नमस्कार दोस्तों कैसे हो आप लोग | आशा करता हूँ की आप लोग सब मस्ती में होंगे और रोज सेक्सी कहानियो को पढते होंगे | यो दोस्तों मैं आज आप को एक सच्ची घटना बताने जा रहा हूँ अपने जीवन पर बीती हुई उससे पहले आप लोग थोडा मेरे बारे में जान लीजिये फिर मैं आप लोगो को कहानी की और ले चलता हूँ |
दोस्तों मेरा नाम अमित सिंह है | मैं हापुड़ का रहने वाला हूँ | मेरे घर में मेरे मम्मी-पापा और एक बड़ी बहन रहती है | पापा मेरे टीचर है और मम्मी एक सीधी-सादी हाउसवाइफ है | दोस्तों इस कहानी में मैं आप लोगो को यह बताऊंगा की कैसे मैंने अपने जीजा जी की बहन को चोदा | तो चलिए दोस्तों मैं आप लोगो को अपनी ज्यादा बकवास न सुना कर सीधा कहानी की और ले चलता हूँ | जिससे की आप लोगो की झांटे न फायर न हो |
तो दोस्तों ये बात उस समय की है जब मै और मेरी दीदी अपनी पढाई अपने ही शहर में कर रहा था | मैं 10 क्लास में था और मेरी बढ़ी बहन 11 क्लास में थी | हमारा कॉलेज हमरे घर से कुछ ही दूरी पे था | हम लोग अपने कॉलेज स्कूटी से जाते थे जो की हमारे पापा ने बड़ी बहन के बर्थडे पर गिफ्ट किया था | दोस्तों मैओं अपने कॉलेज में बहुत सरारती था | तथा मेरी शिकायते मेरे घर जाया करती थी कॉलेज से | मैं घर का अकेला था इस लिए मुझे ज्यादा दांत नही पढ़ती थी घर वालो से | जब मैं हाई स्कूल में था तब मुझे एक लड़की से प्यार हो गया था प्यार नही पर वो मुझे अच्च्ची लगती थी | मेरी उसके प्रति कोई सीरियस वाली फीलिंग नही थी बस मैं उससे टाइम पास करना चाहता था | वो मेरे से एक क्लास पीछे थी वो 9 th में पढ़ती थी | मैं उससे सीनियर था इसलिए वो भी मेरे बोलने पर इज्ज़त से रिप्लाई देती थी | मैंने उसे सेट करना चाहा | एक दिन मैं घर से सोंच कर गया था की आज मैं इसे प्रपोज मार ही दूंगा | मैं अगले दिन कॉलेज गया और ईन्तेर्वल में कॉलेज की कैंटीन में बैठा था | थोड़ी देर तक बैठ रहा फिर मैंने उसे कैंटीन में आते देखा | वो कैंटीन में आयी तो मैं उठकर उसके पास गया और कहा की तुमसे कुछ बात करनी है | वो मेरे साथ मेरी टेबल पर आके बैठ गयी |मैंने उससे थोड़ी देर तक बाते की ओर बाद में मैंने उसे पर्पोस मार दिया | मैं सीनियर था और दिखने में ठीक ठाक भी था | उसने थोड़ी देर तक सोंचा और कहा की मैं भी तुम्हे लाइक करती हूँ | लेकिन एक शर्त पर ये बात किसी को पता न चले | मैंने कहा की तुम चिंता न करो यए बात किसी को नही पता चलेगी |
अब वो और मैं छुप-चुप कर मिलते थे कहीं कॉलेज में तो कहीं बाहर | मैं उसके गली में भी जाने लगा था और उसे तरह-तरह के गिफ्ट भी दिया करता था | धीरे-धीरे हम लोग अच्छी तरह से आपस में घुल-मिल गये थे | पहले तो में उसके साथ मस्ती करना चाहता था | पर मुझे पता ही नही चला की कब मुझे उससे प्यार हो गया | धीरे-धीरे हम लोगो की रिलेशन को 1 साल हो चूका था | हम लोगो के एग्जाम भी आ गये थे और हम लोग अपने बोर्ड एक्साम की तैयारी करने लगे थे | लगभग 1 महीने एग्जाम चले | दीदी 12 th पास हो गयी थी और मैं भी | पाप ने दीदी की साडी फिक्स कर दी और अब अगले महीने ही दीदी की सादी थी | पापा ने जिससे दीदी की सादी फिक्स की थी वो आर्मी में था | इसलिये पापा ने सादी कुछ जल्दी ही फिक्स कर दी | अब दीदी की सादी नजदीक आ गयी थी और मैं भी घर के कामो में बिजी था | कल दीदी की सादी थी | हम सब घर वाले सादी की तैयारियो में लगे थे | मैंने अपनी गर्लफ्रेंड को भी बुलाया था | रात हुई बारात आयी हम लोगो ने बरातियो की अच्छी तरह से खातिदारी की | सब लोग खाना खा चुके थे | मैंने अपनी गर्लफ्रेंड खाना खिला दिया था और उसे अब घर छोडना था | मैंने ड्राईवर को बोला की गाडी निकालो छोड़ने जाना है | वो गाडी लेके आ गया मैं और मेरी गर्लफ्रेंड पीछे बैठ गये और छोड़ने चल दिए | रास्ते में उसने मेरे हाथ को पकड़ कर सहला रही थी | मैं थोडा जल्दी में था इसलिए मैंने उसे खली किस किया और उसके बूब्स दबाये थे | मैंने उसको उसके घर छोड़ दिया और वापस घर आके काम देखने लगा | अगले दिन दीदी की बिदाई हुई हम लोगो ने दीदी को बीड़ा किया | लगभग 1 महिना हो गया था दीदी की साडी को और अब जीजा जी की छुट्टी ख़त्म हो गयी थी और जीजा जी ड्यूटी पर जाने वाले थे | एक दिन दीदी ने फोन किया पापा के पास और कहा की पापा मैं अकेले रह जाउंगी घर पर सिर्फ मेरी ननद है | जीजा जी के मम्मी पापा नही थे सिर्फ उनकी इक छोटी सिस्टर थी जो की अपनी बुआ के पास रहती थी और अब वो सादी के बाद अपने घर पर ही रहती थी | पापा ने मेरा एडमिशन दीदी के ही शहर में ही करवा दिया और मुझे भी अपने गर्लफ्रेंड को छोड़ कर मजबूरी में जाना पड़ा |
मैं अपने नए कॉलेज में जीजा जी की बाइक से जाता था | वहां भी मेरे धीरे दोस्त बन गये थे | मैं अब अपने दीदी के साथ रहता था | दोस्तों मैं भी वहां सबसे धीरे-धीरे घुल मिल गया था | जो जीजा जी की बहन थी वो भी मेरे ही कॉलेज में पढ़ती थी | पहले तो वो स्कूल बस से जाती थी और अब मेरे साथ ही बाइक पर बैठ कर जाया करती थी | मैं उससे मौज लेता रहता था और और वो भी मुझसे बाते करती रहती थी | जीजा जी की बहन थी ही बहुत मस्त मैं उससे रोज बाइक पर बैठाल कर कॉलेज ले जाता था और शोपिंग भी करने ले जाता था | जब वो बाइक पर पीछे बैठती थी तब उसके बूब्स मेरी पीठ पर चुभते रहते थे | जिससे मेरे रोयें खड़े हो जाते थे | मैं जान-बूझ कर ब्रेक लगाया करता था जिससे की उसके बूब्स मेरे पीठ पर चुभे | इस बात का वो भी मजा लेती थी | एक दी हम दोनों मेला गये वहां हम दोनों ने झुला झूलने का प्रोग्राम बनाया हम लोगो ने टिकेट लिया और झूले पर चढ़ गये | जब झुला निचे आता था तब वो मुझसे चिपक जाती थी | उसे दर लग रहा था | इस बात का मैंने फायदा उठाया मैंने उसको झूले पर ही उसके बूब्स में हाथ लगाकर दाबने लगा | वो गरम हो चुकी थी थोड़ी देर तक हमने मेला देखा और घर आ गये | वो अपने कमरे में चली गयी और मैं भी अपने कमरे में चल गया | लगभग 1 घंटे के बाद दरवाजे पर खटखटाने की आवाज आयी मैं उठा और देखा की वो मेरे दरवाजे के पास खड़ी | मैंने तुरन दरवाजा खोला और वो झट से अंदर आ गयी और मेरे चिपक कर मेरी होंठो में अपना मुह डाल के चूसने लगी | पहले तो मैं कुछ समझ नही पाया फिर सोंचा की मैंने इसे झूले पर बूब्स दबाके इसको गरम कर दिया था इसलिए इससे बरदास नही हुआ है | अब मैं भी उसे चूमने-चाटने लगा | लगभग 10 मिनट तक हम दोनों ने चूमा चाटी की फिर मैंने उसके सब कपडे उतार दिए और अपने भी कपडे उतार कर उसे बेड पर लिटा दिया | मैंने अपना लंड उसके मुह में देके उसे चूसा रहा था और अपने मुह से आह आह आहा आहा आहा हा आहा आहा अह आहा आहा आहा आहा आहा आहा अह औंह उन्ह ऊंह उन्ह उन्ह ओह्ह उह ऊह्ह्ह ओहोह की सिस्कारियां निकाल रहा था | फिर मैंने उसके पैरो को हनथो में पकड़ लिया और अपने लंड को उसकी चूत में डालके धक्के देने लगा इससे उसके मुह से आह आह आहा हाहा आहा आहा आहा अह आहा आहा आह आह आहा अहः आहा आहा आहा उन्ह उन्ह उन्ह उन्ह उन्ह उन्ह उन्ह ओह्ह ओह्ह ओह्ह ओह्ह ओह्ह ओह्ह इह्ह इह्ह इह्ह इह्ह्न्हिः इहिह्ह्ह इही हिहिः इह ही आह आह आ आ आह आः अहाह्ह्ह आःह्ह आः आ अ अआः आहा की सिस्कारिया निकाल रही थी | लगभग मैंने 10-15 मिनट तक उसकी चूत में अपने लंड से दक्के मारा और जब मैं झड़ने वाला था तब मैंने अपना लंड निकल कर उसकी चूत से निकाल कर उसके बूब्स पर झाड दिया | और अपना लंड उसके मुह में डालके उसे फिर से चाटाने लगा | जब मेरा लंड फिर से खड़ा हुआ तब मैंने उसकी गांड में अपना लंड डाल कर धीरे-धीरे चोद रहा था | उसकी गांड बहुत टाइट थी इस लिए मैंने फिर से ऊसकी चूत मारी |
तो दोस्तों ये थी मेरी कहानी | इस तरह से मैंने अपने जीजा जी की बहन चोदी | आशा करता हूँ की आप लोगो को अच्छी लगेगी |