हेल्लो फ्रेंड्स कैसे हो आप लोग | आशा करता हूँ की आप लोग सभी ठीक-ठाक होगे और रोज सेक्सी कहानियां पढ़ते होंगे | दोस्तों मैं आप का अपना अमित सिन्हा जो रोज आप लोगो एक न एक सेक्सी कहानी लिखकर पढवाता हूँ | दोस्तों मैं आज आप लोगो को एक नयी कहानी बताने जा रहा हूँ जो की मेरे ही जीवन पर आधारित है | दोस्तों ये कहानी दरअसल मेरे और मेरी साली के बीच की है |
तो चलिए दोस्तों मैं आप लोगो को अपनी ज्यादा बकवास न सुनाते हुए सीधा कहानी की ओर ले चलता हूँ की कैसे मैंने अपने साली साहिबा को चोदा |
तो मेरे प्रिय भाइयो और बहनों ये बात उस समय की है जब मैं अपनी पढाई पूरी कर रहा था | मैं अपनी पढाई अपने से शहर से दूर दि इंडियन अकादमी ऑफ़ साइंस एंड कॉमर्स से कर रहा था जो की मेरे शहर से लगभग 300-400 किलोमीटर दूर था | मैं अपने कॉलेज कॉलेज के हॉस्टल में ही रहता था | मैं उस कॉलेज में पढ़ रहा था जो की इंडिया के टॉप 10 कॉलेज में से एक था | मैं अपने मेहनत के दम पर उस क्कोल्लेगे में एडमिशन लिया था | मैं अपनी कॉलेज का एक तरफसे टोपर था | कॉलेज के सभी लड़के मेरे आगे पीछे घूमते रहते थे | लड़के ही नही बल्कि लडिया भी मेरे आगे पीछे घूमती थी और घूमती भी कैसे नही एक तो मैं पढने में टोपर था और दूसरी तरफ भगवान ने मुझे अच्छा खासा रंग रूप भी दिया था | यहाँ तक की कई लडकियो ने अपने फायदे के चक्कर में मुझे अपने जाल में फ़साना भी चाहा पर मैं उनके जाल में नही आया था मुझे पता था की ये मेरा उसे करेंगी और कुछ नही | मैं अपने कॉलेज में सबका चाहिता था | कॉलेज के टीचर भी मुझे बहुत पसंद करते थे | दोतो मेरा एक कॉलेज में दोस्त था | उसका नाम अभिषेक था | वो बहुत सीधा और पढने में थोडा वीक था तो इसीलिए मैं उसको अपने साथ ही रखता था | मैं उसकी प्रोब्लेम्स सोल्व कर दिया करता था | सब कुछ बहुत बढ़िया चल रहा था | लगभग मुझे अपने कॉलेज में 1 साल हो गया था |
दोस्तों फिर मेरी सांगत कॉलेज कुछ बुरे लडको के साथ हो गयी थी | मैं एक-दो बार उनके साथ बैठा और मुझमे भी उनके गुण आ गये थे | मैं उनके साथ सिगरेट-शराब सब पीने लगा था यहाँ तक की मैं कभी-कभी उनके साथ रात को कॉलेज के हॉस्टल से नाईट आउट मार के ऊनके साथ क्लब तक जाने लगा था | ये बात मेरे टीचर्स को पता चल गयी | मेरे टीचरों ने मुझे समझाया पर मैं इतना अपनी संघत में बीगड़ गया था की मैं किसी की बातो को सीरियस नही लेता था और मैं अपनी मस्ती में चूर रहता था | मेरी इस मस्ती खोरी से मेरी पढाई पर बभी बहुत असर पड़ा था | एक दिन मैं और मेरे दोस्त फ्री पीरियड में जाके कॉलेज के स्टोर रूम में सिगरेट पी रहे थे | तभी मेरा एक दोस्त खिड़की से कुछ देख रहा था | उसने हम लोगो को बुलाया और कहा की भाई देख यार क्या माल हैं | हम लोग भी जाके देखने लगे | हम लोगो के कॉलेज के साइड में एक गर्ल्स हॉस्टल था उस दिन उन लोगो की छुट्टी थी इस लिए वो सब हॉस्टल में ही खेल कूद रही थी | हम लोग तुरंत कॉलेज के छत्त पर चढ़ गये और उनको ताड़ने लगे | हम लोग अपने कॉलेज के छत से उन लड़ो को फ्लाइंग किस दे रहे थे | वहां की लड़कियां भी गरम थी सायद वो हम लोगो को देख-देख कर हंशे जा रही थी | बेल लगी उर हम लोग अपनी क्लास में आके बैठ गये | हम लोगो ने प्लान बनाया की रात में दीवाल छाल कर गर्ल्स हॉस्टल में लडकियो को चोदने के लिए चलेगें | छुट्टी हुयी हम लोग हॉस्टल में आये और जब रात के 11 बजे तब हम लोग उठकर गर्ल्स हॉस्टल की और चल दिए | हम लोग हॉस्टल की पिछली दीवाल में पहुंचे | वहां हम लोगो ने देखा की हॉस्टल की दीवाल के पीछे बहुत सारे कंडोम यूज़ किये हुए पढ़े थे | हम लोगो ने दीवाल कैसे न कैसे भी करके चढ़ी और एक-एक लोग करके अलग कमरों में चले गये | मैं जिस कमरे में गया था उस कमरे में एक ही लड़की लेती हुयी थी | मैंने बड़े आराम से अपने कपडे उतारे और उसके साथ ही लेट गया | मैं धीरे-धीरे उसके बूब्स को अपने हाथो से सहला रहा था और अपना एक हाँथ उसकी चूत में डाल कर अपनी उंगली अन्दर-बाहर कर रहा था | थोड़ी देर मैंने उसके बूब्स और उसकी चूत को सहलाया और फिर वो नींद में ही मचलने लगी | मैंने फिर उसके धीरे-धीरे सब कपडे उतार दिये और अपना लंड डाल कर ऊसकी चूत में धीरे-धीरे धक्के दे रहा था | थोड़ी देर तक मैंने उसकी चूत में धक्का दिया फिर वो नींद में ही बिस्तर पर मचलने लगी और फिर अचानक से उसकी नींद खुल गयी | उसने चिल्लाना चाहा पर मैंने अपने हाँथ से उसका मुह दबा दिया और फिर मैं जोर-जोर से उसकी चूत में धक्का देने लगा और वो अन्दर ही अन्दर अपने मुह से आह आहा आह आहा अह अह आह अह आहा अह आहा अह आहा अह आह आहा अह आहा अह अह औंह उन्ह उन्ह उन्ह उन्ह उन्ह उन्ह उन्ह उह उन्ह उन्ह उन्होह्ह ओह्ह ओह्ह ओह्ह ओह्ह ओह्ह ओह्ह ओह्ह ओह्ह आह आह आहा आहा आहा की सिस्कारिया निकाल रही थी | थोड़ी देर के बाद मैं उसकी चुत में ही झड गया | मैंने फिर अपने पहने और कमरे के बाहर आया और दोस्तों के साथ अपने हॉस्टल में चला आया | सुबह हुई हम लोग अपने क्लास में बैठे थे तभी हम लोगो को चपरासी बुलाने आया की प्रिन्सिपल सर ने बुलाया है तुम लोगो को | हम लोग प्रिन्सिपल सर के ऑफिस पहुंचे तो वहां देखा की गर्ल्स हॉस्टल की वार्डन और वही लड़कियां बैठी थी | उन लोगो ने हुम लोगो की की सिकायत कर दी थी | यह बात प्रिन्सिपल ने हम लोगो के घर पर पहुंचा दिया | पापा ने मुझे मेरा कॉलेज चुदवा दिया था और मेरी सादी अपने दोस्त की लड़की से फिक्स कर दी थी | अब अगले महीने हम लोगो की इंगेजमेंट थी | मेरी इंगेजमेंट की डेट पास आ गयी तथी और मैं अपने इंगेजमेंट की तैयारी में लगा था | मेरी इंगेजमेंट हुयी अब 10 दिन के बाद मेरी शादी थी |
एक दिन मुझे मेरे ससुराल वालों ने शादी से पहले खाने पर बुलाया था | मैं रात को पहुंचा और खाना खाने के लिए सबके साथ दिन्निंग टेबल पर बैठ गया | मुझे मेरी होने वाली पत्नी ही खान सर्व कर रही थी | मैं थोडा नर्वस होकर खा रहा था क्योकि मेरा पहला दिन ससुराल में था | मैं अपना खाना खा ही रहा था की सामने बैठी मेरी साली साहिबा मेरे पैरों में अपना पैर लगाये जा रही थी | मैं बार अपना पैर बार-बार हटा रहा था लेकिन मेरी साली इतनी गरम थी की वो मान ही नही रही थी | मैंने जैसे-तैसे अपना खाना खाया और मेरी पत्नी ने मेरे हाथ धुलवाए | मैं थोड़ी देर तक अपने ससुराल वालो से बात की फिर मैं वहां से चल दिया | तभी मेरी सासु माँ ने मुझसे कहा की बेटा ये छोटी तुम्हारे साथ साथ घर जाना चाहती है इसको तुम्हारी मम्मी ने भी बुलाया था | मैंने हाँ कहते हुए कहा की क्यों नही आ जाओ | मैं अपनी साली साहिबा को लेके वहां से चल दिया | वो मेरे पीछे चिपक कर बैठी थी उसके नुकीले बूब्स मेरे चुभ रहे थे | मेरे शरीर के सारे रोयें खड़े हो गये थे | अधेरा हो गया था और मेरा मन अब उसे चोदने का हो रहा था | मैं अपनी बाइक रोड से नीचे उतार कर शून-शान जगह पर उसको ले गया | मैंने उसको अपने हाथो से पकड़ कर अपने आप से चिपका लिया और कहा की अब बताओ बड़ा मेरे पैरों में पैर लगा रही थी | वो सरमाते हुए कुछ नही बोल पाई | फिर मैंने उसके होंठो को अपने होंठो में रख कर चूसने लगा | वो भी बहुत गरम थी और मेरा बराबर साथ दे रही थी | थोड़ी देर तक मैंने उसको चूमा-चाटा और फिर उसकी पेंट निकाल कर उसको अपनी बाइक के भल झुका कर घोड़ी बना दिया और फिर मैं अपनी पेंट खोल कर अपना लंड पीछे से उसकी चूत में डाल कर उसकी कमर अपने हाथों में पकड़ कर चोदने लगा | उसकी चूत बहुत टाइट थी मेरा लंड उसकी चूत में पूरा नही जा पा रहा था | उसकी फट भी रही थी लेकिन वो इतनी गरम थी की वो मेरा लंड पूरा बर्दाश्त कर चुकी थी और अपने मुह से आह आहा आहा आहा अह आहा हा अह आहा आहा अह अह आहा अह आहा अह आहा अह उन्ह उन्ह उन्ह उन्ह उन्ह उन्ह उन्ह उन्ह उन्ह इह्ह इह्ह इह्ह इह्ह इह्ह इह्ह ओह्ह ओह्ह ओह्ह ओह्ह आह आहा अह आहा अह आहा अह अह आहा अह आहा अह आहा हाहाह उन्ह उन्ह उन्ह उन्ह ओह्ह ओह्ह ओह्ह ओह्ह की सिस्कारिया निकाल रही थी | जब मैं झड़ने वाला था तब मैंने अपना लंड निकाल कर उसके मुह में दे दिया था | उसने मेरे लंड का पूरा माल अपने मुह के अन्दर ले लिया था |
तो दोस्तों ये थी मेरी कहानी | इस तरह से मैंने अपनी साली साहिबा को चोदा और वो जब तक मेरे घर पर रुकी मैंने रोज उसकी चूत की गर्मी शांत की थी |