नमस्कार दोस्तों कैसे हो आप लोग | आशा करता हूँ की आप सब मस्ती में होकर रोज चूत की कहानिया पढ़ रहे होंगे | दोस्तों मैं आज आप लोगो को आज अपने जीवन पर बीती एक सच्ची घटना बताने जा रहा हूँ उससे पहले आप लोग थोडा मेरे बारे में जान लीजिये फिर मैं अपनी कहानी को आगे ले चलता हूँ |
दोस्तों मेरा नाम गौतम सिंह राठौर है | मैं सीतापुर का रहने वाला हूँ | मेरा एक छोटा परिवार है जिसमे मेरे मम्मी-पापा और मेंरा एक बडा भाई है | पापा मेरे अपनी गारमेंट्स की दूकान पर बैठते है और मम्मी एक सीधी-सादी हाउसवाइफ हैं जो ज्यादातर घर पर ही रहती हैं | बड़ा भाई बैंक में नौकरी करता है जो हमेशा घर के बाहर रहते हैं और साल में कहीं 1-2 बार घर पर आते है | तो चलिए दोस्तों मैं आप लोगो को अपनी ज्यादा बकवास न सुनाते हुए सीधा कहानी की ओर ले सचलता हूँ |
दोस्तों ये बात उस समय की है जब मैं 10 स्कूल में पढता था और मेरा बड़ा भाई मेरे ही कॉलेज में 12वीं में पढता था | बढे भाई ने अपनी पढाई पूरी कर ली थी और बैंकिंग की तैयारी करके बैंक में नौकरी मिल गयी थी | तो वो उनकी पोस्टिंग कहीं दूर हो हुई थी और उनका घर में आना कम होता था | लगभग नौकरी लगने के 1 साल बाद उन्होंने सादी कर ली थी | मैंने अपने भईया की साडी में खूब मस्ती की थी | भईया अपनी सादी में 20 दिन की छुट्टी ले के आये थे | और फिर वे अपनी नौकरी पर चले गये थे | अब हम लोग अपने घर में 4 लोग रहते थे | पापा मेरे शॉप पर चले जाते थे और मम्मी और भाभी घर पर ही रहा करती थी | मैं भी अपने स्कूल चला जाता था और कहीं शाम को अपनी कोचिंग करके आता था | दोस्तों मेरी भाभी दिखने में बहुत सुन्दर थी | मैं उनसे जब मुझे टाइम मिलता था तब मैं उनसे खूब मजाक करता था और वो भी मुझसे करती रहती थी | मैं थोडा शुरू में शरमाया करता था फिर धीरे-धीरे जाके खुल गया था | दोस्तों मैं अब अपने कॉलेज में बहुत मस्ती करता था | दोस्तों मैं अपने कॉलेज में पढने मे ज्यादा सही नही था | इसी चीज का फायदा उठा कर मैं अपना ज्यादा तर काम लडकियो से करवा लेता था थोडा इमोशनल हो जाता था | मैं बहुत कमीना था हमेशा क्लास की बेक सीट पर बैठकर दोस्तों के साथ मस्ती करता था |
इक दिन हम लोगो का इंटरवल के बाद साइंस का पीरियड था और उसे हमारे प्रिंसिपल सर पढ़ाते थे | हम लोगो ने इंटरवल में खाना-पीना खाया और अपनी-अपनी बुक्स ले के कॉलेज के ग्राउंड में चले गये और बैठ गये जाके | क्योकि जाड़ो की सीजन था और हम लोग धुप में बैठना चाहते थे | हम सब लोग जाके ग्राउंड में बैठ गये थे और अभी सर नही आते थे हम लोग उनका वेट कर रहे थे | थोड़ी देर बाद सर आ गये और हम लोग खड़े होकर ऊनको विश किया और बैठ गये और पढने लगे | जब हम लोग पढ़ रहे थे तो हम लोगो के सामने लडकिया बैठी थी | मेरी अचानक से नज़र एक लड़की की तरफ गयी वो जब बैठी थी तब उसने अपनी स्कर्ट नही ठीक से नही संभाली थी और उसकी झांघे और अंडरवियर दिख रही थी | मैं पढाई की ओर ध्यान न करके उसकी झंघो और अंडर वियर की और देख रहा था | मैं उसकी झांघो को देख-देख कर फील कर रहा था | भाई साहब क्या जांघे थी उसकी | अब वो नज़ारा देखते-देखते मेरा लंड खड़ा हो चूका था | उसकी गोरी-गोरी झांघे मेरा दिमाक ख़राब कर रहा था | उसने काले रंग की अंडरवियर पहन रख्खी थी | पीरियड ख़त्म हुआ और हम सब लोग अपनी क्लास में पहुंचे | मेरा लंड अब भी खड़ा हुआ था और मुझे कण्ट्रोल नही हो रहा | अगला पीरियड खली था मैं लडकियो की कमर और चुतरो को देख कर कॉलेज के टॉयलेट में जाके मुठ मार दिया जाके और अपनी साड़ी गर्मी निकाल दी तब जाके मुझे चैन आया | मैं वापस आके अपनी क्लास में बैठ गया | अब मैं उसी लड़की को देख रहा था उसने भी मुझे एक नज़र देखा और पूंछा की क्या देख रहे हो मैंने कहा की कुछ नही जनाब | वो एक तरह से मेरी दोस्त ही थी मैं उससे कभी-कभी बाते कर लेता था | क्लास में सभी लड़के मस्ती कर रहे थे मैं भी जाके उसके पास बैठ गया जाके और मजाक-मजाक में उससे पूंछा की आज मैंने तुम्हारा कुछ देखा | उसने कहा की क्या मैंने उससे गेस करने को कहा वो थोड़ी देर तक सोंचती रही और सोंचती रही | फिर मैंने बता ही दिया उसे की आज तुमने काले रंग की अंडरवियर पहन रखी है | पहले तो वो शरमा गयी फिर उसने मुझे मारने के लिए दौड़ाया मैं भाग गया | हम लोग का मजाक चलता रहता था आपस में हम लोग मजाक कर लेते थे | हम लोगो के हाई स्कूल के एग्जाम आ गये थे | हम लोग ने अपने दिए और अब इंटर में आ गये थे | मैं हाई स्कूल में मैं कम कमीना था उससे ज्यादा मैं अब इंटर में हो गया था | एक दिन मेरा दोस्त कॉलेज में मोबाइल लाया था वह पोर्न विडियो देख रहा उसके पास एक दो लड़के क्लास के पास ओर बैठ कर देख रहे थे | मैंने भी ज्यादा भीड़ देखी औरमैं भी चला गया और देखने लगा | मैंने पोर्न विडियो पहली बार देखी थी | पोर्न विडियो देख कर मेरा संतुलन ख़राब हो और अब मुझे चूत चोदने की ललक लग चुकी थी | पर मेरे पास कोई उपाय नही था | मैंने अपना कॉलेज कम्पलीट किया और घर पर गया | मैं शाम को अपने घर पहुंचा था | मेरे मन में अब चूत चोदने की ललक ही जग रही थी पर अफशोस कोई रास्ता और नही था | मैंने अपना डिनर किया और जाके अपने कमरे में लेट गया जाके | मैंने पाने सारे कपडे उतार दिया और मुठ मारने जा रहा था | मैं अपने लंड में थूक लगा कर मूठ मार रहा था और अपने मुह से आह आह आहा आहा आहा अह आहा आहा अह आहा आहा अह आह आहा अह आहा अह आह आहा अह आह आहा आहा अह आह आह अह आह उन्ह उन्ह उन्ह उन्ह उन्ह उन्ह ओह्ह ओह्ह ओह्ह ओह्ह ओह्ह ओह्ह्ह ओह्ह ओह्ह ओह्ह ओह्ह ओह आह आह आहा आहा हा आह आहा अहः आहा आहा अह की सिस्कारियां निका रहा था तभी अचानक से मेरी भाभी दूध का गिलास ले के मेरे कमरे में आ गयी | मैंने जोश में ध्यान नही दिया और मूठ मारे जा रहा था और जब मैं झड़ने वाला ही था तब मेरा ध्यान मेरी भाभी की तरफ गया | मेरी फट गयी मैं एक दम नंगा हाथ में लंड पकड़ कर खड़ा था और मेरे लंड से पानी निकल रहा था | भाभी ने दूध का गिलास टेबल पर रख दिया और थोडा मुस्कुराया और शरमा के चली गयी | मैं पूरी तरह से झड गया था और अपने लंड को साफ़ कर के बेड पर लेट गया और भाभी के बारे में सोंच रहा था और मन में यही कह रहा था की भाभी क्या सोंच रही होंगी मेरे बारे में | रात बीती मैं सुबह उठा भाभी ने मुझे ब्रेकफास्ट दिया और मुझे देख कर हंसी जा रही थी | मैंने अपना ब्रेकफास्ट ख़त्म किया और कॉलेज चला गया | मैंने सारा दिन भाभी के बारे में सोंचता रहा की अगर भाभी को बुरा लगता तो कब का मम्मी से या भईया से कीह देती यूँ मुझे देख कर हंसती थोड़ी न | मैंने सारा दिन कॉलेज में अपना दिमाक लगाया | और शाम को घर पहुंचा और कपडे निकाल कर खेलने चला गया | शाम को दीनर किया और कमरे में चला गया इस बार मैंने दूध डाईनिंग टेबल पर ही पी लिया था ताकि भाभी को मेरे कमरे में ना आना पड़े | मैं कमरे में लेता था और इधर-उधर दिमाक लगा रहा था फिर अचानक से मेरे दिमाक में आया की भाभी क्या कर रही है |
मैं अपने कमरे से बाहर आके भाभी के कमरे में गया और कमरे में झाँक कर देखा तो भाभी भी पूरी नंगी होकर बेड पर लेती थी और अपनी चूत में उंगली कर रही थी | मुझसे यह सीन देख कर कंटोल नही हुआ और मैं अचानक से भाभी के कमरे में चला गया और सामने ही खड़ा हो गया | भाभी एक दम से खड़ी हो गयी और थोड़ी दे बाद भाभी ने कमरे को लॉक कर दिया और मेरे भी कपडे निकाल दिए | मैं तो चूत का भूंका ही था मैंने कुछ नही कहा | फिर भाभी बेड पर लेट गयी मैं भी भाभी के ऊपर लेट कर भाभी के होंठो को चूस रहा था और उनके दूध दबा रहा था | थोड़ी देर तक मैंने भाभी को चूमा और फिर बाद में मैंने भाभी के दोनों पैरों को फैला दिया और भाबी को चूत में अपना लौंडा डाल कर चोदने लगा और भाभी के मुह से आह आह आहा आहा आहा अह आहा आहा आहा आहा अह आह आहा आहा आहा उन्ह उन्ह उन्ह उन्ह उन्ह उन्ह उन्होह्ह ओह्ह ओह्ह ओह्ह ओह्ह ओह्ह ओह्ह ओह्ह इह्ह इह्ह इह सिस्कारियां ले रही थी | इस तरह से मैंने अपनी और भाभी की गर्मी को शांत किया |
तो दोस्तों ये थी मेरी कहानी | आशा करता हूँ की आप लोगो को पसंद आएगी |