Hindi sex stories, Kamukta मैं अपने ऑफिस से लौटा ही था कि मेरी पत्नी महिमा मुझे कहने लगी आदर्श मुझे आपसे कुछ काम था मैंने अपनी पत्नी महिमा से कहा हां महिमा कहो तुम्हें क्या काम था वह कहने लगी आप पहले फ्रेश हो जाइए फिर मैं आपको बताती हूं। मैं बाथरूम में चला गया और मैं नहा कर जब बाहर आया तो मुझसे महिमा कहने लगी मुझे कल शॉपिंग के लिए जाना था तो क्या आपके पास समय होगा मैंने महिमा से कहा हां ठीक है हम लोग कल चल लेंगे। हम दोनों की शादी को अभी एक साल ही हुआ है हम दोनों के बीच बहुत प्यार है महिमा मेरा बहुत ध्यान रखती है और मैं महिमा से बहुत प्यार करता हूं। महिमा बहुत ज्यादा खुश थी हम लोग अगले दिन सुबह 11:00 बजे शॉपिंग के लिए निकले हमारे घर से दो-तीन किलोमीटर की दूरी पर एक मॉल है हम लोग वहां पर शॉपिंग करने के लिए चले गए लेकिन महिमा को कुछ पसंद ही नहीं आ रहा था।
मैंने उसे कहा हम लोगों को यहां पर करीब एक घंटा हो चुका है लेकिन तुम्हें कुछ पसंद ही नहीं आ रहा महिमा मुझे कहने लगी मैं कपड़े देख तो रही हूं लेकिन मुझे कुछ पसंद ही नहीं आ रहा। मैंने महिमा से कहा हम लोग क्या कहीं और चलें महिमा कहने लगी नहीं मैं दूसरे आउटलेट में जाकर देखती हूं। जब वह दूसरे आउटलेट में गई तो वहां पर महिमा को उसकी एक सहेली मिली और वह दोनों एक दूसरे से मिलकर बहुत खुश हुए महिमा ने मुझे काजल से मिलवाया काजल के साथ उसके पति भी थे उनका नाम मोहन है। महिमा ने काजल से कहा कि तुम लोग मुंबई में कब आए तो काजल कहने लगी कि मेरे पति का ट्रांसफर यहीं हो चुका है और हम लोग यही सेटल हो चुके हैं इस बात से महिमा खुश हो गई। वह कहने लगी कि तुम लोग कभी घर पर आओ काजल कहने लगी इनकी छुट्टी के दिन हम लोग प्लान करेंगे। हम लोगों ने साथ में अच्छा समय बिताया लेकिन महिमा ने ज्यादा कुछ शॉपिंग नहीं की थी वह जब घर आई तो मुझे कहने लगी कि मैंने ज्यादा शॉपिंग नहीं की है मैंने महिमा से कहा तुम्हें कुछ पसंद ही नहीं आ रहा था इसलिए तुमने कुछ भी नहीं लिया।
एक दिन मुझे महिमा ने कहा कि मैंने काजल और मोहन को घर पर इनवाइट किया है तो तुम आज घर जल्दी आ जाना मैंने उसे कहा ठीक है मैं कोशिश करूंगा कि मैं घर जल्दी आ जाऊं। महिमा ने मुझे दोपहर के वक्त फोन किया और कहा कि तुम ऑफिस से कितने बजे तक लौट आओगे मैंने महिमा से कहा मैं ऑफिस से बस निकलते ही तुम्हे फोन कर दूंगा। मैंने महिमा को ऑफिस से निकलते ही फोन किया और उसे पूछा कि क्या मोहन और काजल आ चुके हैं महिमा कहने लगी नहीं वह लोग अभी नहीं आए हैं बस कुछ देर बाद आते ही होंगे। मैंने महिमा से कहा बस मैं आधे एक घंटे में घर पहुंच जाऊंगा मैं अपनी कार से ड्राइव कर रहा था और रास्ते में थोड़ा ट्रैफिक था जिसकी वजह से मुझे लेट हो गई मैं जब घर पहुंचा तो मैंने देखा मोहन और काजल घर पर पहुंच चुके थे। महिमा ने मुझे कहा आपको आने में तो काफी लेट हो गई मैंने उसे कहा रास्ते में बहुत ज्यादा ट्रैफिक था इसलिए मुझे आने में लेट हो गई। मैं काजल और मोहन से मिला तो मुझे उनसे मिलकर अच्छा लगा मैंने उन्हें कहा आप लोग कब पहुंचे मोहन ने मुझे कहा हम लोग बस अभी 10 मिनट पहले ही पहुंचे है। हम सब लोग साथ में बैठे हुए थे मोहन मुझसे पूछने लगे आप किस में काम करते हैं मैंने उन्हें बताया कि मैं एक्सपोर्ट कंपनी में हूं, मोहन तो गवर्नमेंट जॉब थे और उन्होंने कहा हम लोगों के साथ थोड़ी तकलीफ है हर दो-तीन साल बाद हमारा ट्रांसफर हो जाता है और फैमिली को इधर से उधर ले जाते रहो। मैंने उनसे कहा लेकिन आप लोग कम से कम और जगह भी तो देख लेते हैं मुझे तो मुंबई में बहुत साल हो चुके हैं यहीं पर मेरी पढ़ाई भी हुई और उसके बाद यही पर जॉब कर के महिमा के साथ ही रह रहा हूं। घर जाने का तो जैसे समय ही नहीं मिल पाता अपने माता-पिता से मिले हुए करीब एक साल होने को आ गया है तभी काजल बोल पड़ी आप लोग अपनी ही बात करते रहेंगे हम लोग कुछ खाने की तैयारी करते हैं।
महिमा ने काजल से कहा तुम रहने दो लेकिन काजल महिमा के साथ किचन में चली गई मैं और मोहन साथ में बैठे हुए थे हम दोनों एक दूसरे से बात कर रहे थे। मुझे मोहन के बारे में उस दिन काफी चीजो के बारे में जानने का मौका मिला और मुझे यह भी मालूम पड़ा कि मोहन मेरे चाचा के लड़के को अच्छी तरीके से जानता है क्योंकि हम सब लोग एक ही शहर के रहने वाले हैं। मैंने मोहन से कहा क्या तुम इस बीच लखनऊ गए थे मोहन कहने लगा हां मैं कुछ ही महीने पहले लखनऊ गया था हम दोनों बात कर ही रहे थे कि महिमा मुझे कहने लगी आ जाइए आप लोग हम लोग तब तक खाना लगा देते हैं। काजल और महिमा ने खाना टेबल पर लगा दिया और हम चारों ने उस रात एक साथ डिनर किया लेकिन काफी देर हो चुकी थी इसलिए मैंने मोहन से कहा रात काफी हो गयी है आप लोग यहीं रुक जाइये लेकिन मोहन कहने लगा नहीं मुझे कल ऑफिस जाना है इसलिए मुझे अभी जाना पड़ेगा। वह लोग रात में अपने घर चले गए मैंने मोहन को फोन किया तो वह कहने लगे हां हम लोग घर पहुंच गए हैं उसके बाद काजल भी कई बार महिमा से मिलने के लिए घर में आ जाया करती थी और कभी महिमा काजल से मिलने के लिए चली जाती थी। महिमा को काजल का साथ बहुत अच्छा लगता है वह दोनों एक दूसरे को बचपन से जानती हैं और महिमा काजल की बहुत तारीफ करती है महिमा ने मुझे बताया कि काजल और उसकी दोस्ती स्कूल में हुई थी। एक दिन काजल और मोहन ने हमें अपने घर पर भी इनवाइट किया हम लोग उनके घर पर गए थे उस दिन हम लोग उन्हीं के घर पर रुके और फिर कुछ दिनों बाद हम लोगों ने घूमने का प्लान बनाया हम लोग घूमने के लिए वॉटर पार्क चले गए।
जब हम लोग वाटर पार्क गए तो उस दिन महिमा और काजल बहुत इंजॉय कर रहे थे और हम लोगों ने भी उनके साथ काफी एंजॉय किया छुट्टी का दिन हम लोगों का बहुत अच्छा रहा। उस दिन जब मैं और महिमा घर लौटे तो मुझे मेरे मामा का फोन आया मेरे मामा भी मुंबई में ही रहते हैं वह कहने लगे आदर्श बेटा आजकल तुम घर पर नहीं आ रहे हो मैंने मामा से कहा मामा आजकल काम को ज्यादा है इसलिए घर पर आना नही हो पाता है। वह मुझे कहने लगे कि यदि तुम्हारे पास समय हो तो तुम घर पर आना मैंने मामा से कहा ठीक है मामा मैं आपके पास कल आता हूं। मैं अगले अपने मामा के पास चला गया मैं जब उनके घर पर गया तो मैंने उनसे पूछा क्या कोई जरूरी काम था तो वह कहने लगे नहीं बेटा कोई जरूरी काम तो नहीं था लेकिन मैं सोच रहा था कि तुम से काफी समय से मिला नहीं हूं तो मिल लेता हूं। मामा मुझसे पूछने लगे कि महिमा कैसी है मैंने उन्हें कहा महिमा तो ठीक है लेकिन क्या घर पर कोई नहीं है तो मामा कहने लगे हां तुम्हारी मामी और बच्चे अपने मायके गए हुए हैं वह दो चार दिन बाद लौटेंगे। मैं मामा के साथ काफी देर तक रहा और उसके बाद मैं अपने घर चला आया मैंने महिमा को बताया कि आज मैं मामा जी से मिला था महिमा मुझसे पूछने लगी मामा जी कैसे हैं मैंने महिमा को बताया कि वह बहुत अच्छे हैं। महिमा की एक दिन तबीयत खराब थी तो उस दिन मैं घर पर ही था काजल महिमा को देखने के लिए आई हुए थी।
जब काजल महिमा से मिलने आई तो महिमा अच्छे से बात भी नहीं कर पा रही थी इसलिए उसने मुझसे कहा महिमा की तबीयत कैसे खराब हुई तो मैंने उसे सारी बात बताई और कहा ना जाने महिमा को इतना ज्यादा बुखार कहां से आ गया, डॉक्टर ने उसे दवाई दी है लेकिन उसके शरीर में काफी कमजोरी आ गई है। काजल मुझे कहने लगी कोई बात नहीं महिमा ठीक हो जाएगी हम दोनों एक दूसरे से बात कर रहे थे तभी मेरी नजर काजल के स्तनों पर गई। उसके स्तन उस दिन कुछ ज्यादा ही बड़े दिख रहे थे मैं उन्हें ध्यान से देखने लगा वह अपने स्तनों को मुझसे छुपाने की कोशिश करती लेकिन मैंने भी उसके स्तनों को अपने हाथों में ले लिया और उसे दबाने लगा। उसे बड़ा मजा आने लगा वह मुझे कहने लगी क्या तुम्हें मेरे स्तनों को दबाने में मजा आ रहा है मैंने उसे कहा हां क्यों नहीं तो वह कहने लगी तुम और क्या कर सकते हो।
मैंने उसे कहा आओ तुम्हें मैं बताता हूं मैं और क्या कर सकता हूं महिमा अंदर रूम में लेटी हुई थी, मैंने काजल के कपड़े उतारे और उसके पूरे बदन को ऊपर से लेकर नीचे तक चाटा उसकी योनि से गिला पदार्थ बाहर की तरफ निकलने लगा था। उसकी चूत पर जब मैंने अपने लंड को रगडना शुरू किया तो वह पूरी तरीके से उत्तेजित हो जाती और जैसे ही मैंने उसके पैरों को खोलते हुए अपने लंड को उसकी चूत के अंदर घुसाया तो वह मजे में आ गई। मैं उसे बड़ी तेज गति से धक्के मारने लगा मुझे उसे धक्के देने में बहुत आनंद आ रहा था काफी देर तक मैं उसकी चूत के मजे लेता रहा लेकिन जब मैंने उसकी गांड तेल लगाकर मारी तो वह कहने लगी मैं तुम्हें मान गई तुम्हारे अंदर बहुत ज्यादा ताकत है। मैंने उसे कहा अब तो तुम्हें यकीन हो गया होगा कि मैं क्या कर सकता हूं। वह कहने लगी हां तुमने तो मेरी गांड से खून निकाल कर रख दिया मुझे बहुत मजा आ रहा है जिस प्रकार से तुम मेरी गांड मार रहे हो। मैंने उसे कहा लेकिन तुम्हारी गांड में कुछ तो बात है मैं उसे बड़ी तेज गति से धक्का दिए जा रहा था। मुझे उसे धक्के मारने में बहुत आनंद आता मैंने काफी देर तक उसके साथ मजे लिए उसके बाद वह घर चली गई महिमा भी कुछ दिनों बाद ठीक हो चुकी थी।