खेलने गए थे खेल और मिल गई लड़की तो उसको दिए पेल

हैल्लो दोस्तों मैं हूँ निशांत अग्रवाल और मैं भोपाल का रहने वाला हूँ | मैं फुटबॉल खेलता हूँ और उसी मैं अपना कैरियर बनना चाहता हूँ | मैं जब स्कूल में था तब मैं कई बार अपने स्कूल से फुटबॉल टीम में सेलेक्ट होकर बाहर खेलने गया हूँ | जो कहानी आज मैं आपको बताने जा रहा हूँ वो एकदम सच्ची घटना है जो मेरे साथ हुई थी | चलिए अब मैं आपको सभी दोस्तों को अपनी सैक्सी कहानी बताता हूँ |

ये बात तीन साल पहले कि है जब मैं 11वीं क्लास में था और फुटबॉल खेलने में अच्छा था | मैंने स्कूल में फुटबॉल के लिए अपना ट्रायल दिया और सेलेक्ट हो गया | हमारे भोपाल में ही कुछ मैच हुए हम जीत गए और अब हमारा मैच नागपुर में था और हम नागपुर चले गए | हम सभी नागपुर पहुंचे और जहाँ मैच होना था वहां चले गए | हमारा मैच दो दिन बाद था और हम सभी उसी स्कूल में रुके थे | हम साथ में और भी बच्चे उस स्कूल में आये हुए थे और वो भी वहीँ रुके थे |

फिर मैंने रात का खाना खाया और जाके सो गया | मैं अगले दिन सुबह पांच बजे उठकर दौड़ने के लिए वहां के ग्राउंड में चला गया और दौड़ने लगा | वहां पर और भी बच्चे थे और वो अपनी प्रैक्टिस कर रहे थे | वहां पर एक लड़की भी थी जो अपनी रनिंग प्रैक्टिस कर रही थी | जब मैं ग्राउंड में दौड़ रहा था तो वो एक जगह पर बैठी थी और मुझे देख रही थी | मैंने कई बार उसको मुझे देखते हुए देखा लेकिन कुछ कहा नहीं | फिर वो दौड़ते हुए मेरे साथ दौड़ने लगी और उसने कहा तुम ठीक से नहीं दौड़ रहे हो | तो मैं रुक और वो भी फिर मैंने उससे पूछा क्यों क्या प्रॉब्लम है ? तो उसने मुझे दौड़ने के कुछ तरीके बताये और मैं उस तरह से दौड़ने लगा और मुझे बहुत फर्क समझ में आये |

फिर मैं अपनी प्रतिके खत्म की और जाके उसके साथ बैठ गया | उसने कहा तुम फुटबॉल के लिए आये हो ? तो मैंने कहा हाँ | उसने मुझसे कहा हाय आई एम आशी और तुम ? तो मैंने कहा निशांत | उसने मुझसे पूछा तुम्हारे जैसे क्यूट लड़के भी फुटबॉल खेलते है क्या ? तो मैंने कहा हाँ लेकिन तुमने ऐसा क्यों पूछा ? तो उसने कहा कभी देखा नहीं ना | वो बहुत जल्दी मेरी दोस्त बन गई और शाम को हम दोनों साथ बैठ के खाना खा रहे थे | फिर रात को मैं स्कूल में अकेला घूम रहा था तभी उसने मुझे पीछे से आवाज़ लगाई और हम दोनों साथ में घूमने लगे |

उसने मुझसे पूछा तुम्हारा मैच कब है ? तो मैंने कहा परसों है | उसने कहा अच्छा जैसा मैंने बताया है वैसे ही दौड़ना ज्यादा अच्छे से दौड़ पाओगे | और फिर ऐसी ही बकवास बातें करते करते हम दोनों घूमते रहे और थोड़ी देर बाद जाके अपने अपने कमरे में सो गए | अगले दिन मैं सुबह ग्राउंड में दौड़ रहा था तभी वो भी आके मेरे साथ दौड़ने लगी | फिर हम दोनों स्ट्रेचिंग कर रहे थे तो उसके बहाने वो मुझे यहां वहां छू रही थी और मुझे बड़ा मज़ा आ रहा था | फिर उसने स्ट्रेचिंग करना शुरू की तो मैं भी उसको यहाँ वहां हाँथ लगा रहा था लेकिन वो मना करने के बजाये स्माइल दे रही थी |

मैं समझ रहा था कि ये फसना चाहती है और मैं तो पहले से ही रेडी थी | तो मैंने मामला आगे ले जाने की सोची | फिर शाम को हम दोनों ग्राउंड में अकेले एक कोने में बैठे थे तभी मैंने उसके हाँथ पर अपना हाँथ रख दिया और एक दुसरे की आँखों में देखने लगे | वो धीरे धीरे मेरे पास आने लगा तो मैंने एकदूँ से उसको किस कर दिया | वो मुस्कुराने लगी और उसने कहा पहले तुम बोलो तो मैंने कहा नहीं पहले तुम बोलो | तो उसने कहा ठीक है आई लव यू |

फिर अगले दिन मेरा मैच था और किस्मत से हम जीत गए और उसने भी रनिंग में बाज़ी मार ली | अब अगले दिन हमें निकलना था और हमारे पास आज रात का ही समय था | वो राजकोट की रहने वाली थी और मैं उसे चोदने भोपाल से राजकोट तो नहीं जाता | इसलिए मैं अब उसे चोदने के लिए जगह ढूंढ रहा था | लेकिन मुझे कोई मुक्कमल जगह नहीं मिल रही थी | फिर मैंने सोचा चुदाई तो चुदाई होती है और कहीं भी की जा सकती है | इसलिए अब मैंने अपने दोस्तों का सहारा लिया |

फिर मैंने आशी को फ़ोन लगाया और मिलने के लिए बुलाया | रात के करीब 11:30 बज रहे थे और लगभग सभी सो चुके थे और मैंने फिर से आशी को फ़ोन लगाया और कहा आ जाओ | तो वो चुपके से अपने कमरे से बाहर निकली और मुझसे मिलने आ गई | मुझे लगा कि मुझे उसे चुदाई के लिए मानना पड़ेगा लेकिन जैसे ही वो आई उसने कहा मुझे पता है तुमने क्यों बुलाया है लेकिन करेंगे कहाँ ? तो मेरा मुंह फटा रह गया और मैंने उससे कहा सब हो गया है तुम बस हाँ करो | तो उसने कहा ठीक है लेकिन जल्दी करना |

मैंने अपने दोस्तों से कहा पीछे पीछे आओ और जहाँ बोलूं वहां खड़े रहना और किसी को भी आने मत देना | वहां पर एक बिल्डिंग थी जहाँ कोई ज्यादा आता जाता नहीं था हमारे कमरे उस जगह से दूर थे तो आवाज़ का भी कोई खतरा भी नहीं था | फिर मैं उस जगह ओअर उसको लेकर गया और बाहर अपने दोस्तों को रुकने को कहा | मैं अन्दर गया देखा अन्दर खाना बनाने का सामान और कुछ गद्दे रखे थे | मुझे लगा ये तो सोने पे सुहागा हो गया मैंने सोचा था खड़े खड़े चुदाई करनी पड़ेगी लेकिन यहाँ तो पूरी इंतजाम है |

फिर मैंने उससे कहा क्या तुम तैयार हो ? तो उसने कहा हाँ लेकिन एक वादा करो इसके बाद भी मुझसे मिलते रहोगे और मुझसे बात करना बंद नहीं करोगे ? तो मैंने कहा ये भी कोई बोलने वाली बात है और धीरे धीर अपना मुंह उसके पास ले जाने लगा | फिर वो भी अपना मुंह मेरे पास लाने लगी और हमने अपने होंठों को मिला दिया और किस करने लगे | हम दोनों एक दुसरे को किस करे जा रहे थे और मैं उसकी गांड को पकड़ के ज़ोर ज़ोर से दबा रहा था |

तभी उसने मेरी टी-शर्ट के अन्दर हाँथ डाल दिया और मेरे सीने पे हाँथ रगड़ने लगी | फिर मैंने उसका टॉप थोडा सा ऊपर किया और उसने अपने हाँथ ऊपर कर दिए और मैंने उसका टॉप उतार दिया | उसने अन्दर ब्रा नहीं पहनी थी क्योंकि उसके दूध ज्यादा बड़े नहीं थे लेकिन जैसे भी थे मैं उनको दबाने लगा | फिर मैंने दबाते दबाते उसको दूध को चुसना शुरू कर दिया और वो इस्स्स्सस इस्स्स्सस करने लगी | मेरा लंड अब कड़ा होता जा रहा था और बाहर आने को मचल रहा था |

तभी वो नीचे झुकी और मेरे पजामे को नीचे करके मेरा लंड पकड़ कर हिलाने लगी | हिलाते हिलाते वो मेरे लंड को चाट रही थी | तो मैंने उससे कहा अरे चुसो इसको तो उसने मेरा लंड अपने मुंह में डाल लिया और चूसने लगी | मुझे बहुत मज़ा आ रहा था और थोड़ी देर में मेरा मुट्ठ निकल गया और उसके मुंह में गिर गया | उसने कहा ठीक है हो गया अब चलें तो मैंने उसको पकड़ा और कहा अभी कहाँ और उसकी लैगी और पैंटी उतार दी | उसकी चूत बिलकुल चिकनी थी और ऐसा लग रहा था जैसे पहले भी चुद चुकी है |

लेकिन मुझे क्या मैंने उसको गद्दे पे लिटाया और उसकी चूत चाटने लगा | मैंने थोड़ी देर तक उसकी चूत चाटी और फिर मेरा लंड फिर से खड़ा हो गया | अब मैंने उसके पैर अपने कंधे पर रखे और उसकी चूत पर अपना लंड रख कर एक ज़ोर का झटका मारा | मेरा लंड अन्दर घुस गया और उसकी आह्ह्ह्ह निकल गई | फिर मैंने उसको चोदना शुरू किया और वो आह्ह्हह्ह ऊउह्ह्ह्ह इस्सस्सस्सस आअह्ह्ह्ह करे जा रही थी | फिर मैंने उसको एक तरफ घुमाया और उसका एक पैर उठा कर उसकी चूत में लंड डाल कर उसे चोदने लगा | वो अब ज़ोर ज़ोर से आह्ह्ह्हह्ह अह्ह्ह्हह्ह करने लगी |

मुझे उसे चोदने में बहुत ज्यादा मज़ा आ रहा था और मैं लगातार ज़ोर ज़ोर के झटके मारे जा रहा था | फिर मैंने उसको घुमा के बैठा दिया और पीछे से उसकी चूत में लंड डाल के उसे चोदने लगा | मैंने उसको ऐसा 10 मिनिट तक चोदा और फिर मेरा मुट्ठ निकला और मैंने सारा मुट्ठ उसके मुंह में झड़ा दिया | फिर हम दोनों गद्दे पे लेटे थे तभी मेरे दोस्त का फ़ोन आया जल्दी कर कोई आ रहा है तो हमने जल्दी से कपडे पहने और वहां से भाग गए | मेरी अभी भी उससे बात होती है लेकिन मैं उसे चोदने राजकोट नहीं जा पता लेकिन वो एक बार भोपाल आई थी और हमने जमके चुदाई की थी |

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