प्यार की कमी को पूरा किया

Kamukta, antarvasna मेरी शादी को 15 वर्ष हो चुके हैं मेरे और मेरी पत्नी संजना के बीच में बिल्कुल भी प्यार नहीं है मेरा एक 10 साल का लड़का है और मैं उससे बहुत ज्यादा प्यार करता हूं उसका नाम अमन है। अमन ही मेरे और संजना के बीच की दीवार थी जो हम दोनों को कभी अलग नहीं होने दे सकती थी। मैं जब भी अमन के चेहरे को देखता तो मुझे लगता कहीं उसके साथ कहीं मैं कुछ गलत तो नहीं कर रहा हूं इसलिए मैंने कभी भी संजना से अलग होने की नही सोची लेकिन शायद संजना और मेरे बीच में कभी प्यार नहीं था जो मैंने संजना के लिए सोचा था।

मैं सुजाता से प्यार करता था वह ऑफिस में ही काम करती है और उसका डिवोर्स हो चुका है उसके पति ने उसे बहुत तकलीफें दी है और वह अब अलग रहती है। मैं सुजाता के साथ जब भी होता तो मुझे बहुत अच्छा लगता क्योंकि हम दोनों के जीवन में शायद एक जैसी समानता थी। सुजाता के पति ने सुजाता को डिवोर्स दे दिया था और मेरी पत्नी संजना के साथ मेरे रिश्ते कुछ ठीक नहीं थे क्योंकि संजना अपनी ही जिंदगी में ज्यादा ही बिजी थी। उसने ना तो मुझे कभी अपना समय दिया और ना ही अमन को वह समय देती है इसलिए मुझे उसकी देखभाल के लिए एक मेड को घर पर रखना पड़ा। संजना तो अपने किटी पार्टी में ही बिजी रहती है संजना एक मल्टीनेशनल कंपनी में मैनेजर भी है और जब उसे समय मिलता है तो वह अपनी किटी पार्टियों में ही बिजी रहती है। मैंने तो उसे कई बार समझाया और कहा तुम्हें कुछ समय घर पर भी देना चाहिए लेकिन वह तो किसी को समय देने को तैयार ही नहीं है ना तो वह मुझसे कभी अच्छे से बात करती है और ना ही अमन से उसका कोई लेना-देना है। वह शराब पीती है जिस वजह से मैं उसकी इस आदत से भी परेशान हो चुका हूं लेकिन मैंने अमन को कभी कोई कमी महसूस नहीं होने दी। मुझसे जितना हो सकता था मैं उसे उतना प्यार देने की कोशिश करता हूं उसके साथ समय बिताया करता हूं अमन भी मुझे बहुत अच्छा मानता है।

एक दिन मैंने अमन को सुजाता से मिलवाया मुझे वह वह सुजाता से मिला तो उसे उससे मिलकर बहुत अच्छा लगा मुझे लगा शायद सुजाता के साथ ही मेरा बेटा खुश रह सकता है लेकिन यह सिर्फ मैं अपने दिल में ही सोच रहा था। सुजाता जब भी अमन से मिलती तो वह उसे मां का प्यार देती थी जो कि संजना ने उसे कभी नहीं दिया था। वह सिर्फ आपनी ही जिंदगी जीने में बिजी थी उसे किसी से कोई मतलब नहीं था वह सिर्फ अपने लिए अपना जीवन जी रही थी। एक दिन अमन का ब्रथडे था लेकिन संजना को शायद याद नही था वह किसी पार्टी में गई हुई थी मैं अमन को अपने साथ लेकर एक होटल में चला गया वहां पर सुजाता और मैंने अमन का बर्थडे सेलिब्रेट किया हम दोनों ने अमन के साथ केक काटा अमन बहुत खुश था और उसने मुझे गले लगाते हुए कहा पापा आई लव यू। मैंने अमन से कहा बेटा मैं तुम्हारे चेहरे पर हमेशा खुशी देखना चाहता हूं तुम खुश रहो बस मैं यही चाहता हूं। सुजाता को मेरे और अमन के बीच के रिश्ते अच्छे से मालूम थे कि मैं अमन से कितना ज्यादा प्यार करता हूं और अमन के सिवा मेरे जीवन में और कोई नहीं था क्योंकि संजना से ना तो मुझे कभी कोई उम्मीद थी और ना ही वह अमन के लिए कुछ करना चाहती थी। मैं तो कई बार यही सोचता हूं कि मैंने आखिरकार संजना से शादी क्यों की, जब मेरी मुलाकात संजना से पहली बार हुई थी तो मुझे वह बहुत अच्छी लगी और हम दोनों के बीच काफी समय तक रिलेशन चला। उसके बाद ही मैंने संजना के साथ शादी करने की सोची लेकिन मैं गलत था मुझे नहीं मालूम था कि संजना के साथ मेरा रिश्ता कभी हो ही नहीं सकता था क्योंकि वह तो सिर्फ अपने जीवन में ही बिजी थी उसे किसी से कोई लेना देना नहीं था। शादी के कुछ समय बाद ही उसने अपना असली रंग दिखाना शुरू कर दिया और वह अपने आप में ही बिजी हो गई। संजना को मेरे और सुजाता के रिश्ते के बारे में कुछ पता नहीं था और ना ही मैं उसे कुछ पता चलने देने वाला था लेकिन एक दिन मैंने सुजाता के बारे में संजना से कह दिया।

जब मैंने उससे यह बात कही तो संजना जैसे मुझ पर भड़क गई और वह कहने लगी मैं घर पर नहीं रहती तो इसका ये मतलब नही की तुम बाहर गुल खिलाओ। मैंने उसे कहा इसमें गुल खिलाने की कोई बात नहीं है मैंने तुमसे हमेशा कहा है कि तुम अपनी यह पार्टियां करना छोड़ दो लेकिन तुम्हें तो इन सब चीजों से फुर्सत ही नहीं है और तुमने कभी अमन को भी मां का प्यार नहीं दिया तुमने कभी भी हम दोनों के बारे में नहीं सोचा। मैंने संजना से कहा मैं तो सुजाता से प्यार करता हूं और अब उसके साथ ही मैं अपना जीवन बिताना चाहता हूं क्योंकि तुमसे मुझे कुछ उम्मीद नही है मैं सुजाता के साथ ही खुश हूं। वह मुझे कहने लगी तुम यही तो चाहते थे और तुम्हे तो सिर्फ बहाना चाहिए था मैंने उसे कहा इसमें बहाने वाली कोई बात नहीं है मैंने तुम्हें कितना समझाने की कोशिश की। मुझे कितनी बार लगा कि मैं अकेला हूं मुझे भी तुम्हारा साथ चाहिए था परंतु तुमने कभी भी मेरा साथ नहीं दिया और तुम हमेशा ही अपने दोस्तों के साथ पार्टी करने में व्यस्त रही। मैं अब संजना के साथ नहीं रहना चाहता था मैंने संजना से एक दिन बात की और कहा अब हम दोनों को अलग हो जाना चाहिए तुम अपनी जिंदगी में ही खुशी हो और मैं सिर्फ अपने बेटे का ध्यान रखना चाहता हूं मैं नहीं चाहता हमारे झगड़ों का असर उस पर हो।

वह मुझे कहने लगी क्या मैंने कभी अमन को प्यार नहीं किया मैं भी उससे प्यार करती हूं और उसके बारे में सोचती हूं। मैंने संजना से कहा कि तुम उसके बारे में सोचती तो तुम उसे समय देती तुम जब भी ऑफिस से आती हो तो क्या तुमने उसे कभी समय दिया है या उससे पूछा है कि वह क्या कर रहा है आज उसकी उम्र 10 वर्ष हो चुकी है और मुझे नहीं लगता कि तुमने उसे कभी भी अच्छे से समझा है या उसके साथ समय बिताने की कोशिश की है। मैंने संजना से कहा हम दोनों का अलग होना ही ठीक रहेगा लेकिन संजना मुझे डिवोर्स देने को तैयार नहीं थी मैंने उसे बहुत कहा लेकिन वह मानी नहीं। अब हमारे झगड़े इसी बात को लेकर होने लगे थे सुजाता ने मुझे समझाया और कहा यदि संजना तुमसे डिवोर्स लेना नहीं चाहती तो कोई बात नहीं लेकिन मैं तो उससे डिवोर्स लेना ही चाहता था और अब अपनी जिंदगी सुजाता के साथ बिताना चाहता था। एक दिन संजना के माता-पिता भी आये वह मुझे समझाने लगे और कहने लगे बेटा तुम ऐसा मत करो इससे तुम्हारी जिंदगी खराब हो जाएगी। मैंने उसके माता-पिता को समझाया और कहा मैंने संजना को कितनी बार कहा है कि तुम्हें अमन को समय देना चाहिए लेकिन उसने ना तो कभी अमन को समय दिया और ना ही उसके बारे में कभी वह कुछ चीज पूछती है वह तो सिर्फ अपनी पार्टियों में ही बिजी रहती है और भला मैं यह सब चीज कब तक सऊंगा। संजना ने कभी भी मेरे साथ अच्छा समय नहीं बिताया और अब मैं नहीं चाहता कि हम दोनों के झगड़े की वजह से अमन की जिंदगी खराब हो इसीलिए तो मैंने संजना को डिवोर्स देने के बारे में सोचा है। उसके माता-पिता समझ चुके थे कि हम दोनों के रिश्ते में वह बात नहीं रही और ना हीं हम दोनों का साथ रहना ठीक है इसलिए उन्होंने संजना को समझाया और संजना के साथ मेरा डिवॉर्स हो गया।

मैं अब आजाद हो चुका था और मेरी जिंदगी में अब सुजाता भी आ चुकी थी मैं बहुत खुश था। सुजाता और मेरे बीच में अब कोई भी नहीं था इसलिए हम दोनों ज्यादातर समय साथ में ही बिताया करते थे मैं बहुत खुश था क्योंकि संजना मेरी जिंदगी से जा चुकी थी अमन का ध्यान सुजाता रखती थी और वह उसे बहुत प्यार करती थी। हम दोनों के बीच सिर्फ प्यार की बुनियाद थी एक दिन हम दोनों के बीच में यौन संबंध बन गए मेरी इच्छा की पूर्ति ना जाने संजना ने कब से नहीं की थी। सुजाता ने उस दिन मुझे कहा मुझे आपसे रात में बात करनी है हम दोनों उस रात को एक साथ बैठे हुए थे और वह मेरी बाहों में आ गई मैंने उसके स्तनों को बहुत देर तक दबाया उसके स्तनो का मैंने बहुत देर तक रसपान किया मुझे बहुत मजा आया। मैंने जब उसकी योनि के अंदर अपने लंड को डाला तो वह चिल्ला पड़ी और उसे बहुत मजा आने लगा। मैं उसे तेजी से धक्के दे रहा था काफी देर तक मैं उसे चोदता रहा उसका पूरा शरीर हील जाता और मुझे बहुत मजा आता।

मैं ज्यादा देर तक उसकी चूत के मजे ना ले सका कुछ क्षणो बाद मेरा वीर्य पतन हो गया जैसे ही मेरा वीर्य पतन हुआ तो सुजाता ने मेरे लंड को अपने मुंह में लेकर सकिंग करना शुरू कर दिया। वह मेरे लंड को चूस रही थी तो मुझे बहुत मजा आ रहा था कुछ ही देर बाद मेरा लंड दोबारा से खड़ा हो गया। मैंने उसकी बड़ी चूतडो को अपने हाथों से पकड़ते हुए उसकी योनि के अंदर अपने लंड को प्रवेश करवा दिया जैसे ही मेरा लंड उसकी योनि में प्रवेश हुआ तो मैं उसे तेजी से धक्के मारने लगा वह मुझसे अपनी चूतडो को मिलाने लगी। मुझे बहुत मजा आ रहा था और मैं उसे तेजी से धक्के दिए जाता काफी देर तक ऐसा करने के बाद जैसे ही मेरे वीर्य की पिचकारी उसकी योनि के अंदर गिरी तो वह मुझे कहने लगी तुम्हारा वीर्य तो बहुत ज्यादा गरम है। उसने कुछ देर और मेरे लंड को सकिंग किया सुजाता और मैं एक साथ ही रहते हैं वह मेरी हर एक चीज की कमी को पूरा करती है वह मेरे साथ खुश है और मुझे प्यार भी करती है। जब मैं संजना के साथ अपने रिश्ते के बारे में सोचता हूं तो मुझे बहुत तकलीफ होती है क्योंकि संजना के साथ मैंने अपने इतने वर्ष बर्बाद कर दिए मुझे ना तो उससे कभी पत्नी का प्यार मिला और ना ही उसने मेरा कभी सम्मान किया लेकिन सुजाता मेरा बहुत ध्यान रखती है और मुझसे बहुत प्यार करती है।

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