मुम्बई में भाभी की चुदाई

बात उन दिनो की है जब मैं ने १२ वीं के एक्साम दिया था मेरे भाई भाबी मुम्बई मैं रहते हैं मैं रिजल्ट निकलने तक मुम्बई चला गया मैं दिल्ली से कभी बाहर नहीं गया था ये मेरा पहला चांस था पर मुझे कभी उम्मीद नहीं थी कि पहला चांस और हमेशा के लिये यादगार रहेगा। मैं मुम्बई स्टेशन पर पहुंचा मेरे भाई मुझे लेने के लिया वहां पर आया था। मैं उनके साथ घर चला गया। जब घर पहुंचा तो भाभी से मिला और फिर मैं ने फ़्रेश होकर खाना खाया, मेरी भाभी और भाई बहुत अच्छे हैं। मेरी स्टोरी के में एक आदमी के बारे में मैं ने तुम्हे बताया ही नहीं ये पड़ोस में रहने वाली सेक्सी भाभी उनके पति मेरे भाई के साथ ही काम करते हैं मेरी उनसे भी जान पहचान हो गयी और मैं उनके घर भी जाने लगा और पड़ोस वाली भाभी को भी अपनी भाभी की तरह इज़्ज़त देता था और ७ -८ दिनो मैं उससे मिल गया जैसे वहीं पर सालों से रहा हूं और उन्हे जानता हूं।

मेरा भाई और पड़ोस के भाई एक ही पोस्ट पर काम करते हैं सो उनको काम से मुम्बई से १५ दिनो के लिया बाहर जाना था और वो चले गये मेरी भाभी को भी एक सहेली की शादी में पुणे जाना था वो उनके बेस्ट दोस्तो में से एक थी, उनको १ वीक के लिये जाना था, सो वह अपने कपड़े सम्भाल रही थी और मुझसे कहा कि तुम भी मेरे साथ पुणे चलो पर मुझे न जाने क्यों पुणे जाने का मन नहीं था, मैं ने भाभी से कहा कि मुझे वहां कोई नहीं जानता आप जाओ। उन्होने कहा नहीं चलो और मुझे पर प्रेसर देने लगी फिर मैं ने बहुत रेकुएस्ट की फिर वो मान गयी।

फिर उन्होने मुझसे सुजाता भाभी(पड़ोस की भाभी) को बुलाने के लिये कहा मैं ने भाभी को बुलाया और भाभी ने भाभी से कहा कि मैं शादी में जा रही हूं तुम विवेक के लिये खाना बना देना। सुजाता भाभी के कहा कोई बात नहीं अगर आप नहीं कहती तो भी मैं विवेक के लिये खाना बना देती। और फिर भाभी अगले दिन चली गयी। मैं घर में अकेला था सुजाता भाभी ने मुझे नाश्ता करने के लिये कहा और मैं उनके घर चला गया नाश्ता करने के बाद मैं अपने फ़्लैट में जाने के लिये हुआ तभी सुजाता भाभी ने मुझे कहा विवेक वहां अकेले क्या करोगे यहीन पर रहो और मैं भी सोच रहा था कि वहां क्या करुंगा और फिर हम दोनो बात करने लगे, बातों बातों में उन्होने मुझसे कहा कि तुम्हारी कोई गर्लफ़्रेंड है मैं ने कहा कि भाभी अभी तो मैं बच्चा हूं, मेरी कोई गर्लफ़्रेंड कैसे हो सकती है? वो हंसने लगी।

पता नहीं क्यों अब मुझे उनमें इंटेरेस्ट होने लगा था मैं ने उनके ब्रेस्ट की तरफ़ देखा। उनके बूब्स काफ़ी बड़े हैं उनका फ़ीगर साइज़ ३८ -२९ -३८ है। वो हमेशा घर में रहती है तो विसिब्ल कपड़े पहनती है उनकी ब्रा साफ़ नज़र आती है। जब वो हंस रही थी मैं ने भी पूछा भाभी तुम्हारा कोई ब्वोयफ़्रेंड है या शादी से पहले कोई था तो वो चुप हो गयी और कहने लगी नहीं विवेक। हमने बाते की और दोपहर और रात का खाना खाया। रात को में अपने फ़्लैट में सोने के लिये जा रहा था तो भाभी ने एक बार फिर मुझसे कहा यहीं सो जाओ में अकेली हूं। मुझे डर लगता है। उन्होने मुझे सोने के लिये रूम दिखाया और कहा अगर रात कोई प्यास लगे तो मेरे रूम में आ जाना क्योंकि वहीं पर फ़्रिज है मैने कहा ओके। फिर मैं सो गया।

यारों, मुझे रात कभी प्यास नहीं लगती पर न जाने क्यों उस रात मुझे प्यास लगी और में भाभी के रूम में चला गया रूम में अंधेरा था मैं ने मोबाइल की लाइट ओन की और मुझे फ़्रिज़ मिल गया मैं ने फ़्रिज़ से बोतल निकाली पानी पिया और फिर बोतल रखी जैसे ही फ़्रिज़ बंद कर रहा था कि मुझे बेड पर भाभी सो रही थी, फ़्रिज़ की लाइट से वो दिख रही थी, अचानक मेरी नज़र उनके बदन पर गयी मैं ने देखा कि वो नाइटी पहन कर सो रही है।

नाइटी से उनके नंगे पैर दिख रहे थे ओह माय गोड उनकी पैर कितने चिकने थे फिर मेरि नज़र ऊपर गये तो देखा को उनकी ब्रेस्ट से नाइटी खुली है और उनकी ब्रा दिख रही है। मुझसे रहा नहीं गया और मैं फ़्रिज बंद करके अपने रूम में चला गया। उनको देख कर मेरा लंड खड़ा हो गया और मैं उनको चोदने की सोच कर अपने कमरे से निकला पर उनके रूम पर जाते ही मुझे अच्छा नहीं लगा क्योंकि मैं उन्हे भी भाभी की तरह मानता था और मेरे कदम रुक गये ।

(TBC)…

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