दोस्त का छोटा लंड और उसकी बीवी की अन्तर्वासना

हेल्लो मेरे दोस्तों सदर प्रणाम व्यक्त करता हूँ आप लोगों को अपने लंड का और आशा करता हूँ आपका लंड हमेशा खड़ा रहे मुठ गिराता रहे और चूत में घुसता रहे | मेरा नाम कल्लू बाबाजी है और मैं कंचनपुर में रहता हूँ | मेरे साथ कई लोग रहते हैं और सब मुझे पगला बोलते हैं क्यूंकि मैं हूँ ही सबसे अलग | मेरी कद काठी छोटी है पर मेरा लंड बहुत बड़ा और मोटा है | मैंने कई बार अपने आप से मुठ निकाला है और कई लड़कियों और भाभियों को दिखाया है | पर कोई मुझे भाव नहीं देती क्यूँकी मैं बड़ा ही कमीना इंसान हूँ | मुझे चूत की इतनी तलब रहती है कि मैं किसी को भी चोद लेता हूँ और अपनी प्यास बुझा लेता हूँ | अब कल ही बात लेलो मैंने एक बोतल में अपना लंड डाल के अपना माल निकाला क्यूंकि मुझे चूत मिलती ही नहीं और ना ही मेरे माँ बाप मेरी श्जादी करवाते हैं क्यूंकि मेरी हरकते ख़राब हैं | मेरा लकड़ी का काम है और मुझे अच्छी खासी कमाई हो जाती है पर उस टाइम तक जब तक ये धंदा वजूद में रहता है | मतलब एक साल में मुझे बस तीन या चार महीने ही काम रहता है |

दोस्तोंमैं आपको एक बार की बात बता हूँ जब मेरे बाप ने मेरे घर में एक कुतिया पाली और बताया की जब इसके बच्चे होंगे तब हमउनको बेच के पैसा कम लेंगे क्यूंकि हमारे यहाँ लोगों को कुत्ते पालने का बहुत शौक है | उस समय मैं 19 साल का था और करते खेलता था | मुझे बांग्लादेश में खेलने बुलाया था और मैंने वहाँ पे गोल्ड मैडल भी जीता था | मुझे लगा मुझे सरकारी नौकरी मिल जाएगी और माँ बाप भी खुश थे पर ऐसा नहीं हुए | एक दिन मेरे घर में कोई नहीं था और मुझे चूत की तलब बहुत जोर से लगी थी क्यूंकि एक तो में चूत का भूखा इंसान हूँ और दूसरा मैंने दारू पी ली थी | अब मैं करता भी तो क्या | बस एक ही रास्ता बचा हुआ था जो था उस कुतिया को चोदने का और अपनी प्यास मिटाने का | मैंने पकड़ा उस कुतिया को और लाया अपने कमरे में | मैंने कंडोम पहन लिया ताकि कोई बिमारी न हो | अब मैंने उस कितिया के छेद में अपना लंड डाल दिया और वो चिल्लाने लगी | पर मुझे लगा इसमें थोडा टेढ़ा करते डालना पड़ेगा |

मैंनेथोडा सा टेढ़ा करके अपना लंड उसके छेद में डाला और पेलने लगा मेरा लंड अन्दर तक जा रहा था | मुझे मज़ा आ रहा था और मैं ऊम्म्म्मम्म उम्म्मम्म उम्म्म्म अह्ह्ह्हह्ह अह्ह्ह्हहऊम्म्म्मम्म उम्म्मम्म उम्म्म्म अह्ह्ह्हह्ह अह्ह्ह्हहऊम्म्म्मम्म उम्म्मम्म उम्म्म्म अह्ह्ह्हह्ह अह्ह्ह्हहऊम्म्म्मम्म उम्म्मम्म उम्म्म्म अह्ह्ह्हह्ह अह्ह्ह्हहऊम्म्म्मम्म उम्म्मम्म उम्म्म्म अह्ह्ह्हह्ह अह्ह्ह्हहऊम्म्म्मम्म उम्म्मम्म उम्म्म्म अह्ह्ह्हह्ह अह्ह्ह्हह करने लगा | पर थोड़ी देर बाद मुझे याद आया कि कुतिया के अन्दर तो लॉक सिस्टम होता है और मेरा लंड उसमे फस गया | उतने में मेरे बड़े भाई ने कहा कल्लू हम लोग आ गए हैं दरवाज़े की चाबी दे | मैंने सोचा कुछ नहीं बोलूँगा तो बच जाऊँगा | पर मैं यहाँ भी गलत था क्यूंकि एक चाबी हमेशा मेरे बाप के पास रहती है और उसने दरवाज़ा खोल दिया | अब सब मुझे देख रहे थे और कुतिया के छेद में फस मेरा लंड भी देख रहे थे | मेरे बाप ने उठाया लट्ठ और दे सुटायी मेरी गांड पे | आधे घंटे बाद मेरा लंड निकला पर तब तक मेरी गांड टूट चुकी थी | मेरी माँ ने मुझे बात नहीं की और मुझे खाना भी नहीं मिला |

उसके बाद रात को मेरा बाप पीके घर आया और फिर मेरी गांड तोड़ी और बेहिसाब मारा मेरे को | मैंने कहा मादरचोद बाप मेरी शादी करवा दे न अगर इतना ही बुरा लग रहा है तो | अब मेरा पीना चालु हो गया और मैंने घर में अपना रोल पटक दिया | दारु पीके पूरे मोहल्ले में गाली बकना घरवालों को गाली देना और यहाँ वहाँ झगडा करना | मैंपूरी तरह बिगड़ गया और अब तो मेरी एक कौड़ी की इज्ज़त भी नाची रह गयी थी | फिर मैंने सोचा चलो कोई काम धंधा ही पकड़ लेता हूँ जिससे मेरा खर्च निकल जाएगा और मुझे किसी से पैसे उधार नहीं लेने पड़ेंगे | मेरा सारा घर मुझे परेशान रहता क्यूंकि मुझे दारु की बड़ी गन्दी लत लग गयी थी |अब मैं कही भी झगडा करता तो मुझे बहुत मार पड़ती और मैं सूज के घर आता | मेरे माँ बाप तो पहले से ही मेरी गांड मार रहे थे वो सब देखने के बाद और मारते थे | मेरे बाप का नाम लोहा प्रसाद विश्वकर्मा है | मुझे इस बार जब उसने मारा तो मैंने कहा लोहा साले किया क्या है तूने अपनी जिंदगी में बस चोद के दो लड़के निकाल दिए बस |

उसके बाद तो ऐसी गांड तोड़ी गयी मेरी कि मुझे घर के एक कमरे में बंद कर दिया गया और उसके बाद चार दिन तक खाना भी नहीं दिया | अब मेरी गांड लपाका ले गयी थी और मैंने काफी मिन्नतें की उसके बाद दरवाज़ा खुला | पर बन्दर कभी कुलाटी मारना बंद नहीं करता इउस लिए मैंने अब बाहर पीना शुरू कर दिया और घर तभी आता था जब मेरी दारु उतर जाती थी | इससे मैं थोडा बहुत बचा रहता था और मुझे घर में मार भी नहीं पडती थी | पर अब मुझे चूत की बहुत ज़रूरत थी इसलिए मैंने यहाँ वहाँ मुह मारना चालु कर दिया था | पर मुझे सब पता था और सबको मेरे बारे में इसलिए मुझे कोई लड़की मिल नहीं रही थी इसलिए मैंने सोचा कोई नया मुर्गा फसाया जाए | मेरे घर के बाजू में एक लड़का रहता है जिसका नाम है परतूस और उसकी नयी नयी शादी हुयी थी | उसकी बीवी वैसे तो बहुत अच्छी थी दिखने में पर वो खुश नहीं थी क्यूंकि क्यूंकि परतूस का लंड बहुत छोटा है | मैं इसलिए जानता हूँ क्यूंकि एक बार वो नदी में हम लोगो के साथ नहाने गया था तो मैंने उसकी चड्डी उतार दी थी |

मुझे पता था कि उसकी बीवी यहाँ नयी है और उसने मुझे कभी भी देखा नहीं है | मैंने उसको पटाने के लिए कई चीज़े की पर किसी से बात नहीं बनी | फिर मुझे याद आया इसको लंड की कमी है क्यूँ न इसको मैं अपना लंड दिखा दूँ और ये चुदने के लिए तैयार हो जाए | एक दिन वो ऊपर कपडे सुखाने के लिए आई और मैं भी पहुँच गया | मैंने तौलिया लपेटा हुआ था और जैसे ही उसने मुझे देखना शुरू किया मैंने अपना तौलिया गिरा दिया और मेरा खड़ा लंड उसके सामने था | उसने पहले तो इधर उधर देखा और मैंने जानबूझ के अपना तौलिया वापस बाँध लिया | उसके बाद मैंने दो तीन दिन ऐसा ही किया और उससे कहा क्या देख र्ताही लेके देखो तो मज़ा आएगा | उसने कहा हट मादरचोद तेरे सारे कारनामे पता है मुझे कुतिया चोदने वाले | मेरी शकल उतर गयी क्यूंकि मुझे तो लगता था परतूस मेरा दोस्त है बहनचोद | पर वो नहीं था उसने सब कुछ बता दिया था | अब मैंने सोचा चलो कार्यक्रम चालू रखा जाए | फिर अगले दिन मैं पहुँच गया छत पे और वही करने लगा पर इस बार वो हँसी |

मैं तुरंत दौड़ के उसके पास गया क्यूंकि हमारी चाट लगी हुयी हैं और मुझे कोई दिक्कत नहीं होती यहाँ वहाँ जाने में |

मैं जैसे ही पहुंचा उसने मेरा लंड घूर के देखा और कहा वाह काला मोटा लंड मेरी पहली पसंद | मैंने कहा सुनो मन मत करना अब इसे लेलो | उसने कहा साले अगर लेना नहीं होता तो यहाँ खड़ी नहीं रहती | ,मुझे बड़ी ख़ुशी मिली ये जानकार की अब मैं चूत चोद पाऊंगा | मैंने तुरंत उस्सका ब्लाउज उतारा और उसके ब्रा को फाड़ के फेक दिया| अब उसके दूध पे मेरा मुह घूम रहा था और उसके बड़े निप्पल को मैं इतना जैम से चूस रहा था कि उसकी सिस्कारियां निकल रही थी | वोआआहाआह ऊउन्न् आहाहाह ऊउम्म्म ऊनंह अआहा आअह्ह्हाअ अहहहः अहहाआअ ऊउन्न ऊउम्म्ह आआनाहा ऊउन्न्ह ऊम्म्ह आहाहाहा ऊनंह ऊउम्ह आहाहहा ऊउन्न्ह ऊउम्म्ह अहहहः कर रही थी और मुझे भी मज़ा आरहा था | मैंने उसके बाद उसकी साड़ी उठायी और उसकी चूत में ऊँगली डालने लगा | वोआआहाआह ऊउन्न् आहाहाह ऊउम्म्म ऊनंह अआहा आअह्ह्हाअ अहहहः अहहाआअ ऊउन्न ऊउम्म्ह आआनाहा ऊउन्न्ह ऊम्म्ह आहाहाहा ऊनंह ऊउम्ह आहाहहा ऊउन्न्ह ऊउम्म्ह अहहहः कर ही रही थी | मुझेऊँगली डाल के पता चला कि उसकी चूत बेहद टाइट है और परतूस का छोटा लंड उसके कोई काम का नहीं |

मैंने उसे वहीँ नीचे लेटाया और उसकी चूत में फ़ौरन अपना लंड डाल दिया | वो जोर से आआहाआह ऊउन्न् आहाहाह ऊउम्म्म ऊनंह अआहा आअह्ह्हाअ अहहहः अहहाआअ ऊउन्न ऊउम्म्ह आआनाहा ऊउन्न्ह ऊम्म्ह आहाहाहा ऊनंह ऊउम्ह आहाहहा ऊउन्न्ह ऊउम्म्ह अहहहः करने लगी | और मैं उसे चोदते ही जा रहा था | मैंने उसको दो बार चोदा और वो बस आआहाआह ऊउन्न् आहाहाह ऊउम्म्म ऊनंह अआहा आअह्ह्हाअ अहहहः अहहाआअ ऊउन्न ऊउम्म्ह आआनाहा ऊउन्न्ह ऊम्म्ह आहाहाहा ऊनंह ऊउम्ह आहाहहा ऊउन्न्ह ऊउम्म्ह अहहहः कर रही थी | उसके बाद हम नंगे लेट गए और मेरा माल उसके मुह पे था और वो कह रही थी मज़ा आ गया | पर परतूस ने ये सब देख लिया और उसने पूरे मोह्हले में बात फैला दी | फिर क्या मुझे मार के फिर से निकाल दिया गया |

 

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