desi sex stories, antarvasna
मेरा नाम अंकुश है और मैं बड़ोदरा का रहने वाला हूं, मेरी उम्र 26 वर्ष है। मेरे पिता एक कारोबारी हैं और मैं उन्हीं के साथ काम सीख रहा हूं। मेरा कॉलेज कुछ समय पहले ही कंप्लीट हुआ था इसलिए मुझे ज्यादा समय नहीं हुआ है उनके साथ काम करते हुए। मेरी माँ एक ग्रहणी है। मेरा एक छोटा भाई है जो अभी बारहवीं में पढ़ रहा है वह बहुत ही शरारती है और मुझे बहुत परेशान करता है। मेरी कॉलेज में बहुत गर्लफ्रेंड थी मैं सबके साथ फ्लर्टिंग किया करता था लेकिन अब मेरा मन नहीं होता है और मैं उन लड़कियों से बात नहीं करता उन सब के नंबर मैंने ब्लॉक कर दिए हैं यदि कभी किसी का फोन मुझे आ भी जाता है तो मैं उन्हें टाल दिया करता हूं और कहता हूं अभी मैं काम में बिजी हूं मैं तुम्हें बाद में फोन करता हूं। हमारे कॉलेज की लड़कियां मुझे अब फोन नहीं करती। मैं अब अपने काम पर ध्यान देना चाहता हूं और अपने पापा के साथ उनके काम को आगे बढ़ाना चाहता हूं इस वजह से मैं किसी भी लड़की के साथ अब संपर्क में नहीं हूं और ना ही उन लोगों से मैं बात करता हूं।
मुझे अब सिर्फ अपने काम से ही मतलब है इस वजह से मैं अपने दोस्तों से भी ज्यादा संपर्क नहीं रख रहा हूं यदि मेरे कोई पुराने दोस्त मुझे मिल भी जाते हैं तो वह मुझे कहते हैं कि तुम बहुत ही ज्यादा बदल चुके हो। मैं उन्हें कहता हूं कि अब समय के साथ बदलना अच्छा है क्योंकि आगे मेरा भविष्य भी है और मेरी कुछ तैयारी अभी हैं। मेरे अपने खुद के सपने हैं जो मैं पूरा करना चाहता हूं। जो मेरे अच्छे दोस्त हैं वह तो समझ जाते हैं परंतु कुछ लड़के नहीं समझ पाते इसलिए उन्होंने मुझसे बात करना ही बंद कर दिया है उन्हें लगता है कि मैं घमंडी इंसान बन चुका हूं लेकिन ऐसा बिल्कुल भी नहीं है मैं सिर्फ अपने भविष्य को लेकर चिंतित हूं इसलिए मैं कुछ अच्छा करना चाहता हूं। एक बार हमारी कॉलोनी में एक फंक्शन था मेरी मम्मी मुझे कहने लगी कि तुम भी मेरे साथ चलो। पहले मैं उन्हें मना कर रहा था लेकिन वह जिद करने लगे जिस वजह से मुझे उनके साथ जाना ही पड़ा। जब मैं उनके साथ गया तो वह खुश हो गई और कहने लगी चलो तुम मेरे साथ किसी प्रोग्राम में तो आए, नहीं तो तुम घर के अंदर ही रहते हो। मेरी मम्मी को उनकी सहेलियां मिल गई और वह उनके साथ ही बात कर रही थी। मैं अपने आप को अकेला महसूस कर रहा था इसलिए मैं इधर-उधर घूम रहा था। मैं अपने ध्यान में ही खोया हुआ था और मेरे दिमाग में पता नहीं क्या चल रहा था। तभी मेरी टक्कर एक लड़की से हो गई। जब उससे मेरी टक्कर हुई तो वह नीचे गिर गई। मैंने जब उसे देखा तो मैं उसे देखता ही रह गया लेकिन मैंने उसे उठाया नहीं। अब वह मुझ पर बहुत ही गुस्सा हो गई और मुझे कहने लगी कि तुम्हें तमीज नहीं है तुमने मुझे गिरा दिया और उसके बाद तुम मुझे उठा भी नहीं रहे हो। मुझे उसे देखकर ना जाने क्यों हंसी आ गई और जब मैं उसे देखकर हंसा तो वह बहुत ही गुस्सा हो गई।
उसके बाद मैंने उसे सॉरी बोला और उसे मनाने की कोशिश की लेकिन वह मुझसे बात करने को भी तैयार नहीं थी। मैं सारे फंक्शन में उसी के आगे पीछे घूमता रहा लेकिन उसने मुझे कहा कि तुम मुझसे दूर ही रहो। कुछ देर बाद उसका गुस्सा थोड़ा ठंडा हुआ तो मैंने उससे उसका नाम पूछा, उसका नाम प्रियंका है और वह हमारे ही कॉलोनी में रहती है। उसके पापा प्रॉपर्टी का काम करते हैं। मैं उससे बात कर के बहुत ही खुश हो रहा था। वह भी मुझसे बात कर रही थी हम दोनों एक ही टेबल में बैठे हुए थे और आपस में बात कर रहे थे। मुझे उससे बात करना बहुत ही अच्छा लग रहा था। जब मैंने उससे पूछा कि तुम क्या करती हो तो वो कहने लगी कि मैं कॉलेज में पढ़ाई कर रही हूं। मैंने उसे पूछा कि तुम कौन से कॉलेज में पढ़ रही हो, तो जब उसने अपने कॉलेज का नाम बताया तो मैंने उसे कहा कि मैंने भी वहीं से पढ़ाई की है और कुछ समय पहले ही मेरा कॉलेज कंप्लीट हुआ है। वह कहने लगी कि मैंने इसी वर्ष कॉलेज में एडमिशन लिया है इसी वजह से शायद हमारी मुलाकात नहीं हो पाई लेकिन अब हम दोनों बहुत ही बात कर रहे थे तभी मेरी मम्मी आ गई और वह भी हमारे साथ बैठ गई।
मैंने अपनी मम्मी को प्रियंका से मिलवाया तो वह उससे मिलकर बहुत ही खुश हुई और प्रियंका की तारीफ करने लगे। मेरी मम्मी हमारे साथ ही बैठी हुई थी और कुछ देर बाद वह चली गई। उसके बाद हम दोनों ही बात कर रहे थे। मैंने प्रियंका का नंबर भी ले लिया था। अब हम लोग घर चले गए और जब मैंने अगले दिन प्रियंका को फोन किया तो वह बहुत ही खुश हो रही थी और मुझे कह रही थी कि कल तो तुमने मुझे गिरा ही दिया था। उसने मुझे बहुत ही चिड़ाया और उसके बाद हम दोनों बात करने लगे। प्रियंका को मैंने जब बताया कि मैं अपने पिता के काम में उनका हाथ बढाता हूं तो वह बहुत खुश हुई। मैं जब अपने कॉलेज गया तो मुझे मेरे पुराने टीचर मिले। वह मुझसे मिलकर बहुत ही खुश हुए और उसी दिन मुझे प्रियंका भी मिल गई। वह मुझसे मिलकर बहुत खुश हुई और कहने लगी कि तुम कॉलेज में क्या कर रहे हो। मैंने उसे कहा कि बस ऐसे ही सोच रहा था कॉलेज में आऊं तो अपने टीचर से मिलने आ गया। उसके बाद वह मेरे साथ ही घर आ गई और वह कहने लगी कि तुम मेरे घर चलो, वह मुझे अपने घर ले गई और उसने अपनी मम्मी से मुझे मिलाया क्योंकि उसके पापा घर पर नहीं थे। उसकी मम्मी मुझसे मिलकर बहुत खुश हुई और थोड़ी देर बाद हम दोनों प्रियंका के रूम में चले गए। हम दोनों आपस में बहुत ही बातें कर रहे थे।
जब हम दोनों आपस में बात कर रहे थे तो मैं प्रियंका को देखे जा रहा था वह भी मुझे बड़े ध्यान से देख रही थी परंतु मैं उसके स्तनों को देख रहा था क्योंकि उसके स्तन मुझे साफ दिखाई दे रहे थे। उसने अंदर से कुछ भी नहीं पहना था जिससे कि उसके निप्पलो के उभार साफ नजर आ रहे थे और मैंने उसके स्तनों पर जैसे ही हाथ लगाया तो वह मचलने लगी। मैंने तुरंत ही उसकी टी-शर्ट को ऊपर उठाते हुए उसके गोरे स्तनों को अपने मुंह में सामा लिया और बड़े ही अच्छे से रसपान करने लगा। मैंने जैसे ही उसके स्तनों का रसपान किया तो वह पूरी उत्तेजना में आ गई और कहने लगी कि तुम जल्दी से मेरी चूत मे अपने लंड को डाल दो। मैंने भी तुरंत ही अपने लंड को बाहर निकालते हुए उसके मुंह के अंदर डाल दिया। उसने बहुत ही अच्छे से मेरे लंड को सकिंग किया। उसके बाद मेरे लंड से पानी निकलने लगा लेकिन अब उससे बिल्कुल भी नहीं रहा जा रहा था और उसने तुरंत ही अपनी योनि के अंदर मेरे लंड को डाल दिया। जैसे ही मेरा लंड उसकी योनि में गया तो वह मचलने लगी। वह बहुत ही ज्यादा मजे में आ गई मैं जब उसकी चूत में अपने लंड को डाल रहा था मुझे भी एक अलग ही तरह की अनुभूति हो रही थी। उसकी चूत बहुत ही ज्यादा टाइट थी और मुझे काफी अच्छा लगता जब मैं उसे धक्के दिए जा रहा था। जब मेरा लंड अंदर बाहर होता तो मुझे बहुत ही अच्छा लगता। मुझे ऐसा लग रहा था जैसे मैं उसे धक्के मारता ही रहूं मैं उसे बड़ी तेजी से धक्के मार रहा था। जिस से उसका पूरा शरीर गरम होने लगा वह कहने लगी कि मुझसे तुम्हारे लंड की गर्मी बिल्कुल भी बर्दाश्त नहीं हो रही है मैं उसे ज्यादा देर तक नहीं झेल पाऊंगी। मैंने उसे उठाते हुए घोड़ी बना दिया जैसे ही मैंने उसकी योनि में अपने लंड को डाला तो वह उछल पड़ी। मैंने उसकी चूतडो को पकड़ कर रखा था और मैं उसे झटके मार रहा था। उसका पूरा शरीर गरम हो गया वह भी अपनी चूतडो को मुझसे मिलाने लगी। उसे भी बहुत अच्छा लग रहा था जब वह अपने चूतडो को मुझ पर धक्के मार रही थी। मैंने भी उसे कसकर पकड़ लिया वह अपनी चूतडो को आगे पीछे कर रही थी मैं भी उसे बड़ी तेजी से धक्के मार रहा था। जब मेरा वीर्य उसकी योनि में गिर गया तो मैंने अपने लंड को बाहर निकाला तो उसकी योनि से मेरा माल टपक रहा था। उसके बाद मैं अपने घर चला गया।