15-15 के लिए कॉलेज से निकाल दिया था | हम लोगो की दोस्ती पूरे कॉलेज में मशहूर थी | हम चारो अपनी क्लास में सबसे पीछे बैठते थे और खूब मस्ती किया करते थे |
एक बार हम लोगो का फ्री पीरियड था तो हम लोग अपने कॉलेज के ग्राउंड में वोलीबाल खेल रहे थे | हम लोग के साथ कुछ और लड़के और लडकिया भी ग्राउंड में खेल कूद रहे थे | तभी मेरी नज़र सामने गई वहां दो लडकिया साइड में बैडमिंटन खेल रही थी | वो दिखने में बहुत पटाका लग रही थी | हम लोगो ने अपना खेल बंद किया और ऊनके पास जाके बैठ गया और उनका खेल देखने लगा | जब मैं पास आया तब देखा की उनमे से एक लड़की मेरे घर के पीछे रहती थी | उसने नया एडमिशन लिया था और दूसरी भी उसकी कोई सहेली थी | दोनों ही दिखने में एकदम पटाका लग रही थी | हम लोग बैठ कर उनका गेम देखने लगे | जब वो कॉक को हिट करती थी तब उनके बूब्स ऊपर-निचे हो रहे थे और उनके चुतर भी बहुत ही मोहक तरीके से हिल रहे थे और जब वो कुद कर कॉक को मारती थी तब कभी-कभी उनकी स्कर्ट ऊपर की और उठ जाती थी और उनके अंडरगारमेंट्स दिख जाते थे | हम लोग उनका गेम कम देख रहे थे बल्कि हम लोगो का पूरा फोकस उनके बूब्स और उनके हिलते हुए चूतरो पर था |
पीरियड ख़त्म हुआ हम लोग अपनी क्लास में आये | मैंने अपने दोस्त निखिल से कहा की भाई मुझे उनमे से जो लम्बी वाली थी वो मुझको पसंद आ गयी है और मुझे उसे हर हालत में सेट करना है यार मुझे वो एकदम पटाका लगती है | निखिल ने भी मुझे बताया की भाई तेरे भाई को भी तेरे वाली के साथ वाली पसंद है साली दोनों एकदम पटाका हैं | हम लोगो ने अब उन्हें सेट करने का प्लान बनाया | हम लोगो ने उनके बारे में पता किया तो वो लोग हम लोगो से जूनियर थी और मेरी ही क्लास के साइड वाली क्लास में थी | मैंने उनकी सारी डिटेल निकाल ली थी | अब हम लोगो कॉलेज से लगाकर उनके घर तक चक्कर लगाते थे | मेरी वाली तो मेरे घर के पीछे ही रहती थी और कभी-कभी छत्त आ जाती थी | मैं अपनी वाली से फोर्मली हेल्लो हाई चलने लगा था | हम लोगो ने कम से कम 1 महिना उनके पीछे लगाया था तब जाके हम लोगो ने उनको पर्पोस कर पायें थे | अब हम लोगो उन दोनों से खूब मजे लिया करते थे | हम लोग उनको रोज कुछ न कुछ गिफ्ट दिया करते थे | अब हम लोगो ने उनको पूरी तरह से अपने बस में कर लिया था और वो भी हम लोगो की दीवानी हो गयी थी |
एक दिन हम लोग इंटरवल में बैठकर अपनी क्लास में खाना खा रहे थे | मैंने अपना खाना खत्म कर लिया था और साथ में बैठा था | मैं अपनी गर्लफ्रेंड को नोटिस कर रहा था | वो हजब खाना खा रही थी तब उसकी होंठो पर बहुत सारा आयल लगा था जिससे की उसकी होंठे चमक रही थी मेरा मन ऊन्हे चूमने का हो रहा था | उसके होंठ बहुत गुलाबी थे और ऊपर से उसपे आयल लगा था मेरा मन बस यही कह रहा था की मैं इसके होंठ अपने मुह में रख कर चूसता ही जाऊ | हम लोगो ने अपना खाना ख़त्म किया और हाथ धुलके क्लास में बैठ गये | मैंने अपने दोस्त से कहा की भाई कुछ प्लान बना की इन्हें चोदा कैसे जाये | हम लोग क्लास में बैठकर यही प्लान बना रहे थे | छुट्टी हुई मैंने अपनी गर्लफ्रेंड को रात में छत्त पे मिलने को बोला | मैं घर आया और खाना पीना खाया और अपने कमरे में जाके आराम करने लगा | जब रात के 10 बजे तो मैं अपनी छत्त पर गया वो मेरा वेट कर रही थी | मैं कूद कर उसकी छत्त पर गया और पानी की टंकी के साइड में हम लोग बैठकर बाते कर रहे थे | मैंने उसे अपने आप से चिपका कर बैठाल रख्खा था | मैंने कुछ देर उससे बाते की और फिर मै उसे चूमने लगा मैंने उसकी होंठो को अपने मुह में रख लिया और चूसने लगा फिर मैंने उसके बूब्स को भी मुह में रखकर पिया | फिर मैंने उसको चोदना चाहा लेकिन वो पीरियड्स से थी तो इसलिए मैं उसको उस दिन नही चोद पाया | मैंने उसे काल कहीं घूमने का प्लान बनाया और उसकी सहेली को भी लाने को कहा की मेरा दोस्त उससे मिलना चाहता है | सुबह हुयी मैं और मेरा दोस्त उन दोनों के ले एकदम शहर के बाहर चले गये | हम लोग चलते -चलते एक गावं के किनारे पहुंचे हम लोगो को कोई ढंग की जगह नही मिल पा रही थी की हम लोग उनकी चोद | हम लोगो को कुछ समझ नही आ रहा था की कहाँ जाया जाये | फिर मुझे एक गन्ने का खेत दिखाई दिया मैंने अपने दोस्त को उसी में चलने को बताया | हम लोगो ने अपनी बाइक एक किनारे खड़ी कर दी और उन दोनों को लेके गन्ने के खेत में चले गये | मेरा दोस्त अलग चला गया और मैं अलग | मैंने उसका दुपट्टा उतारा और नीचे बिछा दिया | मैंने अपनी पेंट उतार दी और अपना लंड निकाल कर उसके मुह में देके चूसने लगा,मेरे मुह से आह आह आह आः आह आः आह आह्ह आह्ह अहह आह्ह्ह अहह आह अहह अहह आह अह्ह्ह आह उन्ह उन्ह उन्ह ओह्ह ओह्ह ओह्ह ओह्ह की सिस्कारिया निकल रही थी | जब मेरा लंड उसने चूस कर खड़ा कर दिया तब मैंने उसके सब कपडे निकाल कर वहीँ लिटा दिया | मैंने उसकी दोनों टांगो को फोल्ड करके अपने हाथो में पकड़ अपना लंड उसकी चूत में डाल कर चोदने लगा उसकी चूत बहुत टाइट थी जिससे की उसके मुह से जोर-जोर से आह अहह अह्ह्ह आह हहह अहह अहह अहह अहह अहह अहह अह्ह्ह अह्ह्ह अह्ह्ह अह्ह्ह उन्ह उन्ह उन्ह उन्ह उन्ह उन्ह उन्ह ओह्ह ओह्ह ओह्ह ओह्ह ओह्ह ओह्ह ओह्ह ओह्ह उन्ह इह्ह इह्ह इह्ह इह्ह इह्ह इह्ह इह्ह इह्ह आह्ह आह आह आह आह आह आह की सिस्कारिया निकाल रही थी | लगभग 10-15 मिनट तक मैंने ऊसकी चूत में धक्का दिया होगा फिर मैं और वो एक ही साथ में झड गये थे |
मैंने अपने लंड और उसकी चूत को साफ किया और फिर बाद मैं हम लोग अपने-अपने कपडे पहने और बाहर आ गये थे | पर मेरा दोस्त अभी तक बाहर नही आया था | वो साला इतनी जोर से उसे छोड़ रहा था की साले उन दोनों की बाहर तक आह आह आह आह अहह आह्ह आह आह उन्ह उन्ह उन्ह उन्ह उन्ह ओह्ह ओह्ह ओह्ह ओह्ह इह्ह इह्ह इह्ह इह्ह आह आह आ हा आह अ अहः आहा अह आहा अह आह की सिस्कारिया आ रही थी | हम लोग बाहर खड़े होकर उनका वेट कर रहे थे | उनकी सिस्कारिया सुनके मेरा एक बार और मूंड बना चोदने का लेकिन मेरी गर्लफ्रेंड ने मना कर दिया |
तो दोस्तों ये थी मेरी कहानी | आशा करता हूँ की आप लोगो को पसंद आएगी |