hindi sex stories
हाय दोस्तों, मेरा नाम हर्ष अग्रवाल है और मैं इंदौर का रहने वाला हूँ | मैंने अभी अभी इंजीनियरिंग ज्वाइन की है लेकिन जो कहानी मैं आपको बताने जा रहा हूँ वो कुछ समय पहले की है | दोस्तों मैं दिखने में बहुत भोला भाला और क्यूट सा लगता हूँ, ऐसा मेरे दोस्त लोग मुझे कहते है लेकिन मुझे भरोसा नहीं होता फिर भी मैं बात मान लेता हूँ | वैसे मेरी कुछ ही लड़कियों से ही बात होती है लेकिन जितनो से होती है सब मेरे से चिपकती रहती है और मैं भी लगा रहता हूँ | लेकिन जब से मुझे भरोसा हुआ है कि मैं भोला भाला सा दिखता हूँ मैंने इस बात का बहुत फायेदा उठाया है | मुझे अगर ऐसा लगता है कि कोई लड़की मुझे ज्यादा चिपक रही है मैं उसके साथ खेल खेल में मज़े लेने लगता हूँ और अगर कुछ बोलती है तो अपनी भोली शकल काम आ जाती है | मैंने कई बार खेल खेल में लड़कियों के दूध दबाये है और चूत और गांड पर भी हाँथ रखा है | लेकिन मेरी एक सेक्स स्टोरी भी है जिसको बताने के लिए यहाँ आया हूँ तो अब मैं सीधा कहानी पर आता हूँ |
वैसे ये स्टोरी मेरे पहले सेक्स की है | हर आम बच्चे की तरह जो अपने यहाँ मैथ्स लेटा वो आई.आई.टी. की कोचिंग जाता है और उनमें से मैं भी एक था | मेरी कोचिंग 4 घंटे लगती थी जिसमें बीच में 20 मिनिट का ब्रेक भी मिलता था | जब से मैं कोचिंग जा रहा था मैंने एक लड़की पर गौर किया था कि वो मुझे अक्सर देखती रहती थी लेकिन पता नहीं क्यों मैं उससे नज़रें नहीं मिला पाता था | लगभग 4 महीने बाद एक दिन जब मैं ब्रेक के बाद क्लास वापस लौट रहा था तो मैंने देखा कि वो लड़की मेरे थोडा सा आगे खड़ी है और मुझे ही देख रही है | मैं जैसे ही उसके पास से तक पहुंचा तो उसने अपनी दोस्त को कहा देख देख कितना क्यूट दिखता है | उसकी दोस्त किसी और से बात कर रही थी तो उसने कोई प्रतिक्रिया नहीं दी लेकिन वो अपने चेहरे पे एक प्यारी सी मुस्कान लेकर मुझे देखने लगी | अब यहाँ मैं धर्म संकट में फस गया क्यूंकि वो लड़की भी माल लगती थी और अगर मैं यहाँ कुछ नहीं बोलता तो वो समझती बहुत अकड़ है इसमें और भी बहुत कुछ | तो मैंने उसकी तरफ देखा और कहा आपने मुझसे कुछ कहा ? तो उसने कहा नहीं मैंने आपके बारे में कुछ कहा | तो मैंने कहा अच्छा क्या कहा ? तो बोला कि आप बहुत क्यूट लगते हो | तो मैंने कहा अच्छा थैंक यू लेकिन कोई है जो मुझसे भी ज्यादा क्यूट है | तो उसने पूछा अच्छा कौन है वो ? तो मैं कहा आप | बस भाइयों बिल्ड उप हो गया था बातें शुरू हो गई थी बस आगे बढ़ने की देर थी |
वो मेरे बैच में ही थी और मेरे बाजू वाली बेंच पर बैठती थी | उस दिन अगली क्लास में जब सर पढ़ा रहे थे तो वो टेबल पर सर रखकर लेटी थी और मुझे देख रही थी | जैसे ही मेरी उसपर नज़र पड़ी तो मैंने आखों के इशारे से पूछा क्या ? तो उसने कुछ नहीं में सर हिलाया और मुस्कुराने लगी, तो मैंने भी मुस्कुरा दिया और आगे देखने लगा | थोड़ी देर बाद जब मेरी नज़र उसपर पड़ी तो वो अभी भी मुझे देख रही थी, तो मैंने फिर से उसे इशारा करके कहा आगे देखो तो फिर वो आगे देखने लगी | लेकिन इस बार उसने मुझे सोच में डाल दिया | मैं अब बैठ के सोचने लगा भाई सच में मैं इतना अच्छा दिखता हूँ क्या ? क्यूंकि जो लड़की मुझे देख रही थी उसके पटाने के लिए कितने लड़के पागल थे लेकिन वो मुझे पसंद करती थी | मैंने तो आपको उसके बारे में बताया ही नहीं उसका नाम रूपाली रॉय था और वो भी इंदौर की ही थी लेकिन दूसरे स्कूल में पढ़ती थी | दो दिन हमने बहुत बातें की और तीसरे दिन से साथ बैठना शुरू कर दिया | उसके बाद नंबर एक्सचेंज और रात भर बातें और चैटिंग | हम दोनों की बात शुरू हुए एक हफ्ता ही हुआ था कि एक दिन उसने मुझसे पूछा मैं तुम्हें कैसी लगती हूँ ? तो मैंने कहा अच्छी | तो उसने कहा सिर्फ अच्छी, तो मैंने कह दिया बहुत अच्छी | तो उसने कहा अच्छा सिर्फ इतना ही, अब मैं भी जोश में आ गया और मैंने कहा तुम मुझे दुनियाँ में सबसे ज्यादा अच्छी लगती हो | ये सुनकर वो मेरे गले लग गई और उसने कहा आई लव यू हर्ष, क्या तुम मुझसे प्यार करते हो ? तो मैंने सोचा इतना मस्त माल मिल रहा है क्यों जाने दूँ, तो मैंने भी हाँ कर दी | बस भाई उसके बाद कभी किस तो कभी उसके दूध दबाना लेकिन चूत मारने नहीं मिल रही थी | तो एक दिन मैंने उससे कहा वीडियो कॉल पे कहा मुझे तुम्हें अन्दर से देखना है सब कुछ, पहले तो उसने नखरे चोदे फिर उसने कपड़े उतारना शुरू कर दिये |
उसकी चूत देखकर लगा कि कितनी मस्त चूत है तो मैंने उससे पूछा तुम क्या कभी इसमें ऊँगली करती हो ? तो उसने कहा हाँ जबसे तुमसे मिली हूँ तुम्हें सोचकर रोज़ करती हूँ | तो मैंने कहा अब से नहीं करना क्यूंकि वो मेरा हक है तुम कुछ और हिलाने के लिए हो | फिर मैंने उससे कहा चलो कल थिएटर चलते है वहीँ पर मौज बना लेंगे | फिर अगले दिन हम थिएटर पहुँच गए और सबसे पीछे और सबसे कोने वाली टिकट बुक करा के बैठ गए | वैसे ही पिक्चर बकवास सी थी और ज्यादा लोग आये भी नहीं थी और इससे अच्छी बात क्या हो सकती थी | हम दोनों ने थोड़ी देर तक पिक्चर देखी और उसके बाद मैंने कहा क्या बकवास पिक्चर है | तो उसने कहा हाँ पिक्चर देखने ही तो आए है | ये सुनकर मुझे थोडा अजीब लगा लेकिन मैं समझ गया तो मैंने उसकी टी शर्ट के ऊपर से उसके दूध दबाना शुरू कर दिया और वो बैठके मुझे देखती रही | फिर मैंने उसका टॉप उठाया और ब्रा भी उठा दिया और उसके निप्पल दबाने लगा | फिर मैं उसकी तरफ झुका और उसके दूध चूसने लग गया और वो मेरा सर मलती रही | मैं उसके दूध चूसता रहा और फिर मैंने उसके जीन्स में हाँथ डाला और उसकी पैंटी के ऊपर से उसकी चूत सहलाने लगा |
मैं थोड़ी देर तक उसकी चूत मलता रहा और उसकी पैंटी गीली होने लगी | तभी एक दम से ब्रेक हो गया और उसने खुद के कपड़े ठीक किये और कहने लगी कुछ खाना है | तो मैं बाहर गया और कुछ खाने के लिए ले आया और खाने के बाद पिक्चर चालू होने का इन्तेज़ार करने लगा | फिर थोड़ी देर बाद पिक्चर चालू हुई और लाइटें बंद हो गई | जैसे ही लाइटें बंद हुई मैंने जल्दी से अपना लंड बाहर निकाला और उसको पकड़ा दिया | वो अब झुककर मेरा लंड चूस रही थी और मैं यहाँ वहां नज़र रखा हुआ था कि कहीं कोई आ तो नहीं रहा है | थोड़ी देर में मेरा माल निकला और मैंने वहीँ एक किनारे गिरा दिया | मैंने फिर से उसकी जीन्स खोली और थोड़ी निचे तक उतार दी और पैंटी भी और उसके पैर फैला के उसकी चूत चाटने लगा | चूत चाटने के बाद मैंने उससे कहा फिर से लंड चूसो मेरा और उसने मेरा लंड चूस चूस कर खड़ा कर दिया | ये मेरा पहली बार था इस लिए मुझे ज्यादा कुछ पता नहीं था | तो मैंने अब उसकी जीन्स और पैंटी पूरी तरह से उतार दी और खड़े होकर उसके ऊपर चला गया | मैंने उसकी चूत पर लंड रखा और थोडा सा ज़ोर लगाया तो मेरा लंड एकदम से अन्दर चला गया और मुझे जो एहसास हुआ, क्या बताऊँ ? फिर मैंने उसको थोड़ी देर तक ऐसे ही चोदा और फिर अपनी सीट पर चला गया और उसको अपने ऊपर बैठा लिया | मैंने उसको कहा उचको जानेमन और वो धीरे धीरे ऊपर नीचे होने लगी | जब वो उचक रही थी तो मैंने सर उठाकर देखा कि कोई देख तो नहीं रहा लेकिन कोई नहीं देख रहा था |
जब वो उचक रही तो उसकी सिस्कारियां निकल रही थी अह्ह्हह्ह्ह्ह अह्ह्ह्हह्ह्ह्ह अह्ह्ह्हह्ह्ह्ह अह्ह्ह्हह्ह्ह्हह्ह ह्ह्ह्हह्हह्ह्ह ह्ह्ह्हह्ह्ह्ह आआआआअ अह्ह्हह्ह्ह्ह अह्ह्ह्हह्ह्ह्हह्ह अहाआआअ तो मैंने कहा ज्यादा आवाज़ मत करो कोई देख लेगा | तो वो बिलकुल चुप हो गई, थोड़ी देर बाद मेरा मुट्ठ फिर से निकलने को हुआ तो मैंने उसको रोका और लंड बाहर निकालकर हिलाने लगा | मेरा मुट्ठ निकला और मेरे सामने वाली सीट के पीछे की तरफ लग गई | फिर उसके बाद हम वो थोड़ी देर तक बिना जीन्स के ही बैठी रही और मैं उसकी चूत सहलाता रहा | फिर हमने कपड़े पहने और जाने हुए, तो उसने कहा नहीं मुझसे चलते नहीं बन रहा | तो हम थोड़ी देर और बैठे और फिर जब वो थोडा ठीक हुई तो हम चले गए |