हेल्लो फ्रेंड्स कैसे ओ आप लोग | आशा करता हूँ की आप लोग सभी मस्त होंगे और रोज की तरह सेक्सी कहानिया पढ़ते होंगे | दोस्तों मैं आज आप लोगो को एक नयी कहानी बताऊंगा जिसे पढके आप लोगो को आनंद प्रयाप्त होगा | यह कहानी मेरे ही जीवन की सच्ची घटना है | तो चलिए दोस्तों आप लोग थोडा मेरे बारे में जान लीजिये फिर मैं आप लोगो को सीधे कहानी की ओर ले चलता हूँ |
दोस्तों मेरा नाम अखिल है और मैं जबलपुर मध्यप्रदेश का रहने वाला हूँ | मेरा परिवार एक छोटा परिवार है जिसमे मेरे मम्मी-पापा और एक कहता भाई और एक छोटी बहन है | पापा मेरे कस्टम डिपार्टमेंट में है और मम्मी बैंक में जॉब करती है | मैं और मेरे भाई बहन एक ही स्कूल में पढ़ते थे | मैं कोम्मार्स से 12 कर रहा था | और मेरे भाई बहन अभी छोटी क्लास में थे |
तो चलिए दोस्तों मैं ज्यादा अपनी बकवास न करता हुआ आप लोगो को कहानी की ओर ले चलता हूँ |
मेरे प्रिय दोस्तों ये बात उस समय की है जब मैं अपनी पढाई अपने ही शहर के कॉलेज में कर रहा थे | मेरा स्कूल मेरे घर से 10-15 किलोमीटर की दूरी पर था | मैं और मेरे भाई-बहन अपने कॉलेज कार से जाया करते थे | हम लोगो को कॉलेज कार से ड्राईवर ले जाया करता था | मैं अपने स्कूल का बहुत ही स्मार्ट और बक्चोद लडको में से एक था | मैं दिखने में बहुत स्मार्ट और चिकना था | मेरी हाइट लगभग 5.5 फिट होगी | कई लडकिया मुझपे मरती थी | पर मैं उनको लिफ्ट नही दिया करता था | मैं अपनी क्लास में पढने में ज्यादा ठीक नही था | केवल क्लास में बैठा-बैठा मस्त किया करता था और ज्यादातर अपना होमवर्क अपने क्लास की लडकियो से करवा लेता था बस एक बार उनसे मुश्कुराके कहेना पढता था | मेरे दो दोस्त थे एक का नाम निशित था और एक का नाम जिम्मी | दोनों ही मेरे बेस्ट फ्रेंड थे | एक दिन मैं और मेरे दोस्त कॉलेज के ग्राउंड में टहल रहे थे | शाम को कहीं जाने का प्लान बन रहा था | जिम्मी ने रात को क्लब जाने का प्रोग्राम बनाया था हम भी लोग उसकी हाँ में हाँ मिला दिए और अब रात को हम लोगो के क्लब जाना था | छुट्टी हुई और हम लोग अपने घर आये खाना पीना किया और जब शाम हुई तब मेरी मम्मी बैंक से आयी ही थी | मैंने उनको पानी आते-आते ही दिया वो यह देख कर खुस हो गयी | फिर मैंने अपनी मम्मी से बाहर जाने की परमिशन ले ली और कहा की मम्मी रात को देर हो जाएगी आने में | जब शाम के 7 बजे मैं तैयार होकर अपने ड्राईवर को लेके अपने दोस्तों के घर गया मैंने उनको लिया और क्लब की और चल दिया | मैं और मेरे दोस्त बहुत खुश थे | हम लोगो ने क्लब में इंटर किया और बार काउंटर पर बैठ कर मस्त से बियर पी रहे थे और क्लब में डान्स कर रही मस्त लडकियो को देख रहे थे | तभी सामने से एक मस्त लड़की आ रही थी | जब वो नजदीक आयी तो हम लोगो ने देखा की वो तो मेरी ही क्लास की लड़की थी उसका सायद शराब ख़त्म हो गयी थी | वो मेरे ही साइड में आके बार काउंटर की चेयर पर आके बैठ गयी और कम से कम 4-5 टकीला शॉट लगा गयी | मैं उसे देख कर हैरान हो गया | मैंने उसे हाई बोला उसने भी नशे में रिप्लाई दिया | उसने इतनी दारू पी ली थी की वो सही से चल नही पा रही थी और फिर जाके डांस करने लगी | पीछे से मैं भी उठा उसके साथ डांस करने के लिए वो होश में नही थी और मैं भी इसका फायदा उठा कर उसके साथ डांस करने लगा | वो बार-बार मुझे चिपक रही थी मैं तो उसे देख कर लट्टू हो ही गया था और मैंने पूरा मन बना लिया था उसको चोदने का | मैंने उससे पूंछा की तुम किसके साथ आयी हो , वो इतना नशे में थी की उसके मुह से सही से आवाज नही निकल रही थी | उसने इशारे में बताया की मेरे दोस्त उधर हैं मैंने अपनी नज़र दौड़ाई और देखा की क्लब के साइड में सोफे पर सब टल्ली होकर पड़े थे | मैंने अपने दोस्तों से कहा की आज हम लोगो को इसकी लेनी है | मैंने थोड़ी देर तक उसके साथ डांस किया फिर मैंने उससे उसके घर पर छोड़ने को बोला उसने कहा की ठीक है | हम लोग उसे लेकर क्लब से निकल लिए थे | हम लोगो ने पहले ड्राईवर को उसके घर छोड़ा और फिर बाद हम उसे एक शून-शान जगह पर ले गये एक दम शहर के बाहर | मैंने गाडी रोकी और अपने दोस्तों को बाहर जाने को बोला | फिर मैंने उसे गाडी में ही चोदने का प्रोग्राम बनाया | मैंने उसकी पेंट को उतार दिया और अपना लंड डालकर उसे चोदने लगा वो मेरे से चिपक रही थी | मैं भी नशे में था और जोर-जोर से उसकी चूत में धक्का मार रहा था | फिर थोड़ी देर के बाद मैं उसकी चूत में ही झड गया | उसके बाद में मेरे दोस्तों ने भी उसको चोदा फिर हम लोगो ने उसको उसके घर के बाहर तक छोड़ आये और मैं अपने दोस्तों को उनके घर छोड़ते हुए अपने घर चला आया था |
हम लोगो ने अपने कॉलेज में खूब मस्त की थी और अब हम लोगो अपने 12 वीं के एग्जाम के बाद अलग-अलग एडमिशन ले लिया था | अब सब अलग हो गये थे और मस्ती भी थोड़ी कम हो गयी थी | मैंने बंगलौर में एडमिशन ले लिया था और वहीँ एक पीजी हॉस्टल में रहने लगा | मुझे अपने कॉलेज और अपने दोस्तों की याद बहुत आती थी |
मुझे बंगलौर में लगभग 2-3 महीने हो गये | मैं जिस पीजी में रहता था वहां उसके सामने एक दुकान थी वहां एक भाभी जी बैठती थी | उनकी नयी-नयी शादी हुई थी उनकी लगभग 22-23 साल की उम्र होगी | वो दिखने एक दम मस्त लगती थी एक दम गोरी चिट्टी थी | उनके पति कहीं बाहर काम करते थे | भाभी और उनका 7-8 साल लड़का का लड़का छुट्टी के बाद अपनी मम्मी के साथ बैठता था | भाभी के पीछे पीजी के बहुत लड़के लट्टू थे | मैं बार-बार भाभी की दुकान पर जाया करता था और कुछ ददर वहीँ रूक कर भाभी से मजे लिया करता था | मैं दिखने में तो स्मार्ट लौंडा था ही भाभी भी मुझसे हस-हस कर बाते किया करती थी | मैं शाम को अपनी पीजी की छत्त से चाय पीते हुए भाभी को ताड़ा करता था भाभी भी मुझे थोडा-थोडा रेस्पोंस दिया करती थी | मैं भाभी के लड़के को पार्क में टहला दिया करता था और भाभी को कुछ न कुछ मार्केट से लाके दिया करता था | अब मेरी भाभी की खूब अच्छे से निपटने लगी थी | एक दिन मेरे कॉलेज में छुट्टी थी और मैं अपने पीजी में ही था | तभी भाभी का लड़का मुझे बुलाने आया कहा की मम्मी ने आप को बुलाया है | मैं नीचे उतर कर गया और भाभी के घर पहुंचा | भाभी का सीलिंग फेन ख़राब था भाभी ने मुझसे उसे ठीक करने को कहा | मैंने बोर्ड में स्विच ओं ऑफ़ किया और फिर मैंने भाभी से एक टेबल मंगाई और ऊपर चड़कर पखे को गोल-गोल घुमाया और वो चलने लगा वो जाम हो गया था इसीलिए नही चल रहा था | जब मैं निचे उतर रहा था तब मेरी नज़र भाभी के बूब्स पे पड़ी क्या बूब्स थे भाभी के एकदम नुकीले |भाभी ने रेड कलर ककी ब्रा पहन रख्खी थी | मैं नीचे उतर रहा था और मेरा पैर फिसल गया भाभी ने टेबल पकड़ राखी थी पर वो मूझे संभाल नही पाई और मैं उन्हें लेके साइड में बेड पड़ी थी उसपे ही लेके गिर पड़ा | भाभी नीचे पड़ी थी मेरे और मैं भाभी के ऊपर था | भाभी के नुकीले बूब्स मेरी छाती में चूब रहे थे और मेरे होंठ बिलकुल भाभी के होंठो के पास में थे | भाभी के होंठ कांप रहे थे ,मैंने फिर हिम्मत जुटाई और भाभी के होंठो को अपने मुह में रख लिया और चूसने लगा | भाभी भी सायद गरम थी उन्होंने मुझे मना नही किया और मेरा साथ देते हुए मेरे होंठो को चूसने लगी | अब मूझे कोई टेंशन नही थी भाभी को कोई मेरे से ऑब्जेक्शन नही था | थोड़ी देर तक मैंने भाभी चूमा और फिर भाभी ने मेरे कपडे उतार दिए और अपने कपडे उतार कर बेड पर लेट गई मैं भी भाभी के ऊपर लेट गया और भाभी के बूब्स दाबते-दाबते मैंने ऊनकी टांगो को फैला दिया और अपना लंड उनकी चूत में डाल कर चोदे जा रहा था और भाभी ने अपने दोनों पैर मेरी कमर में फसा रख्खे थे और अपने मुह ससे आह आह आहा आह आह आहा आः आः आहा अह आह अ आहा हा आहा आहा उन्ह उन्ह उन्ह उन्ह उन्ह उन्ह उन्ह ओह्ह ओह्ह ओह्ह ओह्ह ओह्ह ओह्ह इह्ह हह आह आह आहा की सिस्कारिया निकाल रही थी | थोड़ी देर तक मैंने भाभी को चोदा और इर बाद में मैं जब झड़ने वाला था तब मैंने अपना लंड निकाल कर भाभी की चूत के गेट पर झाड़ दिया |
तो दोस्तों ये थी मेरी कहानी | इस तरह से मैंने दूकान वाली भाभी को उनके घर में ही चोदा और आज भी जब मेरा मन करता है तब मैं उन्हें उनके घर में जाके चोदता हूँ |