सुचित्रा की प्यासी जवानी

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मैं मेरा दोस्त और उसकी बहन एक ही क्लास में पढ़ा करते थे। मेरा नाम मोहन है और मैं इटावा का रहने वाला हूं। हम लोग सरकारी स्कूल में पढ़ते थे। इसलिए हमारे स्कूल में इंग्लिश की बड़ी समस्या थी। और मेरे बड़े भैया इंग्लिश की ट्यूशन दिया करते थे। इसलिए हमारी स्कूल के जितने भी बच्चे थे सब हमारे घर पर मेरे भैया से ट्यूशन पढ़ने आया करते थे। पूरे शहर में ही मेरे भैया का नाम था। इसलिए थोड़ी बहुत इंग्लिश मैं भी जानता था क्योंकि मेरे भैया मुझे अकेले में पढ़ाते थे। फौरन मेरे अंदर पढ़ाई का कीड़ा घुसा दिया था। हम लोग कक्षा ग्यारहवीं से बारहवीं में चले गए थे। और मेरी दोस्त की बहन भी हमारे साथ ही पढ़ाई करती थी वह भी हमारे घर ट्यूशन पढ़ने के लिए आती थी। मेरे दोस्त का नाम अजय था और उसकी बहन का नाम मनीषा मनीषा देखने में बहुत ही सुंदर थी। उसके नैन नक्श बहुत ही अच्छे थे वह बिल्कुल अपनी मां पर गई थी। उसकी मां भी एक नंबर की माल थी। मनीषा मैं अपनी मां पर पूरी तरीके से गई थी। और वह भी एक नंबर के आइटम थी।

हमारे लिए तो वह किसी हीरोइन से कम भी नहीं थी। उसका बदन ऐसा था मानो हर जगह से एक दम सही बना हुआ था। जहां पर जितना बाहर होना चाहिए था। उतना ही था उसके स्तनों का भी ठीक-ठाक ऊभार था। और उसकी गांड का फरमा भी बहुत ही अच्छा था। मैं तो उस पर अपनी जान छिड़कता था। लेकिन वह मेरे दोस्त की बहन थी। इसलिए मैं कुछ ज्यादा उसके साथ कर नहीं सकता था। बस सिर्फ उसके नाम की मुठ ही मारा करता था। जब भी वह हमारे घर पर आती थी। तो मैं अच्छा सा सेंट लगाकर उसके सामने जाता था। लेकिन वह मुझे कभी देखती नहीं थी। हम लोग बात तो बहुत क्या करते थे। लेकिन उस का मेरे प्रति शायद उतनी रूची नहीं थी। जितना मैं उम्मीद करता था। मेरे भैया हमारे वैसी क्लास शाम 5:00 बजे से शुरू किया करते थे। अजय और मनीषा थोड़ा जल्दी ही आ जाते थे। अब अजय मेरा दोस्त है तो मनीषा को भी मेरे साथ ही बैठना पड़ता था।

अजय नहीं आता था उस दिन मैं मनीषा के स्तनों या जांघों पर या फिर उसकी गांड पर अपने हाथ से सफाई कर ही देता था। मैं कभी भी मौका नहीं छोड़ता था। यह सब करने का क्योंकि मैं एक नंबर का बहनचोद हूं। फिर भी मेरा मन इतना से नहीं भरता था। मुझे तो कुछ और भी करना था। मैं ऐसी सोच में लगा रहा था। कैसे मैं मनीषा के करीब जाऊं और मेरी उससे सेटिंग हो पाए। अब हमारे एग्जाम नजदीक आने वाले थे। इसलिए सभी लोगों को टेंशन थी। क्या मालूम किस बात की थी। लेकिन टेंशन तो थी ही सबको अजय बोलने लगा यार मैंने और कुछ भी पढ़ाई नहीं करी है। क्या मालूम क्या होगा मेरा एग्जाम में मैंने कहा चिंता मत कर सब हो जाएगा। कैसे होगा मुझे कुछ समझ नहीं आ रहा है। मैंने कहा तू सब मुझ पर छोड़ दे तेरा दोस्त है। ना और क्या मालूम उसने सही में मुझ पर छोड़ दिया और कहने लगा तुम्हें मुझे पास करवा दिया तो मैं तुझे तू जो बोलेगा वह दूंगा। मैंने कहा सोच ले पक्का ना बाद में मना मत करना अजय ने बोला तुझे मुझ पर भरोसा नहीं है। क्या पक्का बोला तो पक्का फिर हमारे एग्जाम नजदीक आ गए थे। हमने अजय को खूब नकल कराई।

अजय पास हो गया। उसने मेरा शुक्रिया कहा दोस्त तुम्हारी वजह से मैं पास हो गया हूं। मैंने तुम्हें कहा था जो तुम मांगोगे वह मैं तुम्हें दूंगा। मैंने जैसे बोला तुम्हें याद है क्या उसने बोला क्यों नहीं होगी यार मैं कैसे भूल सकता हूं। तुमने मेरी बड़ी ही मदद की है। मैं तुम्हारा एहसान नहीं भूल सकता। यदि मैं पास नहीं होता तो मेरे घर में सब मुझे बहुत ही मारते। अजय बोलने लगा बोल क्या मांगता है। मैंने बोला छोड़ जाने दे कुछ नहीं चाहिए मुझे अजय मुझे जबरदस्ती करने लगा। उसने जिद पकड़ ली जब तक तू बोलेगा नहीं तब तक मैं घर नहीं जाऊंगा। मुझे तेरी बहन की चूत लेनी है। उसने कहा बस यही बात है। मैंने कहा यह बहुत बड़ी बात है। अरे उसने बोला तूने भी मेरे लिए इतना सब कुछ किया है। तो क्या मैं तेरे लिए यह नहीं कर सकता। अब अजय मेरी बात हो चुकी थी। फिर हम दोनों ने प्लान बनाया कैसे-कैसे इन सब को अंजाम देना है। अजय मेरे साथ ही था।

कुछ दिनों बाद अजय ने मुझे कहां मेरे घर वाले कहीं बाहर जा रहे हैं। और मेरी बहन घर में अकेली होगी। तो तुम एक काम करना उस दौरान मेरे घर पर आ जाना मैंने कहा ठीक है मैं तुम्हारे घर पहुंच जाऊंगा। वह दिन आ गया मुझे कुछ पता नहीं था। कि वह दिन इतना जल्दी आ जाएगा। और मैं अजय के घर चला गया। मनीषा को देख कर तो मैं हमेशा से ही पागल रहता था। अब मुझे उसके घर में रहने का भी मौका मिलने लगा था। अजय बोलने लगा मनीषा से आज मोहन हमारे घर ही रहेगा। तो तुम इसके लिए खाना बना देना। और मोहन को कोई कमी नहीं होनी चाहिए। उसने बोला ठीक है मैं खाना बना दूंगी तुम चिंता मत करो अब मैं खुश हो गया था। ना जाने मैं कब मनीषा कितने नजदीक आ गया। मुझे पता ही नहीं चला। मनीषा भी मुझसे अच्छे से बात कर रही थी। मनीषा समझ गई थी। जैसा वह मेरे बारे में सोचती है मैं उस प्रकार का नहीं हूं वह मेरी तरफ आकर्षित होने लगी थी।

मुझे भी क्या चाहिए था। सब कुछ मेरे मुताबिक ही हो रहा था। और मैं बहुत ही भाग्यशाली समझने लगा था। मनीषा भी मुझ पर पूर्ण रुप से फिदा हो गई थी। हम लोगों ने भोजन करने के उपरांत छत में टहलने गए। मनीषा  थोड़ी देर बाद नीचे आ गई। मुझे नहीं मालूम था। कि आज मैं मनीषा की सील तोड़ने वाला हूं। अजय बोला जा तू मैं आ जाऊंगा बाद में और मैं नीचे चले गया। मैंने देखा मनीषा का दरवाजा हल्का सा खुला हुआ है। और वह अपने कमरे में सोई हुई है। मनीषा ने नाइटी पहनी हुई थी। और वह गहरी नींद में सो रही थी। मैं भी सीधा उसके कमरे में चला गया। उसके बगल में जाकर लेट गया। मैंने मनीषा के कमरे की लाइट बंद कर दी। उसको लगा शायद मैं अजय हूं। वह लेटी रही कुछ समय बाद मैंने मनीषा के स्तनों पर पर हाथ रख दिया। उसको लगा शायद अजय ने सोते-सोते रख दिया होगा। उसने कुछ बोला नहीं थोड़े समय बाद मैंने धीरे धीरे उसकी नाइटी को ऊपर किया। और उसकी चड्डी में से हाथ को उसकी चूत में घुसा दिया। वह भी जोश में आ गई। और उसकी चूत से पानी का रिसाव होने लगा। अब तो उसको भी आनंद आने लगा था।

वैसे भी कमरे में अंधेरा था। तो कुछ दिखाई नहीं दे रहा था। तो वह कुछ बोलने लगी अजय मत करो मैंने भी हूं किया और उसके चूत को जोर-जोर से सहलाने लगा। अब तो वह भी कंट्रोल के बाहर हो चुकी थी। उसने भी मेरा लंड जोर के दबा दिया और कहने लगी मत करो क्यों परेशान कर रहे हो। मैं अब भी चुप था अब मैंने उसके बूब्स को अपने मुंह से चूसने लगा। अब तो वह और भी पागल हो गई थी। उसने कुछ भी नहीं बोला फिर मैंने उसके बालों को अपने हाथों से पकड़ो और अपने लंड  पर उसके होठों को लगा दिया। जैसे ही मैंने उसके होठों पर अपना लंड लगाया तो वह उसको चूसने लगी। और अंदर बाहर करने लगी जिससे मुझे भी मजा आ रहा था।

मेरा झड़ने को होने लगा क्योंकि यह मेरा पहला अवसर था। इसलिए पहली बार तो मैंने उसके मुंह में ही गिरा दिया। उसने वह फेंक दिया क्योंकि उसको लगा कहीं उसने मेरा वीर्य पी लिया तो बच्चा ना हो जाए। यह तो हमारी उम्र कम थी इसीलिए वह इस प्रकार की सोच रखती थी। अब मैंने भी उसकी चूत को चाटना शुरू किया। पहले तो मैंने बडी जोर से अपने दांतो से कांटा जिससे कि उसकी चिल्लाहट शुरू हो गई। जैसे कैसे मैंने उसको अपने काबू में किया। अब बारी थी उसकी टाइट सील पैक चूत की मैंने उसकी चूत मैं एक ही झटके में घुसेड़ दिया। और उसकी चूत से खून की पिचकारी निकल पड़ी। जिसने सारे बिस्तर को लाल कर दिया। मैंने आधे घंटे तक सेक्स क्रिया करने के बाद अपना वीर्य उसकी सील पैक चूत मैं ही डाल दिया। जिससे वह प्रेग्नेंट हो गई।

 

 

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