antarvasna, kamukta मेरा विदेश जाने का बचपन से ही सपना था लेकिन मेरी पढ़ाई पूरी नहीं हुई थी परंतु जैसे ही मेरा पासवर्ड बना उसके बाद मैं विदेश जाने के लिए बड़ा ही उत्सुक हो गया, मेरे परिवार के आधे से ज्यादा सदस्य तो विदेश में ही रहते हैं और मेरा पासपोर्ट बन चुका था। एक बार मेरे चाचा घर पर आए हुए थे जब वह घर आए तो वह कहने लगे परमजीत अब तुम बड़े हो चुके हो और तुम भी मेरे साथ घूमने चलो, मैंने उन्हें कहा चाचा मैं वहां आकर क्या करूंगा, वह कहने लगे तुम कनाडा चलो तो सही तुम्हें वहां पर मैं अच्छे से घुमाऊंगा तुम खूब मौज मस्ती करना और तुम्हारे साथ तुम्हारा भाई भी तो है वह भी तो विदेश में नौकरी करने लगा है, कनाडा में वह तुम्हारा पूरा साथ देगा तुम चलो तो सही, मैंने चाचा से कहा आप इस बारे में पहले पापा से बात कर लीजिए यदि पापा कहेंगे तो मैं आपके साथ चलने को तैयार हूं।
मेरे चाचा ने मेरे पापा से बात कर ली और जब सब कुछ फाइनल हो गया तो मैं अपने चाचा के साथ कनाडा चला गया, यह मेरा पहला ही अनुभव था इससे पहले मैं कभी भी कनाडा नहीं गया था वहां देख कर मुझे ऐसा लगता जैसे कि मैं एक अलग ही दुनिया में आ चुका हूं वहां बड़ी साफ सफाई और बहुत ही अच्छा मौसम था, मैं चाचा चाची के घर पर ही रुका था और जब वह मुझे कहने लगे की बेटा तुम तो अब यही हमारे साथ रह लो और यहीं पर नौकरी करने लग जाओ तो मैं चाचा से कहा वैसे तो मुझे यहां बहुत अच्छा लग रहा है और सोच रहा हूं कि अब यहीं नौकरी के लिए अप्लाई कर देता हूं, वह कहने लगे तुम पहले तो यहां की किसी लड़की से शादी कर लो, उसके बाद तुम यहीं पर बस जाना, मैंने उनसे कहा लेकिन यहां मुझे कौन लड़की मिलेगी, वह कहने लगे मेरे परिचित में बहुत सारी लड़कियां हैं यदि तुम कहो तो मैं तुम्हारी शादी की बात छेड़ूँ, मैंने चाचा से कहा लेकिन मैं तो कोई काम भी नहीं करता, वह कहने लगे काम तो हम तुम्हें लगवा देंगे तुम उसके लिए बेफिक्र रहो।
अब उन्होंने मेरे लिए एक लड़की देख ली जब मैं लड़की से मिला तो वह बड़ी ही मॉडर्न थी उसने जींस पहनी हुई थी कुछ समय बाद उसके साथ मेरी शादी हो गई लेकिन वह मेरे साथ नहीं रही, उसका कोई बॉयफ्रेंड था वह उसके साथ ही रहती थी, मैं अपने चाचा चाची के साथ ही रहता था लेकिन मुझे अब रहने के लिए कोई दिक्कत नहीं थी। जब मेरी बात मेरे पापा से हुई तो वह कहने लगे बेटा तुम घर कब आ रहे हो? मैंने उन्हें कहा पापा मैं अब यहीं काम करूंगा। वह कहने लगे हमने तो तुम्हें घूमने के लिए भेजा था तुम तो वहीं पर जाकर बस गए, मैंने उन्हें कहा अब तो मैंने यहीं रहने का सोच लिया है यहां मुझे बहुत अच्छा लग रहा है, मेरी एक कंपनी में जॉब भी लग गई और मैं जिस जगह जॉब करता हूं वह मेरे चाचा के घर से थोड़ा ही दूरी पर था, मुझे बहुत ही अच्छा लग रहा था और उसी दौरान मेरी मुलाकात एक लड़की से हुई वह गुजरात की रहने वाली है और वह दिखने में बड़ी सुंदर है। तेजल से मैं एक पार्टी के दौरान मिला था और उस पार्टी में मैंने उस दिन कुछ ज्यादा ही ड्रिंक कर ली थी, मुझे कुछ भी होश नहीं था और मैं पागलों की तरह डांस कर रहा था तेजल उसके बाद मुझे मिलती रहती थी और अक्सर हम लोग पार्टियों में तो मिलते ही थे, जब मैं तेजल से मिलता तो उसे मिलकर मुझे बहुत अच्छा लगता लेकिन उसका भी एक बॉयफ्रेंड था वह उसके साथ ही रहती थी, धीरे धीरे तेजल और मेरी नजदीकियां बढ़ने लगी और हम दोनों के बीच अब काफी हद तक नजदीकियां बढ़ चुकी थी, मुझे तेजल के साथ में समय बिताना भी अच्छा लगने लगा था और तेजल भी बड़े खुले विचारों की थी क्योंकि वह बचपन से ही कनाडा में रही है और उसे मेरे साथ घूमने या मेरे साथ कहीं भी चलने से कोई आपत्ति नहीं थी। तेजल एक दिन मुझे कहने लगी क्या तुमने कोई गर्लफ्रेंड नहीं बनाई? मैंने उसे सारी बात बताई और कहा मैंने तो यहां आते ही शादी कर ली थी लेकिन जिससे मेरी शादी हुई वह अपने बॉयफ्रेंड के साथ रहती है, मेरा उससे कोई भी संपर्क नहीं है लेकिन मुझे यहां रहने का मौका मिल गया और मैं अब यहीं पर काम कर रहा हूं।
तेजल कहने लगी क्या तुमने कभी इस बारे में नहीं सोचा कि तुम्हें किसी की जरूरत है, मैंने उसे कहा सोचता तो बहुत हूं लेकिन ऐसा कोई भी नहीं मिल पाया, मैंने उसे कह दिया कि तुम ही मेरी गर्लफ्रेंड बन जाओ, वह मुझसे कहने लगी मेरा तो पहले से ही एक बॉयफ्रेंड है तो मैं तुम्हारी गर्लफ्रेंड कैसे बन सकती हूं, मैंने उससे कहा जो पसंद आएगा उसी से तो मैं अपने दिल की बात कहूंगा तुम मुझे अच्छी लगी और तुम्हारा नेचर भी मुझे बहुत अच्छा लगता है तुम्हारी सोच जिस प्रकार की है उसका तो मैं दीवाना हूं और तुम्हारी खूबसूरती देखकर मुझे ऐसा लगता है जैसे कि मैं सिर्फ तुम्हारे खयालों में डूबा रहूं। मैंने उसकी सुंदरता की इतनी ज्यादा तारीफ कर दी कि वह मेरी तरफ एकटक नजरों से देखने लगी और जिस प्रकार से वह मेरी तरफ देखती मुझे बहुत ही अच्छा लग रहा था, मैंने तेजल से कहा तुम मुझे बहुत अच्छी लग रही हो और मैं तुम्हें जब भी देखता हूं तो सोचता हूं कि तुम्हें अपना बना लूँ। तेजल मुझसे इतना इंप्रेस हो गई वह मेरे साथ ज्यादा समय बिताने लगी।
एक दिन मैंने उसे कहा मैं तुमसे मिलना चाहता हूं, वह कहने लगी तुम मेरे घर पर ही आ जाओ। मैं उसके घर पर चला गया उसके घर में सब लोग बड़े ही खुले विचारों के है। मै उसके बेडरूम में बैठा चला गया हम दोनों साथ में बैठे थे उसने उस दिन छोटी सी एक जींस की शार्ट पहनी हुई थी जिसमें उसकी मोटी जांघे दिखाई दे रही थी। मैंने उसे कहा तुम्हारी जांघे बडी गोरी है क्या मै तुम्हारी मुलायम जांघ को हाथ लगा सकता हूं? उसने कहा हां क्यों नहीं तुम्हारी मेरी जांघ पर हाथ लगा लो, मैंने उसकी जांघ पर हाथ लगाया तो मेरा उनसे हाथ हटाने का ही मन नहीं हुआ, मैंने जैसे ही उसकी चूत की तरफ अपने हाथ को बढ़ाया तो वह पूरे तरीके से गरम होने लगी। मैंने उसको बिस्तर पर लेटाते हुए किस करना शुरू कर दिया उसे भी मुझसे कोई आपत्ति नहीं थी और उसके लिए यह आम बात थी। मैंने जब उसकी टी-शर्ट को उतारा तो उसके स्तन बड ही सुडौल थे उनको मैंने अपने मुंह के अंदर समा लिया और बड़े अच्छे से चूसने लगा। मै काफी देर तक उसके स्तनों का रसपान करता रहा जब मेरी इच्छा पूरी तरीके से भर गई तो मैंने उसकी योनि पर अपने लंड को लगा दिया।
जैसे ही उसकी योनि पर मैने अपने लंड को लगाया तो मेरा लंड एकदम से पानी छोड़ने लगा, मैंने अपने लंड को उसकी चूत के अंदर डाल दिया। जब मेरा लंड उसकी चूत के अंदर प्रवेश हुआ तो उसे बहुत अच्छा लगा। वह मुझे कहने लगी परमजीत तुम मुझे अब तेजी से चोदना शुरू कर दो उसने अपने दोनों पैरों को इतना चौड़ा कर लिया कि मेरा लंड उसकी योनि की दीवार से टकराने लगा। जब मेरा लंड उसकी योनि की दीवार से टकराता तो उतना ही मजा आता, मैं लगातार उसे तेज गति से चोद रहा था। मैंने उसे इतनी तेजी से चोदना शुरु किया, मेरा पानी धीरे धीरे निकलना जब मेरा वीर्य तेजी से बाहर की तरफ निकला तो वह मुझे कहने लगी तुम्हारा वीर्य गिर चुका है। मैंने लंड को बाहर निकाला तो मेरा वीर्य उसकी योनि में चुका था। वह मुझे कहने लगी तुम मुझे कपड़ा ला कर दो मैंने उसे उसके टेबल पर रखे हुए कपड़े को दिया उसी से उसने अपनी चूत को साफ किया, मैंने भी अपने लंड को उसी कपड़े से साफ किया। जब उसने मेरे लंड को सकिंग करना शुरू किया तो वह मेरे लंड को अपने गले के अंदर ले रही थी मुझे बहुत अच्छा लगता जब वह मेरे लंड को अपने गले के अंदर तक लेकर चुसती। उसने काफी देर तक ऐसे ही मेरे लंड को अपने मुंह मे लेकर चूसा मेरा वीर्य उसके मुंह में गिर गया तो वह मुझे कहने लगी तुमने तो आज मुझे अपने माल का स्वाद चखा दिया मुझे बहुत अच्छा लगा। वह अब भी अपने बॉयफ्रेंड के साथ रहती है लेकिन वह अधिकतर समय मेरे साथ बीताता है मुझे नहीं पता हम दोनों के बीच क्या संबंध है लेकिन मुझे उसके साथ में समय व्यतीत करना बहुत ही अच्छा लगता है मुझे जैसे उसकी आदत होने लगी है।