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मेरा नाम मोहन है। मैं एक मल्टीनेशनल कंपनी में काम करता हूं। मेरी उम्र 25 वर्ष है। मैंने यहां पर ए महीने पहले ही ज्वाइन किया था। मैं धीरे-धीरे सब लोगों से परिचित होने लगा था। मैं मुजफ्फरनगर का रहने वाला हूं ऑफिस में जो हमारे बॉस हैं वह काफी सख्त है। काम के प्रति वह बिल्कुल भी नहीं चाहते कि उनके काम में किसी भी तरीके से कोई भी व्यवधान आए और वह अपना काम अच्छे से करते रहते हैं। यदि किसी से कोई गलती हो जाए तो वह उसे बहुत ही बुरी तरीके से डांट देते हैं। सब लोग उनसे ऑफिस में बहुत ही डरते हैं और उनके पास जाने से बचते हैं। कहीं उनका नंबर ना आ जाए और उन्हें डांट पड़ जाए। इस वजह से हमारे साथ के जितने भी लोग हैं। वह सब अपने काम को अच्छे से करते हैं ताकि उसमें किसी भी प्रकार से कोई भी कमी ना रह जाए। यदि कोई कमी रह जाती है तो उन्हें मालूम है कि हमारे बॉस उनकी क्या हालत करेंगे।
यह बात मैं भी भली भांति जानता हूं इसीलिए मैं कभी भी अपनी तरफ से ऐसी कोई गलती नहीं करता। जिससे कि मेरे बॉस को कोई शिकायत का मौका मिले और वह मुझे कुछ बातें सुनाए मैं हमेशा सोच समझ कर अपने काम को करता हूं और अपने काम में पूरा ध्यान लगाता हूं। हमारे ऑफिस में काफी सारा काम रहता है। हमारे ऑफिस में ही बहुत सारा स्टाफ है। जो हमारे बॉस है ना जाने कब किस को नौकरी से निकाल दे। यह भरोसा नहीं है इसीलिए वह हमेशा किसी ना किसी को नौकरी से निकालते रहते हैं। वहां पर नहीं ज्वाइनिंग होती रहती है।
इस बार भी एक लड़की हमारे ऑफिस में आई जिसका नाम सुनीता है। उसे भी बॉस ने पहले ही सब कुछ बता दिया कि यदि काम में कोई कमी होती है तो तुम्हें ऑफिस से निकाल दिया जाएगा। उसका पहला दिन था तो वह ऑफिस में अच्छे से तैयार होकर आई थी। मेरी बगल वाली सीट में बैठी हुई थी। मैंने उससे उसका नाम पूछा उसने अपना नाम मुझे बताया। मैंने उससे पूछा क्या तुमने नया ज्वाइन किया है। वो कहने लगी हां मैंने नया ज्वाइन किया है। मैं उसे सब कुछ बताता गया कि ऑफिस में थोड़ा ध्यान से रहना क्योंकि यदि किसी भी काम में भी कमी दिखाई देती है। तो वह बहुत ही बुरी तरीके से डांटते हैं। जिससे कई बार नौकरी जाने का भी खतरा बना रहता है। वह कहने लगी ठीक है। यह कहते हुए उसने भी अपना काम शुरू कर दिया और मैं भी अपने कंप्यूटर में अपने काम पर लग गया।
समय बीतने के साथ ही उस लड़की से मेरी मुलाकात हमेशा ऑफिस में ही हो जाती वह भी मुझसे अच्छे से बात करने लगी। हम दोनों एक दूसरे से काफी अच्छी तरीके से परिचित हो चुके थे। हम एक अच्छे दोस्त बन गए थे। हमारे ऑफिस में एक पीयून था। जो हमें बॉस की सारी खबर देता रहता था कि किसकी शामत आने वाली है। वह बड़ा ही मजेदार आदमी था। मैंने उससे कहा तुम्हें ऑफिस में सब के बारे में जानकारी रहती है तो तुम मुझे बता दिया करो।
मैंने उसे अपने दिल की बात बताई और कहा कि मुझे सुनीता से अपने दिल की बात कहनी है। उसने मेरी दिल की बात पहुंचा दो और कहने लगा ठीक है जैसा आप कहें और मैंने कुछ पैसे दिए उसे।
मुझे भी पता लग गया था कि सुनीता भी मेरी ओर आकर्षित हो रही है। तो मैंने भी मौका नहीं छोड़ा।
एक दिन कह दिया कि कहीं घूमने निकल पड़ते हैं वो कहने लगी मेरे पास तो समय नहीं है। ऑफिस से घर जाती हूं और घर से ऑफिस आता हूं। मुझे समय बिल्कुल भी नहीं मिल पाता है। इस वजह से घूमने का प्लान कैंसिल ही कर दो। मैंने उसे कहा ठीक है कोई बात नहीं हम लोग कुछ और देखते हैं। हम लोग ऑफिस में ही बैठ कर टाइम पास कर लेते थे। जब थोड़ा बहुत समय मिलता था। एक दूसरे के साथ समय बिता लिया करते थे।
मैं सुनीता चोदना चाहता था। जब भी ऑफिस में आती तो मैं कभी उसकी गांड में हाथ मार देता कभी स्तनों पर हाथ मारता रहता। एक दिन में बैठा हुआ था तो मैं उसे ब्लू फिल्म दिखाने लगा। मुझे कहने लगे यह क्या है। मैंने उसे कहा तुम्हें नहीं मालूम यह क्या है। वह एकदम अंजानी मेरे सामने बैठी रही। फिर मैंने उसके स्तनों को दबाने लगा और कहा आ जाओ तो मैं बताता हूं कि क्या कर रहे हैं।
उसने कहा कहां आना है मैंने कहा तुम टॉयलेट में आ जाना। मैं टॉयलेट में चला गया। वह थोड़ी देर बाद टॉयलेट में आई और मुझे कहने लगी बताओ क्या काम है। जो तुम्हें नहीं बता सकते थे यहां पर बताना है। मैंने सबसे पहले तो टॉयलेट का दरवाजा बंद किया क्योंकि मेरे बॉस से मुझे बहुत ही डर लगता था। मैंने सुनीता को कहा वह पोर्न मूवी है। तुमने आज से पहले कभी नहीं देखी है। वो कहने लगी नहीं मैंने आज से पहले कभी नहीं देखी है। मैंने उसे कहा मैं तुम्हें आज ही लाइव कर कर दिखाता हूं। वो लोग कैसे करते हैं।
यह कहते हुए मैंने उसके बालों को सहलाना शुरू किया। मैं उसके बालों को सहला रहा था। वह काफी अच्छा महसूस कर रही थी। अब उसने भी मेरे कंधे पर हाथ रखते हुए। मुझे कहा मुझे बहुत ही अच्छा लग रहा है। मैंने धीरे से उसके स्तनों को दबाना शुरु किया। और उसके सूट को निकालते हुए उसके ब्रा को खोलना शुरू किया। जैसे ही मैंने उसकी ब्रा को खोला तो मैंने देखा उसके बूब्स बहुत ही गोरे गोरे हैं। मुझे यह देखकर बहुत अच्छा लगा और मैंने उसके स्तनों को रसपान करने लगा। मैंने अपने लंड को निकालते हुए उसके स्तनों पर रगड़ना शुरू किया। जब मैं अपना लंड रगड़ रहा था। तो वह कहने लगी कुछ स्मेल आ रही है। तो मैंने उसे कहा यह मेरे लंड की स्मेल है। अपने लंड को उसके मुंह के करीब ले गया। जैसे ही मैं उसके मुंह के करीब ले गया।
वह कहने लगी महक तो काफी तेज हो गई है। मैंने उसे कहा तुम मेरे लंड को अपने मुंह में ले लो तो स्मेल नहीं आएगी। और इससे तुम्हें अच्छा भी लगने लगेगा। तो उसने अपने मुंह में लंड लेते हुए। थोड़ी देर बाद मेरा लंड बाहर निकाल दिया और वह अपनी सलवार को खोलने लगी जैसी ही उसने अपने सलवार को खोला। मैंने उसकी पैंटी को भी उतार दिया। और अब मैं उसकी नरम और गर्म चूत पर हाथ लगा रहा था। जैसे ही मैं हाथ लगाता तो वह अपने मुंह से थोड़ी सी आवाज निकालने लगती। ऐसा करते हुए थोड़ी देर बाद मैंने उसको अपने हाथों से उठा दिया और उसके योनि में अपना डालने लगा। मैं उससे अपने दोनों हाथों से उठा लिया और अपने लंड की तरफ ले कर आता। मुझे काफी अच्छा लग रहा था। थोड़े समय तक ऐसा करने के बाद अब मेरे हाथों में दर्द होने लगा था। मैंने उसे वही फर्श पर लेटा दिया और उसके ऊपर से लेटे कर करने लगा। मैंने काफी तेजी से करना शुरू कर दिया था। उसे वह बहुत ही अच्छा लग रहा था।
वह मुझे कहने लगी तुम बहुत ही अच्छे से कर रहे हो। थोड़े समय बाद मैं उसकी योनि की गर्मी को बर्दाश्त नहीं कर सका और मेरा गिरने को हो गया। जैसे ही मेरा वीर्य गिरने वाला था। तो मैंने अपने लंड को बाहर निकालकर उसके नंगे स्तनों पर गिरा दिया। जिसे वह अपने हाथों से रगड़ती हुई पूरे स्तनों पर फैला लिया। मुझे कहने लगी इसकी स्मेल बहुत ही अच्छी है क्या तुम मुझे अपना माल पिला सकते हो। मैंने उसे कहा ठीक है तुम एक काम करो। मैं तुम्हें अपने माल का रसपान कराता हूं। अब उसने मेरे रुमाल से मेरे लंड को साफ किया और अपने मुंह के अंदर लेने लगी। वह काफी अच्छे से कर रही थी कभी वह मेरे टोपे को अपनी जीभ से चाटती तो कभी वह मेरे लंड को पूरा अंदर तक लेकर उसे बाहर निकालती और बड़ी तेजी से करने लगी। मैं उसके बालों को अपने हाथ से पकड़ रहा था। ताकि वह मेरे लंड पर ना आ जाए क्योंकि उसके सर के बाल बहुत ही बड़े-बड़े हैं। वह काफी देर तक करती रही लेकिन मेरा वीर्य गिरा ही नहीं क्योंकि मेरा वीर्य पतन एक बार हो चुका था। इस वजह से इस बार उसे थोड़ा समय लगना था। लेकिन उसने भी हिम्मत नहीं हारी और बहुत ही अच्छे से ऐसा करती रही। कुछ समय बाद उसने इतनी तेज तेज चूसना शुरु किया कि मेरा वीर्य पतन हो गया। मुझे मालूम भी नहीं पड़ा था उसने वह निगल लिया। मैंने उससे पूछा तुमने मेरा वीर्य कैसे निकल लिया। उसने मुझे कहा जैसे जैसे वह निकलता जाता। मैं उसे निकलती जा रही थी और मुझे बहुत ही अच्छा लगा।