antarvasna, desi chudai ki kahani
मेरा नाम संकेत है चंडीगढ़ में रहता हूं, मेरा घर वैसे अंबाला में है लेकिन मैं चंडीगढ़ में ही नौकरी करता हूं इसलिए मैं चंडीगढ़ में हीं रह रहा हूं। मुझे चंडीगढ़ में नौकरी करते हुए काफी समय हो चुका है, मेरी एक अच्छी कंपनी में नौकरी है इसलिए मैं यह कंपनी नहीं छोड़ना चाहता था। मुझे मेरे पापा मम्मी ने पहले कई बार मना किया कि तुम अंबाला में रहकर ही कुछ काम कर लो लेकिन मैंने उन्हें कहा मैं इसी कंपनी में काम करना चाहता हूं इसी वजह से मैंने चंडीगढ़ में नौकरी ज्वाइन कर ली। मुझे इस नौकरी के बारे में मेरे दोस्त के द्वारा पता चला, उसने ही मेरा रिज्यूम इस कंपनी में दिया था। वह भी इसी कंपनी में नौकरी करता है और वह भी अम्बाला का ही रहने वाला है। मेरा दोस्त भी मेरे साथ ही चंडीगढ़ में रहता है। हम लोगों ने एक घर लिया हुआ है जो कि 2 बीएचके है लेकिन हम लोग उसकी बिल्कुल भी सफाई नहीं कर पाते और हमारा कमरा बहुत ज्यादा गंदा रहता है।
हमारे साथ में दो लड़के और रहते हैं, वह भी हमारी तरह ही हैं क्योंकि ना तो हमें खाना बनाना आता है और ना ही हम लोग साफ सफाई कर पाते हैं। हम लोग सुबह ऑफिस चले जाते हैं और शाम को ही हमारा ऑफिस से लौटने होता है, इस वजह से हम लोग घर की सफाई नहीं कर पाते। हम लोग घर में एक दिन सफाई करते हैं लेकिन उस दिन भी हम लोग अच्छे से सफाई नहीं कर पाते, हम लोग बाहर से ही टिफिन मंगा लेते हैं और वह खाना खा कर सो जाते हैं। जब मेरी मम्मी मुझसे मिलने के लिए चंडीगढ़ आई तो उन्होंने हमारे घर की स्थिति देखी तो वह बहुत गुस्सा हो गई और कहने लगी कि तुम लोग इतनी गंदगी में कैसे रहते हो, मैंने उन्हें कहा कि हमें बिल्कुल भी समय नहीं मिल पाता इसलिए हम लोग यहां पर ऐसे ही रहते हैं। उन्होंने उस दिन हमारे घर की पूरी सफाई की, मेरे दोस्त जब ऑफिस से आए तो वह कहने लगे कि आजकल बहुत ज्यादा साफ लग रहा है, जब उन्होंने मेरी मम्मी को देखा तो वह कहने लगे कि आंटी जी आपने तो पूरा घर को चमका दिया है। मेरी मम्मी ने जब मेरा टिफिन देखा तो उसमें वह कहने लगी कि तुम लोग ऐसा खाना किस प्रकार से खा लेते हो, मेरी मम्मी मुझ पर बहुत ही गुस्सा हो रही थी और वह कहने लगी कि अब से तुम लोग घर में ही खाना बनाया करो और घर की साफ सफाई रखा करो तो तुम्हें भी अच्छा महसूस होगा।
मेरी मम्मी मुझे मार्केट ले गई और वहां से उन्होंने मुझे सारा सामान दिलवा दिया, उन्होंने मुझे किचन का सारा सामान दिलवा दिया और मुझे कहने लगी कि तुम अब से घर पर ही खाना बनाओगे। मैंने कहा ठीक है मैं घर पर ही खाना बनाऊंगा लेकिन जब वह चली गई तो मुझसे बिल्कुल भी काम नहीं हो रहा था क्योंकि मैं ऑफिस से लेट आ रहा था और मुझे समय नहीं मिल पाता था इसलिए मैंने एक नौकरानी रखने का फैसला कर लिया। जिस व्यक्ति ने हमें फ्लैट दिलवाया था मैंने उनसे कहा कि यदि कोई घर का काम करने के लिए हो तो तुम मुझे बता देना। उसने मुझे कहा कि ठीक है मैं आपको घर का काम करने के लिए एक महिला दिलवा दूंगा। उसने मुझे शाम को फोन किया और उसने मुझे एक महिला से मिलवाया, मैंने उनका नाम पूछा उनका नाम शालू था। मैंने जब उन्हें अपना घर दिखाया तो वह कहने लगी आपका घर तो बहुत साफ है मैंने उन्हें कहा कि कुछ दिनों पहले मेरी मम्मी आई थी उन्होंने घर का सारा काम करवाया है लेकिन हम लोगों से बिल्कुल भी खाना नहीं बन पाता इसलिए तुम सुबह आकर नाश्ता बना दिया करो और शाम के समय में तुम खाना बना देना। वह कहने लगी ठीक है मैं सुबह नाश्ता बना दिया करूंगी और उसके बाद मैं साफ सफाई करते हुए यहां से चली जाऊंगी, फिर शाम को तुम्हारा खाना बना लिया करूंगी। मैंने उसे कहा ठीक है तुम इसी प्रकार से कल से आ जाना। अब वह हमेशा ही आने लगी और घर की साफ-सफाई का काम करने लगी। मेरे सारे दोस्तों ने कहा कि तुमने उसे क्यों रख लिया, मैंने अपने दोस्तों से कहा कि मुझे बहुत ही समस्या हो रही थी इस वजह से मुझे रखना पड़ा क्योंकि मुझे भी लगने लगा कि हम लोग ऐसे में बीमार पड़ जाएंगे और मेरी मम्मी भी कहने लगी कि तुम्हें अब अपना काम खुद ही करना चाहिए इसीलिए मैंने उसे रखा।
वह लोग भी मुझे हर महीने पैसे दे दिया करते थे और मैं शालू को हर महीने पगार टाइम पर दे देता था। कभी-कभार थोड़ा बहुत आगे पीछे हो जाता था तो वह एडजेस्ट कर लिया करती थी। वह बहुत ही अच्छा खाना बनाती थी और मेरे दोस्त भी अब टिफिन लेकर जाते थे तो वह भी खुश थे। वह कहते थे यह तो अच्छा हुआ जो तुमने उसे घर पर रख लिया। मुझे ऑफिस के काम के सिलसिले में कुछ दिनों के लिए बाहर जाना था इसलिए मैं कुछ दिनों के लिए बाहर चला गया। जब मैं वापस लौटा तो उस दिन मेरे दोस्त घर पर नहीं थे, मैंने उन्हें फोन कर के पूछा कि तुम लोग कहां चले गए तो वह कहने लगे कि आज छुट्टी है तो हमने सोचा कहीं घूमने चले जाते हैं। मैंने उन्हें कहा कि तुमने मुझे क्यों नहीं बताया, वह कहने लगे कि हमें लगा तुम अभी कुछ दिनों बाद लौटोगे इसलिए हमने तुम्हें नहीं बताया। मैंने उनसे पूछा कि तुम लोग कब लौट आओगे, तो वह कहने लगे कि हम लोग कल सुबह पहुंच जाएंगे। अब मैं घर में अकेला बोर हो रहा था और मुझे लगा मुझे कहीं बाहर जाना चाहिए। मैं कुछ देर के लिए बाहर चला गया और बाहर ही टहल रहा था। उसके बाद मैं घर वापिस लौट आया फिर मैं अपने लैपटॉप में गाने सुन रहा था।
मैंने कान में हेडफोन लगाए हुए थे। मैं बहुत तेज आवाज में गाने सुन रहा था, मुझे बाहर कुछ भी नहीं सुनाई दे रहा था लेकिन मुझे ऐसा एहसास हुआ जैसे कोई दरवाजा खटखटा रहा है, मैंने जब अपने कान से हेडफोन निकाले तो मैं दरवाजे पर गया, मैंने बाहर देखा तो वहां पर शालू खड़ी थी और वह कहने लगी कि मैं इतनी देर से दरवाजा खटखटा रही हूं लेकिन कोई भी दरवाजा नहीं खोल रहा, अब वह अंदर आयी और अपने काम पर लग गयी। मैं गाने सुन रहा था और वह घर का काम कर रही थी। मैं गाने सुनते सुनते ही लेट गया। जब मेरी आंख खुली तो मैंने देखा शालू मेरे कमरे में सफाई कर रही है मैंने जब उसे कहा कि तुम मेरी अलमारी को भी साफ कर दो। जब वह स्टूल से अलमारी पर चढ़ी तो उसका पैर फिसल गया और वह नीचे गिर गई वह सीधा ही मेरे ऊपर आ कर गिर गई और उसकी गांड मेरे लंड से टकरा गई। मैंने उसे कसकर पकड़ लिया और उसकी गांड को दबाना शुरू कर दिया मैंने उसके होठों को भी किस कर लिया। उसके होठों को मैं बहुत अच्छे से चूस रहा था उसे बहुत अच्छा महसूस होने लगा जब मैं उसके होठों को किस करते हुए अपने होठो में ले रहा था। मैंने उसकी साड़ी को ऊपर करते हुए उसकी पैंटी को उतार दिया और अपने लंड को उसकी योनि में डाल दिया। जैसे ही मैंने अपने लंड को उसकी योनि के अंदर डाला तो उसके मुंह से चिल्लाने की आवाज निकल गई वह बहुत ज्यादा चिल्लाने लगी। मैंने उसके स्तनों को अच्छे से चूसना शुरू कर दिया मै उसको बड़ी तीव्र गति से झटके देने लगा। मैंने उसकी योनि को बहुत देर तक चोदा उसके बाद मैंने उसे घोड़ी बना दिया और उसके चूतड़ों को मैंने कसकर पकड़ते हुए उसे झटके देने शुरू कर दिए। मैंने उसे बहुत तेज झटके मारे वह बहुत ही खुश होने लगी मैं उसे बड़ी तेज गति से चोदे जा रहा था और वह भी अपनी चूतडो को मुझसे मिलाने पर लगी हुई थी उसकी चूतडे लाल हो गई और उसकी गर्मी कुछ ज्यादा ही बाहर की तरफ निकलने लगी। मैंने अपने लंड को उसकी योनि से बाहर निकालते हुए उसकी गांड के अंदर डाल दिया। जैसे ही मेरा लंड उसकी गांड में गया तो वह चिल्लाने लगी और मुझे कहने लगी आपने तो मेरी गांड को फाड दिया। मैंने उसकी गांड इतनी तेज तेज मारी कि उसका पूरा शरीर हिलने लगा वह पूरे मजे में आ गई। मैंने उसे बड़ी तेज गति से धक्के देने शुरू कर दिए वह मुझसे बड़ी तीव्रता से अपनी चूतडो को मिलाए जा रही थी। उसकी गांड पूरी चौडी हो चुकी थी और वह भी अपनी गांड को मुझसे मिलाने पर लगी हुई थी लेकिन मुझसे उसकी मोटी और बड़ी गांड की गर्मी ज्यादा देर तक बर्दाश्त नहीं हुई मेरा माल उसकी गांड के अंदर ही गिर गया।