हाय मित्रो मैं आप लोगो को आज अपनी एक ऐसी कहानी बताने जा रहा हूँ जो रंगीन है | यह कहानी आपको एक ऐसा एहसास देगी जो बिलकुल नया होगा | मित्रो मैं बिना समय गँवाए अपनी कहनी पर आता हूँ |
मित्रो में जबलपुर का रहने वाला हूँ | मेरी उम्र 28 साल है | और लम्बाई 6 फीट २ इंच है | में रेडी मेड शर्ट का बिजनिस करता हूँ मेरा शर्ट का कारखाना है | और मेरे परिवार में सिर्फ मैं और मेरे मम्मी पापा और मेरा एक छोटा भाई बस है |
मित्रो जब मैं कॉलेज में था | तो कॉलेज की फीस भरने के लिए और अपने खरचे के लिए एक कम्पनी के ऑफिस में मैं पार्ट टाइम जॉब करता था | उस समय मेरी उम्र २० साल थी | मित्रो जब मैंने जॉब करना स्टार्ट किया तो जब में पहले दिन जॉब पर ऑफिस गया | तो ऑफिस के सामने एक घर था वहाँ पर बहुत सारे लोग किराये से रहते थे | ऑफिस में कुछ भाई लोग भी जॉब करते थे उनसे मेरी बहुत अच्छी दोस्ती हो गई थी | फिर उसके बाद ऑफिस के भाई लोग ने बताया कि उस घर मे एक बहुत अच्छी लड़की रहती है | यह बात सुनकर मेरे मन में उस लड़की को देखने की इक्छा बहुत हो रही थी | में रोज जब ऑफिस आता था तो उस लड़की को बार बार ऑफिस से बाहर निकलकर देखा करता था | लेकिन वो दिखती ही नहीं थी | बहुत दिन हो गे थे | वो दिखती ही नहीं थी |फिर उसके बाद मैंने उसे देखना ही छोड़ दिया और अपने काम में ध्यान देता था | उसके बाद एक दिन जब में ऑफिस आया और जब मैंने उस घर की तरफ देखा तो मुझे उस घर के छत पर एक खूबसूरत सी लड़की दिखाई दी | वो इतनी सुंदर थी कि जेसे ही मैंने उसे देखा तो उसे देखता ही गया मेरी नजर हट ही नहीं रही थी | फिर में ऑफिस के अंदर आया और भाई लोगो से पूछा कि भाई लोग क्या वो यही लड़की है जो छत में खड़ी है | फिर भाई लोगो ने उस लड़की को देखा और बताया कि हां वो यही लड़की है | फिर उसके बाद वो लड़की छत से चली गई | फिर उसके बाद तो मेरी आँखों में बस उसी लड़की का चेहरा नजर आ रहा था ….मुझे वो बहुत अच्छी लगने लगी थी | मैंने तो उसे देखते ही सोच लिया था कि इसे तो में ही पटाउँगा |फिर मैंने भाई लोग से उस लड़की नाम पूछा तो भाई लोगो ने उस लड़की का नाम ख़ुशी बताया | उसका पूरा नाम ख़ुशी गुप्ता था |उसकी उम्र 18 साल थी और लम्बाई 5 फीट 4 इन्च थी | ख़ुशी देखने में बहुत ही ज्यादा सुंदर थी और कड़क माल भी दिखती थी | मैं फिर रोज ऑफिस आता था एक भी दिन ऑफिस से छुट्टी नहीं लेता | और रोज में ख़ुशी को ऑफिस से निकलकर बार बार देखा करता | ख़ुशी मुझे किसी दिन दिखती थी और किसी दिन नहीं दिखती | जिस दिन वो मुझे दिख जाती थी वो दिन मेरा बहुत अच्छा जाता और जिस दिन नहीं दिखती थी वो दिन बहुत ही ख़राब जाता था | मैं खशी के पीछे पागल हो गया था | खुशी मुझे हर जगह आँखों के सामने दिखाई देती थी | मुझे उसे किसी भी तरीके से पटाना था उसे अपनी गर्लफ्रेंड बनाना था |फिर जब में एक दिन ऑफिस आया तो ख़ुशी छत पर ही थी और मैं खुशी को देखने लगा मैं ख़ुशी को बिलकुल देखे ही जा रहा था | और जब मैं ख़ुशी को देख रहा था तो ख़ुशी ने मुझे देख लिया कि में उसे देख रहा हूँ | और वो भी मुझे देखने लगी | और जब वो मुझे देख रही थी तो मैं खुशी को लाइन मरने लगा और उसे देखकर स्माइल करने लगा | ख़ुशी भी मुझे देखकर स्माइल करने लगी थी | ख़ुशी समझ गई थी कि में उसे लाइन मर रहा हूँ |लेकिन फिर भी में उसे देखकर स्माइल कर रहा था और लाइन मार रहा था | ख़ुशी भी मुझे देखकर स्माइल कर रही थी और फिर उसके बाद वो छत से चली गई | फिर उसके बाद ख़ुशी रोज छत पर आती और में रोज उसे देखा करता और लाइन मारा करता | ख़ुशी भी मुझे देखकर स्माइल करती और लाइन मारा करती |फिर मैं रोज बहुत खुश रहता था | लेकिन मेरी ख़ुशी से बात नहीं हो पा रही थी | फिर उसके बाद मुझे भाई लोगो ने बताया कि ख़ुशी शाम को कोचिंग पढने जाती है | यह सुनकर मुझे ख़ुशी हुई फिर उसके बाद मैं रोज ख़ुशी की कोचिंग के पास जा कर खड़े हो जाता और जब ख़ुशी कोचिंग आती थी तो उसे देखा करता | ख़ुशी ने मुझे कोचिंग के पास भी खड़े देख लिया | जब मैं उसे देख रहा था कोचिंग मैं तो वो मुझे देख कर बहुत स्माइल कर रही थी | मैं तो ख़ुशी के मारे पागल हुआ जा रहा था | फिर एक दिन जब ख़ुशी कोचिंग जा रही थी | तो मैं उससे बात करने के लिए रास्ते मैं खड़ा था और जब खुशी आई तो मैंने उसे रोक लिया और उससे हाय किया और ख़ुशी से बोला कि क्या मैं आपसे दो मिनट बात कर सकता हूँ | ख़ुशी ने स्माइल करते हुए कहा क्यों नहीं बिलकुल बोलो क्या बात करनी है और ख़ुशी मुझे देखकर बहुत शर्मा रही थी | फिर मैंने ख़ुशी से वहीँ पर कह दिया कि मैं आपको बहुत पसंद करता हूँ और फिर उसके बाद ख़ुशी को मैंने प्रपोस कर दिया आई लव यू बोल दिया दिया | ख़ुशी यह सुनकर बहुत स्माइल कर रही थी और फिर जब मैंने ख़ुशी से पूछा कि क्या आप मुझे पसंद करती है ? तो ख़ुशी ने हा बोला और आई लव यू टू बोल दिया और फिर वो कोचिंग चली गई | बाद में हम दोनों रोज मिलते और ख़ुशी को मैंने पटा लिया था | फिर एक दिन मैंने ख़ुशी से बोला ख़ुशी चलो कही घूमने चलते है | यह बात सुनकर ख़ुशी बहुत झूमीऔर वो भी कहने लगी हाँ चलो कही घूमने चलते है | ख़ुशी उस दिन बहुत ही सेक्सी लग रही थी | ख़ुशी को देख कर उस दिन चोदने का मन कर रहा था | मैंने तो मूड बना ही लिया था कि आज ख़ुशी को चोदना ही है | फिर में ख़ुशी को घुमाने भेडाघाट ले गया | हम दोनों भेडाघाट में बहुत मस्ती कर रहे थे | फिर ख़ुशी को भेडाघाट घुमाने के बाद मैं ख़ुशी को अपने दोस्त के रूम में लेकर आया ख़ुशी बहुत खुश थी उस दिन वो रूम में जेसे ही आई वो पलंग पर लेट और मुझे देखकर बहुत स्माइल करने लगी | फिर उसके बाद मैं भी ख़ुशी के बाजू में लेट गया और उसके बाद मैंने ख़ुशी को पकड़कर किस कर लिया और जब मैंने ख़ुशी को किस किया तो ख़ुशी ने कुछ नहीं कहा और फिर वो भी मुझे किस करने लगी |मैंने तो सोच ही लिया था कि अब मुझे इसे अच्छा मौका नहीं मिलेगा ख़ुशी को चोदने का फिर मैं ख़ुशी फिर से किस करने लगा और ख़ुशी को बहुत मजा आ रहा था |मैंने ख़ुशी के पूरे कपडे उतार दिए और उसके पूरे बदन को चूमने लगा | ख़ुशी आह आह कर रही थी फिर में ख़ुशी की चूत में अपना लंड डाला और उसे चोदने लगा | ख़ुशी चुदते समय आह्ह आह्ह ऊउह्ह ऊह्ह कर रही थी और मुझसे चिपकी हुई थी | ख़ुशी को चुदने में इतना मज़ा आया कि मैंने खुशी को फिर से चोदा और बहुत चोदा | चोदते समय तो बस ख़ुशी मुझसे चिपकी थी और आःह्ह मजा आ रहा था कि मुझे चोद ही नहीं रही थी | मैंख़ुशी के मस्त बड़े बड़े दूध को पीने लगा मुझे ख़ुशी के दूधपीने में बड़ा मजा आ रहा था | मैं ख़ुशी को खूब चोद रहा था ख़ुशी आराम से मुझसे चुद रही थी | उस दिन मैंने ख़ुशी को बहुत चोदा | फिर उसके बाद जब मैं ख़ुशी को चोद चुका था | तो ख़ुशी और चुदने की जिद कर रही |फिर उसके बाद काफी समय हो गया फिर मैंने ख़ुशी को उसके घर छोड़ा और में भी अपने घर चला गया और फिर मैं दुसरे दिन ऑफिस गया तो ख़ुशी छत पर ही थी | जब मैंने ख़ुशी को देखा तो वो मुझे देखकर बहुत स्माइल कर रही थी और लाइन मार रही थी और मुझे फ़ोन कर कर परेशान करने लगी कि मुझे फिर से चुदने का मन कर रहा है | फिर उसके बाद मैं फिर से ख़ुशी को घुमाने ले गया और और दोस्त के रूम में ले जाकर बहुत चोदा | तो दोस्तों यही थी मेरी अजीब दास्ताँ और मुझे ख़ुशी है आप लोग इसे पढ़कर खूब हसेंगे और मुझे अच्छे अच्छे कमेन्ट देंगे | तो आज मैं अपने शब्दों पर यहीं विराम लगाता हूँ |