Antarvasna, kamukta मेरा नाम अमित है मैं फरीदाबाद का रहने वाला हूं मेरे पिताजी बैंक में जॉब करते हैं और मैं एक प्राइवेट संस्थान में नौकरी करता हूं। हमारे परिवार में मेरे माता पिता और मेरे बड़े भैया हैं मेरे भैया की शादी को 3 वर्ष हो चुके हैं मेरे भैया का नाम मोहन है और मेरी भाभी का नाम काजल। जब मेरे भैया की शादी हुई थी तो उस वक्त मेरे भैया बहुत खुश थे लेकिन उसके बाद मेरे भाभी और भैया के बीच में कई बार झगड़े होने लगे। मेरे माता-पिता की वजह से वह दोनों एक दूसरे से कम झगड़ा किया करते थे लेकिन मेरी भाभी बिल्कुल भी अच्छी नहीं थी उन्हें जब भी झगड़ा करने का मौका मिलता या फिर कोई ऐसा बहाना मिलता जिससे कि वह मेरे भैया को कोई बात सुना सके तो वह कभी यह मौका नहीं छोड़ती थी। मेरी एक बहन है जो कि मुझसे एक वर्ष बड़ी है उसका नाम संजना है वह घर पर आई हुई थी संजना की शादी को अभी एक वर्ष ही हुआ है उसकी शादी में पिताजी ने काफी खर्चा किया था।
पापा ने कहा था कि संजना की शादी में कोई कमी नहीं होनी चाहिए इसलिए मेरे बड़े भैया और मैंने भी उसके शादी में कोई कमी नहीं होने दी और हम लोगो ने बड़े ही धूमधाम से संजना की शादी की। मैं और संजना एक दूसरे को बहुत अच्छे से समझते हैं हम दोनों एक ही कॉलेज में पढ़ा करते थे और हम दोनों के बीच में बहुत बनती है इसलिए जब भी संजना घर पर आती है तो वह मुझसे ही ज्यादातर बात किया करती है। संजना कुछ दिनों के लिए घर पर आई हुई थी घर का माहौल बहुत ही अच्छा था सब लोग सिर्फ संजना से बात कर रहे थे। एक दिन हमारे घर पर हमारे पड़ोस की एक आंटी आई हुई थी मेरी मम्मी और उनके बीच में काफी बनती है मेरी मम्मी ने जब उनसे पूछा कि क्या आप मुझे अपना नेकलेस दे सकती हैं मुझे दरअसल किसी शादी में जाना था। मेरी मम्मी को उनका नेकलेस काफी पसंद आया था तो मम्मी भी वैसा ही नेकलेस बनाना चाहती थी और मम्मी ने आर्डर भी दिया था लेकिन उस नेकलेस को आने में थोड़ा टाइम था। जिस फंक्शन में हमें जाना था तब तक वह नेकलेस तैयार नहीं होने वाला था इसलिए मम्मी ने आंटी से वह नेकलेस ले लिया।
जब मम्मी ने उनसे वह नेकलेस लिया तो हम लोग उसके बाद उस फंक्शन में चले गए वह पापा के दोस्त के घर पर था हमारा पूरा परिवार वहां गया हुआ था संजना भी घर पर ही थी तो संजना भी हमारे साथ आई हुई थी। हम लोगों ने उस फंक्शन में काफी एंजॉय किया और उसके बाद हम लोग वहां से घर चले आए जब हम लोग आ रहे थे तब मम्मी ने संजना से कहा कि बेटा यह नेकलेस तुम संभाल लेना। मम्मी ने वह नेकलेस संजना को दे दिया, हम सब लोग उस दिन काफी थक चुके थे तो सब लोग सो गए अगली सुबह हम लोगों ने नाश्ता किया और मम्मी ने संजना से कहा कि बेटा वह नेकलेस मुझे देना मैं आंटी को दे आती हूं। संजना ने जब अलमारी खोली तो वहां पर वह नेकलेस नहीं था उसे लगा कि शायद उसने कहीं और रख दिया होगा लेकिन उसे वह नेकलेस मिला ही नहीं वह बहुत ज्यादा टेंशन में आ गई। घबराते हुए उसने मुझसे पूछा क्या तुमने वह नेकलेस देखा था मैंने उसे कहा मुझे तो उस नेकलेस के बारे में मालूम ही नहीं है तो मुझे कहां से पता होगा। वह काफी डर चुकी थी संजना को वह नेकलेस मिल ही नहीं रहा था जब मम्मी ने भी अलमारी अच्छी तरीके से देखा तो भी वह नेकलेस कहीं नहीं मिला मम्मी भी बहुत टेंशन में आ चुकी थी। वह आंटी शायद मम्मी के बारे में कहीं कुछ गलत ना समझ लेते इसलिए मम्मी ने जो नेकलेस अपने लिए बनवाने को दिया था वह उन्हीं को दे दिया। वह नेकलेस हमे कहीं मिला ही नहीं मम्मी तो एक-दो दिन तक बहुत टेंशन में थी और इस वजह से संजना भी बहुत टेंशन में थी क्योंकि संजना को लगा कि उसकी वजह से ही वह नेकलेस कहीं गुम हुआ है। वह मुझसे कहने लगी मम्मी ने मुझे जिम्मेदारी से वह नेकलेस संभालने को दिया था लेकिन वह नेकलेस ना जाने कहां चला गया। हम सब लोगों ने उसे काफी ढूंढा लेकिन वह कहीं मिला ही नहीं इस बात को करीब एक महीना हो चुका था और हम सब लोग इस बात को अपने दिमाग से भी निकाल चुके थे।
संजना को लग रहा था कि उसकी ही गलती है लेकिन उसमें संजना की कोई गलती नहीं थी और जब संजना घर से गयी तो उसने मम्मी से कम ही बात की उससे लगा कि उसकी ही गलती की वजह से वह नेकलेस कहीं गुम हो गया है। अब सब लोग इस बात को भूलने लगे थे मैंने भी वह नेकलेस अच्छे से देखा हुआ था और तभी एक दिन मेरी भाभी की बहन जिसका नाम तनु है उसके गले में मुझे वह नेकलेस दिखा वह देखकर मैं दंग रह गया। मैंने तनु से पूछा यह नेकलेस तुम्हारे पास कहां से आया तो वह कहने लगी कि यह तो दीदी ने दिया था, तनु इस बात से अनजान थी और उसे कुछ मालूम नहीं था कि आखिर वह नेकलेस किसका है। मैंने तनु से पूछा तुम्हें भाभी ने क्या बोल कर यह नेकलेस दिया है तनु कहने लगी मुझे दीदी ने कहा था कि यह नेकलेस तुम अपने पास संभाल कर रखना मुझे जब जरूरत होगी तो मैं ले लूंगी तो मैंने सोचा कि मैं इसे पहन लेती हूं क्योंकि यह काफी अच्छा लग रहा था तो मैंने से पहन लिया। मैंने तनु से कहा तुम्हें मालूम है कि यह नेकलेस किसका है तो वह कहने लगी मुझे क्या मालूम यह नेकलेस किसका है मुझे तो दीदी ने कहा था कि यह नेकलेस मेरा है। मुझे इस बात पर बहुत गुस्सा आया और मैंने तनु से वह नेकलेस लेकर अपनी मम्मी को दे दिया मम्मी कहने लगी कि तुम्हारे पास यह नेकलेड कहां से आया। इस बात को सब लोग भूल चुके थे लेकिन मुझे भाभी पर बहुत ज्यादा गुस्सा आ रहा था और मम्मी ने उन्हें समझाने की कोशिश की।
मम्मी ने भाभी से कहा तुमने यह सब बहुत गलत किया इसमें संजना का क्या कसूर था जो तुमने उसके साथ ऐसा किया लेकिन मम्मी ने काजल भाभी को ज्यादा कुछ नहीं कहा और फिर वह अपने कमरे में चले गए। मम्मी की चिंता इस बात से थी कि काजल भाभी ने यह बहुत गलत किया लेकिन उन्होंने काजल भाभी को इस बारे में ज्यादा नहीं कहा। वह मुझे कहने लगे बेटा यह नेकलेस मैं अपने पास ही संभाल कर रख देती हूं मैंने मम्मी से कहा हां मम्मी आप अपने पास ही रख लीजिए मम्मी ने मुझे कहा तुम इस बारे में संजना को बता देना कि नेकलेस हमें मिल चुका है लेकिन उसे काजल के बारे में कुछ मत बताना। मैंने संजना से फोन पर बात की और उसे कहा कि वह नेकलेस मिल चुका है संजना खुश हो गई और कहने लगी आखिर वह नेकलेस कहां मिला। मैंने उसे बताया कि वह नेकलेस कपड़ों के नीचे दबा हुआ था और उस दिन मिल ही नहीं रहा था लेकिन अब वह मिल चुका है। संजना खुश हो गई उसके बाद संजना ने मम्मी को फोन किया उसने मम्मी को फोन करते हुए कहा मम्मी मैं तो बहुत ज्यादा टेंशन में थी मुझे लगा कि मेरी वजह से आपका नेकलेस गुम हो गया है। मम्मी ने उसे फोन पर कह बेटा कोई बात नहीं अब वह नेकलेस मिल चुका है और तुम्हें भी चिंता करने की आवश्यकता नहीं है। संजना ने फोन रख दिया और मम्मी भी अब इस बात से खुश थी कि कम से कम वह नेकलेस मिल गया लेकिन उन्हें इस बात का दुख था कि काजल ने इस तरह की हरकत करके बहुत ही गलत किया है। काजल भाभी मुझसे बहुत ज्यादा गुस्से में हो चुकी थी वह इन सब का कसूरवार मुझे ही ठेहरा रही थी।
उन्होंने एक दिन मुझसे बहुत झगड़ा किया उस दिन मम्मी घर पर नहीं थी वह मुझे कहने लगी तुम्हारी वजह से ही मेरी बदनामी हुई है। मैंने उन्हें कहा इसमें मेरी क्या गलती है आपने गलत किया था तो इसमें आपकी गलती है लेकिन वह मुझे कहने लगी तुम्हारी वजह से ही यह सब हुआ है। मुझे बहुत गुस्सा आने लगा मैंने उन्हें कहा आप मुझ पर बेवजह का इल्जाम ना लगाए लेकिन वह तो मुझ पर बेवजह का इल्जाम लगा रही थी। मैंने उन्हें कसकर पकडा और बिस्तर पर लेटा दिया जब मैंने उन्हें बिस्तर पर लेटाया तो उनके स्तन हिलते हुए मुझे दिखाई दिए। मैंने उनके स्तनों को दबाना शुरू किया मैंने जब उनके होठों को अपने होठों में लिया तो वह मचलने लगी और कहने लगी तुम यह सब क्या कर रहे हो लेकिन मुझे तो उनकी चूत मारनी थी। मैंने उनके स्तनों को अपने मुंह में लेकर काफी देर तक चूसा जब मैंने उनके सलवार के नाडे को तोड़ते हुए उनकी योनि के अंदर उंगली डालनी शुरू की तो काजल भाभी को बहुत मजा आने लगा। मैंने अपने लंड को उनकी योनि के अंदर घुसा दिया मेरा लंड उनकी चूत में जाते ही उनके मुंह से चीख निकल पड़ी और मैं बड़ी तेजी से उन्हें धक्के दिए जाता।
वह अपने पैरों को चौड़ा कर लेती और मुझे कहती मुझे बड़ा मजा आ रहा है मैंने उन्हें घोड़ी बनाकर चोदना शुरू किया तो उन्हें और भी अच्छा लग रहा था। जैसे ही मैंने अपने लंड को उनकी गांड के अंदर डाला तो वह कहने लगी मुझे दर्द हो रहा है लेकिन मैं रुकने का नाम नहीं ले रहा था। मैं तेजी से उन्हे धक्के देता जाता मेरे धक्के इतने तेज होते कि उनकी चूतडो से खून निकलने लगा था। वह मुझे कहने लगी तुम्हें मम्मी को इस बारे में नहीं बताना था मैंने उन्हें कहा अभी यह बात छोड़ो मुझे तो आपकी गांड मारने में मजा आ रहा है वह कहने लगी तुम्हारा लंड मेरी गांड के अंदर तक जा चुका है और मेरी गांड का छेद तुमने चौड़ा कर दिया है। मैंने उनकी गांड के मजे काफी देर तक लिए जब मैंने अपने वीर्य को उनकी गांड में गिरा दिया तो वह कहने लगी तुम्हारी इच्छा पूरी हो चुकी है। मैंने उन्हें कहा मेरी इच्छा पूरी हो चुकी है आपकी गांड लाजवाब है आज पहली बार गांड का मजा लेना मेरे लिए अच्छा रहा।