antarvasna, desi sex stories
मेरी शादी को काफी समय हो चुका है। मेरे दो बेटे हैं। समीर और नीरज। दोनों शहर से बाहर रहते हैं। घर पर सिर्फ मैं और मेरे पति रहते हैं। मेरे पति का नाम मनोज है। और मेरा नाम लक्ष्मी है। हमारे बच्चे कभी कबार छुट्टियों के समय आया करते हैं। मेरा बड़ा बेटा समीर इंजीनियर है। और छोटा बेटा नीरज अभी पढ़ाई कर रहा है। कभी कभी मैं भी अपने बच्चों के पास चली जाती हूं और कुछ दिन उन्हीं के साथ रहती हूं। मेरे पति कॉलेज में प्रिंसिपल थे। लेकिन अब वह रिटायर हो चुके हैं। उनको रिटायर हुए 3 साल हो गए हैं। अब वह अधिकतर घर पर ही रहते हैं। कभी-कभी हम दोनों बाहर घूमने या फिर सामान लेने चले जाते हैं। जब मेरे पति रिटायर होकर घर पर रहते थे।
कुछ टाइम तक तो वह सही से बात करते थे और सही से घर पर रहते थे। लेकिन जैसे-जैसे समय बीतता गया वैसे ही उन्हें अपने दोस्तों के साथ रहकर शराब पीने की अधिकतर आदत हो गई थी। वह अपने दोस्तों को बुलाकर एक-दो दिन छोड़कर रोज पार्टी किया करते थे। अगर मैं कुछ कहती तो वह मुझे अपने दोस्तों के सामने ही सुना देते थे। मैं इन सब से बहुत परेशान हो गई थी। कभी कबार तो चलो होता है। लेकिन ऐसे रोज-रोज घर पर अपने दोस्तों को बुलाकर दारू पीना शोर शराबा करना मुझे बिल्कुल भी पसंद नहीं था। मैं उनसे बात भी करती लेकिन उन्हें मेरी बात का कोई भी असर नहीं होता था। मुझे अच्छा नही लगता था और चिंता होने लगी की अगर इसी तरह यह पीते रहे तो इनकी तबीयत खराब हो जाएगी। लेकिन वह तो मेरी एक भी बात नहीं सुनते थे।
मैंने यह बात अपने बड़े बेटे को बताई तो उसने घर आकर अपने पापा को बहुत समझाने की कोशिश की जब तक मेरा बेटा घर पर था। तब तक तो वह ठीक तरीके से रहते थे। लेकिन उसके जाने के बाद फिर से उनकी पार्टी चालू हो गई थी। मैं यह सब देख नहीं पाती थी। तो खाना बनाने के बाद अपने सहेलियों के घर चली जाती थी। और उनसे अपनी बातें शेयर करती थी। मेरी सहेलियां मुझसे कहती की मैं अपने बच्चों के पास चली जाऊं। लेकिन मैं अपने पति को यूं अकेला छोड़ कर भी नहीं जा सकती थी। मुझे उनकी भी बहुत चिंता रहती थी। इसलिए मैं उन्हें छोड़कर कहीं नहीं जा रही थी। अगर मैं चली भी जाऊं तो उनको खाना बनाना भी नहीं आता और फिर वह बाहर से लाकर खाते। फिर यह सब मुझे अच्छा नहीं लगता। इसीलिए मैं उन्हें छोड़कर कहीं नहीं जा रही थी। वह मुझसे भी सही से बात नहीं कर रहे थे। मैंने भी उनको बहुत समझाया लेकिन वह उल्टा मुझे ही डांट देते थे।
एक बार मेरा छोटा बेटा छुट्टियों के समय घर आया था। और उसने देखा कि मेरे पिताजी जी अपने दोस्तों के साथ ही अधिकतर समय गुजारते हैं। और हमारे साथ सही तरीके से बात भी नहीं करते। उनका ऐसा बदलाव देखकर उसे बहुत दुख हुआ। लेकिन उसने अपने पिताजी को समझाया। पर उन्होंने उसकी भी एक न सुनी। इतने दिनों बाद तो वह हम से मिलने घर आया था और उसके पिताजी के पास उससे बात करने का भी समय नहीं था। उसे यह बात बहुत बुरी लगी। मेरे बेटे ने मुझसे कहा कि पहले तो पिताजी हमारे बगैर रह नहीं पाते थे और अब उनके पास हमसे बात करने का भी समय नहीं है। मुझे यह सुन कर बहुत दुख हुआ लेकिन वह तो हमारी सुनते ही नहीं थे। वह भी थक हार कर वापस चला गया और अब घर में मैं अकेली रह गई थी।
मैंने उनसे बात करना भी कम कर दिया था। हमारे पड़ोस में ही एक युवक रहते थे। उनकी उम्र महज 35 साल की थी। शायद उन्होंने अभी तक शादी नहीं की थी। वह मुझे कई बार देखते थे लेकिन हम दोनों का एक दूसरे से परिचय नहीं था।
एक दिन मेरे पति ने उन्हें घर पर शराब पीने के लिए इनवाइट कर दिया। तो मुझे उनका नाम मालूम पड़ा उनका नाम राजेंद्र था। जब वह हमारे घर आए तो वह काफी अच्छे से बात कर रहे थे। वह एक सभ्य युवक लग रहे थे। तो मैंने भी उनसे पूछ लिया क्या आप की शादी अभी तक हुई नहीं है या आपने करी नहीं है। वह कहने लगे मुझे आज तक कोई ऐसा मिला ही नहीं जिससे मैं शादी कर पाऊं।
इस वजह से मैंने आज तक शादी नहीं की मुझे अकेला रहना ही पसंद है। मैं किताब लिखना बहुत पसंद करता हूं। मुझे यह सुनकर काफी अच्छा लगा कि वह एक सज्जन व्यक्ति हैं। अब हमारी बातें काफी होने लगी थी। उनका हमारे घर आना जाना भी रहता था। मैंने उन्हें एक दिन कहा कि मेरे पति बहुत ज्यादा शराब पीने लगे हैं। और मैं इनकी आदत से बहुत परेशान हो गए हैं। यह मुझे चोदते भी नहीं है। उन्होंने मुझे कहा कि आप का जब समय लगे तो आप मेरे घर आ जाइए करिए।
अब मैं राजेंद्र के घर चली गई। मैंने जैसे ही उनके घर की बेल बजाई उन्होंने दरवाजा खोला और उन्होंने मुझे अपने घर बुला लिया। उनका घर काफी बड़ा था लेकिन वह अकेले ही रहते थे। उनका घर पूरा अस्त व्यस्त था। मैंने उनसे पूछा आपका घर तो बहुत ही अस्त व्यस्त है। वह कहने लगे मुझे समय ही नहीं मिल पाता है। इन किताबों से मैं सिर्फ इसी में फंसा रहता हूं। मैंने उनके घर को पूरा ठीक कर दिया। मेरा उनके घर पर आना जाना लगा रहता था।
एक दिन उन्होंने मुझसे अपनी बात रखी कि मुझे सेक्स करना है। मैं भी काफी दिनों से भूखी थी। क्योंकि मेरे पति मेरे तरफ देखते भी नहीं थे तो मैंने उन्हें कहा ठीक है। आप मेरे साथ सेक्स कर सकते हैं। उन्होंने मेरी बड़ी सी गांड को अपने हाथ से पकड़ लिया और बहुत तेज से दबाने लगे। उन्होंने मुझे जैसे ही दबाया तो उन्होंने पूछा कि आपने कितने समय से सेक्स नहीं किया है। मैंने उन्हें कहा कि मुझे बहुत समय हो चुका है सेक्स किए हुए। वह मुझे अपने बेडरूम में ले गए और वहां बिस्तर पर लेटा दिया। जैसे ही उन्होंने मुझे अपने बिस्तर पर लेटाया। मुझे बहुत अच्छा महसूस होने लगा। अब उन्होंने मेरे सलवार को उतारते हुए मेरी पैंटी से मेरी योनि को बड़ी ही तेजी से दबाने लगे। जैसे ही वह इस तरीके से कर रहे थे। तो मेरी योनि से पानी निकल रहा था और वह पूरी गीली हो गई थी। मुझे बहुत ही अच्छा लग रहा था। जब वह इस तरीके से कर रहे थे। उसके बाद उन्होंने मेरी पैंटी को उतारते हुए बड़े ही प्यार से मेरी योनि को चाटना शुरू किया। वह बड़े ही अच्छे तरीके से मेरी योनि को चाट रहे थे। मुझे बहुत ही अच्छा लग रहा था। थोड़े समय बाद वह मेरे ऊपर लेट गए और अपने लंड से मेरी योनि को रगड़ने लगे।
जैसे ही वह मेरी चूत को रगड़ रहे थे। तो मेरा झड़ चुका था और उन्होंने अपने लंड को मेरे मुंह में डाल दिया और कहने लगे इससे चूसो। मैंने जैसे ही उनका लंड को देखा। तो मुझे ऐसा लगा ना जाने कितने समय बाद मैंने लंड देखा है। मुझे बहुत ही अच्छा लगने लगा और मैंने सीधा ही अपने मुंह में लेते हुए अपने गले तक उनके लंड उतार लिया और उसे चूसने लगी। मैंने इतना अच्छे से उनके लंड को चूसा कि वह मेरी तारीफ करने लगे और कहने लगे। तुम बड़े अच्छे से चूसते हो। उन्होंने मेरे कुर्ते को उतार दिया। मेरी बड़ी सी ब्रा को खोला और मुझे कहने लगे आपके स्तन तो बहुत ही बड़े और भारी-भारी हैं। उन्होंने जैसे मेरे स्तनों को अपने मुंह से स्पर्श किया। तो मुझे ऐसा लगा कि ना जाने मेरे कितने वर्षों की प्यास बुझ गई हो। मेरे स्तन को बड़े ही प्यार से अपने मुंह में लेते हुए चूसना शुरू किया। उन्होंने मेरे स्तन को बहुत ही अच्छे से चूसा और मेरे दूध को भी उन्होंने पिया। अब उन्होंने अपने सख्त और कड़क लंड को मेरी योनि में डालने के लिए मेरे दोनों पैरों को खोल दिया और मेरी योनि में अपने लंड को घुसेड़ दिया। जैसे ही उन्होंने अपने लंड को डाला तो मुझे बहुत ही अच्छा महसूस हुआ। उन्होंने ऐसे 200 झटका मारे। मुझे बहुत अच्छा लगा। थोड़ी देर बाद मेरी बड़ी सी चूतड़ को पकड़ते हुए मुझे घोड़ी बना दिया। उन्होंने मुझे घोड़ी बनाते ही फिर से चोदना शुरू कर दिया। उन्हें बहुत ही अच्छा लग रहा था। जब वह मुझे इस प्रकार से चोद रहे थे। मैं भी अपनी गांड को उनके लंड की तरफ धक्का मार रही थी। वह बहुत खुश हो जाते और मुझे कहने लगते कि आप बड़ी ही एक्सपीरियंस लगती हैं। वह कहने लगी कि मेरा वीर्य पतन होने वाला है। मैंने उन्हें कहा कि आप मेरी योनि को शांत कर दीजिए। उन्होंने अपने वीर्य को मेरे योनि में ही डाल दिया जिससे मुझे बहुत ही शांति मिली।