अपनी प्रियंका को प्यार करना सिखाया

kamukta, antarvasna

मेरा नाम अंकित है मैं चंडीगढ़ में रहता हूं, मेरे पिताजी चंडीगढ़ में बैंक में काम करते हैं और मेरे कॉलेज की पढ़ाई भी इसी वर्ष पूरी हुई है इसलिए मैं घर पर ही रहकर अपने बैंक की तैयारी कर रहा हूं क्योंकि मैं चाहता हूं कि मैं अपने पिताजी की तरह बैंक में ही काम करूं इसीलिए मैं अपनी बैंक की तैयारी कर रहा हूं। मेरे पिताजी चाहते हैं कि मैं भी बैंक में ही नौकरी करू। मेरी छोटी बहन अभी कॉलेज में पढ़ रही है और मेरी मां घर का काम संभालती है। एक बार हमारे पड़ोस में कुछ नए लोग रहने के लिए आए, उन्होंने अभी कुछ समय पहले ही हमारे पड़ोस में घर लिया है लेकिन वह हम लोगों से ज्यादा परिचित नहीं है इसलिए हम लोग अभी उनसे ज्यादा बात नहीं करते हैं और उन्हें हमारी कॉलोनी में आए हुए कुछ ही समय हुआ है। मैं भी अपनी पढ़ाई में लग रहता हूं।

एक दिन मैं छत पर था तो उस वक्त उनके कुछ कपड़े हमारे छत पर उड़कर आ गए और कुछ देर बाद उनकी लड़की भी छत पर आ गई,  वह मुझसे कहने लगी कि क्या आप यह कपड़े मुझे दे सकते हैं। मैंने वह कपड़े उसे दिए और उसके बाद उसने मुझे धन्यवाद कहा। वह मुझसे पूछने लगी कि आप क्या करते हैं, मैंने उसे कहा कि मेरे कॉलेज की पढ़ाई पूरी हो चुकी है और मैं बैंक की तैयारी कर रहा हूं। मैंने उसे उसका नाम पूछा  तो उसने मुझे अपना नाम बताया, उसका नाम प्रियंका है। मैंने उससे पूछा कि आप क्या करते हैं, तो वह कहने लगी कि मैं अभी कॉलेज की पढ़ाई कर रही हूं। अब मेरी बात प्रियंका से होने लगी थी और वह मुझे अच्छी भी लगती थी लेकिन मेरी प्रियंका से इतनी भी बात नहीं होती थी कि मैं उसे अपनी फीलिंग बता सकूं। जब भी वह मुझे मिलती है तो हमेशा ही मुझसे बात करती थी। मुझे कई बार लगता था कि प्रियंका इतनी सुंदर है, कहीं उसका कोई बॉयफ्रेंड होगा हुआ और मैंने उसे अपने दिल की बात बताई तो कहीं उसे बुरा ना लग जाए, इसी वजह से मैं प्रियंका से इस बारे में कुछ भी बात नहीं कर रहा था। एक दिन मैं अपने घर से बाहर सामान लेने के लिए जा रहा था तो उस दिन प्रियंका भी मुझे रास्ते में मिल गई और वह कहने लगी आप कहां जा रहे हैं, मैंने उसे कहा कि मैं अपने काम से जा रहा हूं।

मैंने उसे पूछा कि क्या मैं तुम्हें तुम्हारे कॉलेज छोड़ दूं, वह कहने लगी हां मुझे मेरे कॉलेज तक आप छोड़ दो। मैं प्रियंका के कॉलेज उसे छोड़ने के लिए चला गया, जब मैं उसे छोड़ने गया तो प्रियंका ने मुझे अपने दोस्तों से भी मिलवाया। उसके दोस्त बहुत ही अच्छे हैं और मैं उनसे मिलकर बहुत खुश हुआ। मैंने प्रियंका से कहा कि तुम्हारे दोस्तों बहुत अच्छे है। मैंने प्रियंका से कहा कि मैं जा रहा हूं और जाते जाते मैंने प्रियंका से उसका नंबर ले लिया। मैंने अब प्रियंका का नंबर ले लिया था और मैं वहां से अपने काम पर चला गया। उसके बाद मैं घर लौट कर आया तो मैंने प्रियंका को फोन कर दिया, जब मैंने प्रियंका को फोन किया तो वह भी घर पर ही थी और मुझे कहने लगी क्या आपको कुछ काम है, मैंने उसे कहा कि नहीं मुझे कुछ भी काम नहीं है, मेरा मन था तो मैंने तुम्हें ऐसे ही फोन कर दिया। प्रियंका बहुत ही खुश थी और कह रही थी कि मुझे आपसे बात करना अच्छा लगता है, मैंने प्रियंका से कहा कि मैं भी जब तुमसे बात करता हूं तो मुझे बहुत खुशी होती है। मैंने उस दिन प्रियंका से पूछ लिया, क्या तुम्हारा कोई बॉयफ्रेंड है, वह कहने लगी नहीं मेरा कोई भी बॉयफ्रेंड नहीं है। जब यह बात उसने मुझसे कही तो मुझे बहुत अच्छा लगा और मैंने उस दिन प्रियंका से अपने दिल की बात कह दी। प्रियंका भी मुझे अच्छा मानती थी इसलिए हम दोनों एक दूसरे के साथ खुश है और अब हम दोनों आपस में बातें करने लगे थे। हम दोनों की बातें बहुत होती थी जिस वजह से मेरी मम्मी मुझे कई बार कहती कि तुम अपने फ्यूचर के बारे में सोच लो, यह फोन पर बात करने से तुम्हारा भला नहीं होने वाला लेकिन मैं प्रियंका से बात किए बिना रह नहीं सकता था इसलिए मैं उसे हमेशा ही फोन कर देता और प्रियंका भी मुझसे बहुत बात करती हैं। हम दोनों साथ में घूमने भी जाते थे और जब उसका मन मूवी देखने का होता तो उस समय वह मूवी की टिकट ले लेती है और मुझे फोन करके कहती कि मैंने आज मूवी की टिकट ले ली है, तुम भी घर से जल्दी आ जाओ।

मैं जब भी उसके साथ मूवी देखता था तो मुझे बहुत अच्छा लगता था। जब मैं मूवी देखते हुए उसके हाथों को अपने हाथ में लेता तो मुझे बहुत ही अच्छा महसूस होता था और वह भी बहुत खुश होती थी। हम दोनों का रिलेशन अब इतना बढ़ चुका था कि हमारे घर में भी इसके बारे में पता चल गया। मेरे पिताजी मुझे समझाने लगे कि बेटा पहले तुम कुछ कर लो उसके बाद ही प्रियंका से तुम बात करना इसलिए मैंने भी सोच लिया था कि मैं जल्दी से अपने बैंक की तैयारी करके बैंक में सेलेक्ट हो जाऊं तो उसके बाद मेरे घर वाले भी मुझे प्रियंका से मिलने से नहीं रोकेंगे और ना ही उन्हें किसी प्रकार की कोई आपत्ति होगी इसीलिए मैं अपनी तैयारी में लगा हुआ था। प्रियंका भी हमारे घर पर आती थी। मेरे घर वालों को उससे किसी भी प्रकार की आपत्ति नहीं थी लेकिन मेरे घरवाले सिर्फ इतना चाहते थे कि मैं अपनी तैयारी अच्छे से करूं, उसमें किसी भी प्रकार की कोई समस्या ना हो। एक दिन प्रियंका हमारे घर पर आई उस दिन मेरे घर पर कोई भी नहीं था। प्रियंका और में बैठे हुए थे प्रियंका मुझसे पूछने लगी तुम्हारी पढ़ाई कैसी चल रही है। मैंने उसे बताया कि मेरी पढ़ाई बहुत अच्छी से चल रही है।

हम दोनों ही एक-दूसरे के सामने बैठे हुए थे उसने जो टीशर्ट पहनी हुई थी उस से उसके स्तन बहुत बाहर दिखाई दे रहे थे मैं उसके स्तनों को देख रहा था। जब वह खड़ी हुई तो मैंने उसे कसकर पकड़ लिया। उसकी गांड मुझसे टकरा रही थी और मुझे बहुत अच्छा महसूस हो रहा था। मैंने भी अपने लंड को बाहर निकालते हुए प्रियंका के मुंह में डाल दिया और वह मेरे लंड को अपने मुंह में लेकर चूस रही थी। मुझे भी बहुत अच्छा महसूस होता और उसे भी बहुत अच्छा लग रहा था। मैंने उसे नंगा कर दिया जब मैंने उसकी चूत को देखा तो उस पर एक भी बाल नहीं था। मैंने उसकी योनि को चाटना शुरू कर दिया और काफी देर तक मैंने उसकी योनि को चाटा। उसकी योनि से पानी बाहर निकलने लगा और मैंने भी अपने लंड को प्रियंका की योनि में डाल दिया। जैसे ही मेरा लंड प्रियंका की योनि में गया तो मुझे बहुत अच्छा महसूस होने लगा और वह भी बहुत खुश हो गई। मैंने उसके दोनों पैरों को कसकर पकड़ लिया और बड़ी तेजी से में उसे झटके देने लगा। मैंने प्रियंका को इतनी तेजी से धक्के मारे कि उसका पूरा शरीर हिल जाता। वह मुझे कहती कि तुम मुझे इतनी तेजी से धक्के दे रहे हो मुझे बहुत अच्छा लग रहा है। वह बहुत ही खुश हो रही थी और मुझे भी बहुत अच्छा लग रहा था वह अपने मुंह से सिसकियां लेती। वह मुझे कहती कि तुम जिस प्रकार से मुझे चोद रहे हो मुझे बहुत अच्छा लग रहा है। मैंने अपने लंड को प्रियंका की योनि से बाहर निकाला तो उसकी योनि से खून निकल रहा था। मैंने उसे घोडी बना दिया उसे घोड़ी बनाते ही मैने उसकी योनि में अपने लंड को डाल दिया। जब मेरा लंड प्रियंका की योनि में घुसा तो उसे बहुत अच्छा लगने लगा और वह चिल्लाने लगी। वह मुझे कहने लगी कि मुझे बहुत ज्यादा दर्द हो रहा है जब तुम मुझे धक्के मार रहे हो लेकिन मुझे बहुत अच्छा महसूस हो रहा था जब मैं उसे झटके दिए जा रहा था। वह भी बहुत खुश हो रही थी वह कह रही थी तुम जिस प्रकार से मुझे चोदे जा रहे हो मुझे बहुत अच्छा लग रहा है। हम दोनों के शरीर से अब इतनी गर्मी बाहर आने लगी थी कि हम दोनों एक दूसरे की गर्मी को बिल्कुल भी झेल नहीं पा रहे थे। जब मेरा माल प्रियंका की योनि में गया तो उसे बहुत अच्छा महसूस होने लगा।

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