हर एक दोस्त कमीना होता है

हैल्लो दोस्तों.. मेरा नाम रेयांश है और मेरी उम्र 19 साल है वो कहते है न हर एक दोस्त कमीना होता है बस इसी बात को साबित करती हुई आज में आपको अपनी लाईफ की सच्ची कहानी बताने जा रहा हूँ. ये लगभग 1 साल पहले की बात है.. जब में 12वीं क्लास में था. उस टाईम मेरा एक दोस्त था.. जो मेरी ही क्लास में पढ़ता था. उसका नाम विवेक था.. वो अपनी सारी बातें मुझसे शेयर करता था. उसकी गर्लफ्रेंड का नाम खुशी था.. जो उससे 1 साल बड़ी थी. वो उस टाईम कॉलेज में थी.

कुछ दिनों बाद हम उससे मिलने गये.. वो दिखने में बहुत ही खूबसूरत थी और उसका फिगर लगभग 32-24-30 होगा. दोस्तों में आपको क्या बताऊँ? एकदम दिखने में माल थी. उसकी चूची को देखकर किसी का भी लंड खड़ा हो जाये और जब वो चलती थी तो उसकी गांड क्या मस्त थी. उसकी गांड को देखते ही मेरा 8 इंच का लंड खड़ा हो गया. उस दिन मैंने अपने लंड को सम्भाला और हम पिज्जा खाने में चले गये.

में तो बस उसकी चूची को ही देखे जा रहा था.. क्योंकि उसने उस टाईम काला कटस्लीव पहना था.. जो कुछ पारदर्शी था और जिसमें से उसकी चूची साफ दिखाई दे रही थी. मेरा तो मन कर रहा था कि उसकी चूची को वहीं दबाने लग जाऊं और में उसकी चूची देख रहा था.. तभी मैंने देखा कि वो मुझे ही देख रही थी.

फिर मैंने इधर-उधर देखना शुरू कर दिया. अब उसने विवेक से कहा कि जाओ कुछ ऑर्डर करो.. तब तक हम दोनों बातें करते है. मेरा दोस्त ऑर्डर करने चला गया और हम दोनों बातें करने लगे.. पहले तो वो मुझसे नॉर्मल ही बात कर रही थी और उसने मुझसे अचानक पूछा कि तुम्हारी कोई गर्लफ्रेंड है तो मैंने कहा कि नहीं अभी तक तो कोई नहीं है. फिर वो कहने लगी कि तुम झूठ बोल रहे हो.

मैंने कहा कि नहीं सच में मेरी कोई गर्लफ्रेंड नहीं है.. में अभी तक वर्जिन हूँ. तभी वहां विवेक पिज़्ज़ा लेकर आ गया और हम खाने लगे और पिज्जा खाने के बाद हम जाने लगे. जब वो जा रही थी तो उसने चुपके से मुझे अपना मोबाईल नम्बर दिया और कहा कि कॉल मी और हम वहां से घर आ गये.

शाम को मैंने उसे कॉल किया तो उसने नहीं उठाया और फिर में अपनी पढाई करने लगा.. जब में पढ़ रहा था.. तभी उसका कॉल आया तो वो मुझसे पूछ रही थी.. कौन है? फिर मैंने कहा कि में रेयांश हूँ. वो कहने लगी कि अच्छा तुम हो और हम बातें करने लगे.. वो मुझसे पहली ही मुलाकात में काफ़ी घुल मिल गई थी.

कुछ दिनों बाद वो मुझसे कहने लगी कि विवेक मुझसे आजकल बात ही नहीं करता तो मैंने कहा कि में तो हूँ.. मुझसे बात कर लो जो करनी है.. वो मना करने लगी और कह रही थी कि मुझे सिर्फ विवेक से ही बात करनी है. 2 मिनट में मेरी उससे बात करवाओ. फिर मैंने कहा कि में कहाँ से बात करवाऊँ.. अभी तो वो घर पर नहीं है.. में नहीं करा सकता. वो कहने लगी कि ठीक है.. मत करवाओ.

फिर हम दोनों आपस में बात करने लगे. अभी तक उसने अपनी तरफ से कोई रेस्पोंस नहीं दिखाया था. फिर कुछ दिनों बाद वो मुझे कॉल करती है और कहती है कि उसका और विवेक का ब्रेकअप हो गया है. फिर मैंने कहा कि वो कैसे तो वो कहने लगी कि वो मुझसे बात नहीं करता था.. इसलिये मैंने उससे ब्रेकअप कर लिया. तो मैंने थोड़ा सा दुख प्रकट किया.. वो हम सबकी लाईफ में से जाने की बात कर रही थी.

मैंने कहा कि यार तुम हमारी लाईफ में से ऐसे नहीं जा सकती.. हम अच्छे फ्रेंड्स है ना.. तो वो कहने लगी हाँ वो तो है. अब हम दो दिन तक ऐसे ही बात करने लगे. एक दिन बातें करते-करते मैंने उसे प्रपोज कर दिया और दोस्तों उस दिन तो चमत्कार ही हो गया और उसने मेरा प्रपोजल ले लिया.. अब हम दोनों रिलेशन में थे.

कुछ दिन अच्छी तरह बात करने के बाद वो मेरे साथ अब अच्छी तरह खुल गई थी.. अब वो मुझसे सेक्स चैट करने लगी थी. अब हमारे रिश्ते को 1 महीना हो चुका था और इस बीच में उसे फोन पर ही 10 से 12 बार चोद चुका था. अब मैंने और उसने मिलने का सोचा. वो और में माँल में मिलने वाले थे.. जिस दिन हम मिलने वाले थे. मैंने उसे अकेले आने को कहा और मेरे घर के पास में ही एक मॉल था.. जहाँ हमें मिलना था.

उस दिन वो फिर से कट स्लीव में आई थी और उस दिन से भी ज़्यादा सेक्सी लग रही थी और में उसे उस दिन की तरह देखता ही रह गया. आज में उसे चोदने की सोचकर आया था.. किसी ना किसी तरह आज उसे चोदना ही है. में उसे मॉल की पार्किंग में ले गया. वहां मैंने उसे किस करना शुरू किया और वो कहने लगी कि थोड़ा तो रूको अभी तो हम आये है और 2 मिनट ही हुए है.. अभी शुरू हो गये.

मैंने कहा कि जानू अब मुझे मत रोको.. इस मौके का मैंने कितने दिनों से इंतज़ार किया है और में उसे किस करने लगा. में किस करते-करते उसके बूब्स भी दबा रहा था.

दोस्तों क्या बताऊँ? उसके बूब्स इतने मुलायम थे कि मेरा हाथ उसके बूब्स से बार-बार फिसल रहा था. अब वो गर्म हो गई थी और वो मेरा पूरा-पूरा साथ देने लगी थी और वो मेरे लंड को पेंट के ऊपर से ही सहलाने लगी और कहने लगी कि तुम्हारा तो विवेक से भी बड़ा है.

मैंने पूछा कि उसका कितना बड़ा था तो उसने कहा कि उसका तो सिर्फ़ 5 इंच का था और उसे तो ढंग से चोदना भी नहीं आता था. उसे तो बस घोड़ी बनाकर चोदना आता था और में उसे दोबारा किस करने लगा और उसकी चूची को चूसने लगा. थोड़ी देर बाद उसे किस करते-करते और चूची दबाते-दबाते में अपने हाथ को उसकी चूत पर ले गया. अब उसकी चूत पूरी तरह गीली हो चुकी थी और उसकी चूत का पानी अब उसकी पेंट को भी गीली कर रहा था..

जैसे ही मैंने उसकी चूत को छुआ तो वो उछल पड़ी और जोर से सिसकियां भरने लगी. अब उसके मुँह से उऊहह बस करो कि आवाजे आ रही थी. ये सब कहने के बाद भी वो मुझे रोक नहीं रही थी. अब मैंने अपनी दोनों उंगलियों को उसकी चूत में अंदर-बाहर करना शुरू किया.

अब उसकी चूत के पानी से उसकी पेंट भी गीली हो चुकी थी. मुझे पता था कि में उसे यहाँ पार्किंग में नहीं चोद सकता था.. इसलिये में उसे एक रेस्टोरेंट में ले गया.. जो कि मॉल के पास ही था. अब हम दोनों एक कमरे में अकेले थे.. जैसे ही हम कमरे में अंदर गये तो मैंने झट से कमरे को अंदर से बंद कर दिया और उसे किस करने लगा और उसकी चूची को दबाने लगा और वो मेरे लंड को मेरी पेंट के ऊपर से ही सहलाने लगी.

मैंने धीरे से उसके कटस्लीव को उतार दिया. वो अब मेरे सामने अपनी काली ब्रा में खड़ी थी. फिर मैंने उसे उठाकर बेड पर लेटा दिया और उसकी चूची को दबाने लगा.. में उसकी चूची को दबाते हुए उसके बदन को अपनी जीभ से किस कर रहा था और उसके मुँह से आहह आआहह की आवाजें आ रही थी.

फिर मैंने अपनी जीभ से उसकी नाभि को किस किया.. जिससे वो उछल गई और मेरे सर को पीछे धकेलने लगी.. लेकिन में उसकी नाभि को किस करता रहा और अपने हाथ को उसकी चूत पर ले गया और अपनी 2 उंगलियों को उसकी चूत पर रख दिया.

उसकी चूत जो पूरी तरह गीली हो चुकी थी और काफ़ी मुलायम थी.. जब में उसकी चूत में उंगली कर रहा था तो उसकी पेंट बीच में आ रही थी.. जिससे उसकी चूत में उंगली अच्छी तरह नहीं जा रही थी.. इसलिये मैंने उसकी पेंट को उतार दिया. अब उसकी सफ़ेद चूत जालीदार पेंटी में मेरे सामने थी. उसकी चूत एकदम गुलाबी थी और पूरी गीली हो चुकी थी.

दोस्तों में तो उसकी चूत को देखकर पागल ही हो गया. फिर मैंने जल्दी से उसकी चूत में अपनी दोनों उंगलियों को डाल दिया और अपनी दोनों उंगलियों को अंदर-बाहर करने लगा और उसकी चूचियों को दबाने लगा और में साथ ही साथ उसे किस भी कर रहा था. जब में उसकी चूत में उंगली कर रहा था तो वो ठंडी पड़ चुकी थी. फिर मैंने देखा कि वो झड़ चुकी थी.. अब में भी उसकी चूत में उंगली करते-करते थक चुका था.

अब मैंने अपने लंड को उसकी गुलाबी चूत पर रखा तो वो एकदम उछल पड़ी और कहने लगी कि मेरे राजा जल्दी से चोदो मुझे.. अब वो भी दोबारा गर्म हो चुकी थी. फिर मैंने अपने 8 इंच लंबे लंड को उसकी गर्म चूत पर रखा और एक जोरदार झटका मारा.. जिससे मेरा आधा लंड उसकी चूत में चला गया.. जिससे वो जोर से चिल्लाई.. आअहह मारररर डाला. जब मैंने उसकी चूत में अपना लंड डाला तो उसकी चूत में से खून निकलने लगा तो में हेरान रह गया और उससे पूछा कि तुम्हारी चूत से खून क्यों निकल रहा है?

वो कहने लगी कि विवेक को चोदना ही नहीं आता था.. इसलिये कभी वो मेरी सील ही नहीं तोड़ पाया. अब उसे बहुत दर्द हो रहा था.. इसलिये उसने मुझे रुकने को कहा तो में थोड़ा रुक गया और अपने लंड को उसकी चूत में अंदर ही डालकर उसके ऊपर लेटा रहा और में उसकी चूचियों को दबा रहा था और उसे किस कर रहा था. अब उसका दर्द भी कम हो चुका था तो मैंने धीरे-धीरे से दोबारा चोदना शुरू किया.

अब उसे दोबारा दर्द हो रहा था और उसके मुँह से आअहह उुआअहह ऊऊ म्माआअ की आवाजें आ रही थी.. लेकिन अब उसने मुझे नहीं रोका.. इससे मेरा होसला और बड़ गया और मैंने अपने धक्को को और तेज़ कर दिया.. जिससे पूरा कमरा उसकी आवाजों से भर गया. उसकी चूत लगातार ब्लडिंग कर रही थी.. लेकिन अब उसका दर्द कम हो चुका था और उसकी चीखें भी कम हो चुकी थी.

अब वो चुदाई में मेरा पूरा साथ दे रही थी और वो अपनी गांड उठा-उठाकर अपने आप को चुदवा रही थी. अब हमें चुदाई करते हुए लगभग 1 घंटा होने वाला था और इस बीच वो 3 से 4 बार झड़ चुकी थी और में भी झड़ने वाला था.

मैंने एक ज़ोरदार धक्का दिया और अपने पूरे लंड को उसकी चूत में डाल दिया.. वो एक बार फिर चिल्लाई और मुझे पीछे धकेलने लगी और वो चिल्ला रही थी.. मार डाला जालिम कितना बड़ा है तेरा.. तू तो मुझे आज मार ही डालेगा.. निकाल इसे बाहर. फिर मैंने कहा कि थोड़ी देर और फिर मैंने अपने धक्को को तेज़ कर दिया.

थोड़ी देर बाद में भी झड़ गया और मैंने अपना सारा रस उसकी चूत में छोड़ दिया. अब में और वो बिल्कुल निढाल हो गये और कुछ देर एक दूसरे के ऊपर ही सो गये. थोड़ी देर बाद हम उठे और मैंने उसे किस किया और अपने कपड़े पहनने लगे. तभी उसने मुझे पीछे से पकड़ा और कहा कि आज जितना मज़ा जो तूने दिया है उतना तो विवेक ने कभी भी नहीं दिया और मेरे लंड को सहलाने लगी और हम दोनों ने कपड़े पहने और वो घर को जाने लगी और उसके बाद मैंने उसको कई बार चोदा और उसके मजे लिये.

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