antarvasna, kamukta मेरा नाम संजीव है मैं रोहतक का रहने वाला हूं लेकिन मैं 5 वर्ष पहले दिल्ली आ गया था दिल्ली में मैंने अपना कारोबार शुरू कर दिया, मेरा कारोबार अब ठीक चलने लगा था और उसी बीच मेरे छोटे भाई की शादी का मुहर्त भी निकल गया घर में बड़े होने की वजह से मुझे ही सारा काम देखना था इसलिए मुझे रोहतक जाना पड़ा। जब मैं रोहतक गया तो मेरे परिवार के सब लोग आ चुके थे और वह कहने लगे संजीव तुम बहुत ही देरी से आ रहे हो? मैंने उन्हें कहा काम ही इतना ज्यादा है कि काम छोड़ पाना मुश्किल था और जमा जमाया काम छोड़कर आने में तो बहुत तकलीफ होती है।
वह लोग कहने लगे कोई बात नहीं अब तो हम लोगों ने घर का काम काफी कर लिया है, मेरा छोटा भाई रोहन नौकरी करता है वह नौकरी में इतना कमा नहीं पाता इसलिए आर्थिक रूप से मुझे घर पर मदद करनी पड़ी, मैंने ही उसे पैसे दिये और कहा कि यदि तुम्हें और पैसे चाहिए हो तो तुम मुझे बता देना क्योंकि शादी के बाद पैसे तो खर्च होते ही हैं, रोहन मेरा बड़ा ही आदर सम्मान करता है और वह हमेशा से ही मुझसे बहुत प्रभावित रहा। रोहन मुझे कहने लगा भैया आपने तो मेरी बहुत मदद की, मैंने उसे कहा तुम्हारे बड़े भाई होने का क्या मैं फर्ज नहीं निभा सकता, रोहन की शादी की तैयारियां लगभग पूरी हो चुकी थी और जब रोहन की शादी थी तो उस दिन सब लोग बड़े खुश थे सब लोग अलग अलग प्रकार का डांस कर रहे थे कुछ लोगों के डांस देखकर तो मुझे हंसी भी आ रही थी और वह लोग इतने ज्यादा नशे में थे कि उन्हें कुछ होश ही नहीं था कि वह लोग क्या कर रहे हैं। रोहन की शादी अच्छे से हो चुकी थी उसकी पत्नी का नाम शीतल है, मुझे रोहन की शादी की वजह से काफी समय घर पर ही रुकना पड़ा शीतल और रोहन एक दूसरे से शादी कर के बहुत खुश थे, मुझे भी बहुत अच्छा लग रहा था कि रोहन की भी शादी हो चुकी है शीतल का नेचर बहुत ही अच्छा था, मैं जितने दिनों तक घर पर रुका उतने दिनों तक तो मुझे उसे देखकर कुछ भी ऐसा नहीं लगा, मैं जब वफिस दिल्ली आने वाला था तो वह मुझे कहने लगा भैया हम लोग घूमने के लिए जाने वाले हैं।
मैंने उसे कहा ठीक है तुम मुझे अपना एकाउंट नंबर भिजवा देना मैं तुम्हारे अकाउंट में पैसे भेज दूंगा, यह कहते हुए मैं वापस आ गया। जब मैं दिल्ली पहुंच गया तो मैं अपने काम पर लग गया उसके कुछ दिनों बाद मुझे रोहन का फोन आया वह कहने लगा भैया हम लोग घूमने के लिए दुबई आए हुए हैं हम यहां पर बहुत इंजॉय कर रहे हैं, मैंने उसे कहा चलो तुम एंजॉय करो क्योंकि मैं तो अपनी शादी के दौरान कहीं भी नहीं जा पाया और तुम्हारी भाभी का तो नेचर तुम्हें पता ही है वह बड़ी ही सीधी हैं और इन सब चीजों में वह बिल्कुल विश्वास नहीं रखती, यह कहते हुए मैंने फोन रख दिया और अब मैं अपने काम पर लग गया। मैं अपने परिवार को भी कम ही समय दे पाता था लेकिन मैंने अपने काम को बहुत अच्छे से उठा लिया था मेरा काम इतना बढ़ गया कि मैंने सोचा रोहन को भी अपने साथ ही बुला लेता हूं, रोहन भी अब मेरे साथ ही आ गया और वह मेरे साथ काम करने लगा, वह बड़े अच्छे से काम करता था। मैंने उसे कहा कि रोहन तुम शीतल को भी यहीं बुला लेते तो अच्छा रहता, वह कहने लगा भैया फिर मम्मी पापा घर में अकेले हो जाएंगे, मैंने उसे कहा कोई बात नहीं तुम उसे यहां बुला लो वैसे भी घर पर काफी जगह है, रोहन ने भी शीतल को अपने साथ ही बुला लिया मेरी पत्नी और शीतल के बीच काफी अच्छी बातचीत हो गई थी और वह दोनों अच्छे से रहते भी थे मैं उन दोनों को हमेशा कहता कि तुम यदि ऐसे ही रहोगे तो मुझे बहुत ख़ुशी होगी। वह लोग बड़े अच्छे से एक दूसरे के साथ रहते थे मैं और रोहन भी अपने काम पर पूरी तरीके से ध्यान दे रहे थे लेकिन जब उन दोनों की शादी को समय होता गया तो शीतल के व्यवहार में बदलाव आने लगा और कई बार तो उन दोनों के बीच में झगडे भी हो जाते, मैं रोहन से कहता कि तुम शीतल से क्यों झगड़ा करते हो? वह कहने लगा, भैया मैं उससे झगड़ा करना नहीं चाहता लेकिन ना जाने उसके व्यवहार में बदलाव क्यों आने लगा है, मुझे तो कुछ समझ में नहीं आ रहा। मैंने भी सोचा कि मैं भी शीतल से इस बारे में बात करता हूं लेकिन मैं भी जब शीतल को देखता तो वह अधिकतर अपने फोन पर ही लगी रहती ना जाने किससे वह फोन पर बात करती रहती थी।
एक दिन वह अपने फोन पर बात कर रही थी और मैं भी घर जल्दी लौट आया था वह ना जाने किस लड़के से बात कर रही थी मैं जब उसके पास गया तो मैंने उससे पूछा तुम किस से बात कर रही हो? वह मुझे कहने लगी मैं अपनी मम्मी से बात कर रही हूं। मैंने उसे कहा तुम मुझसे झूठ मत बोलो देखो यदि तुम मुझसे झूठ बोलोगी तो मैं बिल्कुल भी बर्दाश्त नहीं करूंगा, वह कहने लगी नहीं मैं अपनी मम्मी से ही बात कर रही थी, मुझे उस पर बहुत गुस्सा आ रहा था क्योंकि मैंने तो सुन लिया था कि वह किसी लड़के से बात कर रही है लेकिन वह अपने मुंह से यह बात मानने को तैयार नहीं थी, मैंने सोचा कोई बात नहीं अब मैं शीतल को रंगे हाथ ही पकड़ लूंगा। एक दिन वह कमरे मे फोन पर बात कर रही थी, उस दिन घर पर कोई भी नहीं था मैं उस दिन जल्दी घर पर आ गया था, मैंने देखा वह अपने बिस्तर पर लेट कर किसी से फोन पर बात कर रही है मैं भी उसी वक्त अंदर चला गया। मैंने उसे कहा शीतल तुम किससे बात कर रही हो शीतल कहने लगी किसी से नहीं कर रही। मैंने उसके हाथ से उसके फोन को अपने जेब में रख लिया वह अपने फोन को मेरी जेब से बार बार निकालने की कोशिश करने लगी लेकिन मैंने उसको फोन नहीं दिया। जब हम दोनों के बीच छीना झपटी हो रही थी तो उसके स्तन हिल रहे थे मैंने जब उसके स्तनों को अपने हाथ से दबाया तो मेरे अंदर उसे चोदने की लालसा पैदा होने लगी।
मैंने अपने लंड को बाहर निकाल लिया शीतल से कहा जब तक तुम मेरे लंड को अपने मुंह में नहीं लोगे मैं तुम्हें तुम्हारा फोन नहीं दूंगा। वह अपने फोन के लिए इतना पागल थी उसने मेरे लंड को अपने मुंह में ले कर सकिंग करना शुरू कर दिया। वह मेरे लंड को बड़े अच्छे से सकिंग कर रही थी, उसने मेरे लंड से पानी भी बाहर निकाल दिया। वह मुझे कहने लगी आप तो अब खुश हो गए अब मुझे मेरा फोन दे दीजिए लेकिन मेरा मान इतने से नहीं मानने वाला था मैंने उसकी साड़ी को खोलते हुए उसकी चूत को चाटना शुरू किया तो वह भी पूरे जोश में आ गई। वह कहने लगी आप ऐसा मत कीजिए मैंने उसे कहा आज तो मैं तुम्हारी चूत मार कर ही रहूंगा। मैंने अपने लंड को उसकी चूत पर लगाया तो वह मुझे कहने लगी मुझे बहुत अजीब लग रहा है मैंने जैसे ही उसकी चूत के अंदर अपने लंड को डाल दिया तो उसकी चूत बहुत दर्द होने लगा। वह मुझे कहने लगी मुझे बहुत तेज दर्द हो रहा है आप ऐसा मत कीजिए, मैंने उसके दोनों पैरों को अपने हाथों में उठा कर उसे तेज गति से चोदने लगा मैं उसे इतनी तेज गति से धक्के मारने लगा उसकी चूतड़ों का रंग लाल होने लगा। मैंने उसे कहा तुम मुझे यह बताओ तुम किस से बात करती थी। वह मुझे कहने लगी मैं अपने बॉयफ्रेंड से बात करती हूं मैंने उसे कहा आज के बाद तुम उससे बात नहीं करोगी नहीं तो मैं तुम्हारी चूत का भोसड़ा बना दूंगा। वह मुझे कहने लगी तो फिर आप मेरी चूत का भोसड़ा बना दीजिए मुझे बहुत अच्छा लग रहा है। मैंने उसे पूरी गर्मजोशी से धक्के मारना शुरू कर दिया। मै उसकी चूत मार रहा था उसे भी बहुत अच्छा लग रहा था लेकिन जब उसकी चूत और मेरे लंड से गर्मी कुछ ज्यादा ही पैदा होने लगी तो मेरा वीर्य उसकी योनि मे गिरने वाला था। मैंने अपने वीर्य को उसकी योनि के अंदर ही गिरा दिया। शीतल मुझे कहने लगी आपने मेरी योनि के अंदर अपने वीर्य को क्यों गिराया। मैंने उसे कहा कोई बात नहीं आखिरकार मेरा भी तुम पर इतना हक तो बनता ही है मैंने उसे कहा लेकिन आज के बाद तुम अपने बॉयफ्रेंड से कभी बात नहीं करोगी।