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मेरा नाम रोहन है मैं कोलकाता का रहने वाला हूं, मैं अपनी कंपनी में मैनेजर के पद पर कार्यरत हूं। मेरी उम्र 34 वर्ष है, मेरी शादी को 4 वर्ष हो चुके हैं, मैं अपने शादीशुदा जीवन से खुश हूं और मेरी पत्नी मुझे बहुत ही अच्छे से समझती है। वह हमेशा ही मुझे बहुत सपोर्ट करती है और मेरे बच्चे का भी अच्छे से ध्यान रखती है इसीलिए मैं घर की समस्याओं से बिल्कुल निश्चिंत हूं। अभी दो महीने पहले की ही बात है, मेरी कंपनी ने मुझे काम के सिलसिले में राजस्थान भेज दिया, हमारी कंपनी राजस्थान में अपने प्रोडक्ट को प्रमोट करना चाहती थी इसलिए मुझे राजस्थान भेज दिया गया, वहां पर हमारे ऑफिस की ब्रांच भी खुल चुकी थी। हमारी कंपनी का ऑफिस कोलकाता में है और मेरे अपने बॉस के साथ बहुत ही अच्छे रिलेशन है, उन्होंने मुझे कहा कि मैं तुम पर पूरा भरोसा करता हूं इसलिए मैं तुम्हें राजस्थान भेज रहा हूं ताकि तुम कंपनी के लिए अच्छा काम खरवा पाओ और तुम राजस्थान में भी अच्छे से अपने प्रोडक्ट को बेच पाओ।
मैंने उन्हें कहा कि सर आप बिल्कुल भी चिंता मत कीजिए आप मुझ पर पूरा भरोसा कीजिए, मेरे सर ने कहा था कि मैं तुम्हें उसी भरोसे पर भेज रहा हूं और मुझे तुम पर पूरी उम्मीद है कि तुम कंपनी को अच्छे से प्रमोट कर पाओगे। कंपनी की तरफ से ही मुझे रहने के लिए एक घर मिल चुका था और मैं वहीं पर रह रहा था, मेरे लिए यह पहली बार ही था कि मैं घर से बाहर निकला था क्योंकि मैं सिर्फ बंगाल के अंदर ही ट्रैवल करता था। उससे बाहर मैं कभी भी नहीं निकला था लेकिन जब मैं राजस्थान गया तो मुझे बहुत सारी चीजों के बारे में जानकारी हुई और मेरी मुलाकात वहां के कुछ लोगों से भी होने लगी। जब मैं अपने ऑफिस के काम से फ्री हो जाता तो मैं शाम को टहलने के लिए निकल जाया करता। मैं जिस कॉलोनी में रहता था वहां पर भी मेरी बातचीत अब अच्छी होने लगी थी और सब लोग मुझे पहचानने लगे थे, कॉलोनी में ही मेरे एक बहुत अच्छे दोस्त बन चुके थे उनका नाम संजीव था।
संजीव से मेरी दोस्ती इतनी गहरी हो गई कि वह अक्सर मुझसे मिलने आ जाया करते थे और हमेशा ही मुझसे पूछते कि तुम्हें किसी चीज की कोई कमी तो नहीं है, मैं उन्हें कहता कि मेरी कंपनी मुझे सारी चीज उपलब्ध करवा देती है इसलिए मुझे किसी भी प्रकार की कोई समस्या नहीं है। उनका नेचर मुझे बहुत ही अच्छा लगा और वह भी अपना ही काम करते हैं, उनका अपना ही कोई बिजनेस है और मैं भी उनके घर पर अक्सर आया जाया करता हूं लेकिन कंपनी को भी हमें प्रमोट करना था इसीलिए मैं राजस्थान के छोटे छोटे शहरों में भी जाने लगा। मेरे साथ पूरी टीम थी, हम लोग वहां पर भी अपना सेटअप लगा देते, धीरे-धीरे हमारी कंपनी को अच्छा रिस्पॉन्स मिलने लगा था, मैंने जब अपने बॉस को फोन किया तो वह कहने लगे कि मुझे जो रिपोर्ट मिली है वह बहुत ही पॉजिटिव है, कम अच्छा चल रहा है, मैं काम से बहुत खुश हूं और तुम कुछ समय तक वहां पर ऐसे ही काम करो, उसके बाद हम लोग वहां पर अपना स्टाफ भी कर लेंगे। मैंने उन्हें कहा ठीक है सर आप बिल्कुल निश्चिंत रहिए उस दिन मेरी बात उनसे काफी देर तक हुई और जैसे ही मैंने उनकी कॉल काट ली तो उसके तुरंत बाद ही मेरी पत्नी का फोन आ गया, मेरी पत्नी मुझे कहने लगी कि तुम तो इतने ज्यादा बिजी हो चुके हो कि तुम्हें मुझसे बात करने की भी फुर्सत नहीं है, मैंने उसे कहा ऐसी कोई भी बात नहीं है मैं तुम्हें फोन करने ही वाला था लेकिन काम में इतना ज्यादा बिजी हूं कि मुझे समय नहीं मिल पा रहा। वह कहने लगी मैं सब समझ रही हूं लगता है तुमने कोई दूसरी लड़की वहां पर पटा ली है, मैंने उसे कहा तुम ऐसा सोच भी कैसे सकती हो, मैं सिर्फ तुमसे ही प्यार करता हूं और तुम्हें मुझ पर बिल्कुल भी भरोसा नहीं है, वह जोर-जोर से हंसने लगी और कहने लगी मैं तो तुम्हें परेशान कर रही थी, मुझे तुम्हारी याद आ रही थी इसलिए सोचा तुम्हें फोन कर दू। मैंने उससे पूछा घर में सब लोग ठीक हैं वह कहने लगी हां घर में सब लोग ठीक हैं। मैंने उसे कहा मैं तुम्हें घर जाकर फोन करता हूं, वह कहने लगी ठीक है तुम मुझे घर जाकर जरूर फोन कर देना, मैं घर पहुंच कर सोफे पर बैठा हुआ था और कुछ देर मैंने टीवी ऑन कर ली, मैं न्यूज़ देख रहा था फिर मुझे ध्यान आया कि मुझे मेरी पत्नी को भी फोन करना है।
मैं अपनी पत्नी को फोन करने ही वाला था उसी वक्त संजीव जी भी आ गये, वह कहने लगे काफी समय बाद आपसे मुलाकात हो रही है, मैंने उन्हें कहा मैं थोड़ा बाहर चले गया था इस वजह से आपसे मिल नहीं पाया। हम लोग साथ में ही बैठे हुए थे तो मैंने उसी वक्त अपनी पत्नी को फोन कर दिया, मैंने उन्हें कहा कि आप 10 मिनट बैठे, मैं अपनी पत्नी को फोन कर देता हूं। मैंने अपनी पत्नी से उस दिन बात की और संजीव जी मेरे बगल में ही बैठे हुए थे, वह टीवी देख रहे थे, कुछ देर बाद जब मैंने फोन रखा तो उन्होंने मुझसे पूछा कि लगता है आप अपनी पत्नी से बहुत प्यार करते हैं। मैंने उन्हें कहा कि हां अपनी पत्नी से तो मैं बहुत ही प्यार करता हूं, काफी दिनों से उसे फोन नहीं किया था तो सोचा आज बात कर लेता हूं। संजीव जी और मैं अब आपस में बात करने लगे और वह पूछने लगे कि आपका काम कैसा चल रहा है, मैंने उन्हें कहा कि हमारी कंपनी का काम अच्छा चल रहा है और कंपनी कुछ टाइम बाद ही यहां पर अपना पूरा स्टाफ रख देगी। बातों बातों में उन्होंने मुझसे पूछ लिया कि क्या आपकी और आपकी पत्नी के बीच में सेक्स संबंध अच्छे हैं। मैंने उन्हें कहा हां हम दोनों की सेक्स लाइफ अच्छी है।
उस दिन उन्होंने मुझे कहा कि क्या आज आप सेक्स करने के इच्छुक है। मैंने पहले कुछ देर तक तो सोचा लेकिन उसके बाद मैंने भी हामी भर दी। उन्होंने एक व्यक्ति को फोन करते हुए कहा तुम हॉट से आइटम को हमारे पास भेज दो। हम लोग एक घंटे तक उसका इंतजार करते रहे और एक घंटे बाद एक मस्त सी हसीना हमारे पास आ गई। जब वह हमारे पास आकर बैठी तो हम दोनों ही उसकी जांघों को सहला रहे थे और संजीव जी भी पूरे मूड में थे। उन्होंने उसके सारे कपड़े खोल दिए और उसे बहुत ही अच्छे से चोदा, जब उनका वीर्य गिर गया तो वह मुझे कहने लगे आप जाकर हसीना का आनंद लीजिए। मैं जैसे ही लड़की के पास गया तो उसका बदन देखकर अपनी पत्नी को भूल गया। मैंने अपने लंड को उसके मुंह में डाल दिया वह काफी देर तक मेरे लंड को सकिंग करती रही। जब मैंने पूरे मूड बना लिया तो मैंने अपने लंड पर कंडोम लगा लिया। मैंने जैसे ही उसकी मुलायम और चिकनी चूत के अंदर अपने लंड को डाला तो वह बहुत तेजी से चिल्लाने लगी। वह कहने लगी आपका लंड तो बहुत ही मोटा है मैंने उसे कहा कि तुमने मुझे ऐसा वैसा समझा है क्या जानू। मैं उस लड़की के चेहरे में अपनी पत्नी के चेहरे को देख रहा था और मैंने उसके दोनों पैरों को चौड़ा करते हुए बड़ी तेजी से उसे चोदना शुरू कर दिया। मैं उसे इतनी तेज गति से धक्के दे रहा था कि उसकी योनि से भी बड़ी तेजी से पानी गिर रहा था। उसने मुझे कहा मैं आपके ऊपर से आ जाती हू, हम दोनों अच्छे से सेक्स करते हैं। वह मेरे ऊपर से आ गई उसके स्तन मेरे मुंह के अंदर चले गए। उसने जैसे ही मेरे लंड को अपनी योनि के अंदर लिया तो मुझे बड़ा अच्छा महसूस हुआ वह अपनी चूतडो को इतनी तेजी से हिला रही थी और मैं भी पूरे मजे ले रहा था। उसने अपनी चूतडो को बड़ी तेजी से ऊपर नीचे किया, उसकी योनि से पानी बाहर निकल रहा था। मैंने उसे बड़ी तेज तेज झटके मारे और उन्ही झटकों के बीच में जब मेरा वीर्य गिरने वाला था तो मैंने कंडोम को निकाल दिया, मैंने उसके मुंह के अंदर अपने लंड को डाल दिया, उसने मेरे लंड को इतने अच्छे सकिंग किया कि मेरा माल उसके मुंह में ही गिर गया। जब मैं उसे चोदकर बाहर निकला तो संजीव जी कहने लगी कैसा लगा। मैंने कहा सर आपने तो आज मुझे मजा ही दिलवा दिया मुझे बहुत अच्छा लगा। संजीव जी कहने लगे मैं भी इन चीजो का शौक रख लेता हूं, आज मेरा बड़ा मन था।