Antarvasna, hindi sex story: रोशन और मैं स्कूल में साथ पढ़ा करते थे रोशन हमारे घर के पास में ही रहता है हम लोग हर शाम को मिलते जरूर हैं जब मुझे रोशन मिला तो रोशन ने मुझे कहा कि मैं तुम्हें एक बात बताना चाहता हूं। मैंने रोशन से कहा हां रोशन कहो ना तुम्हें मुझे क्या बात बतानी है तो रोशन मुझे कहने लगा कि रजत हमारे क्लास में पिंकी पढ़ती थी तुम्हें याद है। मैंने उसे कहा हां पिंकी को तो मैं अच्छे से जानता हूं वह मेरे साथ मेरे फेसबुक अकाउंट में भी है और एक दो बार मेरी उससे फेसबुक चैट के माध्यम से बात भी हुई थी। रोशन कहने लगा पिंकी और मेरे बीच में कुछ समय से प्यार की बातें हो रही है और अब हम दोनों जल्द ही एक दूसरे से अपने दिल की बात कहने वाले हैं। मैंने रोशन से कहा दोस्त तुम तो मुझसे एक कदम आगे निकले तुमने तो मुझे बताया भी नहीं रोशन मुझे कहने लगा यार मैं तुम्हें क्या बताता अब जाकर मुझे एहसास हुआ है कि पिंकी के दिल में भी मेरे लिए कुछ तो चल रहा है इसीलिए तो मैंने तुम्हें यह सब बातें बताई।
जब रोशन ने मुझसे यह कहा तो मैंने उससे कहा खैर यह सब बातें अब छोड़ो तुम मुझे यह बताओ कि हम लोग पिंकी से कब मिल रहे हैं। रोशन मुझे कहने लगा कि पहले मैं उससे अपने दिल की बात तो कह दूं उसके बाद ही तो हम लोग उससे मिल पाएंगे। मैंने रोशन से कहा हां क्यों नहीं तुम जरूर उससे अपने दिल की बात कहो तुम्हें किसी ने रोका थोड़ी है रोशन कहने लगा हां यार मुझे उससे अपने दिल की बात तो कहनी है। कुछ दिनों बाद रोशन ने मुझे बताया कि उसने पिंकी को अपने दिल की बात बता दी है और अब उन दोनों के बीच में रिलेशन भी चलने लगा है मुझे इस बात की खुशी थी कि चलो रोशन ने कम से कम किसी के साथ बात तो की। रोशन बहुत ही शर्मीला स्वभाव का है उसने आज तक कभी भी किसी लड़की से बात नहीं की थी जब हम लोग साथ में पढ़ा करते थे उस वक्त भी रोशन ने कभी किसी लड़की से बात नहीं की थी लेकिन अब वह पिंकी से बात करने लगा था। मुझे इस बात की खुशी भी थी कि चलो कम से कम रोशन ने किसी लड़की से तो बात की रोशन ने मुझे कहा कि चलो हम लोग कल पिंकी से मिलने के लिए चलते हैं कल तो तुम्हारे ऑफिस की भी छुट्टी होगी ना।
मैंने उससे कहा हां मेरे ऑफिस की भी छुट्टी है लेकिन सुबह मुझे थोड़ा काम है यदि तुम कहो तो मैं वह काम निपटा लेता हूं उसके बाद मैं तुम्हें मिलता हूं तो रोशन कहने लगा क्यों नहीं जैसे ही तुम फ्री हो जाओगे तो तुम मुझे फोन कर देना। मैंने रोशन से कहा मैं जैसे ही फ्री हो जाऊंगा तो मैं तुम्हें फोन करूंगा और उसके बाद हम लोग पिंकी से मिलने के लिए चलेंगे। मुझे सुबह अपनी मम्मी के साथ अस्पताल में जाना था और मैं अपनी मम्मी को लेकर अस्पताल चला गया मुझे अस्पताल में ज्यादा समय नहीं लगा और हम लोग वहां से घर लौट आए। जब मैं घर लौटा तो मैंने रोशन को फोन किया और कहा कि रोशन मैं तुम्हें थोड़ी देर में मिलता हूं वह मुझे कहने लगा ठीक है रजत तुम मुझे थोड़ी देर में मिलना हम लोग फिर पिंकी से मिलने के लिए चलते हैं। हम दोनों पिंकी से मिलने के लिए चले गए जब हम लोग पिंकी से मिले तो मुझे उससे मिलकर अच्छा लगा काफी बरसों बाद पिंकी से मेरी मुलाकात हुई थी और हम तीनों ने अपनी कुछ पुरानी यादें आपस में साझा की। मुझे इस बात की खुशी थी कि रोशन और पिंकी के बीच में अब प्यार हो चुका है और वह दोनों एक दूसरे को बहुत पसंद भी करते हैं मुझे अब घर जाना था तो मैंने रोशन से कहा कि क्या अब घर चले। रोशन कहने लगा हां रजत हम लोग चलते हैं और हम लोग अपने घर लौट आये रास्ते में हम लोगों की काफी बातें हुई। कुछ समय बाद पिंकी के परिवार वाले और रोशन के परिवार वाले इस रिश्ते को मान चुके थे और उनकी स्वीकार्यता अब इस रिश्ते को लेकर बन चुकी थी रोशन और पिंकी एक रिश्ते में बनने वाले थे उन दोनों की सगाई हो चुकी थी लेकिन मेरे लिए भी शायद यह अच्छा ही होने वाला था मेरे भाग्य में भी अब मीनाक्षी आने वाली थी। मीनाक्षी पिंकी की कजन बहन है और जब मुझे मीनाक्षी मिली तो जैसे मानो हम दोनों एक दूसरे के लिए ही बने हो और मुझे मीनाक्षी के साथ बात करना अच्छा लगता।
पिंकी ने मेरी बहुत मदद की और मीनाक्षी भी अब मुझसे बात करने लगी थी हम लोग आपस में मिलने भी लगे थे और एक दूसरे के साथ ज्यादा से ज्यादा हम लोग समय बिताने की कोशिश किया करते। रोशन और पिंकी की शादी का दिन भी अब नजदीक आ चुका था और उन दोनों की शादी बड़े धूमधाम से हुई जब उन दोनों की शादी हुई तो उस दौरान मीनाक्षी और मैंने जमकर डांस किया। मुझे तो अपने बचपन के दोस्त रोशन की शादी की बहुत खुशी थी और इस बात की भी खुशी थी कि पिंकी के रूप में उसे एक अच्छी पत्नी मिली है क्योंकि पिंकी बहुत ही अच्छी लड़की है मैं उसे काफी सालों से जानता हूं। रोशन भी दिल का बहुत ही अच्छा है उन दोनों की जोड़ी बहुत अच्छी लग रही थी और शादी के दिन सब लोगों ने उनकी बड़ी तारीफ की थी। मीनाक्षी और मेरे बीच में भी अब रिश्ता आगे बढ़ने लगा था और हम दोनों भी एक दूसरे के साथ ज्यादा से ज्यादा समय बिताने लगे थे। मुझे मीनाक्षी के साथ बात करना अच्छा लगता था और इसी दौरान मैंने भी मीनाक्षी से अपने दिल की बात कह दी। उसने मुझे कहा कि मुझे थोड़ा सोचने का समय चाहिए क्योंकि वह दुविधा में थी उसकी दुविधा का कारण मुझे पता नहीं था इसलिए मैंने उसे कहा कि तुम्हें जितना समय चाहिए तुम उतना समय ले लो।
मीनाक्षी ने सोचकर जवाब दे दिया और मुझे कहा कि रजत मै और तुम शायद एक जैसे ही है मुझे लगता है कि मुझे अब जवाब देने की जरूरत नहीं है। मीनाक्षी ने मेरा हाथ पकड़ लिया और उसकी इसी बात से मैं समझ गया कि वह मेरे प्रपोज को स्वीकार कर चुकी है। उसके बाद मौके तो कई बार आए जब हम दोनों एक दूसरे के साथ शारीरिक संबंध बनाना चाहते थे लेकिन जिस दिन मिनाक्षी और मुझे अकेले मौका मिला उस दिन तो हमने उस मौके को छोड़ा ही नहीं। मीनाक्षी ने जब मेरे हाथों में हाथ डाला तो मैंने भी मीनाक्षी के होठों को चूम लिया। ऐसा करने से उसे बहुत ही अच्छा लगा और वह मुझे कहने लगी रजत तुमने जिस प्रकार से मेरे होंठो को चूमा है उससे मुझे भी तुम्हें किस करने का मन होने लगा है। मीनाक्षी भी मेरे होठों से अपने होंठो को टकराने लगी लेकिन उसे नहीं मालूम था कि अब मैं उसे बिल्कुल भी छोड़ने वाला नहीं हूं। वह भी यही चाहती थी मैंने उसे अपने नीचे लेटाकर अपनी बाहों में उसे भर लिया वह मेरे नीचे लेटी हुई थी उसके स्तनों मुझसे टकरा रहे थे और उसकी योनि से पानी बाहर निकलने लगा था। मैंने जब उसकी जींस के अंदर हाथ डालकर उसकी चूत को छूने की कोशिश की तो उसकी चूत से पानी बाहर निकलने लगा था वह उत्तेजित हो गई। उसने मुझे कहा कि तुम मेरी चूत को चाट लो मैंने उसके बटन को खोलते हुए उसकी जींस को नीचे उतार दिया और उसकी भूरे रंग की पैंटी को भी मैंने नीचे उतारा। जब मैंने उसकी चिकनी और कोमल चूत कि तरफ नजर मारी तो मैंने उसे चाटना शुरू कर दिया था मीनाक्षी की योनि से पानी टपक रहा था और उसकी योनि बहुत ज्यादा गिली हो चुकी थी। मुझे बहुत ही मजा आ रहा था मै जिस समय मीनाक्षी की योनि को चाट रहा था मैंने उसकी योनि को चाटकर पूरी तरीके से बेहाल कर दिया था।
उसने मुझे कहा कि तुम मेरी टी-शर्ट को भी उतारकर मेरे स्तनों को भी चूसो। मैंने उसकी टीशर्ट उतार फेंकी और जब मैं उसके स्तनों को चूसने लगा तो वह मुझसे कहने लगी तुम मेरे स्तनों पर अपने दांत के निशान मार दो। मैंने उसके स्तनों पर दांत के निशान मार दिए और उसके कोमल और सुडौल स्तनों को मैंने बहुत देर तक अपने मुंह में लेकर चूसना जारी रखा। हम दोनों के अंदर की व्याकुलता बढ़ने लगी थी और उसे हम दोनों ही नहीं रोक पाए जब मीनाक्षी ने मेरी पैंट को खोलकर मेरे लंड को अपने हाथों में लिया तो उसने मेरे लंड को अपने हाथ में लेकर हिलाना शुरू कर दिया। वह मेरे लंड को अपने हाथ में लेकर हिला रही थी और मुझे बहुत मजा आ रहा था। मीनाक्षी ने एकाएक मेरे लंड को अपने मुंह के अंदर समा लिया और उसका वह पूरा आनंद लेने लगी। मेरा लंड मीनाक्षी के मुंह में जाते ही मोटा होने लगा था और अब वह अपने पूरे सेप में आ चुका था। मेरा लंड 10 इंच मोटा है मीनाक्षी अपने पैरों को खोलने लगी और मैंने अपने लंड को उसकी योनि पर लगाया।
जब मैंने अपने लंड को उसकी चूत पर लगाया तो मेरा लंड मीनाक्षी की योनि के अंदर प्रवेश हो गया और उसके मुंह से तेज चीख निकल उठी। मेरा लंड मीनाक्षी की योनि के अंदर तक जा चुका था वह मीनाक्षी की योनि को अपना बनाने लगा। मेरे अंडकोष मीनाक्षी की योनि से टकराने लगे थे मैंने उसके दोनों पैरों को पकड़कर उसे तेज गति से धक्का देना शुरू कर दिया। मेरा लंड एकदम सीधा मीनाक्षी की योनि में जा रहा था मैं अपने धक्को में अब तेजी लाना चाहता था। मैंने बड़ी तेजी से मीनाक्षी को धक्के देना शुरू कर दिया था मैं मीनाक्षी को पूरी गति से धक्के मारे जा रहा था और वह भी अपने पैरों को खोल कर मुझे अपनी और आने के लिए विवश करती। वह कहती कि मुझे और चोदो मीनाक्षी की योनि बहुत ही ज्यादा टाइट थी और मेरा वीर्य तीन बार गिरा। हम लोगों ने तीन बार चुदाई का आनंद लिया एक घंटे की चुदाई के बाद हम दोनों थक कर बेहाल हो चुके थे और हम दोनों एक साथ बैठे रहे। मैंने मीनाक्षी को कहा आज के बाद तुम्हें मैं ऐसे ही चोदा करूंगा।