office sex stories, hindi sex stories
मेरा नाम आरती है, मैंने अभी कुछ दिन पहले ही एक ऑफिस जॉइन किया है जो कि मेरे घर से कुछ दूरी पर ही है। मेरा घर फरीदाबाद में है और मेरी उम्र 25 वर्ष है। मेरे पापा फरीदाबाद में ही काफी समय से नौकरी कर रहे हैं इसीलिए उन्होंने यही पर घर ले लिया और हम लोगों ने भी यहीं पर पढ़ाई की और मेरी छोटी बहन अभी भी कॉलेज में पढ़ रही है। मैंने जिस ऑफिस में ज्वाइन किया वहां पर अभी मैं अच्छे से किसी को भी नहीं जानती। मैं सुबह अपने घर से ऑफिस के लिए जाती हूं और शाम को अपने घर लौट आती हूं। मेरे पापा अक्सर चिंतित रहते हैं और वह कहते हैं कि मुझ पर बहुत बड़ा बोझ है क्योंकि अभी तुम दोनों की शादी मुझे करवानी है।
जब वह इस प्रकार से बात करते हैं तो मुझे भी उन्हें देख कर बहुत बुरा लगता है और मैं भी सोचती हूं कि मैं किसी भी प्रकार से उनकी मदद कर पाऊं तो बहुत ही अच्छा होगा, इसी वजह से मैं नौकरी कर रही हूं और मेरी जितनी भी सैलरी आती है मैं उन्हें ही पूरी सैलरी दे दिया करती हूं। वह बैंक में पैसे जमा कर देते हैं। वह हम दोनों बहनों की शादी के लिए ही पैसे जोड़ रहे हैं और अपने पैसे भी वह बैंक में जमा करवाते हैं जिससे कि हम दोनों बहनों की शादी हो पाए। मुझे भी बहुत अच्छा लगता है जब मैं उन्हें अपनी सैलरी के पैसे देती हूं, मुझे अंदर से एक खुशी मिलती है और वह भी बहुत खुश होते हैं और कहते हैं कि तुम लोग मेरे बारे में कितना सोचते हो। हमारे घर पर एक खुशी का माहौल रहता है। मेरी बहन बहुत ही हंसमुख है और वह हमेशा ही मुझे चिढाती रहती है और कहती है कि जब तुम्हारी शादी हो जाएगी तो मैं तुम्हारे घर तुम्हारे साथ ही रहने आऊंगी। मेरी मां उसे कहती कि ऐसा संभव नहीं हो सकता यदि तुम दोनों एक ही घर में शादी कर लो तो शायद ऐसा संभव हो पाए।
मेरी बहन घर में रहती है तो बहुत ही अच्छी रौनक रहती है। मुझे ऑफिस में भी अब काफी समय होने लगा था, मेरा परिचय भी सब लोगों से होने लगा था। मेरे ऑफिस में एक लड़का है उसका नाम रोहन है, वह मुझे बहुत अच्छा लगता था और मैं अक्सर उसे देख लिया करती थी, वह भी मेरे पास अपनी फाइल लेकर आ जाता और कहता कि तुम इसे देख लेना। मैं ही उसकी सारी फाइलों को देखा करती थी क्योंकि वह मार्केटिंग में काम करता था इस वजह से मैं ही ऑफिस में सारी फाइलों का काम करती थी। एक दिन रोहन मुझसे पूछने लगा तुम्हारा घर कहां पर है। मैंने जब उसे अपना घर बताया तो वह कहने लगा की तुम्हारा घर तो बहुत ही नजदीक है मैं भी उसी रास्ते से आता हूं। वह कहने लगा कि जब तुम सुबह घर से आती हो तो तुम मेरे साथ ही आ जाया करो, मैंने उसे कहा ठीक है जब तुम सुबह आओ तो तुम मेरे फोन पर फोन कर देना तो मैं तुम्हारे साथ ही ऑफिस आ जाए करूंगी। मैंने उसे उस दिन अपना नंबर दे दिया और अगले दिन सुबह रोहन ने मुझे फोन किया तो मैं उस दिन तैयार होकर उसका इंतजार कर रही थी क्योंकि मैं सुबह जल्दी उठ जाती हूं इसी वजह से मैं जल्दी तैयार हो गई थी और मैं फोन का इंतजार कर रही थी। जब रोहन ने मुझे फोन किया तो वह पूछने लगा कि क्या तुम तैयार हो चुकी हो, मैंने उसे कहा कि मैं तुम्हारा बहुत देर से इंतजार कर रही हूं लेकिन तुमने ही आने में देरी कर दी। अब मैं अपने घर से बाहर आ गई तो मैंने देखा वहां पर रोहन खड़ा था, अब मैं रोहन के साथ ही ऑफिस आ गई। हम दोनों पूरे रास्ते बात करते हुए आए। रोहन मुझसे पूछने लगा तुम्हारे घर पर कौन है, मैंने उसे बताया कि मेरे माता-पिता और मेरी एक छोटी बहन है जो कि कॉलेज कर रही है। मैंने भी रोहन से उसके परिवार के बारे में पूछा तो वह कहने लगा कि मेरे परिवार में मेरे माता पिता, मेरे बड़े भैया और मुझसे छोटी एक बहन है। मुझे रोहन से बात करना बहुत ही अच्छा लगता था क्योंकि मैं जब भी उससे बात करती तो मुझे बहुत ही अच्छा महसूस होता था।
रोहन को भी मुझसे बात करना अच्छा लगता था और जब भी ऑफिस में आता तो वह मुझसे बात करता था क्योंकि वह सुबह ऑफिस में आता था और उसके बाद वह फील्ड में ही निकल जाता था और शाम के वक्त ही उसका ऑफिस में आना होता था इसी वजह से वह ज्यादा मुझे मिल नहीं पाता था लेकिन वह जब भी मुझे मिलता तो मुझे वह बहुत ही हंसाता था और मैं उससे बात करते हुए अपने आपको अच्छा महसूस करती थी। रोहन और मैं साथ में ऑफिस आते थे तो हम दोनों बहुत ही बातें किया करते थे और वह मुझसे ऑफिस के बारे में भी पूछा करता था। मैं उसे बोलती थी कि ऑफिस में सब लोग अपने काम में ही बिजी रहते हैं इसलिए एक दूसरे से बात भी नहीं कर सकते। अब ऐसे ही हम दोनों का मिलने का सिलसिला जारी रहा क्योंकि वह सुबह ही मुझे मिला करता और उसके बाद वह मुझे शाम को ही मिला करता था लेकिन मुझे रोहन के साथ बात करना अच्छा लगने लगा था और मेरे अंदर से उसके लिए कुछ अलग ही तरीके से फीलिंग आती थी। उसे भी यह बात अच्छे से मालूम थी कि मेरे दिल में उसके लिए कुछ ना कुछ तो चल रहा है लेकिन उसने भी कभी मुझसे इस बारे में जिक्र नहीं किया और ना ही मैंने उसे कभी इस बारे में बात करने की कोशिश की।
मुझे उसके साथ समय बिताना अच्छा लगता था। मेरा रोज ही रोहन के साथ आना जाना लगा रहता था लेकिन उस दिन मैं जब बाइक में बैठी हुई थी तो मेरे स्तनों रोहन से टकराने लगे मेरा पूरा मूड हो गया था कि मैं रोहन से आज अपनी चूत मरवार ही रहूंगी। मैंने भी उसके कंधे पर अपने स्तनों को रगड़ना शुरू कर दिया जिससे कि वह भी मेरे पूरे इशारे समझ चुका था। वह मुझे अपने घर ले गया उस दिन उसके घर पर कोई भी नहीं था उसके घर वाले अपने किसी रिश्तेदार की शादी में गए हुए थे। मैं भी समझ चुकी थी कि उसका भी पूरा मन है लेकिन मैंने उसे कुछ भी नहीं कहा और मैं जब उसके घर गई तो हम दोनों से ही बिलकुल भी कंट्रोल नहीं हो रहा था उसने मेरे स्तनों को कसकर दबाना शुरू कर दिया। मैंने भी उसके होठों को अपने होठों में ले लिया कुछ देर ऐसा करने के बाद मैंने उसके लंड को मुंह में ले लिया और उसे बहुत ही अच्छे से सकिंग करने लगी। मैंने इतने अच्छे से उसके लंड को चूसा कि उसके अंदर की उत्तेजना पूरी बाहर आने लगी वह पूरे मूड में आ चुका था उसने भी मुझे अपने बिस्तर पर पटक दिया और मेरी योनि को चाटने शुरू कर दिया। मेरी योनि से कुछ ज्यादा ही तरल पदार्थ बाहर आ रहा था उसे भी बड़ा मजा आने लगा और वह काफी देर तक मेरी योनि को ऐसे ही चटता रहा लेकिन अब उसे बिल्कुल भी बर्दाश्त नहीं हुआ उसने अपने लंड को जैसे ही मेरी योनि पर लगाया तो मुझे बहुत गर्म महसूस होने लगा। उसने मुझे जैसे ही धक्के दिए तो उसका लंड पूरा मेरी योनि के अंदर जा चुका था मुझसे उसका मोटा लंड बिल्कुल भी बर्दाश्त नहीं हो रहा था। मेरी योनि से खून आने लगा लेकिन मैं उसका पूरा साथ दे रही थी और मुझे बड़ा ही अच्छा लग रहा था जब वह मुझे झटके दिए जा रहा था। मैंने भी अपने दोनों पैरों को चौड़ा करते हुए उसे अपनी तरफ आकर्षित करने की कोशिश की और उसने भी मुझे बड़ी तेजी से धक्के मारना शुरू कर दिया। उसने मेरे दोनों पैरों को अपने कंधों पर रख लिया और बड़ी तेजी से मुझे चोदे जा रहा था वह उसने इतनी तेज से झटके मेरे की मेरा पूरा शरीर हिलना लगा। वह मेरे स्तनों को अपने मुंह में लेकर चूसने लगा मुझे बहुत ही मजा आ रहा था जब इस प्रकार से वह मुझे चोदे जा रहा था। मुझे ऐसा लग रहा था जैसे मैं किसी सपने में खोई हुई हू उसक लंड मेरी चूत की गहराइयों में जा रहा था और मुझे पूरा मजा आता ऐसा उसने मेरे साथ 15 मिनट तक किया और 15 मिनट के बाद उसका माल मेरी योनि के अंदर चला गया। मुझे बहुत ही गर्म महसूस हुआ मुझे बड़ा अच्छा लगा उसने मुझे इस प्रकार से चोदा और उसके बाद से तो हम दोनों के बीच में कई बार सेक्स संबंध बन चुके हैं।