Apni lesbian bahan aur apne pati ke sath group sex kia part 1:
हेलो दोस्तों | मैं शालिनी खुराना आप लोगों का स्वागत करती हूँ | मेरी उम्र 25 साल है | अपनी इस कहानी में आज जो मैं कहानी बताने जा रही हूँ वो आप लोगों को उत्तेजित करने में कोई कमी नही रखेगी | आप लोग तो बस तुरंत अपने सामान को अपने हाथ से दूर नही रख पाएंगे | ये सब तो बाद की बातें हैं | अब आप लोगों को अपने बारे में भी तो कुछ बता दूँ | मै राय नगर से बिलोंग करती हूँ | मेरी शादी 2 साल पहले हुई थी | इसी लिए मैं अब श्री नगर में रहती हूँ | क्योकि मेरे पति का घर श्री नगर में है | अब अपना फिगर का भी तो कुछ बता दूँ जो कम से कम आप के सामान में कुछ गर्मी तो ला दें | क्योकि जो मुझे देखता है उसका तो सामान खड़ा हो जाने पर मजबूर हो जाता है | मेरा फिगर ऐसा है जैसे कि कोई टेढ़ा मेढ़ा रास्ता | ऊपर मेरे गोल गोल बोबे मुझे हॉट दिखने में साथ देते हैं तो पीछे मेरी गांड इतनी मोटी है की मुझे तो एक सोफे की जरूरत ही नही है | मजाक कर रही हूँ | ये कुछ ज्यादा हो गया | लेकिन आप लोग ये जान लीजिये कि मेरे दीवाने मेरी चूत से ज्यादा मेरी गांड देख कर मस्त हो जातें हैं | मुझे भी गांड मरवाने में बहुत ही मज़ा आता है | इतनी बातो से आप लोगों ने ये तो हिसाब लगा लिया होगा कि मैं कितनी होर्नी किस्म की औरत हूँ | अभी शादी के बाद भी मेरी हवस कम नही पड़ी है | वैसे तो मेरा पति मुझे जम कर चोदता है | वो चोदता भी बड़ी मस्ती से ही है | किस्मत से वो भी मेरे जैसे ही सेक्स का सौकीन है | इसीलिए हर बार वो एक नइ पोजीसन में मुझे चोदता है | लेकिन मेरा मन इतने से शांत नही होता है | मेरे ससुराल में और मैं औए मेरे पति के अलावा मेरी ननद और मेरे सास ससुर रहते हैं | अब तो मैं बोर हो गई थी | एक जैसे रोज़ की चुदाई से| अब मुझे बिलकुल भी मज़ा नही आ रहा था मेरी पूरी सेक्स लाइफ बर्बाद हो चुकी थी | मै अब बिलकुल भी एन्जॉय नही करती थी | बस झेल रही थी | वो ऑफिस से थक कर आते हैं और सारा गुस्सा मेरी प्यारी से चूत पर निकाल देते हैं | इसी सब से कुछ टाइम निकाल कर मैंने सोचा क्यों न मैं अपनी कहानी आप लोगों के साथ साझा करूँ और लोगों की घटनाओ को पढू | और ये मुझे बहुत मज़ा देता है | इसी लिए आज अपनी कहानी भी आप लोगों से साझा कर रही हूँ |
मेरी कहानी तब शुरू होती है | जब मैं अभी 20 साल की थी | जैसा कि मैंने बताया की मैं शादी से पहले बहुत होर्नी किस्म की लड़की थी | मैं तो बस लंड का मज़ा लेने के लिए तैयार रहती थी | और अभी तक कई लंडो की सैर भी की थी लेकिन मेरी गर्मी का कोई अंत नही था | मिझे तो हमेशा लंड की भूख रहती थी | लेकिन इस मामले में मेरी किस्मत बहुत ख़राब थी | मेरे बाबा जी बहुत ही कड़क आदमी थे उन्होंने हमें ज्यादा घर से निकलना बंद कर दिया था | जो कि मेरे लिए बहुत बुरी बात थी अब लंड से चुदना तो दूर लंड के दर्सन मिलना भी नामुमकिन था | लेकिन मैं भी अपनी गर्मी को शांत करने के नए नए उपाय सोचने लगी थी | कभी अपने कमरे के दरवाजा को बंद कर के अकेले में अपनी चूत में जोर जोर से उंगली कर लेती थी | तो कभी सब्जियों की सहायता भी ले लेती थी | कभी टोरी तो कभी बैंगन अपनी चूत में डाल कर खूब अन्दर बाहर करती थी | लेकिन ये सब करने के लिए मुझे बहुत परेशानी होती थी | क्योकि मुझे सब देखना पड़ता था कि कही कोई आ न जाए | और न ही कोई देख ले मुझे ये सब करते हुए | और न ही वो सब्जियां दोबारा कोई पा जाए | ये सब भी बड़ी मुश्किल से कर पा रही थी |मैं कैसे बर्दाश कर रही थी ये तो मैं ही जान रही थी उसे मैं शब्दों में बयां नही कर सकती है | लेकिन अब तो और बुरा हाल हुआ जा रहा था | अब तो मैं बस एक साथी की खोज में थी जो कम से कम मेरा साथ दे | अकेले सब कुछ नही हो पाता है | और किसी के आ जाने का डर अलग ही होता है |
एक बार की बात है | मेरे बुआ जी कीलड़की मेरे घर गर्मी जी जी की छुट्टियाँ बिताने के लिए आई | उसका नाम रजनी है | वो मुझसे भी बहुत सुन्दर और सेक्सी है | वैसे तो वो बहुत सीधी लड़की थी इसी लिए मैं ये सब बातें उससे बताना सही नही समझा | वैसे भी वो मुझसे दो साल छोटी है तो और भी अच्छा नही लगता है | कि ऐसी बातें उससे की जाएँ | वो मेरे साथ मेरे कमरे में सोती थी | एक बार की बात है वो सोयी हुई थी | मुझे तो गर्मी हुई थी | लेकिन जब से रजनी आई थी मैं अपनी चूत में सब्जियां तो दूर उंगली भी नही कर पाती थी | डर था कि कगी उसने देख लिया तो मेरा क्या होगा | अगर उसने मेरी शिकायत कर दी | तो फिर तो मेरे घर वाले मेरा बहुत बुरा हाल करेंगे | लेकिन मैंने जैसा उसके बारे में सोचा था उसका एकदम उल्टा था | एक दिन मैं अपने कमरे में जा रही थी | लेकिन जैसे ही कमरे के दरवाजे पे पहुंची तो एक अजीब सी आवाज सुनी | तो थोडा रुक गई | झांक कर देखा तो रजनी बेड पर बैठ कर अपनी चूत में जोर जोर से उंगली कर रही थी | और आन्हे भर रही थी | मैं मन ही मन बहुत ख़ुशी हुई की अब मुझे एक साथी मिल चुका था | कुछ देर देखने के बाद मैं कमरे में पहुँच गई | उसने मुझे देखा तो एकदम डर गई और अपने कपड़े सही करने लगी | वो मेरे पास आ कर रोने लगी | प्लीज़ दीदी ये बात किसी से नही कहना | मैंने कहा तुम्हे इसकी सजा तो भुगतनी पड़ेगी | वो और तेज़ रोने लगी | मैंने कहा मैं किसी से नही कहूँगी | इसकी सजा आज रात में मै दूँगी | उसने कहा आप जो कहोगी मै मानने के लिए तैयार हूँ | मैंने कहा ठीक है | रात हुई | खाना खाने के बिना हम रूम में पहुँच गई |रजनी भी कमरे में पहुँच चुकी थी | वो सर झुका कर बैठी थी | मैंने कहा डर क्यूँ रही है पगली | चल आज दोनों साथ में मिल कर मस्ती करतें हैं | वो मेरा मुंह देखने लगी औरर बहुत खुश हुई |
अब हम दोनों बहने एक दुसरे से लिपट गई और दोनों की ब्रिथिंग एक दुसरे से टकरा रही थी | दोनों के दिल जोर जोर से धडक रहे थे | अब मैंने अपने होंठो को रजनी के होंठो से लगा दिया और उसे किस दे दी | मेरी की टांगे रजनी की टांगो के साथ टकरा दे रही थी | मैंने अपने हांथो से रजनी के बूब्स को हांथ लगा दिया वो भी मेरे बूबे को हांथ लगा रही थी | वो मेरे बूब्स को जोर जोर से दबाने लगी | मैंने कहा,और जोर से दबा मेरे बूब्स को डार्लिंग, मेरी चूत में से भी पानी चूत रहा हे मेरी जान! | वो और जोर से मेरे बूब्स को दबाने लगी और एक हाँथ मेरे चूत में डाल दिया | रजनी बोली, दीदी काश एक लंड होता अभी तो कसम से उसे कच्चा चबा जाती | मैंने अपनी एक ऊँगली को रजनी की चूत में डाल दी और वो उसे चोदने लगी | रजनी के मुहं से आवाज निकल रही थी आह्ह्हह्ह.. आह्ह….. फक मी दीदी….| मैंने कहा, तुझे चुदाई के असली मजे लेने है ? उसने कहा, हां दीदी आज तो सब कुछ कर लेना है मुझे | मैंने कहा ले आज मैं तुझे सब्जियों का एक और उपयोग बताती हूँ | मैंने बैंगन उठाया और उसके हांथ में दे दिया | वो हंसने लगी | रजनी ने बैंगन के आगे के हिस्से को अपने मुहं में लिया और उसे थूंक लगा के एकदम गिला कर दिया | फिर उसने रजनी की टाँगे खोली और बैंगन का मुहं उसकी चूत पर लगा दिया | मैंने बैंगन को एंड से पकड के उसकी चूत में मारा | रजनी के मुहं से हलकी चीख निकल गई क्यूंकि उसने चूत में आजतक कभी कुछ नहीं लिया था ऐसा!
मैं जानती थी की रजनी की चूत अभी तक वर्जिन ही थी | उसके लिए उसने बैंगन को स्लोली स्लोली ही रजनी की चूत में डाला | जब 75% जितना बैंगन अन्दर जाता उसे उतना ही मज़ा आ रहा था | वो आह्ह्हह्ह… अह्न्न्नम्म ….. कर के मज़े ले रही थी | करीब 10 मिनट तक जम कर उसकी बैंगन से चुदाई हुई | वो कई बार झड गई थी | फिर मैंने उसकी चूत चाटी | फिर उसमे भी यही मेरे साथ किया | मुझे बहुत मज़ा आया |
ऐसे रोज़ हमने ये खेल खेला जब तक वो मेरे घर रुकी | हर रोज़ हम नया ट्राई करते थे | फिर वो अपने घर चली गई | मैं फिर वैसे ही रह गई | उसके कुछ साल बाद मेरी शादी तय हो गयी |
कहानी जारी रहेगी ……….