kamukta, antarvasna
मेरा नाम अजय है मैं जोधपुर का रहने वाला हूं, मेरी उम्र 32 वर्ष है लेकिन मैंने अभी तक शादी नहीं की है, मैं एक अच्छी लड़की के सपने हमेशा ही देखता हूं। मेरे घरवालों ने मुझे कई लड़कियों से मिलवाया परंतु मुझे कोई भी लड़की पसंद नहीं आई। मेरे परिवार वाले हमेशा ही मुझे कहते हैं कि तुम्हें कैसी लड़की चाहिए, तुम अब जल्दी शादी कर लो। वह लोग मेरी शादी को लेकर बहुत ही चिंतित और परेशान हैं मेरे घर में जो भी आता है वह हमेशा ही मुझसे मेरी शादी के बारे में जिक्र करता है, मैं उन्हें हमेशा ही टालने की कोशिश करता हूं और कहता हूं आप लोग मुझसे मेरी शादी के बारे में बात मत किया कीजिए मुझे बिल्कुल भी अच्छा नहीं लगता।
एक दिन मैं अपने घर से बाहर जा रहा था तो मैंने देखा की सामने एक बुजुर्ग व्यक्ति मुझे बड़े ध्यान से देख रहे हैं, मुझे उस दिन उन्हें देखकर थोड़ा अजीब सा लगा, मैं सोचने लगा कि यह मुझे ऐसे क्यों देख रहे हैं। मैं सीधे ही अपने काम से चला गया, जब भी मैं अपने काम पर जाता तो वह हमेशा ही मुझे देखा करते हैं। वह कुछ दिनों पहले ही हमारे घर के पास रहने के लिए आए थे, मैं उनके बारे में ज्यादा कुछ नहीं जानता था इसीलिए एक दिन मैं उनके पास चला गया और मैंने उनसे पूछ लिया की आप मुझे ऐसे क्यों देखते रहते हैं, वह कहने लगे मुझे तुम्हें देखकर अपने नाती की याद आती है। मैंने उनसे कहा कि वह कहां रहता है, वह कहने लगे कि वह विदेश में रहता है और अब वह मुझसे मिलने भी नहीं आता। मैंने उनसे इसका कारण पूछा तो वह मुझे कहने लगे मैंने अपने लड़के को अपनी जायदाद से बेदखल कर दिया था और उसके बाद से उन लोगों ने मुझसे संबंध ही तोड़ लिया है। मैंने उनसे पूछा की आप किसके सहारे अपना जीवन काट रहे हैं, वह मुझे कहने लगे मेरी एक लड़की है वही कभी कबार मुझे मिलने के लिए आ जाती है। मुझे यह सुनकर थोड़ा अजीब सा लगा, मैंने उनसे पूछा कि आप पहले कहां रहते थे, वह कहने लगे मैं इससे पहले दिल्ली में रहता था और अब मैं यही रहने लगा हूं, यह घर मैंने काफी समय पहले खरीद लिया था। मैंने उनसे कहा कि यहां पर तो कोई भी नहीं रहता था मैंने आपको यहां पर अकेले ही रहते हुए देखा है। उन बुजुर्ग व्यक्ति की आंखों मे बहुत ही दुख था।
मैंने उनसे कहा मैं आपके पास कभी फुर्सत से आऊंगा, उस वक्त मैं आपसे बात करूंगा अभी मैं काम से कहीं जा रहा हूं, उन्होंने कहा ठीक है तुम्हें जब भी समय हो तो तुम मेरे घर पर आ जाना, मैं तुम्हें घर पर ही मिलूंगा, मैं बहुत कम ही बाहर जाता हूं। कुछ समय बाद जब मैं उनके पास गया तो वह अपने घर पर ही थे, मैं उस दिन उनके साथ ही बैठ गया। वह मेरा नाम भी जान गए थे और कहने लगे क्या बात है आज तुम बहुत ही बन ठन कर जा रहे हो, मैंने उन्हें बताया मेरे परिवार वाले मेरे लिए लड़की देख रहे हैं लेकिन मुझे कहीं भी कोई लड़की पसंद नहीं आ रही और मैं अभी लड़की वालों के घर से ही वापस घर आ रहा हूं, मैं घर पर ही बैठा हुआ था तो सोचा आपको भी मिल लूं। वह मुझे कहने लगे यह तो तुमने बहुत अच्छा किया कि तुम मुझसे मिलने आ गए, मैं भी घर पर बोर हो रहा था। हम दोनों आपस में बात कर रहे थे और बातों बातों में उन्होंने मुझे कहा कि मैं तुम्हें अपने नाती की तस्वीर दिखाता हूं। उन्होंने जब मुझे उसकी तस्वीर दिखाइए तो लगभग उसकी शक्ल मेरे जैसे ही मिलती जुलती थी। मैंने अंकल से कहा कि इसकी शक्ल तो बिलकुल मेरे जैसे ही मिलती जुलती है, वह कहने लगे इसीलिए तो मैं तुम्हें हमेशा देखा करता था, मुझे ऐसा लगता कि जैसे मैं अपने नाती को देख रहा हूं। उस दिन उन्होंने मुझसे अपनी बात कही और वह कहने लगे कि मेरे लड़के का परिवार थोड़ा ठीक नहीं था मैं उसे कुछ भी कहता तो वह हमेशा ही मेरी बातों को नकार देता था इसीलिए मैंने भी उसे कई बार समझाने की कोशिश की लेकिन जब एक बार उसने मुझसे कहा कि मैं किसी और महिला से प्यार करता हूं तो मैं बहुत ज्यादा दुखी हुआ, उसकी शादी हो चुकी थी इस वजह से मैं उसकी यह बात सुनकर बहुत ही दुखी हुआ क्योंकि मेरी बहू का देहांत काफी समय पहले हो चुका था और मेरे नाती की देखभाल करने के लिए कोई भी नहीं था। मैंने उसे कई बार समझाया और कहा कि तुम यह निर्णय मत लो क्योंकि कोई भी औरत उसकी देखभाल नहीं कर पाएगी परंतु उसने मेरी बात नहीं सुनी और उस महिला से शादी कर ली।
उसके बाद से तो मेरे नाती सुधांशु की जिंदगी बर्बाद हो चुकी है, वह बहुत ही दुखी रहता है, मैंने कई बार उसे कहा कि तुम मेरे पास आ जाओ लेकिन वह यहां आने को भी तैयार नहीं है, वह अब अलग रहता है मैं कई बार सोचता हूं कि काश वह मेरे पास आ जाता तो मुझे भी मेरे बुढ़ापे का सहारा मिल जाता और वह भी मेरे पास रहता तो उसे भी अच्छा लगता। वह भक्ति भाव मन से यह बात कह रहे थे, मैंने उन्हें सांत्वना दी और कहा कि आप चिंता मत कीजिए वह जरूर आपके पास एक दिन लौट आएगा। मैंने उनसे यह भी पूछा कि क्या अब आप अपने लड़के से कोई भी संपर्क नहीं रखते, वह कहने लगे नहीं उससे मेरा कोई भी संपर्क नहीं है क्योंकि मैंने उसे पहले ही समझा दिया था, उसके बाद भी उसने मेरी बात का सम्मान नहीं किया और अपनी ही मर्जी से दूसरी महिला से शादी कर ली, इस बात से मैं बहुत ही दुखी हूं। मै अंकल के साथ उनके घर पर ही बैठा हुआ था इतने में उनकी लड़की भी घर पर आ गई। वह मेरे पास आकर बैठी तो उनकी नजर में मुझे हवस झलक रही थी।
मैं इतना तो समझ चुका था कि इनको मेरे लंड की जरूरत है। मैं भी उनके साथ बात करने लगा और वह भी मुझसे खुलकर बात कर रही थी उस दिन वह वहीं रुकने वाली थी। मैंने अंकल से कहा मैं अभी चलता हूं। वह कहने लगे ठीक है तुम फिर कभी भी आ जाना, मैं अपने घर चला गया। जब शाम के वक्त में छत पर टहल रहा था तो उनकी लड़की ने मुझे इशारे करते हुए अपने पास बुला लिया। अंकल अपने कमरे में सो चुके थे जब मैं उनके घर पर पहुंचा तो वह मेरे साथ चिपक चिपक कर बात कर रही थी। वह अपने स्तनों को मुझसे मिला रही थी मैंने उन्हें कहा लगता है आपको मेरे लंड की आवश्यकता है। उन्होंने मुझे कसकर पकड़ लिया और दूसरे कमरे में चलने के लिए कहा। उन्होंने जब मेरी पैंट को खोलते हुए मेरे लंड को अपने मुंह के अंदर लिया तो मुझे ऐसा प्रतीत होने लगा जैसे वह ठरकी किस्म की महिला है वह मेरे लंड को अपने गले के अंदर तक ले रही थी। जब वह पूरे मूड में आ गई तो उन्होंने मुझे कहा तुम मेरी प्यास बुझा दो मैं काफी समय से भूखी बैठी हूं। मैंने उनके कपड़े उतारे उन्होंने पिंक कलर की पैंटी पहनी हुई थी, उनके बड़े बड़े स्तन और उनकी बड़ी गांड मुझे दिखाई दे रही थी। मैंने भी उनके स्तनों को अपने हाथ से दबाना शुरू किया और जब मैंने उनकी ब्रा को खोलते हुए उनके दूध से भरे हुए स्तनों को अपने मुंह में लिया तो मुझे उनको रसपान करने में बड़ा आनंद आया मैंने काफी देर तक उनके स्तनों को चूसा। मैने उन्हें बिस्तर पर लेटाया तो उनकी चूत पूरी गिली हो चुकी थी उनसे भी बिल्कुल नहीं रहा गया। मैंने जब अपने लंड को उनकी योनि पर लगाया तो उनकी योनि से गर्मी निकल रही थी और मैंने जैसे ही अपने लंड को उनकी योनि की गहराइयों में उतारा तो वह उत्तेजित हो गई। उन्होंने मुझे अपनी बाहों में पकड़ लिया और मैंने भी उन्हें अपनी बाहों से जकड़ा हुआ था। मैंने बड़ी तेज गति से उन्हें झटके दिए जिससे कि वह पूरे मूड में आ चुकी थी वह मेरा साथ देने लगी। मैंने उन्हें 15 मिनट तक झटके मारे उन झटकों के बीच में मेरा लंड भी बुरी तरीके से छिल चुका था वह भी पूरे मूड मे हो गई थी। जब मेरा वीर्य पतन होने वाला था तो मैंने उनके बड़े स्तनों के ऊपर अपने वीर्य को गिरा दिया। उन्होंने वह सारा वीर्य अपने हाथों से अपने स्तनों पर फैला लिए। उसके बाद जब भी वह आती तो हमेशा ही मैं उनके बदन को रसपान करता।