Antarvasna, kamukta
मेरा नाम शोभित है मैं मुंबई का रहने वाला एक इंडिपेंडेंट खयालो का लड़का हूं। मैं मुंबई के एक अच्छे कॉलेज से पास आउट हूं और मैं अपने लिए कोई अच्छी नौकरी देख रहा था लेकिन उस वक्त मुझे मेरे मामा मिले और वह मुझे कहने लगे कि तुम कहां नौकरी के चक्कर में पड़े हो तुम अपना ही कोई कारोबार खोल लो, मैंने अपने मामा से कहा कि मेरे पास अपना काम खोलने के लिए इतने पैसे नहीं है। वह मुझे कहने लगे तुम मुझसे एक हफ्ते बाद मिलना मैं तुम्हें मिलकर समझाता हूं। मेरे मामा भी एक अच्छे पद पर हैं, वह बहुत ही एक्टिव हैं और हर काम हो बड़ी लगन से करते हैं, उनकी हमारे पूरे परिवार में सब लोग बड़ी तारीफ करते हैं। मैं जब अपने मामा से मिलने गया तो मैं और मेरे मामा काफी देर तक एक दूसरे के साथ बैठे हुए थे।
मेरे मामा मुझे कहने लगे मैं कुछ दिनों बाद एक नई प्रॉपर्टी खरीदने वाला हूं यदि तुम उसमें कोई काम शुरू करना चाहते हो तो तुम उसमें काम कर लो क्योंकि मेरी अभी काफी सर्विस बची हुई है इसलिए मैं सिर्फ तुम्हें वहां पर प्रोपर्टी खरीद कर दे सकता हूं और कुछ पैसे मैं तुम्हें इन्वेस्टमेंट के तौर पर दे दूंगा जिससे कि तुम वहां पर काम शुरू कर सको और मैं भी निश्चिंत हो जाऊंगा कि मैंने किसी अपने ही परिवार वालों को काम पर रखा है। हम दोनों के बीच में एक सहमति बन गई और मेरे मामा मुझे कुछ दिनों बाद वह प्रॉपर्टी दिखाने के लिए भी ले गए, जब हम लोग उस प्रॉपर्टी को देखने गए तो मुझे वह काफी अच्छी लगी और मैंने मामा से कहा कि क्या आपने इन्हें पैसे दे दिए हैं, मामा कहने लगे हां मैं उन्हें थोड़े पैसे दे चुका हूं और थोड़े पैसे मैं कुछ दिनों बाद उन्हें दे दूंगा। मेरे मामा ने जब वह प्रॉपर्टी खरीदी तो उन्होंने उसके बाद मुझे कुछ पैसे दे दिए जिससे कि हम लोग वहां पर सामान रखवा सके। मेरे मामा ने मुझे कहा कि यहां पर लेडीज आइटमओं का काफी अच्छा क्रेज है इसलिए तुम यहां पर यह सामान खरीद कर ले आओ ताकि हम लोग उसे अच्छे दामों पर बेचकर थोड़ा बहुत मुनाफा कमा सकें, मेरे मामाजी के ही परिचित में कुछ लोगों का होलसेल का काम था।
एक दिन मेरे मामा ने अपने ऑफिस से छुट्टी ली हुई थी और वह मुझे अपने साथ उनसे मिलाने के लिए ले गए, जब मैं उनसे मिला तो हम लोगों ने वहां से थोड़ा बहुत सामान ले लिया और दुकान पर रखवा लिया। कुछ दिनों तक तो दुकान पर काम चला लेकिन जब दुकान शुरू हो गई तो पहले दिन से ही अच्छा रिस्पॉन्स मिलने लगा, दुकान में काफी कस्टमर आने लगे, मेरा भी रोजगार चल पड़ा था और मैं भी थोड़े बहुत पैसे कमाने लगा था इसलिए मैं अपने मामा का बहुत ही शुक्रगुजार था कि उन्होंने मुझे एक रोजगार दिया, मैं भी पूरी मेहनत से काम करने लगा। मैं आपने घर पर थोड़ा कम ही समय देता था और मेरे जितने भी दोस्त मुझसे मिलना चाहते थे वह मुझसे मिलने के लिए दुकान पर आ जाते थे या फिर जब मेरे पास समय होता तो मैं उनसे मिलने के लिए जाता था। एक दिन मेरा एक पुराना दोस्त मुझसे मिलने आया, वह मेरे साथ काफी देर तक बैठा हुआ था उसने मुझसे कहा कि मैं तुम्हें एक बात बताना चाहता हूं, मैंने उससे पूछा कि हां तो तुम बताओ तुम्हें क्या बताना है लेकिन वह मुझसे बात करने में थोड़ा हिचकिचा रहा था। मैंने उससे पूछा कि तुम मुझसे बात करने में इतना क्यों हिचकिचा रहे हो, वह कहने लगा मैंने तुम्हारी बहन को एक लड़के के साथ देखा था और वह लड़का मुझे कुछ ठीक नहीं लगा, मैंने उससे कहा कि क्या तुम यह बात सही कह रहे हो यदि यह बात गलत हुई तो मैं तुमसे कभी भी बात नहीं करूंगा, वह मुझसे कहने लगा तुम्हारी बहन भी तो मेरी बहन की तरह है क्या मैं तुमसे गलत बात कहूंगा। मुझे उसकी बातों पर थोड़ा बहुत तो यकीन था लेकिन मैं फिर भी उसकी बातों को झुटला रहा था क्योंकि मेरी बहन मुझसे हर बात शेयर करती है लेकिन यह बात उसने मुझसे छुपाई इसका मुझे थोड़ा बुरा लग रहा था। मुझे लग रहा था कि कुछ तो गड़बड़ है, मैं जब शाम को घर लौटा तो अक्षरा उस दिन घर पर ही थी। मैंने उससे पूछा कि तुम्हारी पढ़ाई कैसी चल रही है, वह मुझे कहने लगी पढ़ाई तो अच्छी चल रही है। मैंने उसे कहा कि मैं तो खुले विचार का हूं लेकिन फिर भी तुमने मुझसे यह बात छुपाई, मुझसे कहने लगी कौन सी बात।
मैंने उसे सारी बात बताई तो वह मुझसे कहने लगी कि मैं आपको बताना चाहती थी लेकिन शायद आप और मम्मी पापा मेरी बात को एक्सेप्ट नहीं करेंगे, मैंने उसे कहा कि ऐसी कौन सी बात है जो तुम हमसे छुपाना चाहती हो। उसने मुझे बताया कि वह जिस लड़के से प्रेम करती है, वह पहले से ही शादीशुदा है लेकिन उसका डिवोर्स होने वाला है। यह सुनकर मुझे थोड़ा अटपटा लगा और मैंने उसे कहा कि मैंने कभी भी तुमसे ऐसी उम्मीद नहीं की थी लेकिन तुम मेरी बहन हो इसलिए मैं तुम्हें कुछ नहीं कह रहा, तुम मुझे उस लड़के से मिलवा दो तो ज्यादा अच्छा रहेगा। उसने कुछ दिनों बाद मुझे उससे मिलवाया, वह मुझे अपने घर पर ले गया। मैं जब उसके घर पर गया तो उसके घर पर सिर्फ उसकी मम्मी थी, उसकी पत्नी उसके साथ नहीं रहती थी, उसने मुझे जो कारण बताया वह सुनकर मुझे थोड़ा सा ताजूब हुआ क्योंकि उसकी पत्नी और उसके बीच में बिल्कुल अच्छे संबंध नहीं थे और वह दोनों अलग रहने लगे थे। मैं काफी समय तक उसके घर पर बैठा तो मुझे लगा कि लड़का तो अच्छा है उसमें कोई भी बुराई नहीं है लेकिन वह पहले से शादीशुदा है, इस बात से मैं थोड़ा चिंतित था।
उस लड़के का नाम रोहन है, रोहन की मम्मी एक दिन मेरे पास आई, वह मुझे कहने लगी तुम मुझे कुछ अच्छी चीज दिखाओ। मैं उन्हें देखकर थोड़ा सा हैरान था क्योंकि वह काफी उम्र की है लेकिन वह भी अपने आप को बहुत मेंटेन रखती हैं। उन्होंने मुझसे पिंक कलर की पैटी ब्रा मांगी, मै जब उन्हें पैंटी ब्रा दिखा रहा था तो उन्होंने मेरा हाथ पकड़ लिया, उनकी नजरे मुझे ही देख रही थी। मैंने उनसे कहा लगता है आपको कुछ चीज चाहिए वह कहने लगी हां तुम मेरे इशारे समझ गए। मैं उनका हाथ पकड़ते हुए दुकान के अंदर ले गया, मैंने बड़ी गर्मजोशी से जब उनके होठों को छूआ तो वह भी पूरी तरीके से उत्तेजित हो गई और मेरे लंड को उन्होंने अपने हाथों में लेकर हिलाना शुरू किया। वह काफी देर तक मेरे लंड को हिलाती रही, मुझे ऐसा लग रहा था जैसे मेरे लंड से मेरा वीर्य ना निकल जाए। जब उन्होंने अपने मुंह के अंदर में मेरे लंड को लिया तो मुझे ऐसा लग रहा था जैसे कि मेरे लंड को वह लॉलीपॉप की तरह चूस रहे हैं। उन्होंने काफी देर तक मेरे लंड को सकिंग किया। जब मेरा लंड उन्हें चोदने के लिए तैयार हो गया तो उन्होंने मुझसे कहा तुम मुझे घोडी बना दो। मैंने उन्हें घोडी बनाया और जैसे ही मैंने अपने लंड को उनकी योनि मे लगाया तो उन्होंने मेरे लंड को पकड़ते हुए अपनी गांड के छेद पर लगा दिया। मैंने बहुत तेज झटका मारा जिससे कि मेरा लंड उनकी गांड के अंदर घुस गया और वह चिल्लाने लगी, मेरा लंड उनकी गांड के अंदर जा चुका था। मैंने उन्हें कहा आपकी गांड तो बड़ी सेक्सी है मुझे आपकी गांड मारने में बड़ा मजा आ रहा है। उन्होंने अपनी गांड को मुझसे मिलाना शुरू कर दिया। मुझे मजा आ रहा था और वह भी पूरे मजे ले रही थी। हम दोनों ने 5 मिनट तक एक दूसरे के लंड और गांड का आनंद लिया, जब मेरा वीर्य उनकी गांड के अंदर गिरा तो वह कहने लगी तुम्हारा वीर्य तो बड़ा ही गरमा गरम है, मुझे अपनी गांड में तुम्हारे वीर्य को लेकर बड़ा मजा आया। काफी देर तक हम दोनों एक दूसरे के साथ बैठे हुए थे। उसके बाद से वह जब भी मेरी दुकान में आ जाया करती तो मेरी दुकान से वह काफी सामान भी ले जाती थी। जब वह मेरी दुकान में आती तो वह अपनी गांड दबा देती और मुझे कहती तुम मेरी खुजली मिटा दो, मैं भी उनकी गांड की खुजली मिटा देता। मेरी बहन रोहन के साथ खुश है इसलिए मुझे भी कोई आपत्ति नहीं है। मेरी बहन भी मेरे निर्णय से खुश है, मैं उसका पूरा साथ दे रहा हूं ताकि उन दोनों की शादी हो पाए।