antarvasna, desi kahani
मेरा नाम अर्चना है और मैं बेंगलुरु की रहने वाली एक बहुत ही मॉडल ख्यालों की लड़की हूं। मेरी उम्र 25 वर्ष है। मेरे कई लड़कों के साथ अफेयर हैं पर उसके बावजूद भी मुझे आज तक कोई ऐसा लड़का नहीं मिला जिसकी तरफ मैं आकर्षित हो सकूं और मैं उसे सच्चा प्रेम कर सकू। मैं कई लड़कों से बात तो करती हूं परंतु उसके बाद भी मुझे आज तक कोई अच्छा लड़का नहीं मिल पाया। मुझे कोई ऐसा लड़का चाहिए जिसे मैं खुद सामने से प्रपोज करूं। मैं उससे कहूं कि मैं तुमसे प्यार करती हूं और मैं उसके लिए सब कुछ निछावर कर दूं। मेरा अपना एक बुटीक है और मैं उसे काफी समय से चला रही हूं। मेरा बुटीक अच्छा चलता है और मेरे पास कई तरीके के कस्टमर आते हैं। मेरे पास बहुत सारी लड़कियां और महिलाएं आती हैं। मैं उनके हिसाब से कपड़े प्रोवाइड करवाती हूं। जब भी मेरे पास महिलाएं आती हैं तो मैं हमेशा ही इनकी डिमांड पूरी कर देती हूं और मैं उन्हें कहीं ना कहीं अच्छे कपड़े प्रोवाइड करवा ही देती हूं। जिससे कि वह मेरे पास ही आते हैं। उनके साथ मेरा संबंध बहुत ही अच्छे तरीके से बना हुआ है। मैंने फैशन डिजाइनिंग का कोर्स भी किया है। उसके बाद ही मैंने अपना काम शुरू किया था।
सब लोग मेरे व्यवहार की वजह से ही मेरे पास आते हैं और वह हमेशा कहते हैं कि जिस तरीके से तुम नए नए डिजाइन के कपड़े अपने लिए बनाते हो, उसी तरीके के कपड़े हमारे लिए भी बना लिया करो। उन्हें मेरे बुटीक में आना बहुत ही अच्छा लगता है। मेरे बुटीक में जितनी भी लड़कियां आती है वह सब मेरी बहुत ही अच्छी दोस्त बन चुकी हैं और उनके साथ मेरा घरेलू संबंध भी बन चुका है। मैं उनके बारे में सब कुछ जानती हूं। मेरी कस्टमर बहुत ही खुश रहते हैं। मेरी दो बहन हैं और उन दोनों की शादी हो चुकी है। अब मेरी शादी होनी ही बाकी है लेकिन मुझे कोई भी लड़का पसंद नही आ रहा है। इस वजह से मैं शादी नहीं करना चाहती।
एक दिन मेरे पिताजी ने मुझे कहा कि हम लोग गांव चल रहे हैं। मैंने उन्हें कहा कि आप गांव क्यों जा रहे हैं। वह कहने लगे कि हमारे गांव में एक रिश्तेदार की शादी है तो हमें वहां जाना है। मैंने कहा ठीक है तो फिर हम लोग गांव चलते हैं। मुझे भी काफी समय हो चुका था गांव गए हुए तो मैंने सोचा कि अब हम लोग चले ही जाते हैं। मैं अपने पिताजी से कहा ठीक है आप लोगों कब का टूर बना रहे हैं। उन्होंने कहा कि कुछ दिनों बाद हमारा जाने का हो जाएगा तो तुम तैयार हो जाना। मैंने कहा ठीक है आप उसकी चिंता मत कीजिए। अब हम लोग गांव चले गए। जब हम गांव पहुंचे तो हमे गाँव में बहुत ही अच्छा लग रहा था। क्योंकि वहां पर खुली हवा चल रही थी। घर भी खुले खुले थे। मुझे बहुत अच्छा लगता है इस तरीके का माहौल लेकिन मेरा गांव में ज्यादा आना नहीं हो पाता था और जब मैं शादी में थी तो सब मेरी तरफ़ ही घूर कर देख रहे थे। क्योंकि मैंने कपड़े ही कुछ अलग तरीके के पहने थे। वह गांव में पहनने उचित नहीं है। पर फिर भी मुझे जो पसंद आता है मैं वही पहन लेती हूं। अब मैं शादी में अपनी मम्मी के साथ थी और हम लोग सब से बैठे हुए थे। तभी एक लड़का मुझे गांव में दिखाई दिया। वह बहुत स्मार्ट और हैंडसम था। उसकी हाइट 6 फुट के करीबन थी। उसे देखते ही मेरे दिल में कुछ हलचल सी पैदा होने लगी और वह मुझे बहुत ही अच्छा लगने लगा।
मैंने सोच लिया था कि मैं उससे बात कर के ही रहूंगी और वह भी मुझे देखे जा रहा था। वह बहुत देर से मुझे घूर रहा था। मैं जब उसके पास गई तो मैंने उससे पूछा क्या मैं इतनी ज्यादा अच्छी लग रही हूं जो तुम मुझे इतनी देर से घूरे जा रहे हो। वह कहने लगा कि तुम अच्छी लग रही हो। इसी वजह से मैं तुम्हें देख रहा हूं। मैंने उसे अपना नाम बताया और जब मैंने उसे उसका नाम पूछा तो उसने अपना नाम पवन बताया। मैं बहुत ही खुश हुई। वह मुझसे बात कर रहा था। मुझे उससे बात करना बहुत ही अच्छा लग रहा था। वह बहुत ही ज्यादा हैंडसम था। मैंने उससे पूछा कि तुम कहां रहते हो। तो वह कहने लगा कि मैं तो दिल्ली में रहता हूं। अब हम दोनों की बहुत बात हो रही थी। परंतु मैंने उसका नंबर नहीं लिया और मैं कुछ दिनों बाद बेंगलुरु चली गई। मेरे दिमाग में अभी भी पवन की तस्वीर छपी हुई थी और मैं उसके बारे में ही सोच रही थी लेकिन अब कोई फायदा नहीं था और मेरे दिमाग से वह निकलता जा रहा था। मैं अपने काम में बिजी हो गई। परंतु एक दिन वह मुझे मिल गया और जब वह मुझे मिला तो मैं बहुत खुश हुई। मैंने उससे पूछा कि तुम यहां क्या कर रहे हो। वह कहने लगा बस ऐसे ही कुछ काम से आया था। मैंने उसे कहा कि तुम कहां रुके हुए हो। वह कहने लगा कि होटल में रुका हूं। इस बार मैंने उससे उसका नंबर ले लिया और मैंने उससे कहा कि मैं तुम्हें फोन करूंगी। अब मैं अपने घर चली गई और मैं मन ही मन बहुत खुश हो रही थी। मैंने रात को पवन को फोन किया और उससे बहुत देर तक मैंने फोन पर बात की। मुझे पता ही नहीं चला कब मैं उससे बात करते-करते सो गई। जब मैं सुबह उठी तो मैंने पवन को दोबारा फोन किया और उससे कहा कि सॉरी मैं कल बात करते-करते सो गई थी। वह कहने लगा कोई बात नहीं, मुझे भी उसके कुछ देर बाद नींद आ गई थी।
पवन ने मुझे कहा कि तुम मुझे मिलने मेरे होटल में ही आ जाओ। मैं उसे मिलने के लिए उसके होटल में चली गई जब मैं उसके रूम में गई तो उसके कमरे में सारा सामान बिखरा हुआ था। पवन मेरे सामने आकर बैठ गया जब वह मेरे सामने आकर बैठा तो मुझे बहुत ही अच्छा लग रहा था। अब मैंने उसके हाथों को पकड़ लिया और कहने लगी कि तुम कितने दिनों तक यहां पर रहोगे। वह कहने लगा कि मैं अभी कुछ दिन और रहूंगा। अब वह भी मेरे बालों को सहलाने लगा उसने धीरे धीरे मेरे गालों पर अपना हाथ लगाना शुरू कर दिया। उसने मेरे होठों को अपने होठों में ले लिया। जैसे ही उसने मेरे होठों को किस करना शुरू किया तो मुझे बहुत ही अच्छा लगने लगा। मैंने भी उसे कसकर पकड़ लिया और उसके होठों को चूमने लगी। मैं उसके होठों को इतने अच्छे से चूम रही थी कि मुझे बहुत ही अच्छा लग रहा था और वह भी मेरे होठों को बड़े ही अच्छे से चूम रहा था। कुछ देर बाद उसने मुझे लेटा दिया और उसने मेरे सारे कपड़े खोल दिया। अब वह मेरे दोनों पैरों को चौड़ा करते हुए मेरी योनि को चाटने लगा। वह मेरी योनि को बहुत ही अच्छे से वह चाट रहा था जिससे कि मेरी चूत से पानी का रिसाव होता जाता। वह मेरी चूत को अच्छे से चाटे जा रहा था। अब उसने अपने लंड को मेरी योनि में डाल दिया और जैसे ही उसने अपने लंड को मेरी योनि के अंदर डाला तो मेरी उत्तेजना चरम सीमा पर पहुंच गई।
वह मेरी टाइट चूत के मजे लेने लगा। वह मुझे बहुत ही अच्छा लग रहा था जब वह मुझे धक्के दिए जा रहा था। उसने मेरे दोनों पैरों को चौड़ा कर रखा था और वह बड़ी तेजी से मुझे झटके दिए जाता। मुझे बड़ा ही आनंद आता जब वह इस प्रकार से मुझे चोद रहा था। कुछ देरे बाद पवन ने मेरे मुह के अंदर अपने लंड को डाल दिया और वह मेरे मुंह में धक्के देने लगा। मैं उसके लंड को बहुत ही अच्छे से चूसे जा रही थी। मैंने उसके लंड को इतने अच्छे से चूसा कि वह मुझे कहने लगा मुझे बहुत ही मजा आ रहा है जब तुम मेरे लंड को अपने गले तक उतार रही हो। मैं अब भी ऐसे ही उसके लंड को चूसने पर लगी हुई थी और वह बड़ी ही तेजी से मेरे गले के अंदर धक्के दिया जाता। कुछ देर बाद उसने मुझे घोड़ी बनाते हुए मेरी योनि के अंदर अपना लंड डाल दिया। जैसे ही उसने मेरी योनि में अपने लंड को डाला तो मैं चिल्ला उठी और मुझे बहुत ही मजा आने लगा। जैसे ही मैं उसके लंड को अपनी योनि में लेती तो वह बड़ी तीव्रता से मुझे धक्के दिए जा रहा था। मैं भी अपनी चूतड़ों को उससे मिलाती जा रही थी। एक समय बाद जब उसका वीर्य मेरी योनि के अंदर गिर गया तो मुझे ऐसा महसूस हुआ जैसे मेरी योनि में कुछ गर्म चीज चली गई हो।