hindi sex stories, antarvasna
मेरा नाम नमिता है। मेरी उम्र 25 वर्ष है और मैं एक मेडिकल की स्टूडेंट हूं। मेरे पिताजी भी एक डॉक्टर हैं। वह एक डेंटिस्ट है। इसलिए मेरे पिताजी भी चाहते हैं कि मैं मेडिकल में ही अपना भविष्य बनाऊँ और मेरी मम्मी भी एक डॉक्टर हैं। हमारे परिवार में अधिकांश लोग डॉक्टर ही हैं। इसलिए वह सभी चाहते हैं कि मैं भी अब इसी में अपने भविष्य को संवार लूँ। इसलिए मैंने मेडिकल कॉलेज में एडमिशन ले लिया और अब मैं पढ़ाई कर रही हूं। मुझे भी पहले से ही ये सब बहुत अच्छा लगता था। क्योंकि हमारे घर में ऐसा ही माहौल था कि शुरू से डॉक्टर ही बनना है। इसलिए मेरे दिमाग में और कुछ कभी भी नहीं आया और मैं इसकी तैयारी करती रही। मेरे कॉलेज में मेरी बहुत सारी सहेलियां हैं। जो कि बहुत ही अच्छी हैं।
उनमें से एक का नाम रेनू है। वह मुझे हमेशा मोटिवेट करटी रहती हैं। उसके पिताजी भी एक बहुत बड़े डॉक्टर हैं और वह मेरे पिताजी को भी पहचानते हैं। इसलिए मेरा उसके घर में भी आना जाना लगा रहता है। वह भी कई बार हमारे घर पर आ जाती है। हमारे कॉलेज में एक सीनियर डॉक्टर हैं। जिनका नाम प्रदीप है। उनकी उम्र 45 वर्ष की है और वह शादीशुदा व्यक्ति हैं। उनका नेचर मुझे बहुत ही पसंद है। वह जब भी हमें पढ़ाते हैं तो मुझे बहुत ही अच्छा लगता है। उनके बात करने का तरीका बहुत ही शांत है और वह बहुत ही धीरे से बात करते हैं। वह भी मुझे बहुत ही अच्छा मानते हैं। इसलिए जब भी हमारा प्रैक्टिकल होता है तो वह भी हमें बहुत ही अच्छे से समझाते हैं। मैं किसी ना किसी तरीके से उन्हें इशारों इशारों में यह बताना चाहती हूं कि मैं उनसे बहुत ज्यादा प्रभावित हूं और उन्हें बहुत पसंद करती हूं लेकिन वह हमेशा ही मेरी बातों को इग्नोर कर देते हैं। कभी कबार मुझे भी लगता है कि वह एक शादीशुदा पुरुष हैं इसलिए मुझे भी उनके बारे में सोचना भी नहीं चाहिए लेकिन फिर भी जब मैं उन्हें देखती हूं तो ना जाने मुझे क्या हो जाता है। एक दिन उनकी पत्नी भी हमारे कॉलेज में आई थी और डॉक्टर प्रदीप ने मुझे उनसे मिलवाया भी था। उनकी पत्नी का नेचर भी बहुत ज्यादा शांत और अच्छा है।
वह एक हाउसवाइफ हैं और घर पर ही रहती हैं। पहले वह स्कूल में पढ़ाया करते थे लेकिन अब उन्होंने छोड़ दिया है। अब वह अपने घर पर ही रहती हैं। एक बार हम लोग दूसरे हॉस्पिटल में ट्रेनिंग के लिए जा रहे थे। तो हम लोग अपनी बस से ही वहां पर जा रहे थे और प्रदीप सर भी हमारे साथ ही बस में थे। हम लोग सब बहुत बातें कर रहे थे और वह चुपचाप सुन रहे थे लेकिन वह अकेले बैठे हुए थे। मैंने सोचा क्यों न उनके बगल में जाकर मैं बैठ जाती हूं। जब मैं उनके बगल में बैठी तो हम लोग भी बातें करने लगे और मैं भी उनसे उनके बारे में पूछने लगी। मैंने उनसे पूछा कि आप की शादी कब हुई। वह कहने लगे कि मेरी शादी को पंद्रह वर्ष हो चुके हैं और मेरे बच्चे भी हैं। मैंने उनसे पूछा कि वह आपके साथ ही रहते हैं। वह कहने लगे कि हां वह अभी स्कूल में ही पढ़ रहे हैं और हमारे साथ ही रहते हैं। अब वह अपनी पत्नी के बारे में भी बताने लगे। मुझे बातों ही बातों में ऐसा लगा कि वह अपनी पत्नी से बहुत प्रेम करते हैं। इसलिए मैंने अपने दिमाग से वह ख्यालात निकाल दिया जो मेरे दिमाग में उनको लेकर थे। यह बात उन्हें भी भली-भांति मालूम थी कि मैं उनसे बहुत ज्यादा प्रभावित हूं। जब हम उस दिन वहां पर प्रेक्टिस करने के बाद अब अपने कॉलेज के लिए वापस आ रहे थे तभ मैं डॉक्टर प्रदीप के साथ ही बैठी हुई थी और काफी बातें कर रही थी। वह भी मुझसे पूछ रहे थे की तुम्हारी पढ़ाई कैसी चल रही है। मैंने उन्हें बताया कि बहुत ही अच्छी चल रही है। वह भी बहुत खुश थे और मुझे कहने लगे कि तुम अच्छे से पढ़ाई करते रहो। क्योंकि तुम्हारे पिताजी से भी मेरे बहुत अच्छे संबंध हैं। वह मेरे पिताजी को भी बहुत अच्छे से पहचानते थे। अब ऐसे ही हमारे कॉलेज में प्रैक्टिकल चलते रहते और हम लोग उस में हिस्सा लेते रहते।
मुझे डॉक्टर प्रदीप के साथ समय बिताना बहुत ही अच्छा लगता था और मैं अब भी उनके पीछे पागल थी। एक दिन मैंने उन्हें अपने मोबाइल से एक नंगी तस्वीर भेज दी जिसमें कि मैंने अपनी चूत की फोटो भेजी थी और अपने बड़े बड़े स्तनों को भी भेजा। उन्होंने मुझे तुरंत ही फोन करते हुए कहा कि तुमने यह क्या भेज दिया है। मैंने उन्हें कहा कि मुझ से रहा नहीं जा रहा था और मैंने सोचा आपको अपनी फोटो भेज दू। अब वह मुझसे फोन पर फोन सेक्स करने लगे। मैंने अपनी चूत मे अपनी उंगली डालते हुए अपने पूरे पानी को बाहर निकाल दिया। मै ऐसे ही बड़ी तेजी से अपनी चूत मे उंगली डाल रही थी। अब वह मुझसे कहने लगे मुझे तो तुमसे सेक्स करना है।
मैं जब अगले दिन कॉलेज गई तो उन्होंने मुझे अपने केबिन में बुला लिया और मै प्रेक्टिकल करने के बाद काफी देर तक उनके केबिन में बैठी रही। उन्होंने जैसे ही मुझे देखा तो तुरंत मेरे होठों को अपने होठों में लेते हुए मुझे अपने नीचे लेटा दिया और मुझे कसकर पकड़ लिया। उन्होंने मुझे इतना कसकर पकड़ा कि मेरा शरीर पूरा दर्द होने लगा था। उन्होंने मेरे कपड़ों को खोलते हुए मेरी चूत को चाटना शुरू कर दिया और कहने लगे तुम्हारी चूत तो बहुत ही मुलायम है। उन्होंने उस पर दांत भी मार दिए जिससे कि मेरी चूत से खून भी आने लगा। उन्होंने मेरे मुंह के अंदर अपने लंड को डाल दिया और मैंने उनके लंड को गले के अंदर तक ले लिया। मुझे ऐसा लग रहा था जैसे मेरा जीवन सफल हो गया और वह ऐसे ही मेरे मुंह के अंदर अपने लंड को डालते जाते। मैं उसे अपने गले तक उतार लेती थोड़ी देर बाद उन्होंने मेरे स्तनों को चाटना शुरु किया। वह मेरी योनि को चाटने लगे और थोड़े समय बाद उन्होंने अपने मोटे और लंबे लंड को मेरी योनि के अंदर डाल दिया। डॉक्टर प्रदीप ने बड़ी तेज गति से मुझे धक्के देने लगे। जैसे ही उन्होंने मेरी योनि में अपने मोटेलंड को डाला तो मेरे आवाज निकल गई और मैं बहुत तेजी से चिल्लाने लगी। मै ऐसे ही चिल्ला रही थी और वह मुझे चोदे जा रहे थे मुझे बहुत ही आनंद आ रहा था जब वह मुझे चोद रहे थे। जैसे ही वह मुझे धक्का देते तो मेरा शरीर पूरा गरम हो जाता और मैं उनके सामने अपने आप को समर्पित कर लेती।
मैं अंदर ही अंदर से बहुत खुश थी कि मुझे डॉक्टर प्रदीप चोद रहे हैं। उन्होंने अब मुझे घोडी बनाते हुए भी चोदना शुरू किया और जब उन्होंने मुझे घोड़ी बनाया तो जैसे ही उन्होंने अपने मोटे लंड को मेरी चूत में डाला तो मेरे शरीर से करंट निकलने लगा। मेरी योनि से इतना ज्यादा पानी निकल रहा था कि कुछ समय बाद मैं झड़ गई और मैं ऐसे ही घोड़ी बनी रही। वह मुझे कुत्ते के जैसे चोद रहे थे और बड़ी तेज तेज झटके मार रहे थे। मेरा शरीर पूरा हिल रहा था और मेरी चूतडे उनके लंड से टकरा जाती। मैं अपने मुंह से बड़ी तेज आवाज निकाल रही थी। जिससे कि वह और तेज मुझे झटके मार रहे थे मुझे उन्होंने कुतिया बनाकर चोदना शुरू किया। वह मुझे ऐसे ही चोदते जाते कि मेरी चूतड़ों का रंग कभी लाल और कभी पिंक हो जाता।
मैंने भी थोड़ी देर बाद अपनी चूतडो को उनके लंड पर धक्का देना शुरू किया और बड़ी तेज गति से मै उनके लंड पर धक्का देती जाती। जिससे कि उनका लंड भी छिल चुका था और मेरी चूत से भी खून निकलता जा रहा था। लेकिन उन्होंने मुझे छोड़ा नहीं और ऐसे ही कस कर पकड़े रखा। वह इतनी तेज गति से मुझे धक्के दे रहे थे जितना कि वह शुरुआत में मुझे चोद रहे थे। मुझे बहुत ही अच्छा लग रहा था कि वह मेरी चूत में अपना लंड डालकर मुझसे मजे ले रहे हैं। मैं ऐसे ही उन्हें अभी धक्के दे रही थी और मैं अपनी चूतडो को आगे पीछे करती जिससे कि उनका वीर्य भी एक समय बाद झड़ने को हो गया। उन्होंने मेरी योनि के अंदर ही अपने वीर्य को गिरा दिया। उनकी भडास पूरी हो चुकी थी और मेरी भी इच्छा पूरी हो चुकी थी अपनी चूत मरवाने की जिस वजह से उन्होंने मुझे चोदा और मुझे बहुत ही अच्छा लगा। मुझे उम्मीद नहीं थी कि कभी वह मेरी चूत मारंगे और मैं उनसे कभी अपनी चूत मरवा पाऊंगी लेकिन मेरी यह इच्छा पूरी हो गई। अब वह हमेशा मेरी क्लास के बाद अपना लंड मेरी चूत में डालते हैं।