Antarvsna, kamukta मैं एक दिन राधिका से मिलने के लिए गया राधिका और मेरे बीच में पहले रिलेशन था राधिका मेरी गर्लफ्रेंड थी लेकिन एक दिन किसी गलतफहमी की वजह से उसने मुझसे रिश्ता खत्म कर लिया मैंने उसे बहुत समझाने की कोशिश की लेकिन वह मेरी बात नहीं मानी परंतु हम दोनों अब एक अच्छे दोस्त हैं और दोस्त के नाते हम दोनों एक दूसरे से मिला करते हैं। राधिका की गलतफहमी की वजह सिर्फ और सिर्फ उसके दिमाग में बैठा शक था जिसकी वजह से वह मुझ पर शक कर बैठी थी। एक दिन मैं अपनी बहन के साथ बैठा हुआ था और उससे बात कर रहा था तो उसे लगा मैं किसी लड़की के साथ फ्लर्ट कर रहा हूं लेकिन ऐसा कुछ भी नहीं था मैंने उसे समझाने की कोशिश की परंतु वह समझी ही नहीं और उसके बाद तो उसने मुझे अपने आप से दूर ही कर लिया लेकिन मैंने भी उसकी इस बात का स्वागत किया और अपने जीवन में मैं पूरी तरीके से खुश रहने लगा।
अब मैं राधिका से अलग हो चुका था और अपने काम पर ध्यान देने लगा मैं राधिका से कम ही मिला करता था लेकिन एक दिन जब मुझे राधिका की जरूरत पड़ी तो मैं उससे मिलने के लिए उसके घर पर चला गया उसके परिवार के सब लोग मुझे अच्छे से पहचानते हैं इसलिए किसी को कोई आपत्ति नहीं थी। मुझे उससे कुछ जरूरी काम से मिलना था इसीलिए मैं राधिका से मिलने उसके घर पर गया था और जब राधिका मुझे मिली तो राधिका ने मुझसे पूछा आज तुम इतने समय बाद मुझसे मिलने आ रहे हो मैंने राधिका से कहा मुझे तुमसे कोई जरूरी काम था राधिका मुझे कहने लगी बोला तुम्हें मुझसे क्या काम आन पड़ा। मैंने उसे कहा क्या तुम मेरे साथ कल पार्टी में चल सकती हो वह मुझे कहने लगी कल के बारे में तो मैं तुम्हें बता नहीं सकती लेकिन मैं तुम्हें सुबह सोच कर बताऊंगी मैंने उसे कहा दरअसल हमारे ऑफिस की पार्टी है और वहां पर सब लोग अपने साथ में अपने पार्टनर को लेकर आ रहे हैं अब मेरे पास कोई ऐसा है ही नहीं जो कि मेरे साथ चल सके इसलिए मैंने सोचा मैं तुम्हें कहूं राधिका मुझे कहने लगी ठीक है मैं कल सुबह तुम्हें सोच कर बताती हूं।
मैं राधिका के साथ एक घंटे तक बैठा रहा और उसके हाल-चाल पूछे राधिका मुझसे कहने लगी मैं तो आजकल घर पर ही बच्चों को ट्यूशन पढ़ा रही हूं और ज्यादा समय मैं घर पर ही रहती हूं। राधिका को मैंने सुबह सुबह ही फोन कर दिया था राधिका मुझे कहने लगी ठीक है मैं तुमसे मिलने के लिए आती हूं राधिका थोड़ी देर बाद तैयार होकर मुझसे मिलने आ गई और उस दिन हम दोनों वहां से मेरे ऑफिस की पार्टी में चले गए राधिका बहुत ही सुंदर लग रही थी सब लोग मुझसे पूछने लगे कि यह लड़की कौन है तो मैंने उन्हें राधिका के बारे में बताया मैंने सब से यही बात कही की यह मेरी दोस्त है। मेरे एक दोस्त ने मुझसे पूछ लिया की यह कौन है तो मैंने उसे बताया यह मेरी गर्लफ्रेंड है और मेरा इसके साथ काफी लंबे समय तक अफेयर चलता रहा परंतु किसी कारणवश हम दोनों एक दूसरे से अलग हो गए और अब हम दोनों सिर्फ एक अच्छे दोस्त हैं। उसी पार्टी में मेरी मुलाकात एक लड़की से हुई उसका नाम संजना है संजना से जब मैं मिला तो मुझे उससे मिलकर बहुत अच्छा लगा वह हमारे ऑफिस के किसी लड़की के साथ आई हुई थी और मैं जब संजना से बात करता तो मुझे उससे बात करना बहुत अच्छा लग रहा था राधिका यह सब देख रही थी लेकिन राधिका को शायद इन सब चीजों से कोई फर्क नहीं पड़ रहा था। मैंने उस दिन संजना का नंबर भी ले लिया था और उस दिन हम लोगों ने पार्टी का पूरा इंजॉय किया मैंने राधिका से पूछा तुम्हें कैसा लगा तो वह कहने लगी मुझे तो बहुत अच्छा लगा। पार्टी भी काफी अच्छी थी तो राधिका कहने लगी तुम तो उस लड़की के पीछे ही पड़ गए थे मैंने राधिका से कहा तुम्हें तो अब भी शक करने की आदत है और इसी वजह से तो हम दोनों का रिश्ता चल नहीं पाया राधिका कहने लगी अब तुम पुरानी बातों को ना दोहराओ तो ही ठीक रहेगा।
मैंने राधिका को उसके घर पर छोड़ दिया और वहां से मैं अपने घर चला आया मैं जब घर पहुंचा तो मैंने अपने फोन पर देखा कि मेरे फोन में किसी ने मैसेज किया है मैंने जब अपना मैसेज ओपन किया उसमें संजना का मैसेज था मैंने भी संजना को रिप्लाई किया और रात भर हम दोनों की मैसेज के द्वारा ही बात होती रही हम दोनों ने करीब दो घंटे तक मैसेज पर बात की मुझे कब नींद आ गई मुझे पता ही नहीं चला। उस दिन तो हम लोगों की मैसेज के द्वारा ही बात हो पाई समय के साथ साथ मेरी संजना के साथ अच्छी दोस्ती होने लगी थी और संजना के बारे में भी मुझे काफी कुछ चीजें पता चल चुकी थी संजना के पिताजी पुलिस में है। संजना मुझसे मिलना भी चाहती थी लेकिन मैं उससे मिल नहीं पाया था क्योंकि ऑफिस की वजह से मैं ज्यादा बिजी हो गया था और जब मुझे समय मिला तो मैं संजना से मिलने के लिए चला गया। मैं जब संजना से पहली बार मिला तो संजना और मेरे दिल की धड़कने बहुत तेज थी मैं संजना से कुछ बात ही नहीं कर पा रहा था लेकिन फिर संजना ने मुझसे बात करनी शुरू की। हम दोनों एक दूसरे की आंखों में आंखें डाल कर बात कर रहे थे मैं संजना की तरफ़ बड़े ध्यान से देख रहा था और वह भी मुझसे बात कर के खुश थी उसके चेहरे की मुस्कान देखकर मैंने संजना से कहा तुम्हारी मुस्कुराहट बड़ी अच्छी है और मुझे तुमसे बात करना बहुत अच्छा लग रहा है।
उस दिन संजना ने मुझसे राधिका के बारे में पूछा मैंने संजना से कुछ भी बात नहीं छुपाई और कहां राधिका और मेरे बीच में पहले अफेयर था लेकिन एक दिन किसी गलतफहमी की वजह से हम दोनों के रिश्ते में दरार आ गई और अब राधिका और मेरे बीच में सिर्फ दोस्ती है हम दोनों एक दूसरे से अलग हैं और राधिका सिर्फ मेरी एक अच्छी दोस्त है। जब मैंने संजना को यह बात बताई तो संजना कहने लगी चलो कोई बात नहीं वैसे भी राधिका देखने में बहुत सुंदर है तुम्हें उसका साथ नहीं छोड़ना चाहिए था मैंने संजना से कहा लेकिन हम दोनों के दिलों में दूरियां पैदा हो चुकी थी इस वजह से हम दोनों का साथ में रह पाना मुश्किल था। पहले ही दिन संजना और मेरे बीच में इतनी देर तक बात हुई कि हम दोनों एक दूसरे से बात कर के बहुत खुश थे। कुछ समय बाद मैंने संजना को प्रपोज कर दिया जब मैंने संजना को प्रपोज किया तो वह भी मना ना कर सकी और मेरे साथ वह रिलेशन में आ गयी हम दोनों के रिलेशन के बारे में राधिका को पता चल गया था और शायद राधिका को इस बात का बहुत बुरा लगा लेकिन राधिका मेरे जीवन से जा चुकी थी वह सिर्फ मेरी अच्छी दोस्त थी इससे ज्यादा हम दोनों के बीच में कुछ भी नहीं था लेकिन ना जाने क्यों राधिका को संजना के साथ मेरा रिश्ता बिल्कुल भी पसंद नहीं आया। वह जब संजना को मिली तो उसने मेरे बारे में संजना से ना जाने क्या कुछ कह दिया जिससे कि संजना और मेरे बीच में कुछ मनमुटाव पैदा हो गया हम दोनों के बीच में बात नहीं हो रही थी लेकिन मैं नहीं चाहता था कि संजना मुझसे दूर रहे मैं संजना को किसी भी हाल में अपने से दूर नहीं देख सकता था इसलिए मैंने उससे बात की और उसे समझाने की कोशिश की वह मेरी बात को समझ गई और हम दोनों का रिश्ता पहले जैसे ही हो गया। राधिका को जब मैंने इस बारे में पूछा तो राधिका चुपचाप रही उसने मुझसे कुछ नहीं कहा मैंने भी सोचा शायद राधिका को मेरे और संजना के बीच के रिश्ते बिल्कुल भी पसंद नहीं है।
हम दोनों के बीच अब दूरियां पैदा हो चुकी थे लेकिन संजना मेरे जीवन में आ चुकी थी और मुझे संजना से बहुत ज्यादा प्यार था, हम दोनों का प्यार दिन-ब-दिन परवान चढ़ता जा रहा था। हम दोनों के बीच फोन पर घंटों तक बात हुआ करती थी लेकिन यह बात एक दिन इतनी ज्यादा हो गई कि हम दोनों एक दूसरे से मिलने को बेताब हो गए। मैंने संजना से कहा मुझे तुमसे मिलना था संजना मुझे कहने लगी हम लोग कहीं घूमने चलते हैं। हम दोनों ने शिमला जाने का प्लान बना लिया संजना को मेरे साथ आने में कोई आपत्ति नहीं थी, जब वह मेरे साथ आ गई तो हम दोनों के बीच उस दिन वह सब कुछ हो गया जो मैं चाहता था। जब हम दोनों एक ही रुम मे थे तो हम दोनों के अंदर सेक्स को लेकर उत्तेजना जाग उठी, मैंने संजना के गुलाबी होठों को अपने होठों में लेकर चुमना शुरू कर दिया और उसके होठों को चूमकर मुझे बड़ा अच्छा लगा। मैंने जब उसके बदन से सारे कपड़े उतारे तो वह मुझे कहने लगी तुम मेरे स्तनों को चूसो। मैंने उसके स्तनों से खून भी निकाल कर रख दिया था और उसके स्तनों का रसपान मैंने काफी देर तक किया मुझे बड़ा मजा आ रहा था।
जब मैंने उसके स्तनों को चुसा तो उसने मेरे लंड को काफी देर तक सकिंग किया, मेरे अंदर जोश बढ गया। मैंने जब उसकी योनि के अंदर अपने लंड को डाला तो उसकी सील टूट चुकी थी, मैंने उसके दोनों पैरों को चौड़ा करते हुए उसे धक्के देना शुरू कर दिया। मैं इतनी तेजी से धक्के मारता कि उसका शरीर बुरी तरीके से हिल जाता। वह मुझे कहती मुझे अच्छा महसूस हो रहा है उसके चूत से लगातार खून निकल रहा था और मुझे उसे धक्के देने में बड़ा मजा आता लेकिन उसकी चूत की गर्मी को मै ज्यादा दर तक ना झेल सका मेरा वीर्य उसकी योनि में जा गिरा। जैसे ही मेरा वीर्य उसकी चूत में गिरा तो हम दोनों ही एक दूसरे से चिपक कर लेट गए। हम दोनों के बीच यह पहला ही शारीरिक संबंध था उसके बाद हम लोग करीब 3 दिन तक शिमला मे रुके हमने शिमला में बड़े मजे लिए। उसके बाद हम दोनों वापस लौट आए मैं संजना के साथ सेक्स करके बहुत खुश था और संजना को भी मेरे साथ में सेक्स करना बड़ा अच्छा लगा। यह सिलसिला अब भी जारी है राधिका से मेरी मुलाकात अब कम ही होती है लेकिन संजना से मेरा प्यार अब बहुत ज्यादा बढ़ चुका है।