Antarvasna, hindi sex story: मैं अपनी बहन से मिलने के लिए उसके घर पर चला गया उसके घर पर मैं काफी समय बाद जा रहा था क्योंकि शादी के बाद वह अपने पति के साथ अब लखनऊ में रहती है तो उससे मिलने के लिए मैं काफी लंबे अरसे बाद उसके घर पर गया था। मेरी बहन की शादी को 6 वर्ष हो चुके हैं और उसकी शादी के बाद शायद दूसरी बार ही मैं उजक घर पर गया था। जब मैं उससे मिलने के लिए गया तो मैने देखा कि वह अपने पति के साथ बहुत ही खुश हैं और मुझे अब उसकी बिल्कुल भी चिंता नहीं थी मेरी बहन अपने पति के साथ बहुत ही खुश थी। मैं अब अपने घर दिल्ली लौट आया था दिल्ली लौट आने पर मेरी मां ने मुझसे पूछा बेटा तुम्हारी बहन तो ठीक है ना मैंने अपनी मां से कहा हां दीदी तो बहुत अच्छे से रह रही हैं और उनके पति उनका बहुत ख्याल रखते हैं।
काफी बरसों बाद अपनी बहन से मिलने की खुशी मेरे दिल में थी और कुछ बचपन की यादें भी मेरे दिमाग में ताजा हो गई थी मुझे बहुत ही अच्छा लग रहा था कि मैं अपनी बहन से मिलकर वापस दिल्ली लौट आया। एक दिन मैं अपने काम के सिलसिले में मेट्रो से जा रहा था उस दिन मेट्रो में कुछ तकनीकी खराबी के कारण मेट्रो को आने में देर हो गई थी लेकिन फिर भी मैं उसका इंतजार कर रहा था। जब मेट्रो आई तो लोग मेट्रो में चढ़ने लगे और मेट्रो खचाखच भर चुकी थी मैं मेट्रो में चढ़ चुका था और मेट्रो का ए सी तो बिल्कुल भी काम नहीं कर रहा था ऐसा प्रतीत हो रहा था जैसे मानो किसी ने धूप में खड़ा कर के कोई पंखा चला दिया हो। सब लोगों के शरीर से पसीने की बदबू आ रही थी और पसीने की बदबू से सब लोग बेहाल थे लेकिन कोई कुछ कह नहीं सकता था। धीरे धीरे धीरे भीड़ कम होने लगी और मैं जब अपने स्टेशन पर पहुंचा तो वहां से उतरकर मैं रोहित जी के पास चला गया क्योंकि रोहित जी से मुझे कुछ पैसे लेने थे और काफी समय से उन्होंने मुझे पैसे नहीं दिए थे। मैंने उन्हें कुछ सामान दिया था लेकिन अब तक मेरे सामान कि उन्होंने पेमेंट नहीं की थी और मैं जब रोहित जी के पास गया तो वह मुझे कहने लगे अरे संजीव जी आज आप दुकान में हीं आ गए।
मैंने उन्हें कहा सर अब क्या करता आप से मिलने तो आना ही था वह भी मुझे देख कर थोड़ा हैरान और परेशान तो हो ही गए थे लेकिन अब उन्हें भी मजबूरी में मुझे पैसे देने ही पड़े। मैंने उनसे पैसे लिए और वहां से मैं वापस अपने घर लौट आया काफी समय बाद रोहित जी ने मुझे पैसे दिए थे। मैं उनके साथ पिछले कई वर्षों से बिजनेस करता आया हूं लेकिन उन्होंने कभी भी मुझे पैसों के लिए रुकने के लिए नहीं कहा लेकिन इस वक्त ना जाने उनके घर में क्या समस्याएं चल रही थी जिस वजह से उनका काम भी नहीं चल पा रहा था। वह मुझे कहने लगे कि आप थोड़ा समय और रुक जाइए लेकिन आखिरकार उन्होने मुझे पैसे दे दिए। मैं पैसे लेकर अपने घर पहुंच चुका था तो मेरी मां मुझे कहने लगी बेटा मुझे कुछ पैसे राशन के लिए चाहिए थे। मैंने मां को अपने बटुए से पैसे निकालते हुए दिए और कहा लो मां यह पैसे रख लो मां कहने लगी बेटा मैंने तुम्हारे पापा से बात की थी लेकिन वह सुबह मुझे पैसे देना भूल गए जिस वजह से मैंने तुम्हें पैसों के लिए कहा। मैंने मां से कहा कोई बात नहीं मां यदि आप कहें तो आपके साथ मैं भी चलूं मां कहने लगी ठीक है बेटा तुम भी मेरे साथ चलो और हम दोनों ही राशन लेने के लिए चले गए। जब हम दोनों वहां पर गए तो जिस बनिया से मां राशन लिया करती थी वह उस दिन दुकान पर नहीं थे तो दुकान में काम करने वाला लड़का कहने लगा कि जी कहिये आपको क्या चाहिए था। मां ने उस लड़के के हाथ में सामान की एक लिस्ट थमा दी और वह लड़का बड़ी ही फूर्ति से सामान निकालने लगा कुछ ही मिनट बाद उसने सारा सामान निकाल लिया था। मैंने उस लड़के से कहा यार तुम बड़े ही चुस्त-दुरुस्त हो वह कहने लगा साहब यहां पर ऐसा ही काम है यदि मैं चुस्त-दुरुस्त नहीं रहूंगा तो भला यहां पर काम कैसे करूँगा। मैंने उसे कहा लेकिन तुम काम बड़ी ईमानदारी और मेहनत से कर रहे हो मैंने उस लड़के से पूछा तुम यहां कितने वर्षों से काम कर रहे हो।
वह मुझे कहने लगा सर मुझे यहां पर 5 वर्ष हो चुके हैं मैंने उसे कहा लेकिन मैंने तो तुम्हें यहां पहली बार ही देखा है वह कहने लगा शायद जब आप आए होंगे तो आपने मुझे देखा नहीं होगा। मैं और मां घर वापस लौट आए जब हम लोग घर वापस लौटे तो मैंने देखा पापा भी घर पर आ चुके थे पापा सोफे पर बैठे हुए थे और पापा ने मां से कहा कि कहां चले गए थे मां कहने लगी कि हम लोग राशन लेने के लिए चले गए थे। पापा कहने लगे अरे सुबह मैं तुम्हें पैसे देना ही भूल गया मां कहने लगी कोई बात नहीं आज संजीव और मैं घर का सामान ले आए थे। पापा ने मुझे कहा कि बेटा तुमसे कुछ काम था मैंने पापा से कहा हां पापा कहिए ना मैं पापा के साथ कुछ देर बैठा पापा कहने लगे बेटा तुम्हारी शादी की उम्र भी हो चुकी है और तुम्हें अपनी शादी के बारे में सोचना चाहिए। मैंने पापा से कहा पापा मुझे थोड़ा वक्त और चाहिए यदि आप कहें तो थोड़ा वक्त मुझे और मिल सकता है पापा कहने लगे बेटा देखो तुम घर में बड़े हो अब तुम्हें शादी कर लेनी चाहिए और तुम्हारे बाद तुम्हारी बहन भी तो है। मैंने पापा से कहा पापा आप ठीक कह रहे हैं आप मुझे थोड़ा और वक्त दीजिए मैं शादी के बारे में सोच लूंगा पापा कहने लगे ठीक है बेटा तुम सोच कर मुझे बता देना।
मुझे अपनी शादी के लिए थोड़ा वक्त और चाहिए था लेकिन यह भी बड़ा अजीब इत्तेफाक था कि कुछ दिनों बाद मैं जब अपने दोस्त की शादी में गया हुआ था तो वहां पर मेरी मुलाकात सोनिया से हो गई। सोनिया और मैं साथ में बैठे हुए थे हम दोनों को मेरे दोस्त ने साथ में डांस करने के लिए कहा तो हम दोनों की जैसे केमिस्ट्री बन चुकी थी और हम दोनों एक दूसरे के साथ जमकर डांस में ठुमका लगाए जा रहे थे। मेरे दोस्त की शादी में हम दोनों ने चार चांद लगा दिए थे अब मेरे नजदीक सोनिया से बढने लगी थी। सोनिया को मैं अपने नजदीक आने नहीं देना चाहता था लेकिन ना चाहते हुए भी उसे मैंने अपना लिया और हम दोनों एक दूसरे के साथ काफी समय तक बात करते रहते। अब हम लोग मिलते नहीं थे हम लोगों का मिलना कम ही हुआ करता था परंतु मुझे क्या मालूम था कि जल्दी ही सब कुछ बदल जाएगा और सोनिया को मुझे अपनाना पड़ेगा हालांकि मैं सोनिया को अपनाना नहीं चाहता था लेकिन मेरी मजबूरी थी कि मुझे उसे अपनाना पड़ा। सोनिया से मुझे शादी करनी पड़ी सोनिया और मैने मिलने का फैसला किया सोनिया से मेरी फोन पर तो बात होती ही रहती थी लेकिन जब मै सोनिया से मिलने के लिए पहली बार उसके घर पर गया तो उसके घर में उस दिन कोई भी नहीं था। उसके पापा और मम्मी उसके किसी रिश्तेदार के घर गए हुए थे शायद मेरे लिए यह अच्छा मौका था लेकिन मुझे नहीं मालूम था कि मुझसे बहुत बड़ी गलती हो जाएगी। जब सोनिया और मेरे बीच नजदीकियां बढ़ने लगी तो मैंने सोनिया को अपनी गोद में बैठा लिया वह मेरी गोद में बैठ चुकी थी। अब मेरा लंड सोनिया की दीवार से टकराने लगा था उसकी गांड की दीवार से मेरा लंड टकराते ही खड़ा हो जाता वह बाहर आने की कोशिश करने लगता लेकिन मैंने अपने आपको बहुत रोकने की कोशिश की।
जब सोनिया ने मेरे लंड को अपने हाथ में लिया तो मै बिल्कुल भी अपने आपको रोक ना सका वह मेरे लंड को बडे ही अच्छे से अपने हाथ से हिला रही थी। मैं उसे देख रहा था मैंने सोनिया से कहा तुम्हें क्या सकिंग करना अच्छा लगता है? वह मुझे कहने लगी मैंने आज तक कभी किसी के लंड को अपने मुंह में तो नहीं लिया है लेकिन आज पहली बार मैं ट्राई कर सकती हूं। उसकी बात सुनकर मैंने उसे कहा ठीक है तुम आज ट्राई कर के देखो सोनिया ने मेरे लंड को अपने मुंह के अंदर ले लिया। जब सोनिया ने मेरे लंड को अपने मुंह के अंदर लिया तो मुझे बड़ा अच्छा लगने लगा उसे भी मजा आ रहा था। वह मेरे लंड को अपने मुंह के अंदर बाहर कर रही थी और बड़े अच्छे से वह मेरे लंड को चूस रही थी। मैंने भी उसकी चुन्नी को उतारा और उसके सूट को मैंने खोलना चाहा लेकिन मुझसे उसका सूट ही नहीं खुल रहा था। उसने मुझसे कहा आप मेरे सूट के पीछे लगी चैन को खोल दीजिए तो मेरा सूट खुल जाएगा। मैंने जब उसके बदन को देखा तो मैं रह ना सका उसकी गोरी कमर पर मैंने अपने दांतों के निशान मार दिए मैंने अपने निशान से उसकी गोरी कमर को पूरी तरीके से अपना बना लिया था। जब मैंने अपने हाथों से उसके सूट को उतारा तो वह मेरी हो चुकी थी।
मैंने उसके स्तनों को बड़े अच्छे से दबाया और उनका आनंद मैंने काफी देर तक लिया। उसके स्तनों में दर्द महसूस होने लगा था वह मुझे कहने लगी मुझे बड़ा दर्द हो रहा है लेकिन मैंने दांत के निशान से उसके स्तनों को अपना बना लिया था। मैंने सोनिया की पैंटी को उतारा तो उसकी योनि से गिला पन बाहर की तरफ को निकल रहा था उसकी योनि पूरी तरीके से गीली हो चुकी थी और गीली हो चुकी होने के अंदर मैंने भी अपने लंड को धक्का देते हुए घुसा दिया। मेरा लंड सोनिया की योनि के अंदर चला गया मैंने उसके दोनों पैरों को चौड़ा किया तो वह चिल्लाने लगी और मेरे कंधे को पकड़ने लगी। मैंने उसे कहा तुम्हें अच्छा लगेगा और यह कहते ही मैंने अपनी गति को पकड़ लिया। सोनिया के साथ मैंने 5 मिनट तक संभोग का आनंद लिया फिर मैंने उसे उल्टा करते हुए भी बहुत देर तक चोदा और उसकी चूत से मैंने खून बाहर निकाल दिया था। उसे मेरे साथ सेक्स संबंध बनाने में बड़ा मजा आया और उसके चेहरे की खुशी बया कर रही थी कि मैंने उसकी इच्छा को अच्छे से पूरा कर दिया है।