पुलिस लॉकअप में चोरनी की चूत को फाड़ा

आज का समय बड़ा ही मादरचोद है साला किसी की मदद करो तो साला गांड ही मार लेता है | मैंने कई बार ऐसा देखा है | एक बार कि बात है मैंने एक लड़की को छेड़ने से बचाया और पुलिस केस हुआ तो उसने कहा सिर इस लड़के ने किया है सब और मेरी गांड टूट गयी फ्री में | मादरचोद क्या ज़माना है भलाई करो और लोग अपनी ही पीठ पर चुरा मारते है | अपना नाम है अली भाई बोले तो अपन एक दम बिंदास इंसान है क्यूंकि अपनी लाइफ में लड़की नाम का काँटा नहीं है | अपना गेराज है और अपन रेसिंग भी करते हैं | अपने पास सो पंटर लोग है जो अपना गेराज सँभालते है और दोस्त ऐसा है कि आज टक अपन कोई रचे नहीं हारे | जभी रचे स्टार्ट होता है न अपन एकदम लास्ट में एंट्री मारते हैं पर फर्स्ट नंबर अपना ही रहता है हमेशा से |

मेरे जैसी स्पीड मतलब एक दम महीन | वो हंसिका ताई जैसे वडा पाव कि चटनी पीसती है ना बिलकुल वैसे ही महीन | मैंने कभी सोचा नहीं था क्या होगा मेरा पर मेरा अच्छा कट रहा है | पूरे शहर में अपने से ज्यादा अच्छी बीके कोई नहीं बनाता | अपने गेराज मैं पूरे शहर के बड़े बड़े लोग आते है और एक बार कि बात है एक मेमसाब आई और उनकी गाडी मैंने बना दी | वो अपना कुछ सामान भूल गयी थी तो वो मैं देने गया पर तब टक वो जा चुकी थी | दो दिन हो गए कोई लेने नहीं आया अपने पंटर लोगों को लगा कि अन्दर कुछ गड़बड़ है बाबा | तो उनलोगों ने खोल के देखा तो उसमे बहुत सारा पैसा था | अपनी तो गांड फट गयी थी क्यूंकि इतना सारा पैसा तो अपनी प्पोरी लाइफ में कभी नहीं देखा था |

मुझे लगा कि कई बार ऐसा होता है बड़े लोग हैं होगा कुछ न कुछ | फिर हम लोग चले गए खाना खाने और जब लौटे तो देखा कि पोलिस ने गेराज को घेर रखा है और जैसे उन्होंने ने पूछा कि अली कौन है तो सबने मेरी तरफ इशारा कर दिया | मेरी गांड फट गयी कि क्या हो गया | इंस्पेक्टर देव था उस बन्दे का नाम जिसने मेरे हाथ में हत्कड़ी डाली थी | वो मुझसे कह रहा था साले चोरी का माल छुपाता है और चोरी करता है बाइक से | मैंने कहा मैं एक छोटा सा आदमी हूँ मुझे इन सब चीजों के बारे में कुछ नहीं पता | उनलोगों ने मुझे बहुत मारा और कहा सच बता नहीं तो और मारेंगे | दो दिन मार खाने के बाद एक और बड़ा अफसर आया उसने मुझसे पूछताछ की उसका ना सचिन था |

सचिन: बताओ अली क्यों किया तुमने ऐसा ?

अरे मैंने कुछ नहीं किया है वो मैडम पैसे चोद के गयी गाडी बनवाने आई थी |

सचिन: अच तुम रेसिंग करते हो ?

सचिन: अगली चोरी कहाँ होगी ?

अरे मुझे क्या पता कहाँ होगी ?

उस्त्ने में ही एक पुलिसवाला आया और कहा अगली चोरी हो गयी है सर और इसके पैसे जो हमने वहां रखे थे वो भी गायब हैं | मैंने कहा लो देख लो !! इतनी देर से कह रहा था पर कोई मेरी बातें मान ही नहीं रहा था | वो दिन तो निकल गया पर उसके बाद पुलिस वाले मेरे पास आये और कहाँ वो लोग तेज़ हैं और तुम भी तेज़ हो तो हमारी मदद करनी पड़ेगी | मैंने कहा इसमें मेरा क्या फायदा तो सचिन ने कहा तुझे पुलिस वाला बना दूंगा | मैंने कहा फिर ठीक है | तो अगले दिन हमे एक चिठ्ठी मिली जिसमे लिखा था अगली चोरी होगी बैंक में | हम लोग वहां भेस बदलकर खड़े थे | कुछ लोग अन्दर गए और एकदम से बाइक्स कि आवाज़ सुनाई दी | मैंने भी अपनी बाइक उठाई और निकल पड़ा उनके पीछे | पता नहीं उनकी बाइक में था क्या साला हवा से भी तेज़ थी | मैंने सचिन को कहा वो लोग ३०० के पार हैं और अपन २६० से ऊपर जा नहीं सकते | उसने तुरंत मुझसे कहा बैलेंस बना | उसने गोली चलायी तो एक बाइक सवार गिर गया | फिर उसने मुझे कहा अली इसको उठा उतने में दूसरे ने आके अपनी बाइक पर उसको उठा लिया और निकल गया | फिर मुझे उसकी बाइक मिल गयी और मैंने उसके अस्थि पंजर खोल डाले | मुझे सब पता चल गया था और इस बाइक में मुझे एक चैन मिली वैसी ही जैसी उस मैडम ने अपने हाथ में पहनी थी | मैंने सचिन को बता दिया तो उसने छानबीन शुरू की | मुझे पता चल गया था वो कहाँ रहती है और क्या करती है और उसके बाद मुझे सब कुछ समाज आने लगा | ये लोग फसा के मुझे अपने साथ शामिल करना चाहते थे | सचिन को भी ये बात समझ आ गयी थी और मुझे अब गलत नहीं समझता था | उसने कहा अली इस लड़की को छोड़ना मत और मैंने कहा बहुत पुराना हिसाब है चुकता ज़रूर करूँगा |

मैंने सोच लिया था साली कि ऐसी चूत मरूँगा कि रोते हुए बोलेगी बस करो मुझे माफ़ कर दो | पर मुझे पता नहीं था वो मौका आने वाला है | क्यूंकि सचिन ने नाकाबंदी कर रखी थी और मुझे भी अच्छा खासा अनुभव था कि चोर आखिर भाग कहा से सकता है | उसके बाद वो मुझे कहने लगा अली आज मौका है वो लोग आते ही होंगे | मैंने कहा सचिन मुझे लगता है वो यहाँ से नहीं आएंगे | उसने पूछा क्यों तो मैंने कहा कि जंगले से एक छोटा सा रास्ता है जो सीधा हाईवे पर मिलता है | तो उसने कहा नहीं वो यही से आयेंगे | मैंने भी कह दिया ठीक है मैं दस आदमी लेके वहां जाता हूँ और अगर वो वह से आये तो मैं खड़ा रहूँगा उनके स्वागत के लिए | उसने कहा ठीक है चले जाओ पर ध्यान रखना जान से मत मारना | हमलोग वहां पहुँच गए और तीन घंटे इंतज़ार करने के बाद भी मुझे नहीं लगा कि वो लोग यहाँ से आयेंगे | फिर जैसे ही हमलोग जाने लगे मुझे बाइक कि आवाज़ सुनाई दी और मैंने रास्ता बंद कर दिया | वो लोग इतने तेज़ थे कि नाकाबंदी तोड़ के निकल गए | पर एक बेचारी मछली मेरे जाल में फस चुकी थी | ये और कोई नहीं वही मैडम थी जो मेरे गेराज में आई थी और मुझे फसा के चली गयी थी | साली इस बार मौका मिला था इससे बदला लेने का | मैंने उसे उठाया और हाथ बंद के थाने ले गया |

फिर मैंने उससे पूच्च्ना शुरू किया कि कौन हो तू और किसके लिए काम करती हो | उसने कुछ भी नहीं बताया और यहाँ वह कि बातिएँ करने लगी | हमारा जेल बड़ा ही मस्त था अगर कोई भी बाँदा अन्दर जाए तो किसी ओ पता नहीं चलता था | मैंने इस चीज़ का फायदा उठाने का सोचा और सचिन को बता दिया कि भाई आज अन्दर अपन सुहागरात मनाएंगे आप सबको भेज दो | उसने भी कहा ठीक है कुछ भी कर पर मुझे तो बस सबूत चाहिए | मैंने कहा वो आपको मिल जाएँगे |

मैं रात को अन्दर गया और उससे पूछना चालू किया और वू कुछ भी नहीं बता रही थी | फिर मैंने उससे कहा जानेमन मैं दूसरा तरीका अपनाऊं इससे पहले बता दो | उसने कहा नहीं बड़ी कटीली थी साली | मैंने उसके लिप्स पे किस करना चालू कर दिया और वो मुझे हटा रही थी | पर थोड़ी देर तक मैं करता रहा और वो गरम होने लगी थी | अब वो मुझसे खुद किस करवा रही थी और कर भी रही थी | फिर मैंने धीरे धीरे उसके टॉप के अन्दर हाथ डालके उसके दूध को मसलना शुरू किया | फिर उसके बाद मैं उसके निप्पल को दबाने लगा | वो भी उम्म्म्मम्म्म्मम्म्म्म आअह्ह्ह्ह उम्म्मम्म्म्मम्म्म्म ऊऊऊह्हह्हह्हह्हह्ह आआह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह् उम्म्म्मम्म्म्मम्म्म्म आअह्ह्ह्ह उम्म्मम्म्म्मम्म्म्म ऊऊऊह्हह्हह्हह्हह्ह आआह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह् करने लगी | फिर मैंने उसके हाथ होल और अब वो मेरा लंड ऊपर से सहला रही थी और मेरे ननिप्पल्स को चाट रही थी | मैंने भी अपना लंड बाहर निकाला और उसके हाथ में थमा दिया | वो अब मेरे लंड को मस्ती में चूस रही थी और मुझे लग रहा था जैसे ये पहले भी ऐसा कर चुकी है | पर मुझे क्या मैं मस्त उम्म्म्मम्म्म्मम्म्म्म आअह्ह्ह्ह उम्म्मम्म्म्मम्म्म्म ऊऊऊह्हह्हह्हह्हह्ह आआह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह् उम्म्म्मम्म्म्मम्म्म्म आअह्ह्ह्ह उम्म्मम्म्म्मम्म्म्म ऊऊऊह्हह्हह्हह्हह्ह आआह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह् कर रहा था |

फिर मैंने उसको पूरा नंगा किया और उसकी चोट को देखा था तो क्या बनावट थी उसकी चूत की | मैंने तुरंत अपना मुह उसपे लगा दिया और चाटने लगा और उससे पूछता भी रहा कि किसने किया ये | वो थोड़ी देर टक तो कुछ नहीं बोली पार तीन घंटे चाटने के बाद वो लस्त पड़ गयी थी | उसके बाद उसने सब कुछ बक दिया | फिर मैंने शुरू कि उसकी चुदाई और सारा गुस्सा उसकी चूत में निकाला | वो उम्म्म्मम्म्म्मम्म्म्म आअह्ह्ह्ह उम्म्मम्म्म्मम्म्म्म ऊऊऊह्हह्हह्हह्हह्ह आआह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह् उम्म्म्मम्म्म्मम्म्म्म आअह्ह्ह्ह उम्म्मम्म्म्मम्म्म्म ऊऊऊह्हह्हह्हह्हह्ह आआह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह् करती रह गयी और में उसे सुबह टक चोदता रहा | सुबह सचिन को मैंने सबूत दे दिए और अब मैं पुलिस वाला हूँ |

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