हाय फ्रेंड्स मेरा शुभम है मैं जबलपुर का रहने वाला हूँ | मैं गोरा हूँ और अभी मेरी इंजीनियरिंग कम्पलीट हो गयी है | अब मैं जॉब की तलाश कर रहा हूँ पर यहाँ जबलपुर में मेरे लायक कोई ढंग की जॉब नहीं है | मैं घर में सबसे छोटा हूँ मेरे घर मेरे एक बड़े भैया हैं वो आई.टी कंपनी चलाते हैं | मैं उनकी कंपनी में जोब तो कर सकता था पर मुझे खुद से कुछ करना था तो मैं यहाँ दिल्ली आने के लिए रिजर्वेशन करने स्टेशन गया था | वहां मेरी मुलाकात एक लड़की से हुई जो ठीक मेरे पीछे खड़ी थी वैसे तो दोस्तों मैं उस को नहीं जानता था पर उसने मुझसे पेन माँगा फॉर्म भरने के लिए तो बस उतना ही जान पाया |
ये कहानी आज से २ महीने पहले की है जो मैं आपको बताने जा रहा हूँ | ये कहानी कहानी नहीं बल्कि मेरे जीवन की एक सच्ची घटना हैं |
मैं स्कूल में बहुत अच्छा था पढाई में और कॉलेज में भी | सच बताऊँ तो मेरी एक भी गर्ल फ्रेंड नहीं हैं क्यूंकि मैं बहुत शर्मीला हूँ और तो और मुझे लड़किओं से बात करने में डर लगता है | मैं दिल्ली जाने के लिए निकल रहा था और मेरी ट्रेन की सीट ए.सी 1 की थी और स्टेशन छोड़ने मेरे प्रिय भैया और मम्मी पापा आये थे | अब दोस्तों यहाँ से होती है मेरी कहानी की शुरुआत | मैं अपनी सीट में जा कर बैठ गया था मेरे सामने वाली सीट खाली थी | मुझे लगा की शायद कोई बुजुर्ग महिला या कोई आदमी होगा इसलिए मैंने ज्यादा गौर नहीं किया और कान में हैडफ़ोन लगा कर गाने सुनने लगा | अभी ट्रेन चलना चालू नहीं हुई थी 5 मिनट बाद वही लड़की आई जिसको मैंने स्टेशन में पेन दिया था | शायद वो मुझे पहचान नहीं पा रही थी पर मैं तो उसे एक ही बार में पहचान गया था | क्यूंकि वो बहुत ही सुन्दर थी और उसका चेहरा हाय क्या बताऊँ यारों कैसे भूल सकता था मैं उस हसीन चेहरे को | पर जैसा की मैं आप लोगो को बताया की मेरी लडकियो से बात करने में गांड फटती थी इसलिए मै उससे बात नहीं कर पाया | करीब एक घंटा बीत जाने का बाद उसने मुझसे हाय कहा ट्रेन भी चल दी थी तो मैं आराम फरमा रहा था | उसने हाय कहा और मैंने डर डर के हा हा हाय कहा | फिर उसने मुझसे कहा की तुम वही हो न जिसने मेरी हेल्प की थी | मैंने हाँ मेरी सर हिला दिया मेरी तो कुछ समझ में नहीं आ रहा था की मैं और क्या बात करूँ उस हसीना से |
फिर ऐसे ही यहाँ वहा की बातें हो रही थी और कुछ ही देर में मैं भी घुल मिल गया था उस लड़की के साथ | सॉरी मैं आप लोगों को उसका नाम नहीं बता सकता पर हाँ उसका दूसरा नाम बता सकता हूँ जो की है (प्रिया) है | फिर ऐसे ही बातों बातों में रात के 9 बज गये थे और हम रात का खाना साथ में खा रहे थे | फिर खाना खाने के बाद हम दोनों ने फिर खूब सारी बात की उसने मुझसे मेरी गर्लफ्रेंड के बारे में पूछा तो मैंने उसे बताया की तुम पहली ऐसी लड़की हो जिससे मेरी बात हो रही है क्यूंकि मैं बहुत शर्मीला हूँ | उसका भी कोई बॉय फ्रेंड नहीं था रात में करीब 11 बजे हम सो गये थे पर मुझे नींद में ऐसा लगा की जैसे कोई मेरी पेंट में हाथ लगा रहा हैं | मैं यूँही सोने का नाटक कर रहा था जबकि मैं जाग रहा था मेरी नींद खुल गयी थी | मेरी पेंट मे से अन्दर हाथ गया मैं समझ नहीं पा रहा था की ऐसा कौन कर रहा है और क्या कर रहा है और ट्रेन में अँधेरा भी था |
फिर मैंने उसका हाथ पकड़ लिया और लाइट जला दिया वो लड़की डर गयी और मैंने उससे पूछा की तुम ये क्या कर रही हो क्या तुम्हे शर्म नहीं आ रही है ऐसा करके तो उसने शर्म से गर्दन नीचे झुका ली और रोने लगी | मैं डर गया कि कहीं कोई आ ना जाये और मुझे गलत न समझ बैठे क्यूंकि वो तो थी लड़की जात उसको कौन गलत समझता | इसलिए मैंने उसको चुप कराया और वो भी सॉरी बोल के सोने लगी और मै भी सोने लगा मेरी नींद 1:30 बजे के आस पास खुली और मैंने देखा की वो मोबाइल में ब्लू फिल्म देख रही है और अपनी चूत सहला रही है | ऊपर से मैं भी जोश में आ गया था पूरी शर्म मैंने भी हटा दी थी और मै उसके पास उठ के गया और उससे कहा की जब मैं हूँ यहाँ तो तुम्हे ये सब करने की क्या जरुरत है वो भी मुस्कुरा रही थी और मैं भी मुस्कुरा दिया |
फिर उसके बाद हमने लाइट बंद की और फिर और मैं उसके पीछे आके उसकी गर्दन पर किस करने लगा और और वो भी अआनाहानाहा करने लगी | वो पहले ही गरम हो चुकी थी और मैं भी गरम हो रहा था तो मैंने भी ज्यादा टाइम वेस्ट नहीं किया और उसकी कपडे एक एक करके उतारता चला गया | फिर उसके बाद हम दोनों आमने सामने आ गये और किस करने लगे एक दूसरे को पागलों की तरह | हमे बहुत माजा आ रहा था उसके बाद टी.टी. आ गया और हमने सोने का बहाना बनाते हुए कपडे पहने और लेट दरवाजा खोला | फिर उसके जाने के बाद हम दोनों घूर रहे थे हवस भरी निगाहों से एक दूसरे को | फिर हम नज़दीक आये और एक दुसरे को फिर पागलों की तरह किस करने लगे | मैं उसके दूध दबा रहा था और वो मेरी पेंट में हाथ डाल कर लंड हिला रही थी | अब मैं उसके दूध को नंगा करके उसके दूध के निप्प्लेस में बारी बारी जीभ घुमा घुमा कर चूस रहा था और चाट रहा था | करीबन 15 मिनट तक मैंने ऊसके दूध पिए और वो आआहहाहह नूउन्ह्याअ आअहहहहौऊन्हाअ अआहा ऊंह और चूसो और चूसो और जोर से चूसो मेरे मम्मे | हाय क्या चूसें हैं मेरे मम्मे आआहहः उइऊन्न्ह्ह आहाहहः उइऊन्न्न्ह अहहहः |
फिर मैंने उसकी पेंटी उतारी जो उसके चूत के रस से गीली हो चुकी थी और मैंने जब उसको सूंघा तो मुझे गजब की महक आ रही थी और मैं पागल हो गया था उस महक से | फिर मैं उसके पूरे बदन को बहुत प्यार से चाट रहा था | पूरा बदन चाटने के बाद उसने मेरी पेंट खोल के अलग कर दी और फिर वो मेरे लंड को बहुत मज़े से चूम रही थी और चाट रही थी | उसे मेरे लंड बहुत पसंद आया था मेरा लंड 7 इंच लम्बा है पर 5 इंच मोटा है | उसने २० मिनट तक मेरे लंड को खूब चूसा और खूब चाटा और मेरे मुह से भी आहाहहहः हाहाहाहा अहहहहब की आवाजे निकल रही थी पर धीरे धीरे क्यूंकि हम पकडे जाना नहीं चाहता थे | फिर हम दोनों 69 एंगल में आ गये मैं उसकी चूत चाट रहा था और वो मेरे लंड को चाट रही थी और चूस रही थी | मैं उसकी चूत में उंगलिया डाल डाल के चाट रहा था | हमारा डब्बा पूरा सेक्स की आवाज़ और सेक्स की महक से भर गया था | फिर मैंने उसको उठाया और सीट पर लेटा दिया और उसकी चूत को फिर चाट रहा था | 5 मिनट बाद मैंने उसकी चूत में लंड रखा और जोरदार झटका मारा उसने भी मेरा साथ दिया और आवाज़ न निकालते हुए धीरे धीर्रे मोनिंग कर रही थी | उसकी चूत गीली थी बहुत जयादा इसलिए मेरा लंड आराम से उसकी चूत में घुस गया था | फिर मैं उसको हर एंगल में चोदने लगा और वो आनाहहहः उऊंन्हाहाह हहहः अहहहहक अहहहब अहहहः अहहः अहहहब अहहाहा ऊउन्न्न्हहह कर रही थी वो सातवें आसमान में पहुँच चुकी थी | वो एक बार झड चुकी थी और बोले जा रही थी और चोदो मुझे और चोदो आहाहहः अहहहः अहहहः और जोर से चोदो आज मौका है जान अहहहहह्ह अहहहः अ ऊउंह आजा चोद लो जी भर के | और मैं भी जोश में था मैंने भी बोला हाँ जान आज तो मैं चोद ही डालूँगा तेरी चूत का भोसड़ा बना दूंगा |
हम दोनों ने ४५ मिनट तक बहुत चुदाई की उसके बाद थक कर लेट गये अपनी अपनी सीट पर | फिर २० मिनट के बाद फिर हम दोनों ने सेक्स किया और फिर सो गये सुबह उठ के मैंने देखा की वो वहाँ नहीं है उसका सामान भी नहीं था मैं समझ चुका था की वो कहीं उतर गयी है शायद भिंड या मुरेना की होगी वहां उतर गयी होगी | उसके बाद ना मैंने उसे देखा और उसको मैंने फेसबुक में ढूँढने की बहुत कोशिश की पर वो नहीं मिलीं | मैं भी हिम्मत हार चुका था और अपने काम में लग गया था | मुझे अब भी वो घटना याद आती है तो मैं उसके नाम की मुठ मार लेता हूँ |
दोस्तों ये मेरी एक दम सच्ची घटना है उम्मीद करता हूँ आप लोगों को पसंद आई होगी | अगर मैंने आप लोगों को बोर किया हूँ तो उसके लिए सॉरी | आप लोग अपना कमेंट मेरी आई.डी .पर भेज सकते है मेल के द्वारा [email protected] पर | मैं आप लोगों के मेल का वेट करूँगा |