antarvasna, gaand chudai ki kahani मेरा नाम हेमंत है मैं एक सरकारी स्कूल का छात्र हूं मैं अपनी कक्षा में एक बार फेल हो चुका हूं, मैं बारहवीं में पढ़ता हूं लेकिन फेल होने की वजह से मेरे साथ में पढ़ने वाले बच्चे कॉलेज में जा चुकी हैं। मुझे जब भी मेरे पुराने दोस्त मिलते है तो वह कहते हैं कि यदि तुम थोड़ा और मेहनत कर लेते तो तुम पास हो जाते और तुम भी हमारे साथ कॉलेज में होते, मैं उनसे कहता हूं कि अरे भैया तुम यह सब अब मुझे मत सुनाओ अब इन सब बातों का कोई भी फायदा नहीं है, मैं स्कूल में पढ़ता हूं और तुम लोग अब कॉलेज के छात्र हो चुके हो तुम्हें तो पता ही है यदि मैं पढ़ने में अच्छा होता तो तुम्हारे साथ होता लेकिन मेरी यही तो कमजोरी है कि मैं अच्छे से पढ़ नहीं सकता।
जब मैं उनसे यह बात कहता हूं तो वह मुझे कहते हैं कि तुम्हारे अंदर क्रोध भी अब बढ़ने लगा है तुम बड़े ही गुस्से में हमसे बात करते हो, मैंने उन्हें कहा तुम भी मेरे साथ पढ़ने दोबारा से आजाओ तो तुम्हें पता चलेगा कि कैसा होता है, जिस दिन मैं फेल हुआ था उस दिन तो मेरे पिताजी ने मेरी इतनी धुनाई की कि दो दिन तक तो मैं अच्छे से खड़ा भी नहीं हो पाया, वह कहने लगे हमें भी पता है कि तुम्हारे ऊपर क्या बीत रही होगी। मैंने उन्हें कहा अब तुम मुझे यह झूठा दिलासा ना ही दो तो बेहतर होगा, मैं अब अपने घर चलता हूं और तुमसे फिर कभी मुलाकात करूंगा, वह कहने लगे ठीक है तुम्हें जब भी ऐसा लगे कि हम से मिलना है तो तुम मिल लेना। अब उनका रवैया भी मेरे लिए बिलकुल बदल चुका था और मैं भी पहले से ज्यादा अपने अंदर क्रोध देख रहा था क्योंकि मुझे छोटी सी बात पर भी गुस्सा आ जाता लेकिन मैंने ठान लिया था किस इस साल मैं अच्छे नंबरों से पास हो कर ही दिखाऊंगा इसीलिए मैं पूरी तरीके से पढ़ाई पर जुट गया, मैं अच्छे से पढ़ाई करने लगा लेकिन मुझे ऐसा लग रहा था कि कहीं मेरी पढ़ाई में कोई कमी ना रह जाए इसलिए मैंने अपने पापा से इस बारे में बात की और उन्हें कहा कि पापा आप मेरी ट्यूशन किसी अच्छी जगह लगा दीजिए, वह मुझे कहने लगे मैं ऐसे किसी भी व्यक्ति को नहीं जानता जो कि ट्यूशन पढ़ाता होगा, तुम ही अपने तरीके से देख लो और मुझे बता देना की कितनी फीस होती है, मैंने उन्हें कहा ठीक है मैं ही कहीं देख लेता हूं।
मुझे जब पता चला कि हमारी स्कूल की माधुरी मैडम बच्चों को ट्यूशन पढ़ाती है तो मैं उनके पास एक दिन चला गया, मैंने उन्हें कहा मैडम मैं आपके पास ट्यूशन पढ़ने के लिए आना चाहता हूं, वह मुझे कहने लगी देखो हेमंत यहां पर बच्चे बहुत ज्यादा हो चुके हैं और अब यह संभव नहीं है कि मैं तुम्हें पढा पाऊँ, मैंने कहा मैडम आपको तो पता ही है मेरा एक साल बस खराब हो चुका है और मैं नहीं चाहता कि अब मेरा यह साल भी खराब हो जाए, मैं इस साल अच्छे अंको से पास होना चाहता हूं इसलिए मुझे आपकी मदद की आवश्यकता है, मैंने उन्हें बड़ा ही इमोशनल कर दिया और उन्होंने भी कहा चलो ठीक है तुम मेरे पास ट्यूशन पढ़ने आ जाना। मैं उनके पास ट्यूशन पढ़ने के लिए जाने लगा, माधुरी मैडम के साथ मुझे अब पहले से अच्छा लग रहा था कि मैं अच्छे से पढ़ने में लगा हूं और मेरा पढ़ाई में मन भी लगने लगा था, पिछले वर्ष तो मेरा पूरा साल लता की वजह से खराब हो गया, मैं लाता के पीछे पागलों की तरह पढ़ा रहा और आखिरी वक्त में उसने मुझे मना कर दिया, मैं ना तो उसे कुछ कह पाया और जब मैं फेल हो गया तो उसके बाद मेरे पिताजी ने तो मेरी डंडों से ऐसी धुनाई की, कि मेरे दिमाग से लता का ख्याल ही छूमंतर हो गया लेकिन इस वर्ष मैं अच्छे नंबरों से पास होने की पूरी तरीके से ठान चुका था। एक दिन माधुरी मैडम कहने लगी जितने भी ट्यूशन के बच्चे हैं हम लोग एक दिन पिकनिक पर जाएंगे, मैंने उन्हें कहा लेकिन मैडम हम लोग पिकनिक पर कहां जाएंगे? वह कहने लगी हम लोग पार्क में चलेंगे और सुबह से शाम तक वहीं पर रहेंगे, वहां पर हम लोग पूरा एंजॉय करेंगे। मैंने कहा ठीक है मैडम। हमारे ट्यूशन के लगभग सारे बच्चे उस दिन पार्क में गए थे, हमारे शहर में एक बहुत ही बड़ा पार्क है वहां पर काफी भीड़ रहती है, उस दिन भी वहां पर बहुत भीड़ थी और जब हमारे ट्यूशन के सब बच्चे पहुंच गए तो हम लोग बहुत ही खुश हो गए और सब लोग अंताक्षरी खेल रहे थे, कभी हम लोग डांस कर रहे थे, जब बच्चे डांस कर रहे थे तो हम लोग बहुत खुश हो रहे थे।
माधुरी मैडम ने मुझे कहा तुम थोड़ी देर बच्चों का ध्यान रखना मैं अभी आती हूं, मैंने सोचा चलो ठीक है मैं ही बच्चों का ध्यान रख लेता हूं क्योंकि उन सब में मैं ही सबसे बड़ा था और वहां सब लोग मेरी बात भी मानते हैं, हम लोग गाने गाकर एक दूसरे का मनोरंजन कर रहे थे काफी समय हो गया कि माधुरी मैडम वापस ही नहीं आई, मैंने सोचा वह पता नहीं कहां चली गई लेकिन हम लोग उनका बैठ कर इंतजार कर रहे थे और सब अच्छे बड़े ही अच्छे मूड में थे। मुझे बड़ी तेज पेशाब आने लगी मैंने सोचा मैं पेशाब कर आता हूं, मैंने एक लड़के से कहा तुम सबका ध्यान रखना और कहीं भी इधर उधर जाने की आवश्यकता नहीं है। वह कहने लगा ठीक है। माधुरी मैडम अभी भी नहीं आई थी, मैं जल्दी से दौड़ता हुआ पेशाब करने के लिए चला गया। मैं जब पेशाब करने गया तो टॉयलेट बिल्कुल पार्क के कोने में था वहीं पास में बड़ी घनी झाड़ियां थी। मैंने सोचा चलो बाहर ही पेशाब कर ली जाए मैं बाहर बड़े मजे से मूत रहा था लेकिन उसी वक्त मैंने आगे देखा तो माधुरी मैडम को जगदीश सर घोड़ी बनाकर चोद रहे थे। जगदीश सर हमारे स्कूल के प्रिंसिपल हैं, उन्होंने उनकी गांड में लंड डाला हुआ था मैं यह सब बड़े ध्यान से देखने लगा। जब उन दोनों का कार्यक्रम पूरा हो गया तो जगदीश सर वहां से चले गए, माधुरी मैडम वहीं नीचे बैठकर अपनी गांड और योनि को साफ कर रही थी।
मैं जब उनके पास पहुंचा तो मैंने देखा माधुरी मैडम अपनी गांड को साफ कर रही थी, मैं जब उनके पास गया तो वह मुझे देख कर डर गई। उन्हें इस बात का तो आभास हो चुका था कि मुझे सब कुछ पता चल चुका है। मैंने अपने लंड को बाहर निकाला उन्होंने मेरे लंड को बड़े अच्छे से चूसा। जब मेरा लंड एकदम सीधा खड़ा हो चुका था मैंने माधुरी मैडम से कहा मैंने जगदीश सर को आपकी गांड में लंड डालते हुए देखा था मैं भी आपकी गांड मारना चाहता हूं। उन्होंने कहा यह अधिकार सिर्फ जगदीश सर का है मैंने उन्हें कहा लेकिन मैं तो आपकी गांड मारना चाहता हूं नहीं तो मैं सबको आपके बारे में बता दूंगा। उन्होंने अपनी गांड को मेरे सामने कर दिया, जब मैंने अपना लंड उनकी मोटी गांड के अंदर घुसाया तो मुझे बड़ा अच्छा महसूस हुआ। जब मेरा लंड पूरा उनकी गांड के अंदर जा चुका था तो उनकी बड़ी गांड मुझसे टकराने लगी मैं बड़ी तेजी से उनकी गांड मारने लगा। वह अपनी गांड को मुझसे इतनी तेज मिलाती मेरे अंडकोषो में दर्द होने लग जाता मेरा लंड उनकी गांड के पूरे अंदर तक जा रहा था। जब मैं अपने लंड को अंदर बाहर करता तो वह मुझे कहने लगी हेंमत तुम तो बड़े ही मादरचोद हो मुझे नहीं पता था तुम इतने ज्यादा हारामी होगे। मैंने मैडम से कहा मैडम मैंने पिछले वर्ष भी कई लड़कियों को अपनी क्लास में चोदा था लेकिन मैंने लता के पीछे पड़ा था, लता ने मुझे हां नहीं कहा नहीं तो मैं उसे भी चोद कर प्रेग्नेंट कर देता। मैडम मुझे कहने लगी चलो अब तुम यह फालतू की बातें मत करो तुम मेरी गांड में अपने डंडे को डालते रहो मुझे बहुत अच्छा लग रहा है तुम्हारा लंड भी बहुत मोटा और तगड़ा है तुम जगदीश सर को पूरा टक्कर दे रहे हो, तुम ऐसे ही मेरी गांड मारते रहो। मैंने बड़ी तेजी से उनकी गांड के अंदर बाहर अपने लंड को किया। जब उनकी गांड से गर्मी बाहर की तरफ निकालने लगी तो मैं उनकी गर्मी को बर्दाश्त नहीं कर पा रहा था मैंने अपने लंड को बाहर निकालते हुए हिलाना शुरू कर दिया। जब मेरा वीर्य गिरने वाला था तो मैंने अपने वीर्य को माधुरी मैडम के मुंह में गिरा दिया वह खुश हो गई और कहने लगी आज तुमने मेरी गांड मारकर मुझे मजा दिलवा दिया।