hindi sex stories
हेल्लो मेरे प्यारे साथियों कैसे हो आप सब मुझे आपसे बातें करना बड़ा अच्छा लगता है क्यूंकि मैं चुप नहीं बैठ सकता | दोस्तों मेरा नाम अजय है और मैं सागर का रहने वाला हूँ | मुझे काफी सारी चीज़े अच्छी लगती हैं जैसे एक तो आपको पता है बात करना और दूसरा मुझे खेलना पसंद है और तीसरा सबसे पसंदीदा काम है पेलना | जी हाँ दोस्तों मुझे पेलना उर्फ़ चुदाई करना बड़ा अच्छा लगता है क्यूंकि मुझे चूत की खुशबू से बड़ा प्यार है | मैं कहीं भी रहूँ चूत का इंतज़ाम कर ही लेता हूँ और बहुत सारे ऐसे काम हैं जिनमे मुझे महारत हासिल है | मैंने कई बार सेक्स की कहानियां पढ़ी कईहैं और उनको पढने के बाद मुट्ठ भी मारा है इसलिए मुझे बड़ा मज़ा आता है इन सब कामों में | दोस्तों मैं सागर से हूँ और वो कोई बड़ा शहर नहीं है बस वहां लडकियां बड़ी प्यारी प्यारी हैं | पर आप समझ लो कि छोटे शहर की लड़की पटाना बड़ा मुश्किल काम होता है क्यूंकि उन्हें घर से निकलने नहीं मिलता और जब वो निकलती हैं तो उनके साथ उनकी सहेलियां भी साथ आती हैं मतलब डबल खर्चा होना तय है |
अब मैं आपको अपने बारे में कुछ बता देता हूँ | मेरा नाम तो आपको पता ही है और मैं कहाँ से हूँ ये भी बता चुका हूँ पर मैं दिखता कैसा हूँ और मेरे परिवार में कौन कौन है ये आपको बताने वाला हूँ | खेर मेरे परिवार में मेरे मम्मी पापा हैं और एक भाई है वो मुझसे बड़ा है और एक बहुत बड़ी कंपनी में इंजीनियर के पद पर काम करता है | उसकी पेमेंट भी बड़ी अच्छी है | मेरे पापा एक प्राइवेट काम करते हैं और वो भी बहुत कम पेमेंट पर | उन्होंने हमे पाल पोस के बड़ा कर दिया और अब हम उनका सहारा बने हुए हैं | मैं अपनी बात करूँ तो मैं भी अपने प्रदेश की एक बड़ी संस्था में पढ़ाई करता हूँ जिसका डंका पूरे देश में बजता है और मुझे यहाँ पढ़ाई करना बहुत अच्छा लगता है | मैंने तो कभी सोचा भी नहीं था कि हम सब इतनी अच्छी जिंदगी जी पाएँगे पर मेरे भाई की म्हणत और मेरे पापा की लगन ने हमे यहाँ तक पहुँचा दिया | हमे खुद पे कभी घमंड नहीं था क्यूंकि हम हमेशा ज़मीन से जुड़े हुए लोग रहे हैं और सादगी भी है |
तो दोस्तों ये हो गयी मेरे और परिवार की बात अब शुरू करता हूँ मैं अपनी कहानी | जी हाँ दोस्तों मैं एक लड़की से प्यार करता था और वो मेरे घर के बिलकुल बाजू में रहती थी | पर साला मेरी किस्मत बड़ी कमीनी थी क्यूंकि ना तो मैं उसको कुछ कर सकता था और ना ही कुछ कह सकता था क्यूंकि हम दोनों के पापा एक दुसरे के दुश्मन थे | मेरा मतलब जानी दुश्मन नहीं उनका एक सा कारोबार था इसलिए उनमे बनती नहीं थी | वो लड़की क्या कमाल थी थी उसके दूध और उसकी गांड एक दम गोल गोल और मस्त थे | पर मैं उससे प्यार करता था इसलिए इन सब पर ध्यान नहीं देता था | उसको देखने क लिए ना जाने मैं क्या क्या करता था | साला कड़ी धुप में छत पे खड़ा हो जाता था | वो कपडे सुखाने आती और मैं उसको देख लेता और वो मुझे एक बार आंख उठाके देखती भी नहीं थी | साली कमीनी मैं उसके लिए हमेशा कुछ न कुछ करता रहता था और वो मंद बुद्धि कुछ अलग ही समझ के भाग जाती थी | एक दिन मैंने उसके लिए गुलाब लिया और उसकी दोस्त को दिया तो वो बोलती है इसमें ज़हर होगा मैं नहीं लूंगी |
मतलब हद्द हो गयी यार कभी फूल में भी ज़हर हो सकता है क्या ? पर अब लोगों की सोच का क्या कर सकते हैं | एक दिन वो छत पर आई और मैंने उसे एक लैटर फेक के दिया तो वो कहने लगी मुझे मेरे पापा के खिलाफ भड़का रहे हो और ये बोलके फाड़ दिया मेरा लैटर | मैंने गुस्से में कहा तू न सबसे बड़ी ढक्कन है और नीचे चला गया | फिर पता नहीं क्या हुआ और उसने कहा मुझे धाकन बोला अब तू रुक | एक दिन मैं छत पर था और उसपे ध्यान नहीं दे रहा था और वो अपनी सहेली के साथ खड़ी थी | उसने कहा दीपा आज कल पता है लोग खुद के बारे में जान नहीं पाते और दूसरों को ढक्कन कहते हैं | मेरा दिमाग फिर से घूम गया और मैंने कहा हाँ लोगों को प्यार तो सीखता ही नहीं है बस दुश्मनी दिखती है | वो थोडा सा पास आई और कहा सुनो मुझे दुश्मनी से कोई मतलब नहीं वो पापा की है मेरी नहीं | मैंने कहा ऐसा लगता तो नहीं है |
फिर उसने कहा अच्छा प्यार की बात कहाँ से ले आये तुम बीच में तो मैंने कहा क्यूँ नहीं ला सकता क्या ? उसने कहा मुझे कोई प्यार नहीं है तुमसे मैंने कहा अच्छा है मुझे ढक्कन से प्यार करने का शौक नहीं है | वो गुस्से में नीचे चली गयी और मुझे लगा शायद रोते हुए गयी है | पर मैंने सोचा अच्छा है रोने दो तब पता चलेगा मैंने क्या कुछ नहीं किया उसके लिए | पता नहीं शाम को मुझे छत पे एक लैटर मिला और उसपे लिखा था शायद मुझे तुमसे प्यार होने लगा है | मैंने देखा उसके पीछे मेरा लैटर चिपका हुआ है जो उसने फाड़ दिया था | उसमे लिखा था अगर ऐसा ही है तो मुझे कल दोपहर में छत पर मिलना | मैंने भी सोचा चलो अब देख ही लेता हूँ क्या है इसके मन में | मैं गया छत पर और उसका इंतज़ार करने लगा | वो छत पर आई और उसने कहा सुनो मुझे पता नहीं क्या हो रहा है मैं समझ नहीं पा रही हूँ मैं तुमसे प्यार करती हूँ या नहीं | मैंने उससे कहा सुनो ज़रा पास आना और वो मेरी चाट पर आ गयी कूद के |
मैंने कहा क्या समझ नहीं आ रहा है तुम्हे | उसने कहा तुमसे प्यार करती हूँ या नहीं | मैंने कहा रुको अभी समझा देता हूँ | मैंने उसको अपनी बाहों में भर लिया और कहा अगर मुझे कस के पकड़ने का मान करे तो समझ लेना आग दोनों तरफ लगी है | कुछ देर तक वो सोचती रही और उसके बाद उसने भी मुझे जोर से पकड़ लिया और कहने लगी सच में तुमसे प्यार हो गया है मुझे | मैंने कहा चलो अपने प्यार को गहरा कर लेते हैं और इतना बोलते ही उसको किस कर दिया | वो कहने लगी कोई देख लेगा तो मैं उसे अपने छत वाले कमरे में ले गया | मैं उसे वहां किस किये जा रहा था और वो भी मेरा साथ दे रही थी | मैंने उसे जोर जोर से किस कर रहा था और उसके दूध दबा रहा था उसके टॉप के ऊपर से | फिर मैंने कहा तुमहरा टॉप उतारना है | पहले तो उसने मना किया पर मैंने उसे किस करते हुए उसका टॉप उतार दिया | उसका ब्रा बड़ा सेक्सी था क्यूंकि उसके दूध काफी बड़े थे | मैंने उसके ब्रा के ऊपर से उसके दूध को चाटना शुरू कर दिया |
उसके बाद मैंने उसके ब्रा को नीचे कर दिया और दूध चूसने लगा वो आंहे भरने लगी और मुझे थोडा सा रोक रही थी पर मैं सुनने वाला कहाँ था | फिर मैंने जैसे ही उसको उठाया तो उसका ब्रा फट गया और मैंने ऐसे ही उसको जमीन पर लिटाया और उसके पूरे बदन को चूमने लगा | वो पूरी तरह गरम हो गयी थी और इसी बीच मैंने उसकी जीन्स और पेंटी को भी उतार दिया और अब वो पूरी नंगी थी | फिर मैंने तुरंत उसकी चूत पर मुंह लगा दिया और चाटने लगा | वो आआहाआह ऊउन्न् आहाहाह ऊउम्म्म ऊनंह अआहा आअह्ह्हाअ अहहहः अहहाआअ ऊउन्न ऊउम्म्ह आआनाहा ऊउन्न्ह ऊम्म्ह आहाहाहा ऊनंह ऊउम्ह आहाहहा ऊउन्न्ह ऊउम्म्ह अहहहः आआहाआह ऊउन्न् आहाहाह ऊउम्म्म ऊनंह अआहा आअह्ह्हाअ अहहहः अहहाआअ ऊउन्न ऊउम्म्ह आआनाहा ऊउन्न्ह ऊम्म्ह आहाहाहा ऊनंह ऊउम्ह आहाहहा ऊउन्न्ह ऊउम्म्ह अहहहः की आवाज़ निकालने लगी | फिर मैंने कहा यार मेरा लंड भी तड़प रहा है तो वो उठी और तुरंत मेरे लंड को चूसने लगी और मेरे मुंह से आआहाआह ऊउन्न् आहाहाह ऊउम्म्म ऊनंह अआहा आअह्ह्हाअ अहहहः अहहाआअ ऊउन्न ऊउम्म्ह आआनाहा ऊउन्न्ह ऊम्म्ह आहाहाहा ऊनंह ऊउम्ह आहाहहा ऊउन्न्ह ऊउम्म्ह अहहहः आआहाआह ऊउन्न् आहाहाह ऊउम्म्म ऊनंह अआहा आअह्ह्हाअ अहहहः अहहाआअ ऊउन्न ऊउम्म्ह आआनाहा ऊउन्न्ह ऊम्म्ह आहाहाहा ऊनंह ऊउम्ह आहाहहा ऊउन्न्ह ऊउम्म्ह अहहहः निकलने लगी |
जैसे ही उसने चूस लिया मैंने तुरंत उसकी चूत में अपना लंड डाल दिया और वो कहने लगी निकालो दर्द हो रहा है | पर मैंने अपनी चुदाई जारी रखी पहले मैंने धीरे धीरे पूरा लंड अन्दर किया और फिर चुदाई रफ़्तार से करने लगा | वो अब थोड़ी शांत हो गयी थी | पर हम दोनों का पहली बार था तो हमने सिर्फ दस मिनट तक चुदाई की और झड़ गए | पर बाद में हमने चुदाई के सारे रिकॉर्ड तोड़ दिए |