पड़ोसी के लड़के ने गांड चाटकर चूत मारी भाग २

रवि अब मस्ती में अपनी गांड चला रहा था और बोल रहा.. अहहाह अहहाह आआआ.. बहुत खूब.. मस्त . आआऊअऊओ ऊऊओह्ह्ह् एस एस . फिर मैंने एकदम से आगे बढकर गप्प से उसके लंड को अपने मुह में ले लिया और मस्ती में उसको चूसने लगी. रवि ने एक हाथ अपनी गांड पर रखा और एक हाथ से मेरे बालो को पकड़ा और अपनी गांड को हिला कर मेरे मुह को चोदने लगा. उसका लंड बहुत ही तेजी से सटास्ट अन्दर – बाहर हो रहा था और कभी – कभी मेरे गले तक पहुच जाता था. मैंने तो पागलो की तरह उसके लंड को हाथ से मसल रही थी और मस्ती में चूस रही थी. अभी १० ही मिनट हुए होंगे, कि उसके लंड ने एक बहुत ही गरम वीर्य की धार मेरे मुह में मार दी. उसका तेज स्पीड से वीर्य झट से मेरे गले से टकराया और मेरे हलक में उतर गया. मैंने उसके लंड को पूरा का पूरा चूस लिया. और फिर मैंने उसके लंड को उगल दिया. रवि के चेहरे से पसीना टपक रहा था. फिर उसने मुझे सोफे से लगा कर उल्टा खड़ा किया, तो मैंने बोला – गांड ही मारने दूंगी. वो बोला – हाँ छिनाल, पलट हो सही.

फिर, वो अपने घुटनों पर बैठ गया और अपने हाथ से मेरे बट्स को खोलने लगा. मुझे एकदम से दर्द हुआ, तो मैंने अपनी गांड आगे कर ली. उसने फिर से मेरी गांड को पकड़ा और नीचे से आकर अपनी जीभ को मेरी चूत पर रख दिया. ऊऊऊओह्हह्ह ओह.. माय गॉड! ऐसा तो आज तक मैंने किसी भी चुदाई में नहीं देखा था. उसकी जीभ नीचे से सीधे ही मेरी चूत में घुस गयी और ऐसा लगा, कि किसी ने धारदार छुरी नीचे से एकदम से मेरी चूत में घुसा दी हो. मैंने तो मरने ही लगीऔर अपनी गांड हिलाकर अपनी जीभ को बाहर निकालने लगी. पर उसने मेरी जांघो को कसकर पकड़ा हुआ था और मैं ज्यादा हिल नहीं सकती थी. वो अपनी जीभ से मेरी चूत के अन्दर की साईं दीवारों को चाटने में लगा हुआ था. मैं तो बस बावरी हुए जा रही थी. अब मैं ज्यादा देर कण्ट्रोल नहीं कर सकती थी. मैंने उसको कहा – बस रवि, और नहीं.. चोद डालो मुझे अब. बहुत खुजली होने लगी है अब.

रवि ने मुझे इग्नोर कर दिया. लेकिन उसने अपनी जीभ हटा ली. और फिर उसने अपनी जीभ को मेरी गांड के छेद पर रख दिया और उसको चाटने लगा. ऊऊऊओह्हह्ह क्या मस्त फीलिंग थी और वो मेरी गांड के छेद के आसपास के एरिया को चाट रहा था. फिर साथ ही साथ में उसने अपनी एक ऊँगली से मेरी चूत को रगड़ना शुरू किया. आआऊऊ बाबा.. उसकी जीभ गांड के छेद पर और ऊँगली चूत के छेद पर. मैं तो बस पागल ही हो चुकी थी. मैंने अपने हाथ से अपने चुचे दबाने शुरू कर दिए और निप्पल को खीचना भी शुरू कर दिया. मैंने अपने होठो को अपने दातो से काट रही थी और फिर पागलो की तरह अपनी अपनी गांड को रवि के मुह पर घुमा रही थी. पूरा माहौल में मेरी सिस्कारिया हाहाहा हहह ह्ह्ह ह्ह्ह आआअ अहहाह आआ अहहाह अहहाह आआआ गूंज रही थी और मेरी साँसे बहुत तेज चल रही थी. अचानक से मेरे शरीर ने रगड़ना शुरू कर दिया और मुझे अपनी चूत से अपना गरम माल बाहर बहने का अहसास हुआ. बहुत ही गाड़ा और बहुत सारा. रजत या किसी और साथ, जब मैं बहुत कामुक सेक्स किया था, तब मेरा इतना सारा वीर्य बाहर आया होगा.

मेरा सारा वीर्य उसकी ऊँगली के साथ चूत से बाहर आ गया. अब तो मैं पागल हो चुकी थी और अब मुझसे सहन नहीं हो रहा था. मैंने एकदम से मुड़कर रवि के बालो को खीचा और उसकी खड़ा कर के उसके लंड को खीचने लगी. वो मुस्कुरा रहा था, मेरी बैचेनी पर. पर क्या करू, वो था ही इतना अच्छा और माहिर. किसी भी लड़की या औरत को एकदम से अपना दीवाना बना दे. आज तक मैंने सेक्स तो कई के साथ किया था, लेकिन प्यार सिर्फ रजत से. लेकिन, आज मुझे फिर से रवि से प्यार होने लगा था. फिर, रवि ने मुझे सोफे के किनारे को पकड़ कर घोड़ी बना दिया और मेरे बूट्स को अपने हाथ से खोलकर उस पर थूक दिया. फिर, थोड़ा थूक अपने हाथ में लेकर अपने लंड को रगड़कर गीला कर दिया और फिर अपने एक हाथ से अपने लंड को मेरी चूत पर सेट करने लगा और रगड़ने लगा. मैंने बहुत ही ज्यादा बैचेन हो गयी थी और फिर एक जोरदार धक्के के साथ उसने अपना पूरा का पूरा लंड मेरी चूत में उतार था.

मेरी सांस एक दम से अटक गयी. उसने मुझे सँभालने का मौका भी नहीं दिया और फिर से एक और जोरदार धक्का मारा और उसका लंड सीधा मेरी बच्चेदानी से जाकर टकरा गया. मेरे मुह से जोर से अह्ह्हह्ह्ह्ह आआआआआआआआ निकल गयी और मैं सोफे के साइड पर गिरने ही वाली थी, कि उसने मुझे थाम कर खड़ा कर दिया और मस्ती में जोर से धक्के मारने लगा. मैंने सोफे को कसकर पकड़ा हुआ था, क्योंकि उसके धक्का का फ़ोर्स बहुत ज्यादा था और मैं बैलेंस नहीं बना पा रही थी. फिर वो पुरे जोश के साथ जोरदार धक्के मार रहा था. मेरे चुचे मस्ती में हवा में झूल रहे थे और मेरे मुह से लार टपक रही थी. मुझे नहीं पता था, कि मैं कितनी बार झड़ चुकी थी. लेकिन १० मिनट के बाद, मैं उसके लंड को और लेने की हालत में नहीं थी. फिर रवि के धक्को की स्पीड बड गयी और अगले ५ मिनट में उसने एक जोर दार धक्के के साथ अपना पूरा का पूरा वीर्य मेरी चूत में गिरा दिया. बहुत ही गरम था, जैसे की लावा मेरे अन्दर फुट पड़ा हो. वो जवान था, इसलिए उसके वीर्य की गरमी बहुत ज्यादा थी.

उसने अपना लंड बाहर नहीं निकाला था और जब उसके लंड ने पूरा का पूरा पानी मेरी चूत में छोड़ दिया. तब उसके लंड को बाहर निकाल दिया. उसके बाद, मेरी ज्यादा देर खड़ी वाली हालत नहीं थी और अब मुझे डर लगने लगा था. क्योंकि रजत कभी भी आ सकते थे. मैंने रवि को कहा, मैं चल नहीं सकती. प्लीज मुझे कपड़े पहना कर मेरे बेडरूम में पलंग पर लिटा दो. लाइट भी सही कर दो. रजत के पास दूसरी चाभी है. वो अन्दर आ जायेंगे. रवि ने मुझे कपड़े पहनाकर वहीँ बिठाया और लाइफ सही कर दी. फिर रवि ने जगह ठीक थी और मुझे बेडरूम में लिटा कर चले गया. मैंने बहुत थक गयी थी और मुझे नहीं पता चला, कि रजत कब आये. लेकिन, जब मैं सुबह उठी, तो मैं बहुत खुश थी; क्योंकि इतने जवान लंड से इतनी मस्त चुदाई मेरी बहुत टाइम बाद हुई थी.

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *