छोटी बहना को चोद दिया

मेरा असल नाम तो कुछ और हाय मगेर आप मुझे ज़ुहैब कह सकते हैं और मेरा तालुक कराची के मिडिल क्लास तबके से हाय . यह मेरी १स्त स्टोरी हाय और इस से पहले मैने कभी इस तेरह का नहीं लिखा इस लिये हो सकता हाय के आप को मेरा लिखने का अंदाज़ पसंद न आय . मगेर किओं के यह मेरी आप बीती हाय इस लिये आप को सुना रहा हूँ . कोई ग़लती हो तो माफ़ केर्दिजियाय गा वेसे तो सुब ही यहाँ यह कहते हैं के यह हमारी ट्रू स्टोरी हाय इस लिये मैं आप से ऐसा कुछ नहीं कहूं गा . आप खुद पढ़ केर ही फैसला कीजिये गा .

यह उन दिनों की बात हाय जब मैं ने अपने ग्रेजुएशन के पेपर दिये थे और रिजल्ट का इन्तिज़ार केर रहा था . मुझे २० दिनों क लिए अपनी नानो के घर रहना परर क्युनके में लाहौर घूमना फिरना चाहता था क्युनके में एग्जाम से नया नया फारिघ हुआ था . मेरी नानी माँ का घर काफी बर्रा है और उस में मेरी नानो के इलावः मेरे मॉमून और उनकी फॅमिली रहती है . मॉमून के यूँ तो ६ बचे(३ लार्र्के ३ लार्र्कियन) हैं मगर मेरी ये कहानी मर्रिं के गिर्द घूमती है जो मुझ से २ साल छोटी है . नानो के घर एंजोयमेंट के लिए सिर्फ टीवी था और इन्टरनेट नहीं था, इस लिये वक़्त गुज़री के लिये अन्तर नेट कनेक्शन भी लग वालिया . वेसे तो मैं पहले नेट कैफ़े जाया करता था मगेर वहां सिर्फ कभी कभी सेक्सी वेब ही देख लिया करता था, मगेर जब घेर का नेट हुआ तो बहुत कुछ देखने को मिला एक दिन मैं ने देसी पापा की साईट लगे तो उस मैं इरोटिक स्टोरीज का आप्शन देखा जब ओपन किया तो बहुत मज़ा आया . फिर तो मेरा यह मामूल बन गया के सोने से पहले या जब भी टाइम मिलता तो मैं उस पैर येही काम करता मुझे सुब से ज़ादा सिस्टर सेक्स की स्टोरीज पसंद थीं . यहाँ में आपको ये बताता चलूँ के में अपनी घर में अक्लोती औलाद हूँ और मेरा कोई भाई बेहें नहीं हैं .

में मॉमून के बचों को भाई और बेहें कह केर बुलाया करता था और शुरू से उनको भाई और बेहें समझता था . और वोह भी मुझे भाई की नज़र से ही देखते थे . इवन के मर्रिं भी मुझे भाई ही कह केर बुलाती थी और मेरा भाई होने के नाते बोहत ख्याल रखती थी . अब ऐसी स्टोरीज पर्र्हें तो नजाने क्यूँ मैं भी अपनी छोटी सिस्टर यानी मर्रिं मैं दिलचस्पी लेने पैर मजबूर हुआ . मर्रिं की छोटी बेहें अभी काफी छोटी थी और फैज़ा बजी(मर्रिं की बर्री बेहें) इस्लामाबाद में जॉब करती थीं . इस लिए घर में ले दे केर एक मर्रिं ही मेरे साथ बातें करती और टाइम देती थी क्युनके मर्रिं के ३ भाईओं में से एक भाई तो मैरिड थे और अलुग रहते थे और बाकी के २नोन भाई काम पैर जाते थे और रात गए लेट लौट-तय थे . अरे में भी क्या फॅमिली हिस्ट्री सुनने बेथ गया, अप बोर्ड हो रहे होंगे . तो चलें अब मैं आप को अपनी छोटी सिस्टर मर्रिं के बारे मैं बताता हूँ . वोह मुझ से कोई २ साल छोटी हाय और उस वक़्त १९ साल की थी . गोरी रंगत,स्लिम बॉडी अवरागे हाइट औरर सुब से अलग उस के स्माल राउंडेड बूब्स और छोटी सी गंद . जो उस के सेक्सी फिगर को और दिल काश बनाते थे . देसी पापा पढ़ने के बाद मैं ने उसकी आदतों पैर गोर करना शुरू किया . वोह ज़ादा तेर बघिर दुपट्टे के घेर मैं रहती और कपरे भी फिटिंग के ही उसे करती थी जिस से उस का फिगर नुमायाँ नज़र आता था . मगेर मैं चाहता था के वोह खुद मेरी तरफ पहेल कराय और येही मेरी फंतासी थी . में अक्सर सोचता के अगर वोह मुझे गुंडी नज़रों से देखे तो मुझे सेदुसे करने के लिए क्या क्या करेगी . ये सोच सोच केर और मर्रिं को देख देख केर में पागल होता रहता था .

अक्सर मैं जब नेट पैर से उठ ता था तो वोह आकर बेथ जाती थी और अपने दोस्तों से बातें करती थी . इस के लिये सुब से पहले मैं ने यह किया के एक फेक ईद बने जिस पैर उस को ऐड किया . और फिर उस से कुछ दिन चाट की(नेट कैफ़े जा केर) और फिर उसको लाइट किस्स्म की सेक्सी पिक्टुरेस सेंड कीं . ताके उस का रेस्पोंस पता चले . मैं काफी दिन तक उस को मेल करता रहा यह देखने के लिया के उस का क्या रिएक्शन होता हाय अब मैंने देखा के उस ने कंप्यूटर को ज़ादा वक़्त देना शुरू करदिया था . और अक्सर हिस्ट्री मैं कोई सेक्सी साईट भी नज़र आती थी . यह मेरे लिया और भी अची बात थी . फिर एक दिन मैं घेर से निकल केर कैफ़े गया और बात शूरो करदी, शुरू मैं उस ने बहुत गुस्सा दिखाया उन सेक्सी पिक्टुरेस के मुताल्लिक . मगेर जब मैं ने यह कहा काके अगेर ईएसआई बात थी तो तुम ने मुझ को ब्लाक किओं नहीं किया मेल बॉक्स और होतमैल पैर .

तो कहने लगी के सची बात तो यह हाय के मुझे खुद भी वोह सुब कुछ थोर्रा थोर्रा अच लगने लगा हाय . इस तेरह मैने उस से सेक्स पैर बात करना शुरू करदी, पहले दिन मैने ज़रा हल्का हाथ रखा . कुछ दिन की मुस्तकिल चाट के बाद एक दिन मैने उस को कहा के मैं तो अपनी सिस्टर के साथ सेक्स करता हूँ . तो यह सुन केर वोह बुहत हेरान हुई और कहने लगी के यह किस तेरह हो सकता हाय तो मैं ने उस को कहा के तकरीबन सभी येही करते हैं मगेर बता ता कोई नहीं . अल घर्ज़ के मैं उस को शीशे मैं उतार ने लगा . और उस को सलाह दी के तुम भी अपने भाई के साथ यह सुब कुछ केर के देखो . पहले तो उस ने बहुत बुरा भला कहा मगेर बाद मैं जब उस को मजीद कुछ बातें बतीन तो कहने लगी के मैं अपने भाई के साथ कैसे केर सकती हूँ वोह तो घर पैर मुझे टाइम ही नहीं देते . हाँ मेरे एक कजिन भाई कराची से ये है हैं, मगर वोह बोहत सीधे सादे और शरीफ हैं और मुझे बेहें की निगाह से देखते हैं क्युनके उनकी कोई बेहें नहीं है . मिने उसे कहा के ये तो सब से अच है के सग्गा भाई भी नहीं है, मगर भाई के जैसा है . उस ने बात अपने क्लास फेल्लोव्स की तरफ घुमाने की कोशिश की तो मिने यह कह केर मन केर दिया के वोह तुम्हारे क्लास फेल्लोव्स अपनी बहनों के साथ तो करते होंगे, उन्हें तुम्हारी क्या ज़रुरत होगी . ये सुन केर वोह बोली के ओके में सोचूँ गी .

(TBC)…

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