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मेरा नाम सारिका है और मैं इस वर्ष कक्षा 12वीं में हूं। मैं अपने स्कूल की सबसे होनहार छात्रा हूं। इस वजह से मेरे पिताजी भी मुझसे बहुत खुश है। क्योंकि हमारे चाचा इस वक्त हमारे स्कूल में प्रिंसिपल भी हैं। वह पहले टीचर ही थे परंतु उनका प्रमोशन हो गया है। वह हमारे स्कूल में प्रिंसिपल बन चुके हैं। इसलिए वह हमारे पिताजी को सारी जानकारियां दे दिया करते हैं कि मैं स्कूल में अच्छे से पढ़ाई कर रही हूं या नहीं। क्योंकि वह टीचरों से पूछते रहते हैं कि मैं पढ़ाई अच्छे से कर रही हूं या नहीं और वह अक्सर हमारे घर भी आते जाते रहते हैं। इसलिए वह भी चाहते हैं कि मैं स्कूल में अपना सौ प्रतिशत दूं। और पढ़ाई में अच्छे से ध्यान दू। हमारी स्कूल के सब टीचरों को पता है कि प्रिंसपल मेरे चाचा है। इस वजह से वह सब लोग मुझे बहुत ही अच्छे से पढ़ाते हैं और मुझ पर बहुत ज्यादा ध्यान देते हैं। इस वजह से मेरे दसवीं में बहुत ही अच्छे नंबर आए थे। क्योंकि उस वक्त मेरे चाचा मुझे पढ़ाया करते थे और वह टीचर थे। उनका इसी वर्ष प्रमोशन हुआ है और अब वह स्कूल के प्रिंसिपल बन चुके हैं।
मेरे चाचा हमारे पड़ोस में ही रहते हैं और वह इस वजह से अक्सर छुट्टियों में हमारे घर आ जाते हैं। जब भी उनकी छुट्टियां होती हैं तो वह पिता जी से मिलने घर आ जाया करते हैं और मेरे पापा भी उनसे उनके घर मिलने चले जाते हैं। मुझे मेरे चाचा बहुत ही अच्छा मानते हैं इसलिए वह मेरे लिए हमेशा चॉकलेट लेकर आते हैं और मुझे बहुत सारी चॉकलेट खिलाते हैं। स्कूल में तो वह मुझ से इतना बात नहीं कर सकते क्योंकि स्कूल की अपनी कुछ मर्यादाएं हैं और वहां उन्हें प्रिंसिंपल बनकर रहना पड़ता है लेकिन घर पर वह मेरे चाचा होते हैं और वह मुझसे बहुत ही मजाक मस्ती किया करते हैं। उनका नेचर बहुत ही अच्छा है और वह बहुत ही शांत स्वभाव के हैं। वह मेरे साथ बहुत ही ज्यादा मस्ती किया करते थे और मैं जब भी उनके घर जाती हूं तो वह मेरे साथ गेम भी खेलते हैं। हम लोग कभी छुट्टियों में कहीं घूमने भी जाते हैं। तो साथ में ही जाते हैं लेकिन इस वर्ष मेरी 12वीं की परीक्षा थी तो मेरे पिताजी ने मेरे चाचा से बात की और कहने लगे कि तुम उसे घर पर ही कुछ समय ट्यूशन पढ़ा लो। क्योंकि उसकी 12वीं की परीक्षा है और हम नहीं चाहते कि किसी भी तरीके से सारिका के नंबर कम आए।
मेरे पिताजी उन्हें नाम लेकर ही पुकारते थे। मेरे चाचा का नाम जयप्रकाश है। मेरे चाचा ने कहा ठीक है तुम सारिका को मेरे पास भेज देना। तो मैं आपसे उसे पढ़ा दिया करूंगा। शाम के समय मेरे पास टाइम होता है तो मैं उसे ट्यूशन दे दिया करूंगा। अब मैं अपने चाचा के पास ट्यूशन पढ़ने के लिए जाने लगी और उसी बीच हमारे स्कूल में खेलकूद प्रतियोगिता हो रही थी। जिसमें कि मैंने भी भाग लिया था। इस वजह से मैं कुछ दिनों तक चाचा के पास पढ़ने नहीं जा रही थी। क्योंकि उन्होंने ही मुझे कहा था कि तुम्हें समय नहीं मिल पाएगा जब खेलकूद प्रतियोगिताएं खत्म हो जाएंगे उसके बाद तुम मेरे पास पढ़ने आ जाना। मैंने उन्हें कहा ठीक है। मैंने भी अपने स्कूल की प्रतियोगिता में भाग लिया और हमारा स्कूल बहुत ही अच्छा खेल रहा था। मेरा भी बहुत अच्छा खेल गुजर रहा था। मैंने बैडमिंटन में और साइकिल प्रतियोगिता में हिस्सा लिया था। जिसमें कि मैं फर्स्ट आई थी और मुझे उस के लिए सम्मानित भी किया गया था। मैं बहुत ही खुश थी और मेरे चाचा ने मुझे सम्मानित किया था। उन्होंने मुझे एक ट्रॉफी दी। जो मुझे स्कूल की तरफ से मिली थी। जब मैं वह अपने पिताजी को दिखाई तो वह बहुत खुश हुए और कहने लगे की हम तुम्हारी इस कामयाबी पर बहुत खुश हैं। अब जब खेलकूद प्रतियोगिता खत्म हो गई तो उसके बाद मैं चाचा के पास पढ़ने के लिए जाने लगी और मेरी पढ़ाई बहुत ही अच्छे से चल रही थी। मैं अब अपनी पढ़ाई पर पूरा ध्यान दे रही थी।
मैं अपने चाचा के पास पढ़ने के लिए हमेशा की तरह उसी समय पर जाती थी और उस दिन भी मैं अपने चाचा के पास पढ़ने के लिए गई हुई थी। जब मै अपने चाचा के पास पढने गई तो उन्होंने मुझे चॉकलेट दी और कहने लगे आज तुम बहुत ही अच्छी लग रही हो। वह मुझे पढ़ाने लगे पढ़ाते पढ़ाते उन्हें पता नहीं क्या हो गया। उन्होंने मेरे स्तनों को दबाना शुरु कर दिया और वह मेरे स्तनों को दबाए जा रहे थे। मैंने उन्हें कुछ नहीं बोला क्योंकि मुझे भी मज़ा आ रहा था। मैंने जब उनसे पूछा कि आप ऐसा क्यों कर रहे हैं तो वह कहने लगी कि आज मैंने ब्लू फिल्म देखी है। इस वजह से मेरी उत्तेजना बढ़ गई है और मेरी पत्नी भी घर पर नहीं है मुझे अपने माल को तो कहीं गिराना ही है। इस वजह से मैं तुम्हारे अंदर आज अपने गर्मी को निकालना चाहता हूं। यह कहते हुए वह मेरे स्तनों को दबाने लगे मुझे भी बहुत मज़ा आने लगा और वह कहने लगे कि मैं तुम्हें बहुत सारी चॉकलेट दूंगा।
अब उन्होंने मेरे स्तनों को बड़ी तेजी से दबाना शुरु किया और मेरे होठों को किस कर लिया। उन्होंने मेरे होठों को किस किया तो मुझे भी बहुत अच्छा लग रहा था। जैसे ही उन्होंने अपने कपड़े खोले तो उनकी छाती पर बहुत सारे बाल थे और उनका पेट भी थोड़ा सा बाहर की तरफ को निकला हुआ था। लेकिन मुझे उन्हें देख कर बहुत ही अच्छा लग रहा था। जब उन्होंने अपने मोटे लंड को बाहर निकाला तो मैं वह देखकर बहुत ही खुश हो गई। मैंने तुरंत ही उसे अपने मुंह में समा लिया और बहुत अच्छे से चूसने लगी। मैं अच्छे से उनके लंड को अपने मुंह के अंदर ले रही थी। वह भी बहुत खुश हो रहे थे और कहने लगे तुम तो बहुत ही अच्छे से मेरे लंड को अपने मुंह के अंदर समा रही हो। उन्होंने मेरे गले के अंदर तक अपने लंड को डाल दिया और उन्होंने मेरे कपड़े खोलते हुए मेरे स्तन को चाटना शुरू किया। वह मेरे होठों को किस कर रहे थे उसके बाद उन्होंने मेरे छोटे स्तनों को अपने मुंह के अंदर तक ले लिया और मेरे मुलायम स्तनों पर उन्होंने दांत भी मार दिए। मेरे चाचा की उत्तेजना पूरे चरम सीमा तक पहुंच चुकी थी और वह मेरे स्तनों पर बहुत ज्यादा दांत मार रहे थे।
उन्होंने मेरे दोनों पैरों को चौड़ा किया और अपने मोटे लंड को जैसे ही उन्होंने मेरी योनि के अंदर डाला तो वैसे ही मेरे खून की पिचकारी सीधा ही उनके लंड पर गिर पड़ी। उन्होंने बड़ी तीव्रता से मुझे चोदना शुरू कर दिया। वह इतनी तेज झटके मार रहे थे मुझे ऐसा लग रहा था कि कहीं मैं बेहोश ना हो जाऊं। लेकिन धीरे-धीरे मुझे बहुत अच्छा लगने लगा और मैं भी उनका पूरा साथ देने लगी मैं भी उत्तेजित होती चली गई। उनका लंड मेरे पूरे अंदर तक जा रहा था और मुझे ऐसा लग रहा था जैसे उनका लंड बहुत ज्यादा लंबा है। वह अपने लंड को अंदर बाहर करते जाते तो मेरे चूत से पानी निकलता जाता। मेरी योनि से इतनी तीव्र गति से पानी निकल रहा था कि अब मुझे बिल्कुल पता भी नहीं चल रहा था कि उनका लंड अंदर बाहर हो रहा है। लेकिन मुझे एक अलग ही आनंद आ रहा था और मेरे शरीर के अंदर से करंट छूट रहा था। मेरे शरीर से इतना करंट जैसा निकल रहा था कि मुझे बहुत ही मजा आने लगा और उन्होंने मेरे स्तनों को अपने मुंह में ले लिया।
वह मुझे ऐसे ही चोद रहे थे काफी देर तक उन्होंने इसी पोज में मुझे चोदना जारी रखा। लेकिन थोड़ी देर बाद उन्होंने मुझे अपने ऊपर बैठा दिया। जैसे ही मैं उनके लंड के ऊपर बैठी तो मुझे बड़ा ही मज़ा आने लगा। मैं अपनी चूतड़ों को ऊपर-नीचे करती जाती। जब मैं अपने चूतडो को ऊपर नीचे करती तो मुझे बड़ा मजा आ रहा था। वह कह रहे थे तुम बहुत ही जवान हो चुकी हो जिस प्रकार से तुम अपनी चूतडो को ऊपर नीचे कर रही हो मैं उससे बहुत ही ज्यादा खुश हूं। यह कहते हुए उन्होंने मेरे स्तनों को अपने मुंह में ले लिया और मुझे बड़ी तीव्र गति से झटके मारने लगे। वही मेरा शरीर कमजोर पड़ने लगा मुझे ऐसा लगने लगा जैसे मेरी योनि से कुछ ज्यादा ही चिपचिपा कुछ बाहर निकलने लगा है। मैंने अपने दोनों पैरों को कस कर टाइट कर लिया जिससे कि उनका वीर्य मेरी चूत के अंदर ही गिर गया और उन्हें बहुत ही अच्छा महसूस हुआ। वह काफी देर तक मुझे ऐसे ही पकड़ कर लेटे हुए थे और बहुत ही ज्यादा खुश नजर आ रहे थे।