antarvasna, sex stories in hindi
मेरा नाम मीनाक्षी है मैं फरीदाबाद की रहने वाली हूं, मैं कॉलेज की पढ़ाई कर रही हूं, मुझे घूमने का पहले से ही बहुत शौक है इसलिए मैं कभी भी कोई टूर मिस नहीं करती, हमारी कॉलोनी के लोग काफी बार घूमने के लिए जाते हैं मैं हमेशा ही उन लोगों के साथ घूमने के लिए चली जाती हूं। एक बार मेरे चाचा के लड़के की शादी थी वह लोग जयपुर में ही रहते हैं और उन्हें जयपुर में रहते हुए काफी वर्ष हो चुके हैं इसीलिए उन्होंने जयपुर में ही सारा कुछ अरेंजमेंट किया था, मेरे पापा मम्मी कहने लगे कि चलो इस बहाने हम लोग जयपुर भी घूम आएंगे। मैंने भैया के साथ भी काफी वक्त से समय नहीं बिताया है। मेरे पापा कहने लगे इस बार मैं ऑफिस से जल्दी छुट्टी ले लूंगा और हम लोग 15, 20 दिनों तक जयपुर में ही रहेंगे, मैंने पापा से कहा यह तो बहुत अच्छी बात है, कम से कम इस बहाने हम लोग घूम भी लेंगे और चाचा, चाची के साथ समय भी बिता लेंगे।
मैं भी काफी समय से जयपुर जाने की सोच रही थी, मैंने ही सारे टिकट करवा दिए, पापा ने मुझे उसके पैसे भी दे दिए थे, हम लोग ट्रेन से ही जयपुर गए। जब हम लोग जयपुर पहुंचे तो हमारे पास काफी ज्यादा सामान था इसीलिए हम लोगों को स्टेशन से टैक्सी करनी पड़ी, जब हम लोग अपने चाचा के घर पहुंचे तो चाचा कहने लगे चलो आप लोग जल्दी आ गए मुझे बहुत खुशी है, मैं तो आप लोगों का बड़ी बेसब्री से इंतजार कर रहा था। चाची भी हम लोगों से मिलकर बहुत खुश थी और मेरे चाचा का लड़का तो मुझसे मिलकर इतना ज्यादा खुश हो रहा था कि वह मुझे कहने लगा मैं तुम्हारी हमेशा फेसबुक पर फोटो देखता हूं तुम तो हमेशा ही कहीं घूमने के लिए जाती रहती हो, मैंने उसे कहा हां मुझे घूमने का तो बहुत शौक है तुम्हें तो यह बात पहले से ही पता है, हालांकि वह मुझसे उम्र में बड़ा है लेकिन हम दोनों की बहुत ज्यादा बनती है।
वह मुझे कहने लगा कि तुम अब जयपुर में एंजॉय करना तुम्हें जयपुर में बहुत मजा आएगा, मैंने उसे कहा कि जयपुर मैं इससे पहले भी घूम चुकी हूं लेकिन इस बार मैं पापा मम्मी के साथ आई हूं इसलिए मैं भी पूरा इंजॉय करना चाहती हूं, वह मुझे कहने लगा तुम शादी का भी पूरा इंजॉय करना। घर में पूरा शादी का माहौल था इसलिए सारे रिश्तेदार भी आए हुए थे और जब मैं सब लोगों से मिली तो मुझे भी खुशी हो रही थी, कई लोगों को तो मैं पहचानती भी नहीं थी क्योंकि मैं ज्यादातर अपने रिश्तेदारों से मिलने के लिए नहीं जाती लेकिन जब मैं उनसे मिली तो वह लोग भी बहुत खुश हुए और मुझे भी बहुत खुशी हो रही थी। मुझे शादी के दौरान एक हैंडसम सा लड़का मिला, उसका नाम अमन था, अमन से मेरी मुलाकात पहली बार ही हुई थी क्योंकि मैंने उसे कभी भी अपने किसी फंक्शन में नहीं देखा था, मैंने जब अपनी मम्मी से पूछा कि यह लड़का कौन है तो मेरी मम्मी कहने लगी उसे तो मैं भी नहीं जानती। मैंने ही अमन से सीधा बात कर ली, अमन मुझे कहने लगा कि मैं रोहित का दोस्त हूं और उसी की शादी के लिए मैं जयपुर आया हूं, मैंने अमन से कहा कि आप कहां रहते हैं, वह मुझे कहने लगा कि मैं ऑस्ट्रेलिया में रहता हूं। मैं अमन से इतना ज्यादा इंप्रेस हो गई की मैं उसके साथ बात कर के बहुत अच्छा महसूस करने लगी, मैं अमन से पूछने लगी कि ऑस्ट्रेलिया में तो यहां से अच्छा होगा, वह कहने लगा कि यहां से तो अच्छा है लेकिन मैं कई बार जयपुर को भी मिस करता हूं क्योंकि मेरा परिवार पहले जयपुर में ही रहता था लेकिन अब हम लोग ऑस्ट्रेलिया में ही सेटल हो चुके हैं। हम लोग शादी का भी इंजॉय कर रहे थे और जब मुझे अमन ने कहा कि हम लोग कहीं घूमने चलते हैं तो मैंने अपना डीएसएलआर ले लिया और हम लोग जयपुर घूमने के लिए निकल पड़े, मैं अमन के साथ फोटो खींचा रही थी, मुझे जो भी जगह अच्छी लगती तो मैं उसे अपने कैमरे में कैद कर लेती, मैं बहुत खुश हो रही थी कि मैं अमन के साथ समय बिता पा रही थी। हम जब घर लौटे तो रोहित कहने लगा तुम लोग कहां घूम रहे हो, मैंने उसे कहा तुम तो शादी करने वाले हो और हमें कह रहे हो कि कहां घूम रहे हो यह तो बिल्कुल ही नाइंसाफी है, उसके बाद रोहित मुस्कुराते हुए अपने दोस्तों के साथ एन्जॉय करने लगा।
मैं पूरी शादी में अमन के साथ ही रही, जब शादी खत्म हो गई तो उसके बाद भी मैं अमन के साथ ही घूमने के लिए जाने लगी। एक दिन हम लोग सीसीडी में बैठे हुए थे और मैंने उस दिन अमन से पूछा क्या तुम्हारी कोई गर्लफ्रेंड है, वह मुझे कहने लगा कि पहले मेरी एक गर्लफ्रेंड थी मैं उसके लिए बहुत ही सीरियस था लेकिन हम दोनों के बीच में बिल्कुल बात नहीं बनी और हम दोनों का ब्रेकअप हो गया। मैंने उससे पूछा कि तुम दोनों का ब्रेकअप होने का कारण क्या था, वह कहने लगा मुझे यह तो नहीं पता लेकिन मैंने उसे पूरा समय दिया था और हमेशा जितना मुझसे बन पड़ता था मैं उसके लिए समय निकालता था परंतु ना जाने हमारे बीच में ऐसा क्या हुआ कि हम दोनों का रिलेशन ज्यादा समय तक नहीं चल पाया। अमन ने मेरा हाथ पकड़ा तो मैंने भी उसे अपने दिल की बात कह दी। मैने कहा तुम मुझे अच्छे लगते हो, मुझे यह नहीं पता कि मैं तुमसे प्यार करती हूं या फिर कुछ और है लेकिन जो मेरे दिल मे था वह मैंने तुम्हें बता दिया। अमन मुझे कहने लगा यह सिर्फ एक फिजिकल अट्रैक्शन है और उससे ज्यादा कुछ भी नहीं। अमन बड़ी ही खुले विचारों का था, उसने मुझे कहा हम दोनों को एक साथ समय गुजाराना चाहिए। वह मुझे अपने घर ले गया जब मैं उसके घर गई तो उसके घर पर सामान बिखरा हुआ था क्योंकि उसके घर पर कोई भी नहीं रहता था।
वह मुझे कहने लगा यहां पर सारा सामान बिखरा हुआ है क्योंकि अब कोई भी घर पर नहीं रहता इसीलिए यहां पर साफ सफाई नहीं होती। अमन और मैं साथ मे बैठे हुए थे, अमन ने मुझे चूमना शुरू किया तो मेरे अंदर से भी आग बाहर की तरफ निकलने लगी। मैं सोचने लगी मुझे अमन के साथ सेक्स करना चाहिए लेकिन उसने मुझे पूरी तरीके से कन्वेंस कर लिया था और मैं उसके साथ सेक्स करने के लिए तैयार हो गई थी। अमन ने मेरे स्तनों को दबाना शुरू किया तो मैं पूरे मूड मे आ गई, मैंने उसके होठों को चुमना शुरू कर दिया। उसने मेरे कपड़े कब उतारे मुझे मालूम ही नहीं पड़ा, जब मैंने उसके लंड को अपने हाथ मे पकड़ा तो उसका लंड बहुत मोटा था, मै उसके लंड को हाथ से हिलाने लगी। जब मैं उसको अपने हाथ से हिला रही थी, मुझे उसे मुंह में लेने की इच्छा जाग उठी, मैंने जब उनके लंड को अपने मुंह के अंदर लिया तो मुझे उसके लंड को चूस कर बहुत अच्छा लग रहा था। मैं उसे अच्छे से सकिंग करने लगी, मैं उसके लंड को इतने अच्छे से सकिंग कर रही थी उसका वीर्य मेरे मुंह के अंदर ही गिर गया। मैं सोचने लगी उसके वीर्य को अंदर लेना चाहिए या फिर बाहर फेंक देना चाहिए लेकिन मैंने उसके वीर्य को अपने मुंह के अंदर ही समा लिया। जब उसने मुझे बिस्तर पर लेटाया तो उसने मेरे पैरों को चौड़ा किया और मेरी योनि को चाटने लगा। मेरी चूत पर जैसे ही उसकी जीभ लगी तो मैं पूर्ण रूप से उत्तेजित हो गई, कुछ देर बाद उसने अपने लंड को मेरी योनि मे अंदर डाल दिया, जैसे ही उसका लंड मेरी योनि के अंदर घुसा तो मैं पूरी तरीके से जोश में आ गई और उसका साथ देने लगी, मुझे बहुत दर्द हो रहा था लेकिन मुझे मजा भी आने लगा मैं उसके साथ अच्छे से सेक्स करने लगी। मैंने अपने पैरों को चौड़ा कर लिया, जब उसका लंड मेरी योनि के अंदर जाता तो मुझे बहुत मजा आ जाता और मैं अपने पैरों को खोल देती। मै अपने पैरों को खोलती तो उसे भी अच्छा लगने लगा, कुछ देर तक हम दोनो ने ऐसे ही सेक्स किया लेकिन उसका वीर्य झंडने का नाम ही नहीं ले रहा था। मेरी योनि से लगातार खून का रिसाव हो रहा था, उसने जब मेरे दोनों पैरों को अपने कंधों पर रखा तो उसके बाद जब उसने मुझे झटके मारे तो मेरा पूरा शरीर हिलने लगा। मुझे ऐसा लग रहा था जैसे कि मेरे शरीर से कुछ निकलने लगा है मैं झड चुकी थी और कुछ देर बाद अमन भी झड गया वह खुश हो गया।