bhabhi sex stories, hindi sex stories
मैं लखनऊ का रहने वाला हूं एक 32 साल का युवक हूं। मैं अपने माता-पिता के साथ ही रहता हूं। हमारी जॉइंट फैमिली है तो मेरी भाभी लोगों का परिवार भी हमारे साथ ही रहता है। मेरी भाभी एक नंबर की जुगाड है। मुझे पता था लेकिन मैं हमेशा इस बात को इग्नोर कर दिया करता था। क्योंकि मैं बोलता था यह मेरी भाई की बीवी है छोड़ो जाने दो इस बात को मैं उससे ज्यादा बात नहीं करता था। मुझे वह पसंद नहीं थी। लेकिन वह थी एक नंबर की माल मोहल्ले के सारे बुड्ढे उसी पर फिदा थे। ना जाने क्या था उसमें ऐसा जो सब लोग इतने पागल थे। मैंने कभी ध्यान नहीं दिया इस बात पर और मैं अपने काम पर ही लगा रहता था क्योंकि मैं एक शर्मिला सा लड़का हूं।
मुझे सिर्फ मेरे परिवार से मतलब रहता है। बाकी ज्यादा किसी पर मैं ध्यान नहीं देता कौन क्या कर रहा है क्या नहीं इससे मुझे कोई लेना देना नहीं था। लेकिन सब कुछ अच्छा ही था। 1 दिन गर्मी की बात है हम लोग छत पर सोए हुए थे। बाकी सब लोग तो सो रहे थे मैंने देखा मेरी भाभी पास वाली छत पर जा रही है। मैं भी उसके पीछे पीछे दबे पांव जाने लगा। जैसे ही मैं जा रहा था मैं गिर पड़ा। और मेरे पैर में चोट भी लग गई। पर फिर भी मैं वह छत से चला गया। मैंने पास में देखा वहां पर गुल्लू भाई और मेरी भाभी दोनों ही एक खाट पर लेटे हुए थे। और गुल्लू भाई ने मेरी भाभी को अपनी बाहों में कसकर जकड़ा हुआ था। मैं यह देख कर दंग रह गया। लेकिन मैं यह सब देखता रहा और वहीं पर छुपा हुआ देख रहा था। गुल्लू भाई ने मेरी भाभी की सलवार निकालकर उसकी चूत मारना शुरू कर दिया। मैं यहां सब देख रहा था देखते देखते गुल्लू भाई ने पता नहीं कब की रफ्तार बढ़ा दी और इतनी तेजी करना शुरू कर दिया मानो जैसे बस अपनी रफ्तार पकड़ लेती है। कसम से देख कर मेरा तो लंड खडा हो गया। इतनी तेज तेज कर रहे थे मेरी भाभी की चुतडो की आवाज साफ सुनाई दे रही थी।
मैं यह सब देख देख कर कौन है मैं मुठ मारने लगा। मुझे नहीं पता था कि मेरी भाभी इतनी चुदकड है। उसने ना जाने कितने गुल्लू भाई के गुल्ले अपने अंदर ले रखे थे। यह मुझे आप पता चल गया था। पहले तो मैंने सिर्फ लोगों के मुंह से सुना था। लेकिन मुझे क्या पता था मेरी भाभी इतनी माल है। उसकी बड़ी बड़ी गांड को भाई ने उन का कचूमर बना दिया था। भाई भी पुराने खिलाड़ी थे। तो भाई ने यह तो करना ही था। भाई उनके बड़े-बड़े स्तनों को ऐसे दबा रहे थे जैसे मानो वह आटा गूंद रहे हो। मुझे यह देख देख कर मजा आ रहा था। आप शायद भाई का सख्त और कड़क लंड झडने वाला था। तो उन्होंने भाभी के अंदर ही डाल दिया था। उसके बाद भाभी जी से उठी और उनका लंड अपनी चूत से बाहर निकालकर अपनी चुन्नी से साफ करने लगी। मैं यह कोने से खड़ा हो कर देख रहा था। तब शायद उनकी नजर मुझ पर पड़ चुकी थी। और उन्होंने घबराते हुए जल्दी में अपने सलवार को ऊपर किया। और गुल्लू चाचू को बोला शायद रवि ने देख लिया है। आप बहुत शर्माते हुए मेरे पास आई और बोलने लगी देखो तुमने यह सब देख लिया है लेकिन मुझे माफ कर दो।
तुम जो बोलोगे मैं वह सब करूंगी। और गिड़गिड़ाते हुए मेरे पैरों पर पड़ गई। मैंने गुल्लू भाई को समझाया इस के चक्कर में मत पड़ो तुम बर्बाद हो जाओगे। गुल्लू को क्या फर्क पड़ना था। उसको तो अपने लंड की प्यास बुझाने से मतलब था। गुल्लू भी चला गया। मैंने भी उन दोनों को बोला छोड़ो जाने दो यह सब मैं किसी को नहीं बताऊंगा लेकिन यह तो मैंने सिर्फ दिखाने के लिए बोला था। मुझे तो सब पता था अब तो मैं अपनी रंडी भाभी को नहीं छोड़ने वाला था। मैं भी अपने छत पर लगी घाट पर जाकर सो गया और उसको भी बोलो जाओ तुम भी सो जाओ। मेरी तरफ से निश्चिंत रहो।
मेरी भाभी मुझसे नजरें नहीं मिला पा रही थी। और हमेशा यही कहती रहती थी। किसी को बताना मत तुम्हें जो चाहिए तुम ले लो। मैं हमेशा ही उसको डर आता रहता था। और उससे पैसे लेता रहता था। वह भी मुझे हमेशा पैसे देती रहती थी। क्योंकि मेरे भाई बहुत ही खतरनाक से अगर उन्हें यह बात पता चल जाती है तो वह मेरी भाभी की जान ले सकते थे। अब तो मेरा जब भी मन होता मैं अपनी रंडी भाभी को अपना लोड़ा चुसवाता रहता। कसम से मजा तो बहुत आता था चुस्ती तो ऐसी थी जैसे मानो आनंद सा दे जाती थी। क्योंकि वह तो खाई खिलाई हुई थी।। मैं उसको हमेशा अपना माल पिलाता था। वो कुछ बोल भी नहीं सकती थी क्योंकि इसकी सारी हकीकत मुझे मालूम थी।
1 दिन ना जाने मेरा मूड क्यों बहुत ज्यादा खराब था। मैंने अपनी रंडी भाभी को बुलाया। वह मुझसे पूछने लगी क्या हुआ मुझे क्यों बुलाया कुछ काम है क्या मैंने बोला जब काम है तभी तो बुलाया है तुझे नहीं तो क्यों बुलाता। मैंने अपनी पेंट को जड़ से नीचे किया। फिर तो उसको पता ही था क्या करना है। उसने हिलाते हिलाते अपने मुंह में मेरा लंड डाल लिया। मैंने भी गले तक लंड अपना उतार दिया। वह दोनों हाथों से मेरे पैर पर मारने लगी पर मैंने नहीं निकाला। जैसी ही मैंने मुंह से लंड बाहर निकालना तो बोलने लगी क्या मुझे मारोगे। मैंने बोला मरूंगा तभी तो यह सब किया है। आपको डर गई थी उसको लगा शायद मैं अपने भाई को यह सब बताना दो तो उसने उसे डर में मेरा लंड दोबारा पकड़ लिया और अपने आप ही गले तक लेना शुरू कर दिया। और थोड़ी ही देर बाद उसने मेरा वीर्य पी लिया। फिर उसने अपने मुंह को कपड़े से साफ किया और जाने लगी। मैंने उसको बोला कहां जा रही हो। अब अब तो उसकी गांड और भी फट गई थी। क्योंकि वह मुझसे डरती बहुत थी जब से मैंने उस को रंगे हाथ देख लिया था। वह फिर से मेरे पास आई और हाथ जोड़कर बोलने लगी मुझे माफ कर दो मत बताना किसी को मैंने कहा ठीक है नहीं बताऊंगा किसी को तुम मेरे पास आकर बैठो।
वह अपनी बड़ी बड़ी गांड से मेरे बगल में बैठ गई। फिर मैं उसको पूछने लगा मुझे एक बात बताओ पूरे मोहल्ले में जितने भी बुड्ढे हैं और भाई हैं वह सब तुम्हारे इतने दीवाने क्यों हैं। कुछ नहीं बोला मुझे भी नहीं पता क्यों लेकिन तुम्हें मैं बताती हूं किस वजह से वह हमारे दीवाने हैं। उसने अपनी सलवार नीचे की और अपना बड़ा सा भोसड़ा मुझे दिखाया। वह देखने में बहुत बड़ा था मैंने आज तक अपनी जिंदगी में इतना बड़ा भोसड़ा नहीं देखा था। मुझे उसको देखकर ना जाने क्या हुआ। आखिरकार मैंने उसको बोल ही दिया अच्छा तो यह बात है। तुम्हारा भोंसड़ा बहुत ही अच्छा है। फिर उसने अपनी सलवार पहने और मेरे बगल में आकर दोबारा बैठ गई। मैंने उसको पूछा तुम्हें कितनों ने आज तक पेला है। उसने मुझे बताया 55 लोगों ने मोहल्ले के तो लगभग सारे के सारे ही हैं। मैंने उसको बोला था कि उन्होंने तुम्हारे चूत का भोसड़ा बना दिया है। फिर मैंने भी कहा चलो आज तुम मुझे भी दिखाओ कि सब लोग तुम्हारे दीवाने कैसे बने। उसने कहा ठीक है क्यों नहीं बिल्कुल दोबारा से उसने मेरे घोड़े को अपने हाथ में ले लिया और उसको खड़ा करने लगी क्योंकि वह हो सो चुका था। कभी वह मुंह में लेती कभी वह हाथ से हिलाती। ऐसा करते-करते मेरा काफी समय बाद खड़ा हो ही गया।
देखने में तो मेरा भी अच्छा खासा था कम से कम 10-11 इंच के आसपास तो होगा ही। अब उसने अपनी सलवार को नीचे उतारा और मेरे लंड के ऊपर बैठ गई। मुझे तो जैसे कुछ करना ही नहीं दे रही थी अपने आप ही ऊपर नीचे करने पर लगी हुई थी। मुझे तो बहुत आनंद आ रहा था क्योंकि इतना मजा कोई नहीं देता। वह बड़ी तेजी से यह सब करती जा रही थी।। उसकी बड़ी बड़ी चुतडे में मेरे लंड से तक आ रही थी और बहुत तेज तेज आवाज आ रही थी। वह ऊपर नीचे इतने प्यार से हो रही थी कि मैंने अपने पूरे जीवन में ऐसा किसी को करते नहीं देखा था। इसीलिए वह पूरे मोहल्ले में फेमस थी। अभी तो यह सिर्फ ट्रायल था। फिर उसने अपनी चुत से मेरे लंड को जकड़ना शुरू कर दिया। ऐसा करते करते करीबन 45 मिनट हो गए थे। मेरा तो मन ही नहीं कर रहा था उसको छोड़ने का उसके बाद उसने मुझे उठाया और कहां पीछे से आ जाओ और धक्के मारने शुरू कर दो। मैंने उसकी बड़ी सी गांड को अपने हाथों से पकड़ा और बहुत ही तेजी से धक्के मारने शुरू कर दिए। मारते-मारते एक समय ऐसा आया जब मेरा पानी गिरने वाला था। और मैंने उसकी बड़ी सी भोसड़े में अपना पानी बड़ी ही तेजी से उतार दिया। उसके बाद से तो कई बार मैंने उसको बोला अब तुम बाहर कहीं नहीं जाओगे मेरे साथ ही सेक्स करोगी वह मेरे साथ ही करती है क्योंकि उसको मालूम है नहीं तो मैं अपने भाई को सब कुछ बता दूंगा।