मैंने वो किया जो मैंने कभी सोचा नहीं था 2

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मेरा नाम संबित है और मैं एक फाइनेंस कंपनी में मैनेजर की पोस्ट पर हूं। मुझे यहां जॉब करते हुए काफी समय हो चुका है। मैं ऑफिस का सबसे पुराना व्यक्ति हूं। मेरे साथ जितने भी लोगों ने जॉइनिंग लिया था वह सब लोग हमारे ऑफिस को छोड़कर जा चुके हैं और ना जाने वह लोग कहां कहां पर अब जॉब कर रहे हैं। मेरी उनमें से कुछ लोगों से बात हो जाती है। परंतु सब लोगों से बात नहीं हो पाती। मैं अपने काम में ही ज्यादा बिजी रहता हूं। उसकी वजह से मुझे बिल्कुल भी समय नहीं मिल पाता है। मुझ पर काम का बहुत ज्यादा प्रेशर रहता है, जिस वजह से मैं बिल्कुल समय नहीं दे पाता हूं। हमारे ऑफिस में कई नए स्टाफ आते रहते हैं और वह लोग रिज्यूम भेजते रहते हैं। मैं ही उन लोगों का इंटरव्यू लिया करता हूं और उन्हें सेलेक्ट करता हू। हमारे ऑफिस में इंटरव्यू चल रहे थे। हमारे ऑफिस में कई लोगो ने अपने रिज्यूम दिए थे। जिनमें से मुझे सेलेक्ट करने थे। मैं मेरे बॉस और हमारे ऑफिस की जो पुरानी टीम थी वही लोग सलेक्शन किया करते थे। अब हमारे ऑफिस में बहुत सारे लोग आ गए थे तो हम लोग सब का इंटरव्यू ले रहे थे। जब हम इंटरव्यू ले रहे थे तो उनके सामने कुछ लोगो को सलेक्ट कर लिया। उनमें से कुछ लड़के थे और कुछ लड़कियां थी। अब हम लोग उन्हें ट्रेनिंग देने लगे। ट्रेनिंग देते-देते उनमे से मुझे एक लड़की बहुत पसंद आई। उसका नाम लता था और उसने एमबीए किया हुआ था। लता बहुत ही अच्छी लड़की थी।

बिल्कुल साधारण सी लग रही थी लेकिन यह बात तो उस समय मेरे दिल में ही थी और मैंने उसे अपने दिल की बात नहीं बताई मैं उन्हें ट्रेनिंग दिया करता था। उन्हें मैं अपने ऑफिस के बारे में बता रहा था कि कैसे हमारे ऑफिस में सब लोग मेहनत करते हैं और अपने टारगेट को पूरा करते हैं। अब उनकी ट्रेनिंग पूरी हो चुकी थी। उसके बाद वह लोग अब ऑफिस में रेगुलर काम करने लगे। लता बहुत ही अच्छे से काम कर रही थी और वह बहुत ही अच्छा काम संभाल रही थी। उसके काम में बहुत ज्यादा प्रोग्रेस थी जिसे देख कर मैं बहुत खुश था और उसे हमेशा कहता रहता था कि तुम बहुत ही अच्छा काम कर रही हो। मुझे बहुत अच्छा लगता है जब तुम इतनी मेहनत करती हो। वह भी बहुत खुश हो जाती थी और कहती थी सर जब आप मेरी तारीफ करते हैं तो मुझे बहुत ही अच्छा लगता है। अब ऐसे ही समय बीतता जा रहा था और लता और मेरे बीच में नजदीकियां बढ़ने लगी। वह मुझसे हंस कर बात करती थी और हम दोनों के बीच में अब दोस्ती जैसा कुछ हो चुका था लेकिन उसने पूरी तरीके से दोस्ती भी नहीं की। क्योंकि वह अभी मेरी रिस्पेक्ट करती थी और मुझसे बहुत ही सम्मान से बात किया करती थी। परंतु मैं उससे अपने दिल की बात कह नहीं पाया। उसे भी थोड़ा बहुत तो समझ आ चुका था कि मेरे दिल में भी उसके लिए कुछ चल रहा है। परंतु उसने भी कभी मुझसे कोई बात नहीं की और मैंने भी उससे कभी इस बारे में बात नहीं की।

एक दिन मैंने उससे कहा कि हम लोग कहीं घूमने के लिए चलते हैं। वह कहने लगी मैं आपके साथ घूमने तो नहीं आ सकती परंतु आपके साथ ऑफिस में ही थोड़ा समय बिता सकती हूं। अब हम लोग ऑफिस में ही थोड़ा ज्यादा समय बिताने लगे और मुझे उस से बात कर के बहुत ही अच्छा लगता था और मैं सोचता था कि मैं लता को सब कुछ बता दूं। परंतु मेरे अंदर हिम्मत नहीं हो रही थी। मैं यह सोचता था कि कहीं वह यह ना समझ ले कि मैं उसका सीनियर हूं और उस पर इस चीज के लिए दबाव बना रहा हूं। परंतु एक दिन लता ने मुझे ही खुद ही प्रपोज़ कर दिया और कहने लगी कि आपके लिए मेरे दिल में कुछ है। जब यह बात मैंने सुनी तो मैं बहुत खुश हो गया और उसे कहने लगा कि मेरे दिल में तो तुम्हारे लिए कब से कुछ चल रहा है। परंतु मेरी बोलने की हिम्मत नहीं हो रही थी। अब ऐसे ही काफी समय बीतता चला गया और हम दोनों की नजदीकियां और ज्यादा बढ़ती चली गई। एक दिन हमारे ऑफिस में एक नए लड़के की जॉइनिंग हुई। उसका नाम मोहन है और वह हमारे ऑफिस में ही काम किया करता था। वह काम के मामले में बहुत ही सीरियस था और बहुत अच्छा काम कर रहा था। जिस वजह से उसका प्रमोशन भी होता हो गया। अब वह भी अच्छे पद पर था। मैंने एक दिन देखा मोहन और लता एक साथ बैठे हैं और बहुत हंस कर बात कर रहे हैं। मुझे उस दिन बिल्कुल भी ऐसा नहीं लगा कि उन दोनों के बीच में कुछ चल रहा है। इस वजह से मैंने उस बात को इग्नोर कर दिया और अपना काम करने लगा लेकिन जब उन दोनों की नजदीकिया कुछ ज्यादा ही बढ़ने लगी तो मैंने इस बारे में लता से बात की तो वह कहने लगी कि हम दोनों के बीच सिर्फ दोस्ती है। उस से बढ़कर कुछ भी नहीं है लेकिन मुझे लगने लगा था कि उन दोनों के बीच में कुछ तो चल रहा है। मैंने इस बारे में मोहन से बात की तो वह कहने लगा कि लता मेरी गर्लफ्रेंड है। जब यह बात मैंने सुनी तो मेरे पैरों तले जमीन खिसक गई और मुझे ऐसा लगा जैसे लता ने मुझे बेवकूफ बना दिया हो और मुझे इस बात पर बिल्कुल भी यकीन नहीं हुआ। मोहन सच कह रहा था। इसलिए मुझे लता पर बहुत ही गुस्सा आ रहा था। अब मैंने लता से बात करना बंद कर दिया और मैं उससे बिल्कुल भी बात नहीं किया करता था। वह कभी मुझे ऑफिस में दिखती तो मैं अपना रास्ता बदल लिया करता। मोहन और लता के बीच में बहुत नजदीकियां बढ़ने लगी। और वह दोनों बहुत ही करीब आ गए। वह दोनों ऑफिस में भी साथ में बैठे रहते थे और अच्छे से बातें किया करते थे। मुझे यह बात बहुत ज्यादा बुरी लगती थी। परंतु मैं एक शरीफ इंसान हूं। इस वजह से मैंने उसे कुछ भी नहीं कहा और उन दोनों के बीच नजदीकियां बढ़ती चली गई। जब लता को कुछ काम होता तो ही वह मुझसे बात किया करती थी।

एक दिन वह मेरे केबिन में आई और मुझसे पूछने लगी कि यह फाइल मैं कुछ गड़बड़ है। मैंने उसे कहा कि तुम मेरे पास ही यह फाइल रख दो वह जैसे ही वह मेरे पास फाइल रखने आई तो उसक चूतडे मेरे मुंह पर लग गई। जैसे ही उसकी बड़ी चूतड मेरे मुंह में लगे तो मैंने उसे कसकर पकड़ लिया और उसे वहीं जमीन में लेटा दिया। जैसे ही मैंने उसे जमीन में लेटाया तो उसका पूरा शरीर गर्म होने लगा और मैंने उसके होठों को अपने होठों में लेकर किस करना शुरू कर दिया। मैं उसे बड़े ही अच्छे से किस किए जा रहा था। वह भी बहुत ज्यादा खुश हो रही थी और मुझे भी बहुत खुशी हो रही थी। कुछ समय बाद उसने मेरे लंड को अपने हाथों में लेते हुए हिलाना शुरू कर दिया। उसने मेरे लंड को अपने मुंह के अंदर समा लिया। जब उसने मेरे लंड मुंह के अंदर लिया तो मुझे बहुत ही अच्छा महसूस हो रहा था। मैंने उसके गले तक अपने लंड को डाल दिया। मैंने उसके पूरे कपड़े खोल दिया और उसके स्तनों का रसपान करने लगा। उसके स्तन बड़े ही गोल-गोल और मजेदार थे। जैसे ही मैं उन्हें अपने मुंह में लेता तो उसकी उत्तेजना चरम सीमा पर पहुंच जाती है। उसकी उत्तेजना इतनी अधिक हो गई कि मैंने उसकी चूत मे जैसे ही हाथ लगाया तो वह पूरी गीली हो गई थी। मैंने तुरंत ही अपने मोटे लंड को उसकी योनि में घुसेड़ दिया। जैसे ही मैंने उसकी योनि में अपने लंड को डाला तो उसके गले से चीख निकल गई और वह चिल्लाने लगी। अब मे उसे बड़ी तीव्रता से झटके दिया जाता। मैंने उसे इतनी तेजी से चोदना शुरू किया कि उसका पूरा बदन हिल रहा था और उससे बिल्कुल भी बर्दाश्त नहीं हो रहा था। उसने अपने दोनों पैरों को चौड़ा कर लिया और मुझे कहने लगी मुझे बड़ा ही मज़ा आ रहा है। लेकिन मैंने उसे इतनी तेज तेज धक्के लिए की मुझसे भी उसकी चूत की गर्मी झिली नहीं जा रही थी। क्योंकि उसकी योनि बहुत ही टाइट थी इस वजह से मैं उसकी गर्मी को नहीं झेल पा रहा था और मैं उसे चोदने पर लगा हुआ था। कुछ समय बाद मेरा वीर्य पतन उसकी योनि के अंदर हो गया। उसने अपने सारे कपड़े पहने और उसके बाद वह मुझसे अपनी चूत मरवाती रहती है और मोहन के साथ भी वह रिलेशन में है।

 

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