चूत मिली और नशा हटा

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हेल्लो मेरे प्यारे दोस्तों क्या हाल है आप सब का मेरा नाम है सुदीप और मैं झाँसी के पास एक चीते से गाँव में रहता हूँ वैसे मैं कोई गलत इंसान नहीं हूँ इसलिए मुझे कोई गन्दी लत नहीं है पर फिर भी आज कल सब बताना ज़रूरी ही गया है मैंने कई बार सोचा है मैं अपने बारे में ज्यादा बात ना करूँ पर क्या करे मैं खुद पर काबू नहीं रख पाता | मुझे इस बात का दुःख नहीं बस मुझे इस बात का दुःख है कि मेरा लोग मजाक बना देते हैं | इसलिए मैंने आज सोचा है आप सब के सामने अपनी असली कहानी रख देता हूँ | मैंने कई बार सोचा है कि मैं यहाँ कुछ लिखू पर फिर मैं डर जाता था कहीं कोई गलत ना समझ ले | फिर मुझे एक दन एक कहानी दिखी जिसमे मुझे एक लड़का अपनी मैडम को कैसे चोदता है ये पता चला | हम जैसे लोगों को समझने वाले या तो दुनिया में बहुत कम है या फिर वो सब यहाँ मिलते हैं इसलिए दोस्तों आपसे गुजारिश मुझे अपने साथ शामिल करलो क्यूंकि और कोई तो मुझे इस काबिल समझता नहीं है पर आप लोगों के साथ कुछ समय बिता लूँगा तो मन भी हल्का हो जाएगा और मनोरंजन भी हो जाएगा |

तो दोस्तों अब मैं अपनी कहानी शुरू करता हूँ जिसमे मैंने अपनी टीचर पर बहुत भरोसा किया और उसने भी मुझे कभी धोखा नहीं दिया | बस यही एक चीज़ है जो मैं आप सब से चाहता हूँ अगर नहीं हो सकता तो साफ़ मना कर दो पर किसी के जज़्बात से मत खेलो | मैंने ना जाने कौन से पाप किये थे जिसकी मुझे ऐसी सजा मिल रही है पर दोस्तों अब मैं आपसे एक बात कहना चाहता हूँ कि मैं हर चीज़ से मुँह मोड़ लिया है और अब मैं सुधर गया हूँ | मैंने जिन लोगों के साथ गलत किया मैंने उन लोगों से माफ़ी मांग ली | तो चलिए दोस्तों अब मैं आपको अपनी दास्ताँ सुनाना शुरू करता हूँ | दोस्तों मैं एक चरसी लड़का हुआ करता था और मेरे घर वाले इस बारे में जानते थे | मुझे कई बार मारा पर मैं नहीं सुधरा | मुझे एक दोस्त की तरह भी समझाया फिर भी मैं नहीं संभल पाया | मैं इस गटर में ऐसा फस चूका था कि इससे निकलने का कोई तरीका समझ नहीं आ रहा था |

फिर मेरे पापा को एक दिन मैंने रोते हुए देखा और सुना कि उन्होंने मेरे लिए कितने बलिदान दिए और पैसे उधार लेकर मुझे पढाया | मैं ये सब सह ना सका पर मेरा मन मुझे नशे को छोड़ने की इजाज़त नहीं दे रहा था | उसके बाद मैंने सोचा चलो कोई बात नहीं मैं कोशिश करूँगा पर सबसे पहली चीज़ ये करूँगा कि मैं कॉलेज रोज़ जाऊँगा | मैंने एक जगा काम की बात भी करली थी और मैं वहां काम करने भी जाता था | मैंने अपने मन को इतना कड़ा कर लिया था की मैं दिन में तीन बार चरस का नशा करता था पर अब सिर्फ एक बार करने लगा था | उसके बाद मुझसे रहा नहीं जाता था मैं पागल होने लगता था पर मुझे हिम्मत खुद से मिलती रहती थी | एक दिन मेरी कॉलेज की एक मैडम थी उसकी गाडी खराब हो गई और वो उस सुनसान जगह पर खड़ी थी | मैंने सोचा इसके पास जाना चाहिए नहीं तो दिक्कत हो सकती है | मैं उसके पास आ गया और उससे पूछा क्या हुआ है आपकी गाडी में | उसने कहा कुछ नहीं बस चालु नहीं हो रही है | मैंने सोचा चलो मैं देख लेता हूँ क्यूंकि ये एरिया ठीक नहीं है थोडा |

उसने कहा ओके और साइड में कड़ी हो गयी और मैं चेक करने लगा | गाडी का प्लग ख़राब था पर जैसे तैसे मैंने उसे चालु कर दिया और कहा कोई भी पहली दूकान दिखे वहां पर इस को बनवा लेना | अचानक से मैं चाकर खाके गिरने लगा तो उसने मुझे वही पर पकड़ा और नेचे बैठा दिया | उसने मुझे थोडा सा पानी पिलाया और फिर मुझे थोडा अच्छा लगा | उसने मुझसे कहा क्या हुआ तो मैंने कहा मैडम आप चले जाओ मैं देख लूँगा | वो कहने लगी नहीं बताओ हुआ क्या है तो मैंने उसे कहा मैं चरस पीता था उस लत को छोड़ रहा हूँ तो दिक्कत होती है | उसने आहा यार तुमाहरी हिम्मत को सलाम है चलो मैं भी तुमाहरी मदद करुँगी | मैंने कहा कैसे तो उसने कहा बस चलो और पानी पीते रहना | मैंने उसकी बात मानी और उसके पेचे बैठ गया और वो निकल पड़ी | पहले एक दूकान पर उसने मुझे टॉफ़ी खिलाई | उसके बाद एक मिठाई की दूकान पड़ी वहां उसने मुझे मिठाई खिलाई | ऐसा करते करते उसने मुझे मीठा ही मीठा खिलाया |

मैं पागल सा होने लगा क्यूंकि इतना मीठा मैंने कभी नहीं खाया था | फिर उसने ग्लूकोस लिया और पानी में मिला दिया और कहा इसको पीते रहो और मुझे घर का पता बताओ | मैंने उसे बताता गया और वो ले जाती गयी | जैसे ही वो वहन पहुंची और देखा तुम अनिल अंकल के बेटे हो | मैंने कहा हाँ तो उसने कहा मुझे भूल गए मैं सिया | मैंने कहा सिया कौन और उसने मेरा मुँह पीछे घुमाया और कहा तुमाहरे दो घर छोडके मेरा घर है गधे | मैंने कहा अबे मोटी तू कब से यहाँ आ गयी | उसने कहा बस आ गयी और आते ही पता चला किसी ने ड्रग्स चालु कर दिया था | मेरे माँ बाप सब घर से बाहर आये और सिया ने कहा अंकल आपका बीटा बहुत बहादुर है नशे से अकेले ही लड़ने निकल पड़ा | माँ बाप बहुत खुश हुए और कहा भगवान् का शुक्र है और कहा तुम कब आई | तू उसने कहा सही टाइम पर आ गयी अंकल अब मैं चलती हूँ बाय | वो चली गयी और उस दिन घर में सब खुश थे | मैंने जो दिनभर किया वही अब भी कर रहा था और मुझे नशे की लत नहीं लग रही थी | अगले दिन वो मुझे मिली और कहा चलो घूमने चलते हैं तो मैंने कहा चलो | और वो मुझे एक पार्क ले गयी वहां थोडा बहुत घूमा फिर हम दोनों घर वापस आ गए | उसके बाद मैंने सोचा चलो हर जाता हूँ तो उसने कहा अभी कहाँ जा रहे हो | मैंने कहा घर जाता हूँ अब तो उसने कहा सुनो अगर मैं तुम्हे मिल जाऊं तो नशा करोगे | मैंने कहा यार ये क्या बोल रही हो तुम | उसने कहा सच बोल रही हूँ बताओ अगर ऐसा है तो |

मैंने यार ये सही बात है पर तो उसने कहा चलो मेरे साथ मेरे कमरे में | मैं उसके साथ उसके कमरे में चला गया और उसने मुझे किस किया और मैंने भी उसे किस किया | उसके बाद हम दोनों एक दुसरे को देखने लगे | फिर वो मेरे पास आई और मैं उसके पास गया और हम दोनों ने एक दुसरे को बाहों में भर लिया और उसने कहा मैं बचपन से यही चाहती थी | मैंने कहा तो पहले बता देती और उसे किस करने लगा | वो भी किस करने में मेरा साथ दे रही थी | मुझे ऐसा एहसास पहली बार हो रहा था और मुझे अच्छा लग रहा था | उसके बाद मैंने सोचा चलो फिर जाते हैं और इतने में उसने मेरी शर्ट को उतार दिया और कहा अभी तो तुमाहरी इज्ज़त लूटनी है कहा जा रहे हो ? मैं समझ गया कि उसे सेक्स करना है और इतने में मैंने उसके टॉप को उतार दिया | उसका बदन मस्त था और मुझे उसकी कमर और पेट मस्त लग रहा था | फिर मैंने देखा उसके ब्रा में उसके बड़े दूध कैद हैं और मैंने उन्हें झट से आज़ाद कर दिया | मैं उसके दूध को चूस रहा था और उसकी चूत में जीन्स के अन्दर हाथ डालके ऊँगली कर रहा था और वो आअह्ह्ह्ह ऊऊउम्म्म्म ऊऊउफ़् आआह्हह्हह ऊऊऊह्हह आअह्ह्ह्ह ऊऊउम्म्म्म ऊऊउफ़् आआह्हह्हह ऊऊऊह्हह आअह्ह्ह्ह ऊऊउम्म्म्म ऊऊउफ़् आआह्हह्हह ऊऊऊह्हह कर्र रही थी | उसके बाद वो ज़मीन पर बैठ कर मेरा लंड चूसने लगी और मुझे बड़ा सुकून मिल रहा था | मैं आअह्ह्ह्ह ऊऊउम्म्म्म ऊऊउफ़् आआह्हह्हह ऊऊऊह्हह आअह्ह्ह्ह ऊऊउम्म्म्म ऊऊउफ़् आआह्हह्हह ऊऊऊह्हह आअह्ह्ह्ह ऊऊउम्म्म्म ऊऊउफ़् आआह्हह्हह ऊऊऊह्हह कर रहा था | करीब 10 मिनट तक उसने मेरा लंड चूसा और उसके बाद मैंने उसकी चूत को चाटा |

उसके बाद मैंने उसकी चूत में अपना लंड टिकाया और एक धक्का मारा तो आधा लंड अन्दर हो गया | वो चिल्लाने लगी पर मैंने उसको चोदना जारी रखा | फिर मैंने हलकी सी रफ़्तार तेज़ करके एक और झटका मारा और पूरा लंड अन्दर कर दिया | उसके बाद वो धीरे धीरे आअह्ह्ह्ह ऊऊउम्म्म्म ऊऊउफ़् आआह्हह्हह ऊऊऊह्हह आअह्ह्ह्ह ऊऊउम्म्म्म ऊऊउफ़् आआह्हह्हह ऊऊऊह्हह आअह्ह्ह्ह ऊऊउम्म्म्म ऊऊउफ़् आआह्हह्हह ऊऊऊह्हह करते हुए चुदवाने लगी | मैंने भी उसे बड़े आराम से चोदा क्यूंकि पहली बार था | फिर मेरा माल निकलने वाला था और उसने कहा इसे मेरी चूत में ही भर दो | मैंने वैसा ही किया |

अब नशा नहीं वो मेरे साथ है |

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