desi sex kahani, antarvasna
कुछ समय पहले मैं पटना से मुंबई आया मैं पटना का रहने वाला हूं। पटना में मेरा पूरा परिवार रहता है। मुंबई में नौकरी की तलाश से आया था और कुछ समय बाद मुझे मुंबई में एक अच्छी नौकरी मिली। मेरा नाम अनुज है और मेरे पिताजी एक पुलिस कर्मचारी हैं और मेरी बहन अभी पढ़ाई कर रही है। मैं जब पटना से मुंबई नौकरी के लिए गया तो मुझे इधर उधर भटकना पड़ा। मैं फिलहाल अपने दोस्त के साथ किराए पर रह रहा था। हम दोनों साथ में ही रहते थे। मैं रोज ट्रेन से आया जाया करता था और पहले घर में ही पहुंचता था। इसलिए खाना मैं ही बना लेता था और जब मेरा दोस्त वरुण जल्दी आता तो कभी वह बना लेता। हम दोनों आपस में मिल जुलकर खाना बनाते थे। जिस दिन ऑफिस की छुट्टी होती। उस दिन हम घूमने जाया करते थे।
दूसरे दिन जब मैं ट्रेन से ऑफिस जा रहा था। तो मेरे सामने वाली सीट पर एक लड़की बैठी थी। वह मैंने पहली बार ट्रेन में ही देखी थी। लेकिन मैंने उस पर ज्यादा ध्यान नहीं दिया और मैं ट्रेन से उतर कर अपने ऑफिस की ओर चल दिया। कुछ दिन बाद मैं फिर से ट्रेन से ऑफिस जा रहा था तो मुझे वही लड़की दिखी। वह लड़की मुझे रोज ट्रेन में दिखा करती थी।
एक दिन जब मैं और मेरा दोस्त कहीं घूमने जा रहे थे तो मैंने अचानक उस लड़की को देखा। वह अपनी सहेलियों के साथ घूम रही थी। अचानक वह मेरे पास आई और मेरे सामने बैठ गई मैंने उससे उसका नाम पूछा तो उसका नाम आरती था। उसने मुझसे मेरा नाम पूछा हम दोनों ऐसे ही बातें करने लगे और फिर थोड़ी देर बाद हम दोनों अपने अपने घर की तरफ चले गए।
जब मैं ऑफिस जा रहा था तो वह लड़की आरती मुझे मिली। उसने बताया कि उसकी गाड़ी खराब होने के कारण वह ट्रेन से ऑफिस जा रही है। लेकिन कुछ दिनों में उसकी गाड़ी ठीक हो जाएगी। कुछ समय बाद उसकी गाड़ी ठीक हो गई और वह अपनी गाड़ी से ऑफिस जाने लगी थी। मैं उसे ट्रेन में ढूंढता रहता। वह तो अपनी गाड़ी से ऑफिस जाती थी।
एक दिन ऑफिस जाते समय मुझे आरती मिली। उसने मुझे मेरे ऑफिस तक छोड़ा और फिर अपने ऑफिस चली गई। ऐसे ही हम दोनों साथ में ऑफिस जाने लगे थे और साथ में घर जाते थे। ऐसे ही थोड़े दिनों बाद मुझे आरती पसंद आने लगी और आरती भी मुझे पसंद करने लगी थी। हम दोनों साथ साथ घूमा करते थे और मैं देर से घर आया करता था। कुछ दिनों तक ऐसे ही चलता रहा। फिर मेरे दोस्त ने मेरे देर से घर आने का कारण पूछा। मैंने उसे सारी बात बताई और फिर वह भी आरती से मिलना चाहता था।
मैंने अपने दोस्त से कहा कि ठीक है। मैं तुम्हें आरती से मिलवा दूंगा। मैंने आरती को संपर्क किया और उसे कहा कि मेरा दोस्तों तुमसे से मिलना चाहता है। तो उसने कहा कि छुट्टी के दिन हम लोग मिल लेते हैं। मैं अपने दोस्त को साथ ले गया। मैंने उस दिन उसे आरती से मिलाया और वह आरती से मिलकर बहुत खुश हुआ। हम लोगों ने उस दिन काफी इंजॉय भी किया और साथ में काफी समय बिताया। जिसे मेरा दोस्त कहने लगा लड़की तो बहुत अच्छी है। एक नंबर की आइटम है। मुझसे वह कहने लगा देखने में बहुत ही सुंदर है और इसकी जॉब भी बहुत अच्छी है। मैंने अपने दोस्त को बताया यह लड़की मेरे लिए अच्छी है। हम दोनों की यह बात चल रही थी। तो मुझे मेरे दोस्त ने पूछा कि क्या तूने आरती के साथ सेक्स कर लिया है। मैंने उसे मना किया नहीं अभी तक नहीं किया है।
वह कहने लगा कि उसे घर पर बुला ले और उससे यही पर चोद दे। मैंने कहा ठीक है मैं देखता हूं। अगर मेरा मन हुआ तो मैं उसे घर पर बुला लेता हूं। यदि वह राजी हो जाए तो फिर देखते हैं क्या होता है।
मैंने आरती से इस बारे में बात की लेकिन आरती ने मुझे मना कर दिया। वह कहने लगी नहीं मैं नहीं आ सकती। मुझे यह सब अच्छा नहीं लगता है। तो मैंने उसे यह बात करनी छोड़ दी। लेकिन हम लोग मिलते रहते थे और वह हमेशा की तरह ही मुझे ऑफिस छोड़ देती।
एक दिन आरती और मैं ऑफिस की तरफ जा रहे थे तो उसकी तबीयत थोड़ा खराब हो गई। वह कहने लगी आज मेरी तबीयत कुछ ठीक नहीं है। मैंने उसे कहा तुम ऑफिस से छुट्टी ले लो। मैं भी ऑफिस से छुट्टी ले लेता हूं और मेरा घर पास में ही है तो वहां पर चल पड़ते हैं। उस दिन उसने कहा ठीक है मेरी तबीयत काफी खराब लग रही है। वह मेरे साथ मेरे घर पर चल पड़ी वह ड्राइव नहीं कर पा रही थी। उस दिन मैंने ही कार चलाकर उसे अपने घर तक ले गया। मैंने उसके लिए ग्रीन टी बनाई उसने कुछ देर आराम किया। जब वह आराम कर रही थी तो उसकी बड़ी सी गांड को मैं देखे जा रहा था। मेरा मन तो बहुत ही ज्यादा हो रहा था। उसके साथ सेक्स करने का लेकिन ऐसा करना संभव नहीं था। मैं आरती के पास जाकर बैठ गया और मैंने उससे पूछा अब तुम्हारी तबीयत कैसी है। वह कहने लगी अब थोड़ा आराम है। मैंने उससे पूछा क्या मैं तुम्हारे लिए कुछ दवाई ले आऊं। वह कहने लगी नहीं अब मुझे थोड़ा आराम मिल रहा है। वह बाथरुम फ्रेश होने के लिए गई। तो मैं उसे देख रहा था। जैसे ही उसने अपनी सलवार उतारी मैं उसे देखे जा रहा था।
मैंने सबकुछ चुपके से देख लिया था। वह बाहर आई तो मुझसे रहा नहीं गया क्योंकि मैंने उसकी चूत को देख लिया था। उसने पैंटी नहीं पहन रखी थी। मैं उसे किसी भी हाल में अब नहीं छोड़ना चाहता था। वह लेट गई और आराम करने लगी। अब उसकी आंख लग चुकी थी। तो मैं उसके पास में जाकर लेट गया। उसकी गांड में धीरे से हाथ फेरने लगा। वह शायद गहरी नींद में थी या फिर जानबूझकर अनजान बन रही थी। लेकिन उसने मुझे कुछ भी नहीं कहा और मैंने उसके सूट के अंदर से उसके स्तनों पर हाथ से करने लगा। उसके बूब्स बहुत ही अच्छे थे। मुझे काफी अच्छा लग रहा था। जब मैं उसके चूचो को दबा रहा था। मैंने धीरे से उसकी सलवार को उतार दिया। जैसे ही मैं उसके सलवार-कुर्ता उतार रहा था। तो उसके नाडे को खोलने मे मुझे काफी मेहनत करनी पड़ी। वह मेरे सामने एकदम नंगी लेटी हुई थी। मैंने भी अपनी पैंट से अपने लंड को बाहर निकाला और धीरे से उसकी योनि में डालने लगा। जैसे ही मैं उसकी योनि में डालता जाता। मेरा लंड धीरे धीरे अंदर जा रहा था। जैसे ही मैंने एक झटका मारा तो मेरा लंड पूरा अंदर तक उसकी योनि में घुस गया था। वह एकदम से उठ पड़ी और चिल्लाने लगी। तुमने यह क्या कर दिया। मैंने उससे पूछा क्या हुआ। वो कहने लगी तुम ने मेरी सील तोड़ दी मैंने उसे कहा अब तो यह सब हो चुका है तो कोई बात नहीं है। वह अपनी टांगों को खोलकर ऐसे ही लेटी रही और मैं उससे चोदता रहा। अब वह भी मेरा साथ देने लगी थी और उसने कहा मुझे ऊपर से आने दो। वह मेरे ऊपर से लेट गई और मैं नीचे से धक्का मारता जाता। वह अपनी चूतडो को ऊपर-नीचे करती जाती अब उसकी चूतडे मेरे लंड से टकरा रही थी अब उसे भी बहुत मज़ा आ रहा था।
वह बड़ी ही तेजी से अपनी गांड को ऊपर करती और फिर ऐसे ही नीचे ले आती और उसकी गांड मेरी टांगों से बड़ी ही तेज टकराती। जिससे कि मेरे अंडकोष मेरे गले तक आ जाते और मैं भी काफी तेजी से नीचे से ऊपर की तरफ धक्का मार रहा था। उसका खून मेरे लंड और मेरे अंडकोष पर पूरा फैल चुका था। अब मैंने उसको अपने नीचे लेटा दिया और उसकी चूतड़ों को पकड़ते हुए। बहुत तेजी से धक्का मारना शुरू किया। कभी मैं उसके स्तनों को दबाता और कभी धक्का मारना शुरू कर देता। ऐसा करते-करते हम दोनों का एक साथ ही झड़ गया और मैंने उसकी योनि के अंदर ही डाल दिया। क्योंकि मैं उसकी योनि से अपने लंड को बाहर नहीं निकाल पाया। तब तक मेरा झड़ चुका था और मुझे काफी अच्छा लगा आरती के साथ पहली बार सेक्स करके।
वह भी मुझे कहने लगी कि मुझे भी बहुत अच्छा लगा और मेरी तबीयत भी अच्छी हो चुकी है। मैं यह सुनकर बहुत खुश हो गया और उसे कहा चलो अच्छी बात है। अब तुम्हारी तबीयत अच्छी हो चुकी है। उसके बाद से आरती और मैं हमेशा मौका देखते ही एक दूसरे के साथ सेक्स करने लगते और कभी भी हम एक दूसरे को नहीं छोड़ते। मैं आरती को बहुत ही अच्छे से चोदता हूं।