antarvasna, kamukta मैं एक छोटे से गांव का रहने वाला हूं और मैं अभी भी अपने गांव आता जाता रहता हूं मैंने अपने जीवन में बहुत मेहनत की है और पिछले 20 वर्षों से मैं मेहनत कर रहा हूं अब जाकर मुझे सफलता हासिल हुई और अब मेरी स्थिति पूरी तरीके से बदल चुकी है मेरे पास पैसे की कमी भी नहीं है और मैं पूरी तरीके से सक्षम भी हो चुका हूं, मेरा परिवार भी मेरी सफलता से बहुत खुश है क्योंकि मेरे पिताजी गांव में एक छोटी सी दुकान में काम किया करते थे और वहीं से हमारा घर का खर्चा चला करता था। मुझे आज भी याद है जब मेरे दोस्त नए नए कपड़े लेते थे लेकिन मुझे अपनी इच्छाओं को सिर्फ दबाना पड़ता था क्योंकि मेरे पिताजी के पास इतने पैसे नहीं हुआ करते थे जिस वजह से मैंने शायद उसी वक्त सोच लिया था कि मुझे कुछ अलग करना है और अपने जीवन में सफल हो कर दिखाना है, जैसे जैसे समय बीतता गया वैसे ही मैंने भी अपनी जिंदगी की शुरुआत की मैंने अपनी शुरुआत एक दुकान में काम करने से कि मैं वहां पर बहुत मेहनत किया करता था और वहां के दुकानदार मुझसे बहुत ज्यादा काम करवाया करते थे क्योंकि मेरा शरीर बड़ा ही तगड़ा था इसीलिए वह मुझसे ज्यादा काम कराया करते थे और मेरी कद काठी भी बहुत अच्छी है।
मैं दिन-रात वहां काम किया करता मुझे वहां पर सिर्फ 500 रुपये तनख्वा मिला करती थी जब मैं अपनी पहली कमाई के 500 रुपये देखता तो मुझे हमेशा लगता कि मैंने अपनी जिंदगी में कितनी मेहनत की है। आज से 20 साल पहले कि जिंदगी को मैं जब याद करता हूं तो मुझे ऐसा लगता है कि मैंने शुरुआत कहां से की थी और मैं कहां पहुंच गया लेकिन यह सब मेरी मेहनत का नतीजा ही है कि मैं हमेशा ही आगे बढ़ता गया और मैंने उसके बाद कभी पीछे मुड़कर नहीं देखा हालांकि मुझे इस बात का दुख जरूर है कि मेरे माता-पिता मेरे साथ नहीं है और मैं उन्हें शायद वह जीवन नहीं दे पाया जो मैं हमेशा से देखा करता था परंतु अब भी सब कुछ ठीक चल रहा है मेरी पत्नी और मेरे बच्चे बहुत खुश हैं मेरी पत्नी हमेशा मुझसे कहती है कि हम लोग इतने छोटे से गांव से आते हैं शायद उस गांव का नाम भी लोगों को पता नहीं है लेकिन उसके बाद आपने इतनी मेहनत की और अपने बलबूते आपने यह सब हासिल किया और हमें एक अच्छी जिंदगी दी हमें बहुत अच्छा लगता है।
मैं भी अपनी पत्नी की बातों से बहुत प्रभावित हूं मैने उसे कहा देखो इसमें तुम्हारा भी हाथ है क्योंकि मैंने तो शायद तुम्हें वह प्यार कभी दिया ही नहीं जिसकी तुम हकदार थी परंतु तुमने मेरा साथ हमेशा हर मोड़ पर दिया, मेरी पत्नी ने मेरा साथ हर मोड़ पर दिया और जब मेरे पास पैसे नहीं थे उस वक्त भी वह मेरे साथ खड़ी थी और आज मेरे पास सब कुछ है तब भी वह मेरे साथ है उसने मेरे बुरे वक्त में बहुत साथ दिया है इसलिए मैं उससे बहुत प्यार करता हूं। मैं लगातार कहीं ना कहीं प्रॉपर्टी में निवेश करता ही रहता था एक दिन मैं अपने ऑफिस में बैठा हुआ था उस दिन मेरा दोस्त सुरजीत आया वह कहने लगा कि और सोहन तुम कैसे हो? मैंने उसे कहा मैं तो ठीक हूं लेकिन तुम सुनाओ आज तुम्हारा आना यहां कैसे हुआ वह कहने लगा बस सोचा तुम्हें मिलते हुए चलूं, मैंने उसे कहा तुम मुझसे मिलने तो आ नहीं सकते जरूर तुम्हें कोई काम होगा वह कहने लगा तुमने बिल्कुल सही समझा मुझे कुछ काम ही था इसलिए मैं तुमसे मिलने के लिए आया था मैंने उसे कहा हां सुरजीत कहो तुम्हें क्या काम था वह मुझे कहने लगा कुछ समय पहले मेरे पास एक व्यक्ति फॉर्म हाउस देखने के लिए आया यदि तुम्हें वह लेना है तो तुम उसे देख सकते हो मैंने उसे कहा लेकिन वह फार्महाउस आखिरकार मैं क्यों लूं वह मुझे कहने लगा तुम एक बार वह फार्महाउस देख तो लो यदि तुम्हें अच्छा लगे तो ही तुम उसे लेना और अगर तुम्हें वह अच्छा नहीं लगेगा तो तुम उसे मत लेना। मैंने भी सुरजीत की बात मान ली सुरजीत के साथ मैं उस फार्महाउस को देखने के बारे में सोचने लगा, मैंने उसे कहा हम लोग अगले हफ्ते वहां चलते हैं वह कहने लगा ठीक है हम लोग अगले हफ्ते चलते हैं।
मैं उस दिन जब घर लौटा तो मैं सिर्फ यही सोचता रहा कि मैं काफी समय से एक फार्महाउस लेने की सोच ही रहा था क्योंकि कई बार मुझे अपने परिवार के साथ में कहीं अकेला समय बिताना होता है तो मैं शायद उनके साथ वह समय नहीं बिता पाता मैंने सोचा चलो एक बार उसको देख ही लेते हैं मैं उसको देखने के लिए चले गया जब हम दोनों उसको देखने के लिए गए तो मुझे वह फार्महाउस काफी पसंद आया मैंने सोचा यह तो काफी बड़ा है सुरजीत ने जब मुझे उस फार्महाउस के बारे में बताया तो वह कहने लगा देखो तुम मेरे दोस्त हो और तुमसे छुपा कर कोई फायदा नहीं है वह कहने लगा यह जिस व्यक्ति का था उसका बिजनेस में बहुत बड़ा नुकसान हो गया जिसकी भरपाई वह तो कर नहीं पाए इसलिए उसने मुझे यह फार्महाउस बेच दिया मैंने यह फार्महाउस अपने लिए लिया था लेकिन मुझे अभी कुछ पैसों की जरूरत है इसलिए मैं यह फार्महाउस बेचना चाहता हूं और यह तुम्हें ज्यादा महंगा भी नहीं पड़ेगा। मैंने भी सुरजीत से उसका दाम पूछ लिया और हम दोनों के बीच उस फार्महाउस को लेकर सौदा हो गया मैंने सुरजीत से वह फार्महाउस खरीद लिया और सुरजीत ने उस फार्महाउस के पेपर मेरे नाम करवा दिए, कुछ समय बाद मैं अपने परिवार को लेकर उस फार्महाउस में रुकने के लिए ले गया वहां पर वह सारी व्यवस्था और सारी सुविधाएं थी जो कि मैं चाहता था फार्महाउस भी बहुत बड़ा था मैं उस फार्महाउस को लेकर बहुत खुश था क्योंकि मैं हमेशा से सोचा करता था कि मैं एक फार्महाउस लूंगा लेकिन मैं कभी ले नहीं पाया था, मुझे वह फार्महाउस भी बिल्कुल सही दाम पर मिल गया था इसलिए मैंने उसे लेने की सोच ली और अब मैं उसे ले भी चुका हूं।
मैंने अपने परिवार के साथ वहां बहुत ही अच्छा समय बिताया मेरी पत्नी भी बहुत खुश थी और वह कहने लगी कि काफी समय बाद आप हमारे साथ समय बिता रहे हैं बच्चे भी उस फार्महाउस में पूरी मस्ती कर रहे थे और वह लोग स्विमिंग पूल से बाहर आने का नाम ही नहीं ले रहे थे हम लोग फार्महाउस में चार दिन रूके और उसके बाद वापस लौट आए कुछ ही दिनों बाद सुरजीत मेरे पास आया और कहने लगा मैंने सुना तुम फार्महाउस में गए हुए थे मैंने उसे कहा हां मैं कुछ दिनों के लिए वहां गया था वहां पर सब कुछ बहुत ही व्यवस्थित और अच्छा है वह मुझे कहने लगा मैंने तो तुम्हें पहले ही कह दिया था कि वहां पर सब कुछ बहुत ठीक है दरअसल उस व्यक्ति का बिजनेस में नुकसान हो गया था इस वजह से उसने बहुत ही कम दामों पर वह मुझे दे दिया और मुझे पैसों की जरूरत थी इसलिए मैंने तुम्हें वह दे दिया तुम आखिरकार मेरे दोस्त हो इसलिए मैं तुमसे ज्यादा पैसे नहीं ले सकता था। सुरजीत और मेरी दोस्ती भी काफी पुरानी है मैंने भी सुरजीत की कई बार मदद की है और सुरजीत भी मुझे अपना बहुत अच्छा दोस्त मानता है इसलिए वह मुझसे कुछ भी नहीं छुपाता और मैं भी उससे कभी कुछ नही छुपाता हूं। सुरजीत मुझे कहने लगा कि क्यों ना हम लोग भी वहां फार्महाउस में चले, मैंने उसे कहा अभी मैं कुछ दिन पहले वहां से आया हूं थोडे दिन रुक जाओ मैं तुम्हें फोन करता हूं तब हम लोग फॉर्म हाउस में चल पड़ेंगे। हम दोनों कुछ दिनों बाद फार्महाउस में चले गए।
जब मैं और सुरजीत फार्महाउस में गए तो हम दोनों फार्महाउस की छत पर चले गए और वहां से इधर-उधर देखने लगे। हमने देखा सामने से एक लड़की पैदल चली आ रही है सुरजीत कहने लगा यार यह तो बड़ी गजब की माल है इसे हम लोग बुलाते हैं। सुरजीत ने उसे सीटी मारकर अंदर बुला लिया और वह भी आ गई जब सुरजीत ने उसे पूछा कि तुम कहां रहती हो तो वह कहने लगी मैं यही पास में रहती हूं। सुरजीत ने उसे पैसे का लालच देकर पूरी तरीके से पटा लिया और उसे उसने सेक्स करने के लिए राजी कर लिया उसकी उम्र 20 वर्ष की रही होगी और उसका बदन बड़ा ही सॉलिड था। सुरजीत उसे कमरे में ले गया और उसने उसके साथ जमकर सेक्स के मजे लिए वह कहने लगा तुम भी चले जाओ। मैंने उसे कहा यह सब ठीक नहीं है लेकिन सुरजीत ने मुझे कहा तुम एक बार उसके साथ सेक्स तो करो तुम्हे मजा आ जाएगा तुम्हें तुम्हारी जवानी याद आ जाएगी। मैं उस लड़की के साथ सेक्स करने के लिए चला गया उसे कोई दिक्कत नहीं थी उसने मेरे लंड को अपने मुंह में ले लिया और वह बड़े अच्छे से लंड मुंह में ले रही थी। मैंने उसे कहा क्या तुम्हें मजा आ रहा है वह कहने लगी हां मुझे तो बहुत मजा आ रहा है मैंने उसकी चूत को भी चाटना शुरु किया, उसकी चूत से गिला पदार्थ बाहर की तरफ को निकाल दिया।
उसकी चूत से गिला पदार्थ निकलते ही उसे भी मजा आने लगा जैसे ही मैंने उसकी योनि के अंदर अपने लंड को प्रवेश करवाया तो उसे भी तकलीफ होने लगी। वह मुझे कहने लगी मुझे बहुत मजा आ रहा है मैं उसे तेजी से धक्के मार रहा था उसे धक्के मारने में मुझे बहुत मजा आता। मैंने उसकी चूत के मजे बहुत देर तक लिए। जब मैंने उसे घोड़ी बनाकर चोदना शुरू किया तो वह भी मुझसे अपनी चूतड़ों को टकराती इसलिए मैं ज्यादा समय तक उसके साथ संभोग का आनंद ले ना सका लेकिन उस वक्त मैंने उसे बहुत ही अच्छे से चोदा। उस वक्त मेरी इच्छा पूरी हो चुकी थी सुरजीत ने उसे पैसे दे दिए और कहा कल भी यही आ जाना। वह कहने लगी ठीक है मैं कल भी आ जाऊंगी अगले दिन हम दोनो उसका इंतजार करते रहे पर वह नहीं आई। मैं इसी आस में बैठे था कि वह आएगी परंतु वह तो आई ही नहीं फिर हम दोनों ने सोचा कि हम लोग भी चलते हैं। हम लोग घर वापस चले आए लेकिन उस फिगर वाली लड़की को चोद कर बढ़ा ही मजा आया और ऐसा लगा जैसे जवानी दबारा लौट आई हो।